हरियाणा के पानीपत रिफाइनरी के कर्मचारी की पत्नी का ट्रेन में बैग चोरी हो गया। कर्मचारी भोपाल से पानीपत के लिए मालवा एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहा था। दिल्ली के नजदीक बैग चोरी हुआ। जिसकी शिकायत उसने पानीपत जीआरपी को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। बैग में हीरे-सोने के आभूषण समेत कैश था। GRP थाना पुलिस को दी शिकायत में रविकांत मोहवे ने बताया कि वह रिफाइनरी टाउनशिप का रहने वाला है। वह मालवा एक्सप्रेस में भोपाल से पानीपत के लिए सफर कर रहा था। दिल्ली के आस-पास उसकी पत्नी पूजा सतनामी का बैग चोरी हो गया। जब उन्होंने दिल्ली स्टेशन को क्रॉस करने के बाद देखा तो उसे बैग नहीं मिला। बैग में सोने व हीरे का मंगलसूत्र, सोने की चेन, सोने की अंगूठी व हीरे की अंगूठी रखी हुई थी। इसके अलावा कुछ कैश भी था। उसके सामान की कीमत की करीब 2 लाख 25 हजार रुपए की है। कुछ देर के लिए ही रखा था बैग सीट के ऊपर कर्मचारी का कहना है कि उसकी पत्नी ने सफर भर बैग को अपने साथ रखा था। लेकिन सफर काफी बड़ा था। जिस कारण कुछ ही देर के लिए बैग को सीट के ऊपर रखा था। दिल्ली के करीब पहुंचने पर बैग देखा था, तब बैग सुरक्षित था। लेकिन जब ट्रेन दिल्ली से निकली, तो बैग गायब हो गया। बैग किस वक्त और कहां चोरी हुआ, इसकी उन्हें भनक भी नहीं लगी। हरियाणा के पानीपत रिफाइनरी के कर्मचारी की पत्नी का ट्रेन में बैग चोरी हो गया। कर्मचारी भोपाल से पानीपत के लिए मालवा एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहा था। दिल्ली के नजदीक बैग चोरी हुआ। जिसकी शिकायत उसने पानीपत जीआरपी को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। बैग में हीरे-सोने के आभूषण समेत कैश था। GRP थाना पुलिस को दी शिकायत में रविकांत मोहवे ने बताया कि वह रिफाइनरी टाउनशिप का रहने वाला है। वह मालवा एक्सप्रेस में भोपाल से पानीपत के लिए सफर कर रहा था। दिल्ली के आस-पास उसकी पत्नी पूजा सतनामी का बैग चोरी हो गया। जब उन्होंने दिल्ली स्टेशन को क्रॉस करने के बाद देखा तो उसे बैग नहीं मिला। बैग में सोने व हीरे का मंगलसूत्र, सोने की चेन, सोने की अंगूठी व हीरे की अंगूठी रखी हुई थी। इसके अलावा कुछ कैश भी था। उसके सामान की कीमत की करीब 2 लाख 25 हजार रुपए की है। कुछ देर के लिए ही रखा था बैग सीट के ऊपर कर्मचारी का कहना है कि उसकी पत्नी ने सफर भर बैग को अपने साथ रखा था। लेकिन सफर काफी बड़ा था। जिस कारण कुछ ही देर के लिए बैग को सीट के ऊपर रखा था। दिल्ली के करीब पहुंचने पर बैग देखा था, तब बैग सुरक्षित था। लेकिन जब ट्रेन दिल्ली से निकली, तो बैग गायब हो गया। बैग किस वक्त और कहां चोरी हुआ, इसकी उन्हें भनक भी नहीं लगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ क्लब बम ब्लास्ट: हमलावरों का एक और CCTV आया:मॉल और घर के बाहर से बाइक पर जाते दिखे, मोहाली में जाकर गायब हुए
चंडीगढ़ क्लब बम ब्लास्ट: हमलावरों का एक और CCTV आया:मॉल और घर के बाहर से बाइक पर जाते दिखे, मोहाली में जाकर गायब हुए चंडीगढ़ के सेक्टर-24 स्थित 2 क्लबों के बाहर बम ब्लास्ट करने वाले आरोपियों का एक और CCTV सामने आया है। आरोपी बाइक पर एयरपोर्ट रोड के पास एक मॉल और घर के बाहर लगे CCTV कैमरे में कैद हुए। पुलिस आरोपियों का पीछा करते हुए चंडीगढ़ से मोहाली होकर पटियाला रोड पर टोल प्लाजा तक पहुंची। मोहाली में जाकर आरोपी गायब हो गए। इसके बाद वह किसी भी CCTV कैमरे में नजर नहीं आए। हालांकि, पुलिस लगातार मोहाली और आसपास के कैमरे खंगालने में जुटी हुई है। क्राइम ब्रांच क्लब संचालकों और क्लब बाउंसरों से पूछताछ कर रही है। पुलिस भी इस मामले को एक्सटॉर्शन से जोड़कर देख रही है, क्योंकि कई क्लब मालिकों को रंगदारी की कॉल आ चुकी हैं। इस मामले में भी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की तरफ से आई पोस्ट में कहा गया है कि प्रोटेक्शन मनी न देने के कारण हमला कराया है। अब जानिए, पुलिस को जांच में अब तक क्या मिला
चंडीगढ़ की ऑपरेशन सेल, क्राइम ब्रांच, डिस्ट्रिक्ट सेल और थानों की पुलिस मामले की जांच कर रही है। टीमें चंडीगढ़ लाइट पॉइंट और चौराहों के कैमरे खंगालते हुए मोहाली स्थित एयरपोर्ट रोड पर आइशर लाइट पॉइंट पर पहुंची। यहां तक आरोपी कैमरे में दिखाई दिए। आइशर लाइट पॉइंट के पास एक घर के बाहर लगे सीसीटीवी में आरोपी देखे गए। बाइक सवार तेज से निकल रहे हैं। वहां से दोनों मोहाली एयरपोर्ट चौक की तरफ भाग गए। आरोपियों ने हेलमेट पहना हुआ था और शॉल ओढ़कर शरीर ढका हुआ था। घटना के बाद आरोपी कहीं नहीं रुके। जिसके चलते पुलिस उनकी बाइक का नंबर नोट नहीं कर पाई। दूसरा बड़ा कारण यह भी रहा कि उस समय अंधेरा था। पुलिस का मानना है कि पूरी प्लानिंग से इस वारदात को अंजाम दिया गया है। उन्हें पहले ही शहर में घुसने और भागने के रास्तों की जानकारी थी। एयरपोर्ट रोड के आसपास कई गांव हैं। पुलिस ने एयरपोर्ट रोड होते हुए पटियाला रोड पर आने वाले टोल प्लाजा के भी CCTV कैमरे चेक किए, लेकिन पुलिस को कोई लीड नहीं मिली। पुलिस को आशंका है कि आरोपी या तो एयरपोर्ट चौक से राइट होकर लांडरा रोड की तरफ फरार हुए हैं या फिर आसपास के गांव में घुस गए हैं। अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला… 2 क्लबों के बाहर धमाके हुए, एक क्लब के रैपर बादशाह पार्टनर चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित सेविले बार एंड लाउंज और डि’ओरा क्लब के बाहर मंगलवार अल सुबह 3:15 पर बाइक सवार युवकों ने बम फेंके। इससे क्लब के शीशे टूट गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेविले बार एंड लाउंज क्लब के मालिकों में मशहूर रैपर बादशाह भी पार्टनर हैं। धमाकों की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है। गोल्डी बराड़ ने इस बारे में सोशल मीडिया पोस्ट डाली। हालांकि कुछ देर बाद पोस्ट डिलीट कर दी गई। पुलिस पता लगा रही है कि यह पोस्ट किस फोन और कहां से अपलोड की गई थी। गोल्डी बराड़ के हवाले वाली सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- ‘2 ब्लास्ट की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग के गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा लेते हैं। इन दोनों क्लबों के मालिकों को प्रोटेक्शन मनी के लिए मैसेज किया था। मगर इन्हें हमारी कॉल की घंटी नहीं सुनाई दे रही थी। इनके कान खोलने के लिए यह धमाके किए। जो भी हमारे कॉल्स को इग्नोर कर रहे हैं, वह समझ जाएं कि इससे भी कुछ बड़ा हो सकता है।’ गोल्डी बराड़ की सोशल मीडिया पोस्ट… सिक्योरिटी गार्ड से बोला- तू मेरा क्या कर लेगा
क्लब के सिक्योरिटी गार्ड पूर्ण सिंह ने बताया है कि आरोपी बाइक पर आए थे। एक युवक बाइक स्टार्ट कर खड़ा था, दूसरे युवक ने विस्फोटक फेंका। धमाके की आवाज सुनकर वह आया तो देखा कि शीशा टूटा हुआ था। वहां दूसरा सिक्योरिटी गार्ड नरेश भी खड़ा था। एक हमलावर नरेश से कह रहा था कि तू मेरा क्या कर लेगा। उनके मुंह ढंके हुए थे। इसके बाद बदमाश भाग गए। चंडीगढ़ के जिस इलाके में धमाके हुए, वह पॉश एरिया है। इसके पास ही सब्जी मंडी लगती है। कई केंद्रीय संस्थान भी नजदीक में हैं । पुलिस लाइन और सेक्टर-26 का थाना भी पड़ता है। दोनों क्लबों के बीच 30 मीटर की दूरी
नकाबपोश आरोपी सेक्टर-26 थाने के आगे से होकर आए थे। आरोपियों ने स्लिप रोड पर बाइक खड़ी की। पहले उन्होंने सेविले बार एंड लाउंज के बाहर देसी बम फेंका। इसके बाद वे डि’ओरा क्लब के बाहर बम फेंकने पहुंचे। इन दोनों क्लबों के बीच करीब 30 मीटर की दूरी है। चंडीगढ़ में क्लबों के बाहर जिस समय धमाके हुए, उस समय क्लब बंद थे। इस कारण धमाकों से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। मौके पर केवल सिक्योरिटी गार्ड था। उसने ही पुलिस को सूचना दी। ****************************** चंडीगढ़ में ब्लास्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- लॉरेंस ने चंडीगढ़ के 2 क्लबों के बाहर ब्लास्ट कराया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3 दिसंबर को चंडीगढ़ दौरे से पहले 26 नवंबर की सुबह सेक्टर-26 में 2 क्लबों के बाहर धमाके हुए। धमाकों की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है। गोल्डी बराड़ ने इस बारे में सोशल मीडिया पोस्ट डाली है। उसने धमाके की वजह प्रोटेक्शन मनी न देना बताया है। पढ़ें पूरी खबर
हरियाणा के IAS ऑफिसर्स की वापस होगी सिक्योरिटी:HC ने दिए निर्देश; येलो बुक को प्रशासन के कब्जे में रखने को कहा, DGP से मांगा जवाब
हरियाणा के IAS ऑफिसर्स की वापस होगी सिक्योरिटी:HC ने दिए निर्देश; येलो बुक को प्रशासन के कब्जे में रखने को कहा, DGP से मांगा जवाब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा की टॉप ब्यूरोक्रेसी को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह राज्य में किसी भी आईएएस अधिकारी को दी गई सिक्योरिटी को वापस ले। कोर्ट ने कहा है कि जिन ऑफिसर्स को नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारी या अर्ध-न्यायिक कार्य के लिए तैनात किया गया यह आदेश उन्ही अफसरों पर लागू होगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक हरियाणा (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को एक हलफनामा दायर कर यह बताने का भी निर्देश दिया है कि क्या हरियाणा राज्य में किसी आईपीएस अधिकारी को किसी बोर्ड या निगम आदि में नागरिक प्रशासन की ड्यूटी सौंपी गई है। येलो बुक कब्जे में लेने के निर्देश हाईकोर्ट ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी देने वाली येलो बुक (सुरक्षा उपलब्ध कराने व सुरक्षा प्राप्त लोगों की जानकारी की किताब) को भी प्रशासन के सुरक्षित कब्जे में रखने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई की तारीख पर बुक वापस कर दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी गई है। जस्टिस हरकेश मनुजा ने पंजाब एवं हरियाणा राज्य में विभिन्न सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को दी गई सुरक्षा से संबंधित एक चल रही याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने डीजीपी के दिए फैक्ट का वेरिफिकेशन कराने को कहा राज्य पुलिस प्रमुख को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने उनसे कहा कि वह हलफनामा दायर करें, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि यदि हरियाणा राज्य में किसी भी आईएएस अधिकारी को नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारियों या अर्ध-न्यायिक कार्यों से निपटने के दौरान कोई सुरक्षा प्रदान की जाती है, तो उसे तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया जाए। डीजीपी ने यह जानकारी दी है कि आज तक राज्य में किसी भी आईपीएस अधिकारी को किसी भी बोर्ड या निगम आदि में नागरिक प्रशासन का कर्तव्य नहीं सौंपा गया है। कोर्ट ने डीजीपी से अनुरोध किया कि वह इन इस तथ्यों के उचित सत्यापन के बाद अपने हलफनामे में उचित जवाब दें। डीजीपी बोले- हरियाणा शांतिपूर्ण राज्य चार अक्टूबर को हाईकोर्ट में मामले की हुई सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में शामिल हुए और कहा कि हरियाणा अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण राज्य है, राज्य के भीतर आईएएस अधिकारियों को कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है, जिन्हें नागरिक प्रशासनिक कार्यों और जिम्मेदारियों से जोड़ा गया है, सिवाय किसी ऐसे अधिकारी को छोड़कर जिसे असाधारण परिस्थितियों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए काम सौंपा गया हो।
करनाल में क्राइम ब्रांच के ASI की हत्या का मामला:कराणों का खुलासा नहीं, तीन साल पहले भाई की गई थी जान, सदमे में चल बसे थे पिता
करनाल में क्राइम ब्रांच के ASI की हत्या का मामला:कराणों का खुलासा नहीं, तीन साल पहले भाई की गई थी जान, सदमे में चल बसे थे पिता हरियाणा में क्राइम ब्रांच के ASI की हत्या एक मिस्ट्री बन चुकी है। ASI को गोली क्यों मारी गई, इसके कारणों को अभी तक कोई भी खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस भी रात भर आरोपियों की तलाश में खाक छानती रही। आसपास के CCTV फुटेज को भी खंगालने में जुटी रही, पुलिस के पास भी सिर्फ इतनी ही अपडेट है कि हमलावर पल्सर बाइक पर सवार होकर आए थे और गोली मारकर फरार हो गए। रात को ही पुलिस ने शव को मोर्चरी हाउस करनाल में रखवा दिया था। आज मृतक का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा और सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करवाया जाएगा। तीन साल पहले भाई की एक्सीडेंट में मौत, पिता ने सदमे में दे दी थी जान मृतक संजीव के पिता प्रेम सिंह के पास दो लड़के थे। जिसमें 42 वर्षीय संजीव और 38 वर्षीय लाभ सिंह। संजीव पुलिस महकमे में सेवाएं दे रहा था, जबकि लाभ सिंह नगरपालिका घरौंडा में सफाई ठेकेदारी का काम करता था। तीन साल पहले लाभ सिंह की घरौंडा लिबर्टी के सामने एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। लाभ सिंह की मौत से पिता प्रेम सिंह को गहरा धक्का लगा था। प्रेम सिंह बेटे की मौत के सदमे को सह नहीं पाए थे और 15 दिन बाद ही चल बसे थे। वहीं मंगलवार रात को क्राइम ब्रांच ऑफिसर संजीव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 2002 में हुए थे भर्ती, दो बच्चे है परिजनों के मुताबिक, संजीव के पास एक लड़का है, जो कनाड़ा में पढ़ाई कर रहा है और एक 16 वर्षीय लड़की है जो 11वीं कक्षा में पढ़ रही है। संजीव 2002 में बतौर कांस्टेबल पुलिस में भर्ती हुआ था। इनकी ड्यूटी कुरूक्षेत्र में लगी हुई थी। पहले इन्होंने NH-1 व NH-4 PCR पर भी ड्यूटी दी थी। बाद में इनकी प्रमोशन हो गई थी और मौजूदा समय में संजीव क्राइम ब्रांच यमुनानगर में अपनी सेवाएं दे रहे थे। क्या था मामला कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर मंगलवार की रात करीब साढ़े आठ बजे सैर पर निकले क्राइम ब्रांच के ASI संजीव को बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गौरतलब है कि कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर ही संजीव का डेरा बना हुआ है और वही पर संजीव सड़क पर टहल रहे थे। तभी बाइक सवार बदमाश उनको गोली मारकर चले जाते है। परिजनों की माने तो उनके सिर में एक गोली लगी है, वह आरपार हुई है, दूसरी गोली कमर में लगी थी। गंभीर रूप से घायल ASI को करनाल के अमृतधारा में भर्ती करवाया था। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। DSP जांच में जुटे घटना के बाद घरौंडा DSP मनोज कुमार व DSP सोनू नरवाल मौके पर पहुंच गए थे। इसके साथ ही FSL टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए थे। पुलिस को मौके पर दो जिंदा रौंद व एक खोल भी बरामद हुआ था। पुलिस अभी तक यह खुलासा नहीं कर पाई है कि हत्या के कारण क्या रहे है? फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।