‘सपा ने यह ठीक नहीं किया। सोलंकी परिवार ने हमें बहुत सताया है। अगर वो फिर से विधायक बन गए, तो हमारे परिवार के लिए खतरा बना रहेगा। मुझे भाजपा कहेगी, तो मैं उनके लिए सीसामऊ में प्रचार करूंगी। भाजपा ने मेरा खूब साथ दिया है।’ यह कहते हुए नजीर फातिमा का गला भर आता है। नजीर उस केस की पीड़िता हैं, जिसके चलते कानपुर के सीसामऊ से विधायक इरफान सोलंकी की विधायकी चली गई। उन्हें 7 साल की जेल हुई। अब यहां उपचुनाव होने हैं। सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार घोषित किया है। इस केस को 2 साल होने वाले हैं। दैनिक भास्कर की टीम उस प्लॉट पर पहुंची, जहां से विवाद शुरू हुआ। आज भी प्लॉट पर उस रात की आगजनी के निशान (राख) मौजूद हैं। हमने नजीर और उनके बेटे से बात की। उन्होंने क्या-कुछ कहा, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट… एक नजर पूरे मामले पर तारीख- 7 नवंबर 2022, जगह- सीसामऊ की डिफेंस कॉलोनी का पॉश इलाका। रात के करीब 8 बजे यहां आगजनी की गई। इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी ने नजीर फातिमा के घर पर आग लगा दी। मामले में दोनों भाइयों को नामजद किया गया। केस दर्ज हुआ। इरफान और रिजवान को जेल भेजा गया। 2024 में दोनों को सजा सुनाई गई। अब प्लॉट की मौजूदा स्थिति जानते हैं… 500 गज का प्लॉट, इसकी दीवार से सटा विधायक का मकान
जिस प्लॉट के लिए आगजनी की गई। वह कॉर्नर की 500 वर्ग गज जमीन है। इसके ठीक बगल की दीवार इरफान के भाई रिजवान सोलंकी के मकान से सटी है। प्लॉट के गेट पर हमें सबसे पहले पीड़िता नजीर फातिमा के बेटे शमशुल मिले। वह हमें प्लॉट के अंदर ले गए। प्लॉट के चारों और टूटी बाउंड्रीवॉल दिख रही थी। लकड़ी के ऊपर काली तिरपाल डालकर एक गेट लगाया गया है। 500 गज के एक छोटे हिस्से में नजीर फातिमा टूटे मकान में रहती हैं। मकान में आज भी आगजनी वाले दिन के निशान मौजूद हैं। आगजनी के बाद की राख भी नहीं हटाई गई है। प्लॉट के बड़े हिस्से में घास-फूस और पेड़ हैं। नजीर फातिमा के परिवार का कोई न कोई सदस्य हर वक्त यहां मौजूद रहता है। हमें राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है
क्या तुम्हें यहां रहते हुए डर लगता है? शमशुल ने कहा- हम लोगों का पॉलिटिक्स से कोई लेना-देना नहीं है। बस हम ये कह सकते हैं कि कोई भी गरीबों के ऊपर अत्याचार न करें। अब आगे की राजनीति जो लोग भी करेंगे, वो सब समझ चुके हैं कि क्या गलत और क्या सही है। अब हमें किसी का डर नहीं है। शमशुल ने कहा- पुलिस ने जो कार्रवाई की, वो सही हुई। 2 साल का समय बीत चुका है। उस वक्त सब कुछ जल गया, हमारे बच्चे खुले आसमान के नीचे रहते थे। तबीयत तक खराब हो गई। हमने कैसी-कैसी परेशानियां उठाई हैं। बयां नहीं कर सकते। बाहुबली के सामने कोई नहीं खड़ा होता
शमशुल ने कहा- जिस रात घटना को अंजाम दिया गया। मुझे किसी ने सूचना नहीं दी। घर लौटे तो पता चला कि प्लॉट में आग लगा दी है। मौके पर विधायक इरफान और उनके भाई के साथ कई लोग खड़े थे। लेकिन कोई कुछ नहीं बोला। यहां आसपास सभी लोगों ने देखा, लेकिन सब शांत रहे। बाहुबली के आगे कोई भी नहीं खड़ा होता। सिर पर कफन बांधकर लड़े, डर लगा रहता है
नजीर फातिमा के बेटे ने कहा- वो लोग सब कुछ लूटने के बाद भी खड़े रहे। हमने तो सिर पर कफन बांध कर पूरी लड़ाई लड़ी। डर बहुत था, आज भी है और कल भी रहेगा। क्योंकि दुश्मन-दुश्मन ही रहता है। उन्होंने हमेशा से ही अत्याचार किया है। हम क्या उम्मीद रखे कि वो सुधर जाएंगे। मां बहुत बीमार है, बस दाल-रोटी चल रही
