पीएम मोदी से मिले देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे की नाराजगी पर क्या बोले अजित पवार? पीएम मोदी से मिले देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे की नाराजगी पर क्या बोले अजित पवार? महाराष्ट्र मानवाधिकार कार्यकर्ता नदीम खान को दिल्ली HC ने इस मामले में दिया प्रोटेक्शन, नहीं हो सकती गिरफ्तारी
Related Posts
रिटायर्ड सब-लेफ्टिनेंट को डिजिटल अरेस्ट कर 98 लाख ठगे:साइबर अपराधियों ने 22 दिन ऑनलाइन रखा, FD-सेविंग समेत पेंशन की रकम ले ली
रिटायर्ड सब-लेफ्टिनेंट को डिजिटल अरेस्ट कर 98 लाख ठगे:साइबर अपराधियों ने 22 दिन ऑनलाइन रखा, FD-सेविंग समेत पेंशन की रकम ले ली वाराणसी में साइबर ठगों ने भारतीय जल सेना से रिटायर्ड ऑनरी सब लेफ्टीनेंट को डिजिटल अरेस्ट कर 98 लाख रुपये की ठगी कर ली। साइबर अपराधियों ने पूर्व अफसर को लगातार 22 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। कभी पुलिस अफसर, कभी जज और कभी विवेचना अधिकारी बनकर कई दिन टार्चर किया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर अलग-अलग खातों में 98 लाख रुपये ले लिए, जब खाते खाली हो गए तो रिहा कर दिया। बुधवार की रात पीड़ित ने साइबर थाने पहुंचकर साइबर ठगी की जानकारी दी और पूरा घटनाक्रम भी बताया कि 11 नवंबर से 3 दिसंबर तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा गया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस अब सभी नंबरों की लोकेशन और नेटवर्क खंगाल रही है, पहली जांच में कॉल करने वाले तीनों नंबर बंद मिले हैं। सारनाथ थाना क्षेत्र के माधव नगर कॉलोनी निवासी अनुज कुमार यादव भारतीय जल सेना में ऑनरी सब लेफ्टिनेंट के पद कार्यरत थे। 31 जुलाई 2024 को सेवानिवृत्त हुए तो कई दिनों से अपने पैतृक गांव बलिया के मरगूपुर फेफना में रहे थे। इसके बाद आशापुर माधव नगर स्थित आवास पर आ गए। अनुज कुमार यादव के मोबाइल पर 11 नवंबर को सुबह 11 बजे अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का अधिकारी बताया और कहा कि आपके नंबर पर सिम जारी हुआ है, जिससे गैर कानूनी गतिविधियां की जा रही हैं। कोलाबा पुलिस स्टेशन पर संपर्क करिए। फिर दूसरे नंबर से कॉल आई, जिसने बताया कि आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। इस केस के विवेचना अधिकारी विजय खन्ना के मोबाइल पर अपना एफआईआर नंबर व्हाट्स एप करिए, वह आपसे संपर्क करेंगे। इसके बाद लगातार कॉल और मैसेज भेजने पर वह लोग विवेचना अधिकारी और पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का नाम लेकर कॉल करते। पूर्व सीजेआई का फोटो लगाकर व्हाट्एप मैसेज करके डराते और धमकाया। कहा कि आपका नाम नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग के केस में आ गया है। उससे संबंधित केनरा बैंक में आपका खाता खुला है। सीबीआई चीफ आकाश फुलहरी बनकर व्हाट्सएप के विभिन्न नंबरों और अन्य माध्यम से डराया व धमकाया गया। खातों की जांच बताकर धनराशि बैंकों में ट्रांसफर कराई अनुज ने बताया कि पहले दिन ही कॉलर ने मेरे खिलाफ केस में जांच में मेरे खाते बंद किए जाने की बात कही। नगदी किसी और खाते में ट्रांसफर करने की छूट देकर जांच के बाद मेरा पैसा वापस मिलने का आश्वासन दिया। इसके बाद उन लोगों ने मुझसे 14 नवंबर को इंडसइंड बैंक के खाते में 33 लाख रुपये, 16 नवंबर को कोटक महिंद्रा बैंक में 50 लाख रुपये ट्रांसफर कराए। इसके बाद 18 नवंबर और 3 दिसंबर को आईसीआईसीआई बैंक में 7.5-7.5 लाख रुपये आरटीजीएस कराए। इसमें रिटायरमेंट की रकम, फिक्स और पेंशन सब कुछ ले लिया। उन्होंने यहां तक डराया कि यह नेशनल सिक्योरिटी का मामला है, अगर आप आत्महत्या या किसी को इसके बारे में बताएंगे तो हम उससे भी वसूली कर लेंगे। पति पत्नी को डराकर तुड़वाई एफडी पीड़ित अनुज ने बताया कि साइबर अपराधियों ने कूटरचित दस्तावेज, प्रतिभूति भेजकर मुझको व मेरी पत्नी रीना यादव को वीडियो कॉल पर गिरफ्तार करते हुए और मुकदमे से नाम बाहर निकालने के नाम पर डरा धमका
