पानीपत शिक्षा विभाग की लिस्ट पर विवाद:एक स्कूल पदाधिकारी बोला- 17 साल पहले से है मान्यता; विभाग ने अपडेट नहीं की सूची

पानीपत शिक्षा विभाग की लिस्ट पर विवाद:एक स्कूल पदाधिकारी बोला- 17 साल पहले से है मान्यता; विभाग ने अपडेट नहीं की सूची

पानीपत जिले में हाल ही में 183 जाली स्कूलों की लिस्ट जारी की गई थी। अब विभाग की इस लिस्ट पर विवाद शुरू हो गया है। इनमें से एक मिडिल स्कूल ने विभाग की लिस्ट पर आपत्ति जताई है। स्कूल के पदाधिकारी ने दावा किया कि, उनका स्कूल 17 साल पहले यानी 2008 से मान्यता प्राप्त है। लेकिन विभाग ने लिस्ट को अपडेट नहीं किया और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की लिस्ट में उनके स्कूल का भी नाम जोड़ दिया है। जिसके लिए वे विभाग के पास शिकायत भी कर चुके हैं। सेक्टर 12 स्थित एमाजोन इंटरनेशनल स्कूल के पदाधिकारी गुरदीप सिंह ने बताया कि जब उन्होंने विभाग से अपने स्कूल के जाली स्कूलों की लिस्ट में नाम आने के बारे में जानकारी जुटाई, तो विभाग ने इसे तत्काल ही ठीक किया। इसके बाद विभाग ने उन्हें अपडेट लिस्ट दी, जिनमें उनके स्कूल के नाम के आगे 2008 से मान्यता प्राप्त लिखा गया है। साथ ही भविष्य में इस तरह फिर से गलती न हो, इसके लिए विभाग ने लिस्ट को डिजिटली भी अपडेट कर दिया है। विभाग ने अभिभावकों से की थी अपील, इनमें न दिलवाए एडमिशन
विभाग ने पहले लिस्ट जारी करते हुए कहा था कि इन स्कूलों के पास शिक्षा विभाग की मान्यता नहीं है। इनमें 54 प्राइमरी (प्लेवे से 5वीं तक) और 129 मिडिल (5वीं से 8वीं) कैटेगरी के स्कूल शामिल हैं। ये स्कूल सरकार के नियम-शर्तों को पूरा नहीं करते। यह स्कूल अवैध हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई और उनके सर्टिफिकेट भी अवैध माने जाएंगे। हालांकि इन पर कार्रवाई के बजाय शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से ही अपील की है कि बच्चों का एडमिशन इन स्कूलों में न कराएं। अगर ये स्कूल विद्यार्थियों का दाखिला करते हैं तो इनके खिलाफ कार्रवाई होगी। शिक्षा मंत्री ढांडा कह चुके- नियम के अनुसार सब करेंगे
वहीं, इस मामले पर मीडिया से बात करते हुए ढांडा ने कहा, “हम हर चीज को खबर के नजरिए से नहीं देख सकते, हमने सिस्टम को ठीक करना है, सिस्टम को दुरुस्त नहीं करेंगे तो दिक्कत आ जाती है, सिस्टम दुरुस्त करें तो दिक्कत आती है। जो भी नियम के अनुसार ठीक होगा हम वो सब करेंगे।” पानीपत जिले में हाल ही में 183 जाली स्कूलों की लिस्ट जारी की गई थी। अब विभाग की इस लिस्ट पर विवाद शुरू हो गया है। इनमें से एक मिडिल स्कूल ने विभाग की लिस्ट पर आपत्ति जताई है। स्कूल के पदाधिकारी ने दावा किया कि, उनका स्कूल 17 साल पहले यानी 2008 से मान्यता प्राप्त है। लेकिन विभाग ने लिस्ट को अपडेट नहीं किया और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की लिस्ट में उनके स्कूल का भी नाम जोड़ दिया है। जिसके लिए वे विभाग के पास शिकायत भी कर चुके हैं। सेक्टर 12 स्थित एमाजोन इंटरनेशनल स्कूल के पदाधिकारी गुरदीप सिंह ने बताया कि जब उन्होंने विभाग से अपने स्कूल के जाली स्कूलों की लिस्ट में नाम आने के बारे में जानकारी जुटाई, तो विभाग ने इसे तत्काल ही ठीक किया। इसके बाद विभाग ने उन्हें अपडेट लिस्ट दी, जिनमें उनके स्कूल के नाम के आगे 2008 से मान्यता प्राप्त लिखा गया है। साथ ही भविष्य में इस तरह फिर से गलती न हो, इसके लिए विभाग ने लिस्ट को डिजिटली भी अपडेट कर दिया है। विभाग ने अभिभावकों से की थी अपील, इनमें न दिलवाए एडमिशन
विभाग ने पहले लिस्ट जारी करते हुए कहा था कि इन स्कूलों के पास शिक्षा विभाग की मान्यता नहीं है। इनमें 54 प्राइमरी (प्लेवे से 5वीं तक) और 129 मिडिल (5वीं से 8वीं) कैटेगरी के स्कूल शामिल हैं। ये स्कूल सरकार के नियम-शर्तों को पूरा नहीं करते। यह स्कूल अवैध हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई और उनके सर्टिफिकेट भी अवैध माने जाएंगे। हालांकि इन पर कार्रवाई के बजाय शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से ही अपील की है कि बच्चों का एडमिशन इन स्कूलों में न कराएं। अगर ये स्कूल विद्यार्थियों का दाखिला करते हैं तो इनके खिलाफ कार्रवाई होगी। शिक्षा मंत्री ढांडा कह चुके- नियम के अनुसार सब करेंगे
वहीं, इस मामले पर मीडिया से बात करते हुए ढांडा ने कहा, “हम हर चीज को खबर के नजरिए से नहीं देख सकते, हमने सिस्टम को ठीक करना है, सिस्टम को दुरुस्त नहीं करेंगे तो दिक्कत आ जाती है, सिस्टम दुरुस्त करें तो दिक्कत आती है। जो भी नियम के अनुसार ठीक होगा हम वो सब करेंगे।”   हरियाणा | दैनिक भास्कर