भारतीय जनता पार्टी ( BJP) ने हरियाणा की 67 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू होने से एक दिन पहले 4 सितंबर को भाजपा ने पानीपत की सभी चारों विधानसभा के प्रत्याशियों को टिकट दे दी। इन टिकटों में खास बात यह है कि भाजपा ने तीन पुराने चेहरों पर विश्वास जताया है। जबकि एक नए व बाहरी चेहरे पर दांव खेला है। विश्वास जिताने वाली सीट पानीपत ग्रामीण से मंत्री महिपाल ढांडा, पानीपत शहर से प्रमोद विज और इसराना से कृष्णलाल पंवार है। जबकि, समालखा से शशिकांत कौशिक व संजय छौक्कर जैसे अनुभवी नेताओं पर मनमोहन भड़ाना को तवज्जो दी गई है। सांसद का 4 साल का कार्यकाल दांव पर लगाया बीजेपी के खाते में अभी जिले की दो सीट है। जिसमें शहरी और ग्रामीण शामिल है। जबकि इसराना में 2019 के चुनाव में कृष्णलाल पंवार को कांग्रेस के बलबीर वाल्मीकि ने हराया था। इसके बाद भाजपा ने पंवार को राज्यसभा भेज दिया। दिया। अभी उनका चार वर्ष का राज्यसभा का कार्यकाल बाकी है। इसराना में मजबूत चेहरे को तलाशते हुए बीजेपी ने पंवार को टिकट दी है। यहां से पुराने नेता सत्यवान शेरा, जोकि पहले लोकसभा के लिए दमखम भर रहे थे। वहां टिकट नहीं मिलने पर विधानसभा के लिए दावेदारी कर रहे थे। ऐसे में उन्हें भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। दिलचस्प होगा समालखा विधानसभा का चुनाव
इतिहास में कभी भी समालखा से अपना खाता न खोलने वाली समालखा विधानसभा सीट पर बीजेपी ने इस बार भी स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं जताया है। यहां पार्टी ने मनमोहन भड़ाना को टिकट दी है। मनमोहन ने 2009 में बसपा की टिकट से समालखा विधानसभा चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें सिर्फ 8 हजार 334 वोट मिले थे। तभी समालखा से दो बार विधायक रहे उनके पिता करतार भड़ाना ने समालखा से ताउम्र चुनाव नहीं लड़ने के बारे में कहा था। अब यह उनके बेटे को टिकट मिलने के बाद चुनाव दिलचस्प हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ( BJP) ने हरियाणा की 67 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू होने से एक दिन पहले 4 सितंबर को भाजपा ने पानीपत की सभी चारों विधानसभा के प्रत्याशियों को टिकट दे दी। इन टिकटों में खास बात यह है कि भाजपा ने तीन पुराने चेहरों पर विश्वास जताया है। जबकि एक नए व बाहरी चेहरे पर दांव खेला है। विश्वास जिताने वाली सीट पानीपत ग्रामीण से मंत्री महिपाल ढांडा, पानीपत शहर से प्रमोद विज और इसराना से कृष्णलाल पंवार है। जबकि, समालखा से शशिकांत कौशिक व संजय छौक्कर जैसे अनुभवी नेताओं पर मनमोहन भड़ाना को तवज्जो दी गई है। सांसद का 4 साल का कार्यकाल दांव पर लगाया बीजेपी के खाते में अभी जिले की दो सीट है। जिसमें शहरी और ग्रामीण शामिल है। जबकि इसराना में 2019 के चुनाव में कृष्णलाल पंवार को कांग्रेस के बलबीर वाल्मीकि ने हराया था। इसके बाद भाजपा ने पंवार को राज्यसभा भेज दिया। दिया। अभी उनका चार वर्ष का राज्यसभा का कार्यकाल बाकी है। इसराना में मजबूत चेहरे को तलाशते हुए बीजेपी ने पंवार को टिकट दी है। यहां से पुराने नेता सत्यवान शेरा, जोकि पहले लोकसभा के लिए दमखम भर रहे थे। वहां टिकट नहीं मिलने पर विधानसभा के लिए दावेदारी कर रहे थे। ऐसे में उन्हें भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। दिलचस्प होगा समालखा विधानसभा का चुनाव
इतिहास में कभी भी समालखा से अपना खाता न खोलने वाली समालखा विधानसभा सीट पर बीजेपी ने इस बार भी स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं जताया है। यहां पार्टी ने मनमोहन भड़ाना को टिकट दी है। मनमोहन ने 2009 में बसपा की टिकट से समालखा विधानसभा चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें सिर्फ 8 हजार 334 वोट मिले थे। तभी समालखा से दो बार विधायक रहे उनके पिता करतार भड़ाना ने समालखा से ताउम्र चुनाव नहीं लड़ने के बारे में कहा था। अब यह उनके बेटे को टिकट मिलने के बाद चुनाव दिलचस्प हो गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर