<p style=”text-align: justify;”>मुंबई से सटे डोंबिवली में फिर विस्फोट हो गया. डोंबिवली के टंडन रोड पर एक दुकान में सिलेंडर फट गया. फायर ब्रिगेड ने बताया कि सबसे पहले दुकान में आग लगी जिसके बाद घरेलू उपयोग का सिलेंडर था, जो फट गया। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस धमाके में 9 लोग घायल हुए है. इनमें से दो की हालत बेहद गंभीर है. इससे पहले डोंबिवली एमआईडीसी में एक कंपनी में विस्फोट की घटना में कई लोगों की मौत हो गई थी. </p> <p style=”text-align: justify;”>मुंबई से सटे डोंबिवली में फिर विस्फोट हो गया. डोंबिवली के टंडन रोड पर एक दुकान में सिलेंडर फट गया. फायर ब्रिगेड ने बताया कि सबसे पहले दुकान में आग लगी जिसके बाद घरेलू उपयोग का सिलेंडर था, जो फट गया। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस धमाके में 9 लोग घायल हुए है. इनमें से दो की हालत बेहद गंभीर है. इससे पहले डोंबिवली एमआईडीसी में एक कंपनी में विस्फोट की घटना में कई लोगों की मौत हो गई थी. </p> महाराष्ट्र उत्तराखंड: भीषण गर्मी में प्यास बुझाने के लिए भटक रहे जंगली जानवर, प्रशासन ने दुरुस्त की व्यवस्था
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जयंत चौधरी का योगी को लेटर… किसानों को मुआवजा दें:ब्रज में बाढ़ से फसलें बर्बाद हुईं; 4 फीट तक पानी भरा, एटा में किसान ने दम तोड़ा
जयंत चौधरी का योगी को लेटर… किसानों को मुआवजा दें:ब्रज में बाढ़ से फसलें बर्बाद हुईं; 4 फीट तक पानी भरा, एटा में किसान ने दम तोड़ा केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने CM योगी को लेटर लिखा है। ब्रज क्षेत्र में बाढ़ से प्रभावित किसानों की फसलों के नुकसान पर चिंता जाहिर की है। किसानों को राहत देने की मांग की है। जयंत ने लेटर में लिखा- पिछले दिनों मैंने उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया। जहां देखा कि बाढ़ के कारण किसानों की फसलों को बहुत नुकसान हुआ है। उन्हें तत्काल राहत पहुंचाए जाने की जरूरत है। जयंत ने योगी से अपील की है कि पूरे उत्तर प्रदेश के साथ-साथ ब्रज क्षेत्र के प्रभावित गांवों का भी प्राथमिकता के आधार पर सर्वे कराया जाए। किसानों को फसल बीमा योजना के तहत उचित मुआवजा दिया जाए। ब्रज के जिलों में बाढ़ से बर्बादी देखिए- मथुरा में किसान बोले- हम बर्बाद हो गए मथुरा में खेतों में पानी भरने से धान की फसलें डूब गई हैं। छाता क्षेत्र के खायरा गांव के खेतों में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है। किसान बनवारी पांडेय ने बताया- हमारी फसल डूब गई है। हम तो बर्बाद हो गए हैं। अब गेहूं की फसल की बुवाई भी नहीं हो पाएगी। एटा में फसल देखकर किसान को आया हार्ट अटैक, मरने से पहले बोले- मैं बर्बाद हो गया एटा में 21 सितंबर को किसान बलवीर सिंह (52) खेत गए। बारिश से खराब फसल देखकर उन्हें हार्ट अटैक आ गया। बेटे रोहित ने बताया- खेत में खड़ी मिर्च और बाजरे की फसल में पानी भर गया था। पिता जी फसल की हालत देखकर रोने लगे। कहा- अब तो मैं बर्बाद हो गया, इतने में वो खेत में गिर पड़े। रोहित ने थाना सकरौली में तहरीर देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। अलीगढ़ में धन की फसल पकते ही गिर गई अलीगढ़ में 11 से 13 सितंबर तक भारी बारिश हुई। इसके बाद फिर 17 और 18 सितंबर को मूसलाधार बारिश हुई। खेत पानी से भर गए। धान की फसल पक चुकी है, इसी बीच बारिश में कहीं फसल डूब गई तो कहीं गिर गईं। किसानों के नुकसान का जायजा लेने के लिए DM विशाख जी. खेतों पर पहुंचे। उनसे किसानों ने जल्द मुआवजा देने की मांग की है। आगरा में पानी में डूबी फसलें सड़ गईं आगरा में बारिश की वजह से किरावली के ब्यारा समेत कई गांवों में धान, बाजरा की फसलें पानी में डूब गई हैं। अब फसलें सड़ रही हैं। ब्यारा नयावास में किसानों की करीब 300 बीघा धान, बाजरा और कपास की फसलें बर्बाद हो गईं। किसान संघ के प्रदेश मंत्री मोहन सिंह चाहर पीड़ित किसानों को लेकर किरावली में SDM से मिले और उन्हें खराब फसलों की फोटो दिखाकर, किसानों के लिए मुआवजा मांगा। मैनपुरी में हवा से फसलें गिरकर खराब हुईं मैनपुरी में बारिश और हवा से धान, मक्का, बाजरा आदि की फसलें गिर गई हैं। किशनी के ग्राम पंचायत बसैत के किसान सलीम अली ने कहा- मैंने 25 से 30 बीघा धान साझेदारी पर लगाया था। उधार लेकर खेती की, अब फसल गिर गई। किसान विमल जाटव ने कहा- मैंने धान, मक्का, बाजरे की फैसलें बोई थी, लेकिन अब पूरी फसल चौपट हो गई। किसान रामकुमार ने कहा- 12 से 15 बीघा धान रोपा था। बाली भी बहुत अच्छी आई थी। इसी बीच आंधी-पानी में फसल चौपट हो गई। फसल बीमा के लिए 72 घंटे में सूचना देनी होगी
अलीगढ़ के उप कृषि निदेशक कृषि यशराज सिंह का कहना है कि बारिश या अन्य कारणों से फसलों को नुकसान हुआ है तो किसान नुकसान की सूचना लिखित रूप से दें। किसान जिले की बीमा कंपनी के प्रतिनिधि या कृषि विभाग के विकास खंड, तहसील और जिला स्तरीय किसी भी कार्यालय में सूचना दे सकते हैं। यह सूचना नुकसान के 72 घंटे के भीतर देना जरूरी है। इसके साथ ही फसल बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर 14447 पर फोन करके भी सूचना दे सकते हैं। ये भी पढ़ें:- यूपी में खाने की दुकानों पर नेमप्लेट अनिवार्य: योगी ने कहा- खाने की चीजों में मानव अपशिष्ट मिलाना वीभत्स योगी सरकार ने खाने की दुकानों पर नेमप्लेट यानी दुकानदार का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया है। सीएम योगी ने मंगलवार को यह आदेश दिए। उन्होंने कहा- खाने-पीने की चीजों में मानव अपशिष्ट मिलाना वीभत्स है। यह कतई बर्दाश्त नहीं। ऐसा करने पर कठोर कार्रवाई होगी। मंगलवार को योगी ने खाद्य विभाग के साथ बैठक की। सीएम ने कहा- प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट की गहन जांच की जाए। हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाए। पढ़ें पूरी खबर…
लखनऊ के चेतराम रेस्टोरेंट में डिश के अनोखे नाम:चूर-चूर नान, भटूरे संग स्पेशल पिंडी छोले, चुलबुली लस्सी-छबीले रायते का टेस्ट लाजवाब
लखनऊ के चेतराम रेस्टोरेंट में डिश के अनोखे नाम:चूर-चूर नान, भटूरे संग स्पेशल पिंडी छोले, चुलबुली लस्सी-छबीले रायते का टेस्ट लाजवाब अगर आप किसी रेस्टोरेंट या होटल में खाना खाने जाएं और डिश का नाम सुनकर ही चेहरे पर मुस्कान आ जाए तो मूड बन जाता है। ऐसा ही कुछ मिलता है लखनऊ के चेतराम रेस्टोरेंट में। यहां पिंडी छोले और चूर-चूर नान या भटूरे के साथ कस्टमर्स को चुलबुली लस्सी, मस्त मट्ठा और छबीला रायता सर्व किया जाता है। रेस्टोरेंट ओनर का कहना है कि डिशेज के ऐसे नाम इसलिए रखे गए हैं ताकि खाने वाले चेहरों पर मुस्कान भी अपने साथ ले जाएं। आज की जायका सीरीज में हम आपको लिए चलते हैं आराम बाग के लालबाग स्थित चेतराम रेस्टोरेंट। यहां के शॉप ऑनर बताते हैं कि हमारे यहां पिंडी छोले के साथ भटूरे और चूर-चूर नान सर्व की जाती है, जिसे यहां आने वाले लोग काफी पसंद करते हैं। वहीं हमारे यहां पहली बार आने वाले लोग जब लस्सी, मट्ठे या रायते का नाम सुनते हैं तो मुस्कुरा देते हैं। डिश का नाम सुनते ही चेहरे पर हंसी