कर मुझसे कुल 98 लाख रुपये धोखाधड़ी की रिटायरमेंट के बाद मिले हुए सारे पैसे, पेंशन आदि फिक्स डिपाजिट तुड़वाकर पैसे ले लिए। जब घर के बाहर निकलना चाहा तो हत्या की धमकी भी दी। बेटे के आने पर बताई पूरी कहानी रिटायर्ड ऑनरी सब लेफ्टीनेंट अनुज कुमार यादव का बेटा एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करता है और कई दिनों से बात नहीं हो पाने के कारण वह 3 दिसंबर को घर आया। उसने जब माता-पिता की दशा देखी तो पूरा मामला जाना। इसके बाद पूरे घटनाक्रम को साइबर ठगी भांपते हुए 4 दिसंबर को सारनाथ थाने पहुंचा और पुलिस को पूरी जानकारी दी। थाना पुलिस ने पीड़ितों को साइबर क्राइम थाने भेजा, जहां बुधवार की रात केस दर्ज किया गया। अब पुलिस इस साइबर ठगी में शामिल सभी नंबरों को सर्विलांस पर लगाकर उनकी लोकेशन, कॉल डिटेल, बीटीएस और वर्किंग टाइम खंगाल रही है।
कनाडा में गिरफ्तार पंजाब के आतंकी की कहानी:परिवार ने पढ़ने के लिए विदेश भेजा, भारत लौट गैंगस्टर को मारा, 70 से ज्यादा मामलों में वांटेड
कनाडा में गिरफ्तार पंजाब के आतंकी की कहानी:परिवार ने पढ़ने के लिए विदेश भेजा, भारत लौट गैंगस्टर को मारा, 70 से ज्यादा मामलों में वांटेड खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कनाडा के हॉल्टन में हुई शूटिंग के मामले में उसकी गिरफ्तारी की चर्चा है। हालांकि, इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की। अर्श डल्ला आखिरकार है कौन, जिसने भारत सरकार और पंजाब सरकार का सिर दर्द बढ़ाया हुआ है? कैसे गैंगस्टर बना? कैसे विदेश भागा और परिवार क्या करता है? गिरफ्तारी की चर्चा के बाद ये सभी सवाल लोगों के दिमाग में उठ रहे हैं। मोटी-मोटी जानकारी है कि डल्ला ने एक बदमाश की हत्या कर उसकी ID से मोगा से करोड़ों की उगाही की। फिर विदेश में रह रही एक राजस्थानी लड़की के साथ पेपर मैरिज कर विदेश भाग गया और वहां जाकर खालिस्तानी आतंकी संगठनों के साथ जुड़ गया। देश में 70 से ज्यादा केसों में वांटेड 28 साल का अर्श डल्ला शुरू से क्रिमिनल नहीं था, लेकिन आज भारत के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स में डल्ला का भी नाम आता है। सुरक्षा एजेंसियों ने उसके घर सहित अन्य प्रॉपर्टियां अटैच की हुई हैं। सिलसिलेवार जानिए, अर्श डल्ला कैसे बना भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी… खेती करते थे डल्ला के पिता
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उसका आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) अर्श डल्ला ही चला रहा है। डल्ला का जन्म 1996 में मोगा के गांव डाला में हुआ था। उसके पिता चरणजीत सिंह गिल एक आम किसान थे, जोकि ठेके पर जमीन लेकर खेती करते थे। डल्ला शुरू से आपराधिक संगत में नहीं था। आर्थिक तंगी से प्राइवेट स्कूल छोड़ा
अर्श डल्ला ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई मोगा के सेक्रेड हार्ट स्कूल से की। उसका छोटा भाई भी उसके साथ पढ़ता था। आर्थिक तंगी के चलते 10वीं के बाद 12वीं तक की पढ़ाई डल्ला ने अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से की। दोस्तों के साथ झगड़ा करने पर पहली FIR हुई
