पार्वती नदी में बिना सूचना पानी छोड़ने का मामला:कुल्लू विधायक ने एनएचपीसी के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर, एक व्यक्ति अभी भी लापता

पार्वती नदी में बिना सूचना पानी छोड़ने का मामला:कुल्लू विधायक ने एनएचपीसी के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर, एक व्यक्ति अभी भी लापता

हिमाचल के कुल्लू में एनएचपीसी पार्वती परियोजना चरण-3 के अधिकारियों पर लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है। विधायक सुंदर ठाकुर ने एसपी कुल्लू को शिकायत पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। घटना 22 मई को हुई, जब एनएचपीसी ने बरशेणी डैम से बिना किसी पूर्व सूचना के पानी छोड़ दिया। इससे पार्वती नदी में अचानक बाढ़ आ गई। बाढ़ में दो लोग बह गए, जिनमें से एक का शव मिल गया है। दूसरे व्यक्ति की तलाश के लिए सुबह 7 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। मणिकर्ण थाने के एसआई संजीव वालिया के अनुसार, लापता हुए व्यक्ति की तलाश के लिए तीन टीमें तलाश में लगी हैं। फायर स्टेशन की टीम जरी क्षेत्र में और पुलिस की दो टीमें कसोल, कटागला और छलाल क्षेत्र में खोज कर रही हैं। इस घटना के बाद भी पर्यटक नदी किनारे फोटोग्राफी करने पहुंच रहे हैं। रेस्क्यू टीम को उन्हें वहां से हटाना पड़ रहा है। पुलिस ने पर्यटकों से नदी किनारे न जाने की अपील की है। विधायक सुंदर ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा है कि एनएचपीसी की लापरवाही से दो निर्दोष लोगों की जान गई है। कई अन्य लोग भी बाल-बाल बचे हैं। उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। व्यवसायिक प्रतिष्ठान खतरे में पडे़ नदी के किनारे स्थित आवासीय और व्यवसायिक प्रतिष्ठान गंभीर खतरे में पड़ गए, और स्थानीय लोगों को भारी आघात और व्यवधान का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। 10 जुलाई 2024 को भी बिना किसी सार्वजनिक चेतावनी के इसी तरह पानी छोड़े जाने से सैंज क्षेत्र में भारी तबाही मची थी और 30 से ज़्यादा घर और 40 दुकानें बह गई थीं। जोखिमों के बारे में जानकारी होने और पहले से चेतावनी दिए जाने के बावजूद, एनएचपीसी के अधिकारियों ने एक बार फिर बिना उचित प्रोटोकॉल के बांध का पानी छोड़ा है, जो बांध सुरक्षा मैनुअल, आपदा प्रबंधन दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का उल्लंघन है। बार-बार की गई यह कार्रवाई मानव जीवन और सुरक्षा के प्रति लापरवाही दिखाती है, जो भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) के तहत आपराधिक लापरवाही और गैर इरादतन हत्या के बराबर है। समन्वय स्थापित करने में विफलता : विधायक उन्होंने आरोप लगाया है कि 22 मई को पानी छोड़े जाने से पहले कोई सायरन या पूर्व चेतावनी प्रणाली सक्रिय नहीं की गई थी। 2025 एनएचपीसी वर्षा के कारण बढ़े जल स्तर के बारे में जानकारी होने के बावजूद स्थानीय अधिकारियों और आपदा प्रबंधन कर्मियों के साथ समन्वय करने में विफल रही। एनएचपीसी का पर्यावरण और संरचनात्मक उल्लंघनों का इतिहास (जैसे, अवैध मलबा डंपिंग, सुरंग रिसाव, गांव की सड़कों को नुकसान) सुरक्षा मापदंडों और मानक संचालन प्रक्रियाओं के प्रति उपेक्षा का एक पैटर्न दर्शाता है। उन्होंने कहा है कि पार्वती परियोजना पर विभिन्न धाराओं के तहत मामले बनते हैं। जिसमें बीएनएस, 2023 की धारा 106 (1) लापरवाही से मौत का कारण बनना, बीएनएस, 2023 की धारा 125, गैर इरादतन हत्या, बीएनएस, 2023 की धारा 137, दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य, बीएनएस, 2023 की धारा 271, सार्वजनिक उपद्रव, बीएनएस, 2023 की धारा 273, मशीनरी या विस्फोटक के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण पर मामले दर्ज किए जाएं। हिमाचल के कुल्लू में एनएचपीसी पार्वती परियोजना चरण-3 के अधिकारियों पर लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है। विधायक सुंदर ठाकुर ने एसपी कुल्लू को शिकायत पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। घटना 22 मई को हुई, जब एनएचपीसी ने बरशेणी डैम से बिना किसी पूर्व सूचना के पानी छोड़ दिया। इससे पार्वती नदी में अचानक बाढ़ आ गई। बाढ़ में दो लोग बह गए, जिनमें से एक का शव मिल गया है। दूसरे व्यक्ति की तलाश के लिए सुबह 7 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। मणिकर्ण थाने के एसआई संजीव वालिया के अनुसार, लापता हुए व्यक्ति की तलाश के लिए तीन टीमें तलाश में लगी हैं। फायर स्टेशन की टीम जरी क्षेत्र में और पुलिस की दो टीमें कसोल, कटागला और छलाल क्षेत्र में खोज कर रही हैं। इस घटना के बाद भी पर्यटक नदी किनारे फोटोग्राफी करने पहुंच रहे हैं। रेस्क्यू टीम को उन्हें वहां से हटाना पड़ रहा है। पुलिस ने पर्यटकों से नदी किनारे न जाने की अपील की है। विधायक सुंदर ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा है कि एनएचपीसी की लापरवाही से दो निर्दोष लोगों की जान गई है। कई अन्य लोग भी बाल-बाल बचे हैं। उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। व्यवसायिक प्रतिष्ठान खतरे में पडे़ नदी के किनारे स्थित आवासीय और व्यवसायिक प्रतिष्ठान गंभीर खतरे में पड़ गए, और स्थानीय लोगों को भारी आघात और व्यवधान का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। 10 जुलाई 2024 को भी बिना किसी सार्वजनिक चेतावनी के इसी तरह पानी छोड़े जाने से सैंज क्षेत्र में भारी तबाही मची थी और 30 से ज़्यादा घर और 40 दुकानें बह गई थीं। जोखिमों के बारे में जानकारी होने और पहले से चेतावनी दिए जाने के बावजूद, एनएचपीसी के अधिकारियों ने एक बार फिर बिना उचित प्रोटोकॉल के बांध का पानी छोड़ा है, जो बांध सुरक्षा मैनुअल, आपदा प्रबंधन दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का उल्लंघन है। बार-बार की गई यह कार्रवाई मानव जीवन और सुरक्षा के प्रति लापरवाही दिखाती है, जो भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) के तहत आपराधिक लापरवाही और गैर इरादतन हत्या के बराबर है। समन्वय स्थापित करने में विफलता : विधायक उन्होंने आरोप लगाया है कि 22 मई को पानी छोड़े जाने से पहले कोई सायरन या पूर्व चेतावनी प्रणाली सक्रिय नहीं की गई थी। 2025 एनएचपीसी वर्षा के कारण बढ़े जल स्तर के बारे में जानकारी होने के बावजूद स्थानीय अधिकारियों और आपदा प्रबंधन कर्मियों के साथ समन्वय करने में विफल रही। एनएचपीसी का पर्यावरण और संरचनात्मक उल्लंघनों का इतिहास (जैसे, अवैध मलबा डंपिंग, सुरंग रिसाव, गांव की सड़कों को नुकसान) सुरक्षा मापदंडों और मानक संचालन प्रक्रियाओं के प्रति उपेक्षा का एक पैटर्न दर्शाता है। उन्होंने कहा है कि पार्वती परियोजना पर विभिन्न धाराओं के तहत मामले बनते हैं। जिसमें बीएनएस, 2023 की धारा 106 (1) लापरवाही से मौत का कारण बनना, बीएनएस, 2023 की धारा 125, गैर इरादतन हत्या, बीएनएस, 2023 की धारा 137, दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य, बीएनएस, 2023 की धारा 271, सार्वजनिक उपद्रव, बीएनएस, 2023 की धारा 273, मशीनरी या विस्फोटक के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण पर मामले दर्ज किए जाएं।   हिमाचल | दैनिक भास्कर