शमशुल ने बताया- मेरी मां की तबीयत बहुत खराब है। हर पल डर लगा रहता है कि कब क्या हो जाए। दाल-रोटी चल रही है। हम लोग रोज कमाने-खाने वाले हैं। भाजपा की तारीफ करते हुए शमशुल ने कहा- और सरकारें भी रहीं, लेकिन उन्होंने कभी नहीं समझा। गरीबों की लड़ाई भाजपा ने लड़ी। भाजपा का कोई भी प्रत्याशी सीसामऊ से लड़ेगा, हम उसी का प्रचार करेंगे। पीड़िता बोली- ऊपर वाला सब देख रहा है
पीड़िता नजीर फातिमा मौके पर नहीं मिली तो शमशुल ने मां से फोन पर बात कराई। दैनिक भास्कर के सवालों को फोन पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने ये ठीक नहीं किया। वो फिर विधायक बन गए तो हमारे परिवार को खतरा बना रहेगा। नजीर फातिमा ने कहा- सोलंकी परिवार ने हमको खूब सताया है। उन लोगों ने मेरी जिंदगी नरक कर दी। मुझे भाजपा कहेगी तो सीसामऊ में उनके लिए प्रचार करने जरूर जाऊंगी। भाजपा ने मेरा खूब साथ दिया। आखिर क्यों इस प्लॉट पर आग लगाई गई?
पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी का 3 मंजिला आलीशान मकान विवादित प्लॉट के ठीक बगल में हैं। रिजवान प्लॉट पर गार्डन बनाना चाहते थे। हालांकि, रिजवान ने हमेशा दावा किया कि यह प्लॉट उन्होंने KDA से खरीदा था। प्लॉट के एक चौथाई हिस्से में करीब 2 फीट की दीवार है, जिस पर पहले रिजवान का कब्जा था। अब प्लॉट पूरी तरह नजीर फातिमा के कब्जे में है। मौजूदा समय में प्लॉट की कीमत करीब 5 करोड़ रुपए है। जानिए, आगजनी में नजीर ने क्या कुछ खोया
नजीर फातिमा ने 8 नवंबर, 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान, रिजवान समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को बताया था कि साजिश के तहत उसके अस्थाई घर को तबाह कर दिया गया। ताकि वह घर छोड़कर भाग जाए और विधायक परिवार उस पर कब्जा कर ले। आग से गृहस्थी, फ्रिज, टीवी, सिलेंडर और बाकी सामान जल गया था। पुलिस ने जांच में शौकत, शरीफ और इजराइल आटावाला, अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू और शकील चिकना को इस केस में आरोपी बनाया। इरफान और रिजवान समेत सभी दोषी इस समय में जेल में हैं। इरफान और रिजवान को सजा सुनाई जा चुकी है। 17 साल तक विधायक रहे इरफान सोलंकी
इरफान सोलंकी राजस्थान के अजमेर में 5 जून, 1979 को हाजी मुश्ताक सोलंकी के घर जन्मे। राजनीति इरफान को विरासत में मिली। उनके पिता मुश्ताक सोलंकी मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी रहे। अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए सोलंकी ने पहली बार साल 2007 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में आर्य नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा। वह इस चुनाव में सपा को जीत दिलाने में सफल रहे। इसके बाद 2012 में और 2017 की मोदी लहर में भी सोलंकी को कोई हरा नहीं पाया। ——————————————- यह भी पढ़ें ‘कानपुर IIT ने लावारिस की तरह भेजी बेटी की लाश’:PhD स्कॉलर प्रगति के ताऊ बोले- हमें जानना है कि बिटिया ने ऐसा क्यों किया? कानपुर IIT में PhD स्कॉलर प्रगति ने सुसाइड कर लिया। परिजनों ने आईआईटी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है। घरवालों का कहना है- हमें देर से सूचना दी गई। बेटी की लाश को लावारिस की तरह लादकर घर भेज दिया। किसी ने उसे हाथ तक नहीं लगाया। ऐसा लग रहा था, जैसे वो यहां की स्टूडेंट ही नहीं है। पढ़िए पूरी खबर… ‘सपा ने यह ठीक नहीं किया। सोलंकी परिवार ने हमें बहुत सताया है। अगर वो फिर से विधायक बन गए, तो हमारे परिवार के लिए खतरा बना रहेगा। मुझे भाजपा कहेगी, तो मैं उनके लिए सीसामऊ में प्रचार करूंगी। भाजपा ने मेरा खूब साथ दिया है।’ यह कहते हुए नजीर फातिमा का गला भर आता है। नजीर उस केस की पीड़िता हैं, जिसके चलते कानपुर के सीसामऊ से विधायक इरफान सोलंकी की विधायकी चली गई। उन्हें 7 साल की जेल हुई। अब यहां उपचुनाव होने हैं। सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार घोषित किया है। इस केस को 2 साल होने वाले हैं। दैनिक भास्कर की टीम उस प्लॉट पर पहुंची, जहां से विवाद शुरू हुआ। आज भी प्लॉट पर उस रात की आगजनी के निशान (राख) मौजूद हैं। हमने नजीर और उनके बेटे से बात की। उन्होंने क्या-कुछ कहा, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट… एक नजर पूरे मामले पर तारीख- 7 नवंबर 2022, जगह- सीसामऊ की डिफेंस कॉलोनी का पॉश इलाका। रात के करीब 8 बजे यहां आगजनी की गई। इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी ने नजीर फातिमा के घर पर आग लगा दी। मामले में दोनों भाइयों को नामजद किया गया। केस दर्ज हुआ। इरफान और रिजवान को जेल भेजा गया। 2024 में दोनों को सजा सुनाई गई। अब प्लॉट की मौजूदा स्थिति जानते हैं… 500 गज का प्लॉट, इसकी दीवार से सटा विधायक का मकान
जिस प्लॉट के लिए आगजनी की गई। वह कॉर्नर की 500 वर्ग गज जमीन है। इसके ठीक बगल की दीवार इरफान के भाई रिजवान सोलंकी के मकान से सटी है। प्लॉट के गेट पर हमें सबसे पहले पीड़िता नजीर फातिमा के बेटे शमशुल मिले। वह हमें प्लॉट के अंदर ले गए। प्लॉट के चारों और टूटी बाउंड्रीवॉल दिख रही थी। लकड़ी के ऊपर काली तिरपाल डालकर एक गेट लगाया गया है। 500 गज के एक छोटे हिस्से में नजीर फातिमा टूटे मकान में रहती हैं। मकान में आज भी आगजनी वाले दिन के निशान मौजूद हैं। आगजनी के बाद की राख भी नहीं हटाई गई है। प्लॉट के बड़े हिस्से में घास-फूस और पेड़ हैं। नजीर फातिमा के परिवार का कोई न कोई सदस्य हर वक्त यहां मौजूद रहता है। हमें राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है
क्या तुम्हें यहां रहते हुए डर लगता है? शमशुल ने कहा- हम लोगों का पॉलिटिक्स से कोई लेना-देना नहीं है। बस हम ये कह सकते हैं कि कोई भी गरीबों के ऊपर अत्याचार न करें। अब आगे की राजनीति जो लोग भी करेंगे, वो सब समझ चुके हैं कि क्या गलत और क्या सही है। अब हमें किसी का डर नहीं है। शमशुल ने कहा- पुलिस ने जो कार्रवाई की, वो सही हुई। 2 साल का समय बीत चुका है। उस वक्त सब कुछ जल गया, हमारे बच्चे खुले आसमान के नीचे रहते थे। तबीयत तक खराब हो गई। हमने कैसी-कैसी परेशानियां उठाई हैं। बयां नहीं कर सकते। बाहुबली के सामने कोई नहीं खड़ा होता
शमशुल ने कहा- जिस रात घटना को अंजाम दिया गया। मुझे किसी ने सूचना नहीं दी। घर लौटे तो पता चला कि प्लॉट में आग लगा दी है। मौके पर विधायक इरफान और उनके भाई के साथ कई लोग खड़े थे। लेकिन कोई कुछ नहीं बोला। यहां आसपास सभी लोगों ने देखा, लेकिन सब शांत रहे। बाहुबली के आगे कोई भी नहीं खड़ा होता। सिर पर कफन बांधकर लड़े, डर लगा रहता है
नजीर फातिमा के बेटे ने कहा- वो लोग सब कुछ लूटने के बाद भी खड़े रहे। हमने तो सिर पर कफन बांध कर पूरी लड़ाई लड़ी। डर बहुत था, आज भी है और कल भी रहेगा। क्योंकि दुश्मन-दुश्मन ही रहता है। उन्होंने हमेशा से ही अत्याचार किया है। हम क्या उम्मीद रखे कि वो सुधर जाएंगे। मां बहुत बीमार है, बस दाल-रोटी चल रही
शमशुल ने बताया- मेरी मां की तबीयत बहुत खराब है। हर पल डर लगा रहता है कि कब क्या हो जाए। दाल-रोटी चल रही है। हम लोग रोज कमाने-खाने वाले हैं। भाजपा की तारीफ करते हुए शमशुल ने कहा- और सरकारें भी रहीं, लेकिन उन्होंने कभी नहीं समझा। गरीबों की लड़ाई भाजपा ने लड़ी। भाजपा का कोई भी प्रत्याशी सीसामऊ से लड़ेगा, हम उसी का प्रचार करेंगे। पीड़िता बोली- ऊपर वाला सब देख रहा है
पीड़िता नजीर फातिमा मौके पर नहीं मिली तो शमशुल ने मां से फोन पर बात कराई। दैनिक भास्कर के सवालों को फोन पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने ये ठीक नहीं किया। वो फिर विधायक बन गए तो हमारे परिवार को खतरा बना रहेगा। नजीर फातिमा ने कहा- सोलंकी परिवार ने हमको खूब सताया है। उन लोगों ने मेरी जिंदगी नरक कर दी। मुझे भाजपा कहेगी तो सीसामऊ में उनके लिए प्रचार करने जरूर जाऊंगी। भाजपा ने मेरा खूब साथ दिया। आखिर क्यों इस प्लॉट पर आग लगाई गई?
पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी का 3 मंजिला आलीशान मकान विवादित प्लॉट के ठीक बगल में हैं। रिजवान प्लॉट पर गार्डन बनाना चाहते थे। हालांकि, रिजवान ने हमेशा दावा किया कि यह प्लॉट उन्होंने KDA से खरीदा था। प्लॉट के एक चौथाई हिस्से में करीब 2 फीट की दीवार है, जिस पर पहले रिजवान का कब्जा था। अब प्लॉट पूरी तरह नजीर फातिमा के कब्जे में है। मौजूदा समय में प्लॉट की कीमत करीब 5 करोड़ रुपए है। जानिए, आगजनी में नजीर ने क्या कुछ खोया
नजीर फातिमा ने 8 नवंबर, 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान, रिजवान समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को बताया था कि साजिश के तहत उसके अस्थाई घर को तबाह कर दिया गया। ताकि वह घर छोड़कर भाग जाए और विधायक परिवार उस पर कब्जा कर ले। आग से गृहस्थी, फ्रिज, टीवी, सिलेंडर और बाकी सामान जल गया था। पुलिस ने जांच में शौकत, शरीफ और इजराइल आटावाला, अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू और शकील चिकना को इस केस में आरोपी बनाया। इरफान और रिजवान समेत सभी दोषी इस समय में जेल में हैं। इरफान और रिजवान को सजा सुनाई जा चुकी है। 17 साल तक विधायक रहे इरफान सोलंकी
इरफान सोलंकी राजस्थान के अजमेर में 5 जून, 1979 को हाजी मुश्ताक सोलंकी के घर जन्मे। राजनीति इरफान को विरासत में मिली। उनके पिता मुश्ताक सोलंकी मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी रहे। अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए सोलंकी ने पहली बार साल 2007 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में आर्य नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा। वह इस चुनाव में सपा को जीत दिलाने में सफल रहे। इसके बाद 2012 में और 2017 की मोदी लहर में भी सोलंकी को कोई हरा नहीं पाया। ——————————————- यह भी पढ़ें ‘कानपुर IIT ने लावारिस की तरह भेजी बेटी की लाश’:PhD स्कॉलर प्रगति के ताऊ बोले- हमें जानना है कि बिटिया ने ऐसा क्यों किया? कानपुर IIT में PhD स्कॉलर प्रगति ने सुसाइड कर लिया। परिजनों ने आईआईटी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है। घरवालों का कहना है- हमें देर से सूचना दी गई। बेटी की लाश को लावारिस की तरह लादकर घर भेज दिया। किसी ने उसे हाथ तक नहीं लगाया। ऐसा लग रहा था, जैसे वो यहां की स्टूडेंट ही नहीं है। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर