पुणे के प्लांट में बनी उंगली वाली आइसक्रीम:रैपर पर छपा था गाजियाबाद का एड्रेस, बैच कोड से हुई मैन्युफैक्चरर की पहचान

पुणे के प्लांट में बनी उंगली वाली आइसक्रीम:रैपर पर छपा था गाजियाबाद का एड्रेस, बैच कोड से हुई मैन्युफैक्चरर की पहचान

मुंबई में 13 जून को YUMMO कंपनी की आइसक्रीम में कथित तौर पर इंसानी उंगली निकली। आइसक्रीम के रैपर पर मैन्युफैक्चरिंग एड्रेस यूपी के गाजियाबाद की लक्ष्मी आइसक्रीम प्राइवेट लिमिटेड का लिखा हुआ था। पता चला कि ये कंपनी गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी क्षेत्र इंडस्ट्रियल एरिया में है। इसकी सच्चाई जानने के लिए ‘दैनिक भास्कर’ ने इस कंपनी के डायरेक्टर यदेश्वर पाल से बातचीत की। यदेश्वर पाल ने कहा- हम YUMMO सहित कई कंपनियों के लिए आइसक्रीम तैयार करते हैं और पूरे देशभर में सप्लाई करते हैं। लेकिन मुंबई वाली घटना से हमारी कंपनी का कोई मतलब नहीं है। ‘कॉमन बनते हैं रैपर, इन पर छपते हैं सभी मैन्युफैक्चरर के नाम’
यदेश्वर पाल ने आगे कहा- आइसक्रीम कंपनी के रैपर कॉमन बनते हैं। इन रैपर पर सभी मैच्युफैक्चरिंग प्लांटों के नाम एक साथ लिखे जाते हैं। हर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का एक बैच कोड होता है। उसी से पहचान होती है कि ये आइसक्रीम किस प्लांट में बनी है। मुंबई में जिस आइसक्रीम में इंसानी उंगली निकलने की बात सामने आई है, उसके रैपर पर बैच कोड लिखा हुआ है। कोड की आइसक्रीम की मैन्युफैक्चरिंग पुणे के फॉरच्यून प्लांट में होती है। जबकि गाजियाबाद की लक्ष्मी आइसक्रीम कंपनी का बैच कोड D से स्टार्ट होता है। फॉर्च्यून और लक्ष्मी दोनों ही थर्ड पार्टी कंपनियां हैं, जिनसे YUMMO ने आइसक्रीम मैन्युफैक्चरिंग के लिए डील की हुई है। उन्होंने कहा- इस केस में हमारी कंपनी का कोई लेना देना नहीं है। YUMMO कंपनी की आंतरिक जांच में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। YUMMO कंपनी के ऑनर का भी इस बारे में क्लियर बयान आ चुका है। अब पुणे के फॉरर्च्यून प्लांट में जांच होनी जरूरी है कि ऐसा कैसे हुआ। क्या है पूरा मामला
मुंबई में मलाड इलाके के 26 वर्षीय डॉक्टर ब्रेंडन फेराओ ने ऑनलाइन ऑर्डर करके आइसक्रीम मंगाई। YUMMO कंपनी की तीन आइसक्रीम उनके पास आईं। डॉक्टर ब्रेंडन फेराओ का आरोप है कि जब वो बटरस्कॉच आइसक्रीम खा रहे थे तो उसके अंदर से इंसानी उंगली निकली। वो करीब आधा इंच की थी और उसके ऊपर नाखून भी था। मलाड पुलिस ने इस मामले में YUMMO कंपनी के खिलाफ IPC की धारा- 272 (बिक्री के लिए खाद्य पदार्थ में मिलावट), 273 (हानिकारक भोजन की बिक्री) और 336 (दूसरे की जान को खतरे में डालना) के तहत FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने उंगली को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। YUMMO प्रवक्ता बोले- मैन्युफेक्चरिंग प्लांट में प्रोडक्शन बंद किया
इस पूरे मामले में आइसक्रीम कंपनी YUMMO के प्रवक्ता का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा- हमने इस थर्ड पार्टी की मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्लांट में प्रोडक्‍शन बंद कर दिया है। हमने उक्त उत्पाद को प्लांट और गोदामों में अलग कर दिया है और बाजार स्तर पर भी ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं। हम कानून का पालन करने वाली कंपनी हैं और मामले की गहन जांच के लिए अधिकारियों का पूरा सहयोग और समर्थन करेंगे। मुंबई में 13 जून को YUMMO कंपनी की आइसक्रीम में कथित तौर पर इंसानी उंगली निकली। आइसक्रीम के रैपर पर मैन्युफैक्चरिंग एड्रेस यूपी के गाजियाबाद की लक्ष्मी आइसक्रीम प्राइवेट लिमिटेड का लिखा हुआ था। पता चला कि ये कंपनी गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी क्षेत्र इंडस्ट्रियल एरिया में है। इसकी सच्चाई जानने के लिए ‘दैनिक भास्कर’ ने इस कंपनी के डायरेक्टर यदेश्वर पाल से बातचीत की। यदेश्वर पाल ने कहा- हम YUMMO सहित कई कंपनियों के लिए आइसक्रीम तैयार करते हैं और पूरे देशभर में सप्लाई करते हैं। लेकिन मुंबई वाली घटना से हमारी कंपनी का कोई मतलब नहीं है। ‘कॉमन बनते हैं रैपर, इन पर छपते हैं सभी मैन्युफैक्चरर के नाम’
यदेश्वर पाल ने आगे कहा- आइसक्रीम कंपनी के रैपर कॉमन बनते हैं। इन रैपर पर सभी मैच्युफैक्चरिंग प्लांटों के नाम एक साथ लिखे जाते हैं। हर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का एक बैच कोड होता है। उसी से पहचान होती है कि ये आइसक्रीम किस प्लांट में बनी है। मुंबई में जिस आइसक्रीम में इंसानी उंगली निकलने की बात सामने आई है, उसके रैपर पर बैच कोड लिखा हुआ है। कोड की आइसक्रीम की मैन्युफैक्चरिंग पुणे के फॉरच्यून प्लांट में होती है। जबकि गाजियाबाद की लक्ष्मी आइसक्रीम कंपनी का बैच कोड D से स्टार्ट होता है। फॉर्च्यून और लक्ष्मी दोनों ही थर्ड पार्टी कंपनियां हैं, जिनसे YUMMO ने आइसक्रीम मैन्युफैक्चरिंग के लिए डील की हुई है। उन्होंने कहा- इस केस में हमारी कंपनी का कोई लेना देना नहीं है। YUMMO कंपनी की आंतरिक जांच में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। YUMMO कंपनी के ऑनर का भी इस बारे में क्लियर बयान आ चुका है। अब पुणे के फॉरर्च्यून प्लांट में जांच होनी जरूरी है कि ऐसा कैसे हुआ। क्या है पूरा मामला
मुंबई में मलाड इलाके के 26 वर्षीय डॉक्टर ब्रेंडन फेराओ ने ऑनलाइन ऑर्डर करके आइसक्रीम मंगाई। YUMMO कंपनी की तीन आइसक्रीम उनके पास आईं। डॉक्टर ब्रेंडन फेराओ का आरोप है कि जब वो बटरस्कॉच आइसक्रीम खा रहे थे तो उसके अंदर से इंसानी उंगली निकली। वो करीब आधा इंच की थी और उसके ऊपर नाखून भी था। मलाड पुलिस ने इस मामले में YUMMO कंपनी के खिलाफ IPC की धारा- 272 (बिक्री के लिए खाद्य पदार्थ में मिलावट), 273 (हानिकारक भोजन की बिक्री) और 336 (दूसरे की जान को खतरे में डालना) के तहत FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने उंगली को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। YUMMO प्रवक्ता बोले- मैन्युफेक्चरिंग प्लांट में प्रोडक्शन बंद किया
इस पूरे मामले में आइसक्रीम कंपनी YUMMO के प्रवक्ता का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा- हमने इस थर्ड पार्टी की मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्लांट में प्रोडक्‍शन बंद कर दिया है। हमने उक्त उत्पाद को प्लांट और गोदामों में अलग कर दिया है और बाजार स्तर पर भी ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं। हम कानून का पालन करने वाली कंपनी हैं और मामले की गहन जांच के लिए अधिकारियों का पूरा सहयोग और समर्थन करेंगे।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर