मेरठ में 3 नाबालिग बेटियां पिता की डांट के डर से घर छोड़कर भाग गईं। बच्चियां शहर छोड़कर कहीं और जाने का मन बनाकर साथ में घर से भागीं। काम से घर लौटे पिता ने जब बेटियों को घर पर नहीं देखा तो उनकी तलाश शुरू कर दी। पूरे 24 घंटे बाद पुलिस ने तीनों बच्चियों को सरधना से सकुशल बरामद कर लिया है।
बच्चियों ने बताया कि पापा डांटते हैं इसलिए हम इनके साथ नहीं रहना चाहते। पुलिस ने तीनों बच्चियों को उनकी नानी को सौंप दिया है। पापा की डांट से डरकर भागी मेरठ सरधना थाना क्षेत्र के छुर गांव में एक व्यक्ति की तीन नाबालिग बेटियां हैं। तीनों बहनें मंगलवार 28 मई को अचानक घर से कहीं भाग गई। दिनभर काम कर पिता जब घर लौटा तो बच्चियों को घर में न पाकर परेशान हो गया। पहले पिता ने अपने लेवल पर बेटियों को खोजा। पता किया लेकिन बेटियां कहीं नहीं मिली। इसके बाद उसने रात 09.30 बजे थाना सरधना पर पीआरवी पर कॉल करके बेटियों की गुमशुदगी की बात बताई। 10 महीने पहले मम्मी की डेथ हो गई
सूचना के बाद पुलिस ने बच्चियों की खोजबीन शुरू कर दी। लेकिन बच्चियां कहीं नहीं मिली। बुधवार को पुलिस तीनों बच्चियों को गांव के बाहर गन्ने के खेत से सकुशल बरामद कर लाई है।
जब पुलिस ने बच्चियों से पूछताछ की तो बताया कि हमारी मम्मी की 10 महीने पहले डेथ हो चुकी है। मम्मी की डेथ के बाद हम बिल्कुल अकेले पड़ गए हैं। बेटियों ने पुलिस को बताया कि पापा हमें बहुत डांटते हैं। आए दिन हमें डांट पड़ती है। इसी डांट से बचने के लिए हम तीनों घर से भागी थी। ताकि हम कहीं और दूसरे शहर में जाकर सुकून से रह सकें। पुलिस सायरन की आवाज सुनकर सहमीं
बच्चियों ने बताया कि घर से भागकर हम तीनों लोग गांव के बाहर गन्ने के खेत में छिप गई थी। क्योंकि दिन में हमें कोई भी देखता तो पहचान जाता और पापा को बता देता। इसलिए हमने रात को गांव से बाहर निकलने का प्लान बनाया था। लेकिन रात को पुलिस हमें ढूंढ़ते हुए आ गई। हमें गन्ने के खेत में पुलिस की गाड़ी के सायरन की आवाज सुनाई दी थी। पुलिस के डर से हम खेत से बाहर नहीं निकले वहीं छिपे रहे। लेकिन सुबह पुलिस टीम ने हमें ढूंढ़ लिया। पुलिस ने तीनों बच्चियों को उनकी नानी को सौंप दिया है। मेरठ में 3 नाबालिग बेटियां पिता की डांट के डर से घर छोड़कर भाग गईं। बच्चियां शहर छोड़कर कहीं और जाने का मन बनाकर साथ में घर से भागीं। काम से घर लौटे पिता ने जब बेटियों को घर पर नहीं देखा तो उनकी तलाश शुरू कर दी। पूरे 24 घंटे बाद पुलिस ने तीनों बच्चियों को सरधना से सकुशल बरामद कर लिया है।
बच्चियों ने बताया कि पापा डांटते हैं इसलिए हम इनके साथ नहीं रहना चाहते। पुलिस ने तीनों बच्चियों को उनकी नानी को सौंप दिया है। पापा की डांट से डरकर भागी मेरठ सरधना थाना क्षेत्र के छुर गांव में एक व्यक्ति की तीन नाबालिग बेटियां हैं। तीनों बहनें मंगलवार 28 मई को अचानक घर से कहीं भाग गई। दिनभर काम कर पिता जब घर लौटा तो बच्चियों को घर में न पाकर परेशान हो गया। पहले पिता ने अपने लेवल पर बेटियों को खोजा। पता किया लेकिन बेटियां कहीं नहीं मिली। इसके बाद उसने रात 09.30 बजे थाना सरधना पर पीआरवी पर कॉल करके बेटियों की गुमशुदगी की बात बताई। 10 महीने पहले मम्मी की डेथ हो गई
सूचना के बाद पुलिस ने बच्चियों की खोजबीन शुरू कर दी। लेकिन बच्चियां कहीं नहीं मिली। बुधवार को पुलिस तीनों बच्चियों को गांव के बाहर गन्ने के खेत से सकुशल बरामद कर लाई है।
जब पुलिस ने बच्चियों से पूछताछ की तो बताया कि हमारी मम्मी की 10 महीने पहले डेथ हो चुकी है। मम्मी की डेथ के बाद हम बिल्कुल अकेले पड़ गए हैं। बेटियों ने पुलिस को बताया कि पापा हमें बहुत डांटते हैं। आए दिन हमें डांट पड़ती है। इसी डांट से बचने के लिए हम तीनों घर से भागी थी। ताकि हम कहीं और दूसरे शहर में जाकर सुकून से रह सकें। पुलिस सायरन की आवाज सुनकर सहमीं
बच्चियों ने बताया कि घर से भागकर हम तीनों लोग गांव के बाहर गन्ने के खेत में छिप गई थी। क्योंकि दिन में हमें कोई भी देखता तो पहचान जाता और पापा को बता देता। इसलिए हमने रात को गांव से बाहर निकलने का प्लान बनाया था। लेकिन रात को पुलिस हमें ढूंढ़ते हुए आ गई। हमें गन्ने के खेत में पुलिस की गाड़ी के सायरन की आवाज सुनाई दी थी। पुलिस के डर से हम खेत से बाहर नहीं निकले वहीं छिपे रहे। लेकिन सुबह पुलिस टीम ने हमें ढूंढ़ लिया। पुलिस ने तीनों बच्चियों को उनकी नानी को सौंप दिया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर