हरियाणा के पानीपत में एक सड़क हादसे में व्यक्ति की मौत हो गई। दरअसल, व्यक्ति का करीब 24 दिन पहले काम से घर लौटते वक्त एक्सीडेंट हुआ था। तब से वह अस्पताल में उपचाराधीन था। सोमवार देर रात उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके शव को सिविल अस्पताल लाया गया। जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवाया गया। मंगलवार को परिजनों के बयानों के आधार पर पुलिस ने आगामी कार्रवाई कर पोस्टमॉर्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक दो बच्चों का पिता था। हालत में होता रहा उतार-चढ़ाव जानकारी देते हुए अभिषेक ने बताया कि वह गांव वैसर का रहने वाला है। उसका चाचा सूरज(45) था। जोकि वेटर का काम करता था। 22 जून को चाचा अपने काम से घर लौट रहा था। रास्ते में अचानक उसका एक्सीडेंट हो गया। जिसकी जानकारी राहगीरों ने उसके फोन से परिजनों को दी थी। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे थे। जोकि उसे गंभीर हालत में सिविल अस्पताल ले गए। जहां उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया था। पीजीआई में करीब 10 दिन इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे छुट्टी दे दी थी। लेकिन, घर आने के बाद उसकी हालत फिर बिगड़ने लगी। अब 15 जुलाई को हालत अचानक ज्यादा बिगड़ गई। जिसके बाद उसे फिर अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई। हरियाणा के पानीपत में एक सड़क हादसे में व्यक्ति की मौत हो गई। दरअसल, व्यक्ति का करीब 24 दिन पहले काम से घर लौटते वक्त एक्सीडेंट हुआ था। तब से वह अस्पताल में उपचाराधीन था। सोमवार देर रात उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके शव को सिविल अस्पताल लाया गया। जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवाया गया। मंगलवार को परिजनों के बयानों के आधार पर पुलिस ने आगामी कार्रवाई कर पोस्टमॉर्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक दो बच्चों का पिता था। हालत में होता रहा उतार-चढ़ाव जानकारी देते हुए अभिषेक ने बताया कि वह गांव वैसर का रहने वाला है। उसका चाचा सूरज(45) था। जोकि वेटर का काम करता था। 22 जून को चाचा अपने काम से घर लौट रहा था। रास्ते में अचानक उसका एक्सीडेंट हो गया। जिसकी जानकारी राहगीरों ने उसके फोन से परिजनों को दी थी। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे थे। जोकि उसे गंभीर हालत में सिविल अस्पताल ले गए। जहां उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया था। पीजीआई में करीब 10 दिन इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे छुट्टी दे दी थी। लेकिन, घर आने के बाद उसकी हालत फिर बिगड़ने लगी। अब 15 जुलाई को हालत अचानक ज्यादा बिगड़ गई। जिसके बाद उसे फिर अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में नई राजधानी बनाने की मांग:हिसार में इनेलो नेता रणदीप बोले-दक्षिण-पश्चिम के लोग दूरी से परेशान, करेंगे बड़ा आंदोलन
हरियाणा में नई राजधानी बनाने की मांग:हिसार में इनेलो नेता रणदीप बोले-दक्षिण-पश्चिम के लोग दूरी से परेशान, करेंगे बड़ा आंदोलन हिसार की आदमपुर विधानसभा से इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रणदीप लोहचब हरियाणा में नया आंदोलन खड़ा करने जा रहे हैं। रणदीप लोहचब ने कहा कि चंडीगढ़ में हरियाणा की राजधानी ठीक नहीं। चंडीगढ़ की हरियाणा के अधिकतर इलाकों की दूरी ज्यादा है। इसलिए हरियाणा के बीचों बीच कोई जगह देखी जाए जहां राजधानी का निर्माण किया जा सके। रणदीप लोहचब ने कहा कि हरियाणा में नई राजधानी की मांग को लेकर जल्द आंदोलन खड़ा किया जाएगा। इसकी शुरुआत हांसी से की जाएगी। हांसी में 15 दिसंबर को जाट धर्मशाला में एक बड़ी पंचायत होगी जिसमें हर वर्ग के लोग शामिल होंगे। रणदीप लोहचब चौधरीवास ने कहा कि इस आंदोलन में किसी पार्टी की कोई भूमिका नहीं होगी। वह इनेलो नेता की हैसियत से नहीं बल्कि संयोजक स्वाभिमान आंदोलन न्याय पक्ष के अध्यक्ष के नाते यह मुहिम चलाएंगे। रणदीप ने कहा कि नई राजधानी के हांसी, महम और बवानीखेड़ा को मिलाकर एक क्षेत्र चिह्नित किया जाना चाहिए। यह क्षेत्र हरियाणा का केंद्र में पड़ता है। इसे हरियाणा कैपिटल एरिया का नाम दिया जाए। रणदीप लोहचब सूटकेस से मैप निकालकर दिखाते हुए… इसलिए है नई राजधानी की जरूरत 1. हरियाणा की दूरी : लोहचब ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम हरियाणा की चंडीगढ़ से काफी दूरी है। यह दूरी 500 किमी से भी ज्यादा है। ऐसे में लोगों को काम करवाने के लिए चंडीगढ़ आने-जाने में एक दिन से ज्यादा का समय लग जाता है। चंडीगढ़ में रूकना पड़े और खर्चा लगता है। इसके कारण लोग काफी परेशान है। 2. नई विधानसभा पर खर्च : रणदीप ने बताया कि हरियाणा सरकार नई विधानसभा पर 600 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। जबकि इसकी कोई जरूरत चंडीगढ़ में नहीं है। ऐसा करके पंचकूला को आगे राजधानी बनाना पड़ेगा जो उचित नहीं है। 600 करोड़ को सरकार को नए क्षेत्र में लगाना चाहिए। इतने रुपए में हरियाणा में ही सस्ती जमीन मिलेगी जिससे पैसा बचेगा। 3. विकसित होगा हरियाणा : नई राजनाधी से हरियाणा के मध्य भाग के अलावा हिसार, जींद, भिवानी का क्षेत्र विकसित हो जाएगा। यहां एक ऐसी सिटी का निर्माण होगा जो वर्ल्ड क्लास की होगी। ऐसा शहर बनाया जाए जो पूरे देश में ना हो। इससे यहां टूरिजम बढ़ेगा, क्षेत्र विकसित होगा, लोगों की आमदनी बढ़ेगी और खुशहाली आएगी।
हरियाणा में पार्टी छोड़ने वालों की BJP में एंट्री मुश्किल:गुपचुप चक्कर काट लॉबिंग कर रहे; CM सैनी ने केंद्रीय नेतृत्व से परमिशन को कहा
हरियाणा में पार्टी छोड़ने वालों की BJP में एंट्री मुश्किल:गुपचुप चक्कर काट लॉबिंग कर रहे; CM सैनी ने केंद्रीय नेतृत्व से परमिशन को कहा हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का माहौल देख पार्टी छोड़ने वालों की BJP में एंट्री मुश्किल हो गई है। प्रदेश में फिर सरकार बनने के बाद ऐसे नेता 5 साल तक विपक्ष के बजाय फिर से सत्ता पक्ष में आना चाहते हैं। हालांकि CM नायब सैनी ने इन नेताओं की एंट्री पर फुल स्टॉप लगा दिया है। उन्होंने प्रदेश के संगठन को दो टूक कह दिया है कि ऐसे नेताओं की पार्टी में वापसी का फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा। जिससे BJP में वापसी का जुगाड़ लगा रहे या लॉबिंग में जुटे नेताओं को झटका लगा है। माना जा रहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच पार्टी को धोखा देने वालों से केंद्रीय नेतृत्व खासा नाराज है। यही वजह है कि अब इन पर फैसला केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथ में लिया है। ऐसे में उनकी एंट्री मुश्किल ही मानी जा रही है। कौन से नेता वापसी की कोशिश में
BJP से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी में वापसी की कोशिश में टिकट न मिलने पर नाराज होने से लेकर बागी चुनाव लड़ने और पूर्व सांसद-पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। जो प्रदेश के नेताओं के जरिए केंद्रीय नेतृत्व में अपनी पैरवी चाहते थे। संगठन को मजबूत दिखाने के लिए प्रदेश के कुछ नेता एक्टिव भी हो चुके थे। हालांकि जैसे ही CM नायब सैनी को इसकी भनक लगी तो उन्होंने साफ कह दिया कि पार्टी में आने के इच्छुक पहले केंद्रीय नेतृत्व से परमिशन लेकर आएं। प्रदेश में चुनाव के बीच पार्टी छोड़ने वाले 3 बड़े चेहरे पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह: पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। वह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें भाजपा के हिसार से टिकट कटने का डर था। हालांकि कांग्रेस ने उनकी हिसार-सोनीपत की दावेदारी खारिज कर लोकसभा टिकट ही नहीं दी। विधानसभा चुनाव में उन्हें जींद की उचाना सीट से उतारा लेकिन वह भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र अत्री से चुनाव हार गए। रणजीत चौटाला: पूर्व डिप्टी PM देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से बगावत की। जब बीजेपी ने उन्हें रानियां से टिकट देने से इनकार कर दिया तो वह नाराज होकर बागी तेवर दिखाने लगे। हालांकि वह 5 साल BJP सरकार में ही बिजली मंत्री रहे। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई की दावेदारी को दरकिनार कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया था लेकिन वह हार गए। विधानसभा चुनाव में बगावत करने के बाद उन्होंने JJP के समर्थन के साथ रानियां से चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए। अशोक तंवर: तंवर के भाजपा छोड़ने की सबसे दिलचस्प कहानी है। वह भाजपा उम्मीदवार के लिए रैली कर रहे थे। उसी दिन राहुल गांधी की महेंद्रगढ़ में रैली थी। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर के बीच वह अचानक मंच पर पहुंचे और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस जॉइन कर ली। हालांकि उनकी जॉइनिंग से भूपेंद्र हुड्डा खासे खुश नजर नहीं आ रहे थे। तंवर पहले भी कांग्रेस में थे लेकिन 2019 में टिकट बंटवारे को लेकर हुड्डा से अनबन के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद वह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और AAP में भी गए लेकिन बाद में भाजपा में आ गए। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में सिरसा से सिटिंग सांसद सुनीता दुग्गल की टिकट काटकर तंवर को दी लेकिन वह हार गए। मगर, वोटिंग से 2 दिन पहले वह कांग्रेस में वापस लौट आए। 2 बागी जो चुनाव जीते लेकिन उनकी वापसी में कानूनी पेंच… भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वालीं देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल और गन्नौर से होटेलियर देवेंद्र कादियान जीत गए। वह भाजपा को समर्थन दे चुके हैं लेकिन पार्टी में शामिल होने पर उनका कानूनी पेंच है। हरियाणा के राजनीतिक विश्लेषक और कानूनी मामलों के जानकार हेमंत कुमार कहते हैं … निर्दलीयों की बीजेपी में जॉइनिंग पर उनकी सदस्यता जा सकती है। हालांकि वह सरकार या किसी राजनीतिक दल को बाहर से समर्थन दे सकते हैं। सरकार में वह मंत्री या अन्य लाभ के पद पर भी रह सकते हैं, लेकिन पार्टी में शामिल होने पर स्पीकर उनकी सदस्यता खारिज कर सकता है। बागी होकर चुनाव जीते निर्दलीय विधायकों के बारे में जानें… BJP सांसद की मां सावित्री जिंदल
विधानसभा चुनाव में हरियाणा की हिसार विधानसभा सीट इस बार सुर्खियों में रही। इसकी वजह थी, यहां से देश की सबसे अमीर महिला और कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं। सावित्री जिंदल बीजेपी से टिकट मांग रही थीं, लेकिन बीजेपी ने पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को दोबारा उम्मीदवार बना दिया था। हालांकि बीजेपी उम्मीदवार यहां से चुनाव हार गए। इसके बाद अब सावित्री जिंदल बीजेपी को समर्थन दे रही हैं। सूत्रों का कहना है कि उनकी वापसी में कोई रोड़ा नहीं है, वह पहले भी भाजपा में ही थीं। सबसे अहम बात यह है कि बागी चुनाव लड़ने के बाद भी उन्हें पार्टी ने निष्कासित नहीं किया था। कभी राहुल गांधी के करीबी रहे देवेंद्र कादियान
देवेंद्र कादियान मन्नत ग्रुप होटल्स के चेयरमैन हैं। उन्होंने राजनीति की शरुआत युवा कांग्रेस में की। वे राहुल गांधी के करीबी रहे हैं। युवा कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। 2018 में कांग्रेस छोड़ कर उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली थी। 2019 में मनोहर लाल खट्टर ने रथ यात्रा निकली थी। तब कादियान ने गन्नौर में रथ यात्रा का भव्य स्वागत किया था, इस दौरान भी वे गन्नौर भाजपा में टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने टिकट निर्मल चौधरी को दे दी। इसके बाद कादियान बागी हो गए। तब मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें मनाया था। इस बार भी उनकी टिकट काट दी गई, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता। अब कादयान ने बीजेपी को समर्थन दिया है। BJP ने 8 नेताओं को 6 साल के लिए निकाला था
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बागी हुए 8 नेताओं पर भाजपा ने कार्रवाई की थी। उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाला गया था। इनमें बिजली मंत्री रहे रणजीत चौटाला, गन्नौर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले देवेंद्र कादियान, लाडवा से संदीप गर्ग, असंध से जिलेराम शर्मा, सफीदों से बच्चन सिंह आर्य, महम से राधा अहलावत, गुरुग्राम से नवीन गोयल और हथीन से केहर सिंह रावत शामिल हैं।
हरियाणा में 4 दिन तक हीटवेव:सभी जिलों में अलर्ट; 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं, पारा 48 डिग्री तक पहुंचेगा
हरियाणा में 4 दिन तक हीटवेव:सभी जिलों में अलर्ट; 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं, पारा 48 डिग्री तक पहुंचेगा हरियाणा में एक बार फिर से भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया है। इस बार पश्चिमी रेगिस्तानी से आ रही गर्म हवाएं भीषण गर्मी का कारण बनने जा रही हैं। मौसम विभाग ने अगले 4 दिनों तक लू चलने की संभावना जताई है। इसके कारण 14 जून तक प्रदेश में हीटवेव का यलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गर्म हवाएं चलेंगी। अगले एक सप्ताह में हरियाणा के दक्षिणी पूर्वी और दक्षिणी पश्चिमी हिस्सों में 46 से 48 डिग्री सेल्सियस तक जाने के आसार बन रहे हैं। 4 दिन के अंधड़ और बूंदाबांदी के दौरान दिन के अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री तक वृद्धि दर्ज की गई है। हिसार का अधिकतम तापमान 1.9 डिग्री बढ़कर 42 डिग्री तक पहुंच गया, वहीं अंबाला, भिवानी, सिरसा, फरीदाबाद, सोनीपत में भी अधिकतम तापमान 2 से 3 डिग्री बढ़कर 42 से 43 डिग्री तक रहा। आगे कैसा रहेगा मौसम मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एक सप्ताह के बाद गर्मी से निजात मिलने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञ डा. चंद्र मोहन ने बताया कि 14 जून को एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे 15 से 18 जून के दौरान तेज गति से हवाएं और अंधड़ की संभावना बन रही है। जिससे दोबारा से तापमान में गिरावट होने से गर्मी से निजात मिलेगी। इतना टेंपरेचर रहने का अनुमान हरियाणा के अधिकांश जिलों में दिन का तापमान 41.0 डिग्री से 44.8 डिग्री के बीच दर्ज किया गया। वहीं अगले 24 घंटे के दौरान रात का न्यूनतम तापमान 24.0 डिग्री सेल्सियस से 28.5 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। हिसार का न्यूनतम तापमान 25.0 डिग्री और अधिकतम 42.0 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं अंबाला का न्यूनतम 27.0, अधिकतम 42.0, भिवानी का न्यूनतम 27.0 और अधिकतम 42.0, फरीदाबाद का न्यूनतम 28.0 और अधिकतम 43.0, सिरसा का न्यूनतम 27.0 और अधिकतम 42.0 डिग्री रहने का अनुमान मौसम विभाग ने लगाया है। जून में 72% कम बारिश जून के पहले हफ्ते में 72 % कम बारिश जून के पहले हफ्ते में 72% कम बारिश हुई है। 1 से 8 जून तक 7.1MM बारिश सामान्य है, लेकिन इस बार महज 2.0MM हुई है। 22 में से 5 जिलों में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है। सिरसा में सबसे ज्यादा 7.8MM बारिश हुई है, जो सामान्य 137% ज्यादा है। बाकी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है।