12वीं के बाद अर्श डल्ला ने भारत में पढ़ाई नहीं की। इस दौरान डल्ला की संगत बुरी हुई तो उसके लड़ाई-झगड़े भी होने लगे। पहली बार अर्श ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मोगा में एक झगड़ा किया था, जिसमें पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद डल्ला ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विदेश से लौट मोगा में की गैंगस्टर सुक्खा लम्मा की हत्या
परिवार ने अर्श को किसी तरह से विदेश भेज दिया। जब विदेश गया तो उसकी मोगा के बदमाश सुक्खा लम्मा के साथ किसी बात को लेकर दुश्मनी हो गई। इसके बाद वह विदेश से भारत लौट आया और उसने सुक्खा लम्मा की अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। सुक्खा अपने एरिया में काफी प्रभाव रखता था। यह पहली हत्या थी, जोकि अर्श द्वारा की गई थी। डल्ला ने लम्मा की हत्या के बाद उसके सोशल मीडिया अकाउंट से कई लोगों से उगाही की और फिरौतियां मांगीं। लम्मा का नाम सुनकर लोगों ने फिरौतियां दी भी। साल 2020 में ही डल्ला दोबारा विदेश भाग गया था। इसके बाद कनाडा से मोगा के चर्चित कारोबारी सुपर शाइन जींस शोरूम के मालिक जितेंद्र उर्फ पिंका (45) की गोली मारकर हत्या करवाई गई थी। इसकी जिम्मेदारी गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह लम्मा ने फेसबुक पर ली गई थी। जांच में पता चला कि हत्या अर्श ने करवाई थी, लेकिन जिम्मेदारी लम्मा के अकाउंट से ली गई। राजस्थान की लड़की से पेपर मैरिज कर भागा विदेश
सुक्खा की हत्या के बाद डल्ला की मोगा में दुश्मनी बढ़ गई थी। इसके बाद डल्ला ने उगाही के पैसों से विदेश भागने का प्लान बनाया। विदेश भागने में उसकी मदद खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के गुर्गों ने की थी। उसने राजस्थान की एक लड़की से पेपर मैरिज की और जालंधर से एक फेक पासपोर्ट बनवाया। पेपर मैरिज के प्रूफ लगाकर वह किसी तरह कनाडा भाग गया और सरे में जाकर शरण ले ली। कनाडा पहुंचते ही वह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के संपर्क में आ गया था। बाद में कनाडा के सरे में ही अर्श डल्ला की एक बेटी हुई। वहां से डल्ला ने एक-एक कर पूरे देश में वारदातें करवानी शुरू कीं। इस दौरान अर्श के भाई बलदीप सिंह की भी गिरफ्तारी हुई। जब बलदीप सिंह जमानत पर लौटा तो वह अपनी मां के साथ कनाडा भाग गया और वहां से कभी नहीं लौटा। डल्ला का पिता मोगा में लोगों को धमकाकर मांगता था फिरौती
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी अर्श डल्ला जब विदेश भागा और पूरे देश में उसका नाम टॉप मोस्ट गैंगस्टरों में आने लगा तो उसके पिता चरणजीत सिंह गिल ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया। चरणजीत सिंह ने मोगा और आसपास के रसूकदारों से उगाही करनी शुरू कर दी। इस बारे में जब पंजाब पुलिस को पता चला तो चरणजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेजा गया और वह इस वक्त पंजाब की संगरूर जेल में बंद है। पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, पूरे देश में डल्ला पर करीब 70 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस पंजाब में दर्ज हैं, जिसकी गिनती 50 है। केंद्र सरकार ने 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया
केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने साल 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया। गैंगस्टर और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) ऑपरेटिव अर्श डल्ला को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में आतंकी घोषित किया गया था। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार, वर्तमान में कनाडा में रह रहे अर्श डल्ला के तार KTF से जुड़े हुए हैं। अर्शदीप NIA द्वारा रजिस्टर्ड और जांच किए गए विभिन्न मामलों में आरोपी पाया जा चुका है। इसके बाद केंद्र सरकार ने अर्श को रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करवाया था। गैंग में 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी घोषित होने के बाद अर्श के 60 से ज्यादा साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनसे हथियार बरामद किए गए। ज्यादातर हथियारों का लिंक पाकिस्तान से पाया गया। इस वक्त कनाडा से खालिस्तान संगठन ऑपरेट कर रहे अर्श के साथ करीब 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर हैं, जो उसके इशारे पर वारदातें करते हैं। साथ ही निज्जर की मौत के बाद अब KTF का भी सारा कार्यभार अर्श डल्ला देखता है। आतंकी अर्शदीप डल्ला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें – कनाडा में खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला हिरासत में:हरदीप सिंह निज्जर का करीबी, पिछले महीने शूटआउट के बाद पुलिस ने पकड़ा था खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला को कनाडा में हिरासत में लिया गया है। अर्शदीप, हरदीप सिंह निज्जर का करीबी है। दरअसल 28 अक्टूबर को कनाडा के मिल्टन शहर में एक शूटआउट हुआ था। 29 अक्टूबर को वहां की स्थानीय पुलिस ने बयान जारी करते हुए बताया था कि उन्होंने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन इस दौरान पुलिस ने आरोपियों की पहचान उजागर नहीं की थी पूरी खबर पढ़ें
लुधियाना में पुलिस अधिकारियों के तबादले:3 SHO- 2 सब इंस्पेक्टर, 3 ASI और मुंशी बदले, तुरंत चार्ज लेने के आदेश
लुधियाना में पुलिस अधिकारियों के तबादले:3 SHO- 2 सब इंस्पेक्टर, 3 ASI और मुंशी बदले, तुरंत चार्ज लेने के आदेश लुधियाना में पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने कई थानों में तैनात पुलिस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। कई अधिकारियों को थानों में तैनात किया तो कईयों को पुलिस लाइन भेजा गया है। पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली के देखते हुए CP चहल ने यह आर्डर जारी किए है। अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से अपने थानों में चार्ज लेने के लिए कहा गया है। जानकारी के मुताबिक, इंस्पेक्टर अमृतपाल शर्मा को पुलिस लाइन से SHO मोती नगर बनाया गया है। इंस्पेक्टर वरिंदरपाल सिंह को थाना मोती नगर से बदल कर पुलिस लाइन भेजा गया है। इंस्पेक्टर जसबीर सिंह को पुलिस लाइन से SHO जोधेवाल बनाया गया। सब इंस्पेक्टर गुरदियाल सिंह को थाना बस्ती जोधेवाल से बदल कर पुलिस लाइन भेजा है। सब इंस्पेक्टर भजन सिंह को कैलाश पुलिस चौकी से एल्डिको पुलिस चौकी तैनात किया गया। इसी तरह ASI सुखजिंदर सिंह को एल्डिको से बदल कर कैलाश पुलिस चौकी भेजा है। ASI कपिल शर्मा को जनक पुरी पुलिस चौकी से थाना डिवीजन नंबर 8 में तैनात किया गया। ASI सतनाम सिंह को थाना डिवीजन नंबर 8 से पुलिस चौकी जनक पुरी ट्रांसफर किया गया। ASI दर्शन सिंह को EO विंग लुधियाना से ASI सिटी ट्रैफिक लगाया गया। हैड कॉन्स्टेबल करन कुमार को सिटी ट्रैफिक पुलिस से पुलिस लाइन भेजा गया है।