चेतराम रेस्टोरेंट के ओनर पुनीत कुमार अग्रवाल (चेतन अग्रवाल) कहते हैं कि लस्सी तो पूरे शहर में मिलती है। लेकिन चुलबुली बोलते ही सामने वाले का मूड बदल जाता है। ऐसा ही कुछ रायते और मट्ठे के साथ भी है। वहीं, रायते की खासियत के बारे में उन्होंने बताया कि हमारे एक चम्मच रायता चखते ही उसका पूरा स्वाद आपको मिलता है। हम इसे खास तौर पर नमक, जीरा, काला नमक और पुदीना डालकर बनाते हैं। हमारे मट्ठे का भी कुछ ऐसा ही मामला है। मट्ठा वह जो मस्त करे दे, इसलिए खाने के साथ मिलने वाली इन चीजों का नाम हमने इस तरह से रखा है। 2022 में शुरू किया रेस्टोरेंट
पुनीत कहते हैं कि रेस्टोरेंट की शुरुआत 5 फरवरी, 2022 को हुई। रेस्टोरेंट में हमें रेवेन्यू चैलेंज नहीं था, हमारे लिए यहां पर असल चैलेंज था कि लोग खुश होकर वापस जाएं। वहीं रेस्टोरेंट के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि यह यूनिक आइडिया नहीं है। यह मैंने खुद ही अपने नाम चेतन के आगे चेत राम लिखकर किया। आम तौर पर ट्रेडिशनल तरीके से जैसे भारत में और भी लोगों के बड़े-बड़े लोगों के नाम में राम लगा देते हैं ऐसे ही हमने भी रेस्टोरेंट का नाम चेतराम कर दिया। पिंडी छोले यानी रावलपिंडी के छोले
पुनीत बताते हैं कि हम यहां पर पिंडी छोले सर्व करते हैं। आम तौर पर यह डिश पाकिस्तान के रावलपिंडी की है। जहां पर इसे बनाने का तरीका इजाद किया गया। यह भी कह सकते हैं कि आज भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो कि नाश्ते में छोले-भटूरे पसंद करते हैं। हम इन छोले में प्याज-लहसुन का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करते। इसमें छोले का खुद एक जायका होता है जो खाने वाले के मुंह में घुल जाता है। इसमें छोले को उबालकर मसालों के मिश्रण से बनाया जाता है। हालांकि, इसमें हम अदरक के साथ ही थोड़ा अनारदाना भी डालते हैं। ऐसे बनती है चूर-चूर नान
चूर-चूर नान बनाने के लिए सफेद आटा, बेकिंग पाउडर और नमक को अच्छी तरह से मिलाएं और पानी के साथ दूध डालें। नम आटा तैयार होने तक अच्छी तरह मिलाएं। फिर ऊपर से घी डालें, आटे को बार-बार दबाएं और इसे एक गीले सूती कपड़े से ढक दें। इसे लगभग 30 मिनट तक छोड़ दें। दूसरी ओर पनीर, मसाले और बीज सहित सभी सामग्री एक कटोरे में घी के साथ मिलाएं। अब आटे को हाथों से फैलाएं और उसमें घी लगाएं। इसे छोटे-छोटे गोलों में काट लें और आराम से दबाते हुए रोटी का आकार दें। इन्हें 10 मिनट के लिए रख दें। अब स्टफिंग को आटे के गोल टुकड़ों में डालें। इसे अच्छी तरह से मोड़ें, इसे सूखे आटे पर रोलिंग पिन की मदद से फैलाएं। अब इसे तंदूर में सेकें। धीमी आंच पर इसे पकाने से यह कुरकुरा हो जाता है। पिंडी छोले का इतिहास जानिए…
ऐसा बताया जाता है कि फिलहाल पश्चिमी पंजाब जो कि अब पाकिस्तान में है। वहां से जब शरणार्थी दिल्ली आए, तो उनके साथ छोले की एक वैराइटी भी देश में आई। जिसे फूले हुए भटूरे के साथ परोसा जाता है, इसे पिंडी चना कहा जाता था। इससे बनने वाले छोले पिंडी छोले कहलाते थे। इस रैसिपी में पाकिस्तान के रावलपिंडी का नाम छिपा है। वहां पर इसे ट्रेडिशनल तरीके से बताया जाता है, इसमें काबुली चने को आंवले के साथ उबाला जाता है। फिर अनारदाना, जीरा, अदरक और साथ ही कई तरह के गरम मसाले मिलाया जाता है। खास बात यह कि इसमें किसी तरह की ग्रेवी नहीं होती है। लस्सी को रूह अफजा के साथ किया जाता है सर्व
पुनीत अग्रवाल बताते हैं हमारे यहां लस्सी तो सामान्य लस्सी की तरह है। इसके टेस्ट को बढ़ाने के लिए इसमें रबड़ी, ड्राइ फ्रूट और रूह अफजाह डालते हैं, जिससे इसमें एक अलग फ्लेवर आता है। वहीं रबडी़ थोड़ी ड्राई फॉर्म में डालते हैं. जो कि मुंह में अलग ही स्वाद देती है।
हरियाणा स्टेट इलेक्शन कमीशन ने जारी किया शेड्यूल:23 दिसंबर तक बनवा सकेंगे वोट; 6 को आएगी फाइनल सूची, संशोधित लिस्ट पर होंगे चुनाव
हरियाणा स्टेट इलेक्शन कमीशन ने जारी किया शेड्यूल:23 दिसंबर तक बनवा सकेंगे वोट; 6 को आएगी फाइनल सूची, संशोधित लिस्ट पर होंगे चुनाव हरियाणा में शहरों की सरकार चुनने का इंतजार जल्दी खत्म हो सकता है। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के दखल के बाद स्टेट इलेक्शन कमीशन (SEC) निकाय चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में आ गया है। तय किया गया है कि इसी महीने तक जरूरी बदलाव करने के बाद 6 जनवरी तक वोटर लिस्ट फाइनल कर दी जाएगी। स्टेट इलेक्शन कमिश्नर धनपत सिंह ने प्रदेशभर के उपायुक्त व नगर निगम कमिश्नर सहित अन्य अफसरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के लिए शेड्यूल भी जारी कर दिया है। SEC ने ये जारी किया है शेड्यूल राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि 16 दिसंबर तक पूर्व में प्रकाशित की गई अंतिम मतदाता सूची का वितरण किया जाएगा। संबंधित मतदाता सूची के आधार पर ही लोकसभा व विधानसभा चुनाव करवाए जा चुके हैं। अब निकाय स्तर पर सभी बूथों पर 17 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रारंभिक ड्राफ्ट रखवाया जाएगा, जिससे इन वॉर्डों के वोटर मतदाता सूची में अपना नाम, पता, फोटो आदि देख सकेंगे। ड्राफ्ट के आधार पर मतदाता सूची में संशोधन के लिए नए वोट बनवाने, कटवाने और संशोधन के लिए 23 दिसंबर तक फॉर्म जमा करवा सकते हैं। संशोधित लिस्ट के आधार पर होंगे चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन चुनाव नियम-1994 के तहत 27 दिसंबर तक दावे और आपत्तियों के तौर पर जमा हुए सभी आवेदनों का सक्षम अधिकारियों की ओर से निपटारा किया जाएगा। मतदाता को किसी निर्णय पर आपत्ति है तो वह 31 दिसंबर तक उपायुक्त के सामने अपील कर सकता है। इन अपीलों का निवारण तीन जनवरी-2025 तक कर दिया जाएगा। इसके बाद छह जनवरी को नई मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। संशोधित मतदाता सूची के आधार पर निकाय चुनाव करवाए जाएंगे। इन नगर निगमों में होने हैं चुनाव हरियाणा के जिन निकायों के चुनाव लंबित हैं, उनमें आठ नगर निगम, चार नगर परिषद और 23 नगर पालिकाएं शामिल हैं। इन निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद चुनाव परिसीमन, लोकसभा-विधानसभा चुनाव और आरक्षण में फंसे रहे। पिछले साल एक एनजीओ जनाग्रह ने अपने सर्वे में पाया था कि गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत देश के 1400 से अधिक शहरों में निर्वाचित मेयर व पार्षद नहीं हैं। जनता के प्रतिनिधि नहीं होने से शहरों में समस्याओं के अंबार हैं। दो महीने में चुनाव के आदेश दे चुका है हाई कोर्ट आयोग ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम बाद में घोषित किया जाएगा। मामले में पहले ही पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट दो महीने में चुनाव करवाने के आदेश दे चुका है। हरियाणा म्यूनिसिपल एक्ट-1994 की बात की जाए तो निगम पार्षदों का कार्यकाल समाप्त होने के छह माह में चुनाव करवाना जरूरी है। 2022 में गुड़गांव और दूसरे नगर निगमों में पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। ऐसे में दो साल से अधिक समय से शहर की सरकार के लिए चुनाव नहीं हुए हैं।