<p style=”text-align: justify;”><strong>Naxalite Arrested in Pune:</strong> महाराष्ट्र में आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने पुणे निवासी एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो 15 साल पहले लापता था. उसे प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का सक्रिय सदस्य होने के आरोप में पकड़ा गया है. आरोपी का नाम प्रशांत जलिंदर कांबले है, जिसे ‘लैपटॉप’ के नाम से भी जाना जाता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य एटीएस की ठाणे यूनिट ने लैपटॉप पर साल 2011 में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज एक केस दर्ज किया था. 15 साल से वह इसी मामले में वॉन्टेड था. गहन तलाशी अभियान के बाद एटीएस पुणे ने कांबले को पकड़ लिया और उसे ठाणे यूनिट को सौंप दिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>माओवादियों के साथ जुड़े होने का आरोप</strong><br />रविवार (4 मई) को कांबले को ठाणे की अदालत में पेश किया गया. अदालत ने आगे की जांच के लिए उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि कांबले ने सीपीआई-माओवादी की केंद्रीय समिति के सदस्य मिलिंद उर्फ दीपक तेलतुम्बे के साथ मिलकर काम किया है. मिलिंद को नवंबर 2021 में गढ़चिरौली में सुरक्षाबलों ने मारा गिराया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुणे की झुग्गियों में रहता था लैपटॉप</strong><br />पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, कांबले अपने परिवार के सदस्यों के साथ पुणे शहर के ताड़ीवाला रोड झुग्गियों में रह रहा था. उसने पुणे के एक कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. वह कथित तौर पर शहर स्थित सांस्कृतिक संगठन कबीर कला मंच (केकेएम) से जुड़ा हुआ था, जो पुलिस के अनुसार ‘माओवादियों का एक मुखौटा संगठन’ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कंप्यूटर रिपेयर के बहाने मुंबई जाने को कहा था</strong><br />उस समय 28 वर्षीय कांबले 15 नवंबर 2010 को काम के लिए मुंबई जाने के बहाने घर से निकला थाय जब वह वापस नहीं लौटा तो परिवार ने 18 जनवरी 2011 को पुणे के बंडगार्डन पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में कहा गया कि कांबले ने अपने परिवार से कहा था कि वह कंप्यूटर मरम्मत के लिए और कुछ काम के लिए मुंबई जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, केकेएम का एक और सदस्य, जिसकी पहचान भवानी पेठ के कासेवाड़ी झोपड़पट्टी निवासी संतोष वसंत शेलार उर्फ विश्वा उर्फ पेंटर के रूप में हुई है, कांबले के साथ लापता हो गया था और बाद में दोनों कथित तौर पर भाकपा-माओवादी में शामिल हो गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांबले के साथ शेलार पर भी दर्ज हुआ था केस</strong><br />साल 2011 के बीच में शेलार और कांबले के साथ 14 अन्य लोगों पर महाराष्ट्र एटीएस ने मामला दर्ज किया था, जिनमें कथित तौर पर सीपीआई माओवादी की शीर्ष कार्यकर्ता एंजेला सोनटक्के और केकेएम के कुछ कलाकार भी शामिल थे. इन पर प्रतिबंधित माओवादी समूह से कथित संबंधों के कारण मामला दर्ज किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एटीएस के अनुसार, एंजेला और उनके पति मिलिंद तेलतुम्बे ने कथित तौर पर शेलार और कांबले सहित केकेएम के कुछ सदस्यों को माओवादी विचारधारा की ओर प्रेरित किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परिवार को बताया था- अब कभी वापस नहीं आऊंगा</strong><br />कांबले के भाई ने साल 2011 में एटीएस को दिए गए बयान में कहा था कि उसके लापता होने के कुछ दिनों बाद, उसने अपने परिवार को फोन करके कहा था, “मैं नक्सलियों में शामिल हो गया हूं. मैं उनके साथ जंगलों में काम कर रहा हूं. हथियारों की ट्रेनिंग ले चुका हूं अपने कंप्यूटर ज्ञान का उपयोग उनके लिए कर रहा हूं. वापस आने के सभी दरवाजे बंद हो चुके हैं. मैं आगे बढ़ चुका हूं.”</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Naxalite Arrested in Pune:</strong> महाराष्ट्र में आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने पुणे निवासी एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो 15 साल पहले लापता था. उसे प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का सक्रिय सदस्य होने के आरोप में पकड़ा गया है. आरोपी का नाम प्रशांत जलिंदर कांबले है, जिसे ‘लैपटॉप’ के नाम से भी जाना जाता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य एटीएस की ठाणे यूनिट ने लैपटॉप पर साल 2011 में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज एक केस दर्ज किया था. 15 साल से वह इसी मामले में वॉन्टेड था. गहन तलाशी अभियान के बाद एटीएस पुणे ने कांबले को पकड़ लिया और उसे ठाणे यूनिट को सौंप दिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>माओवादियों के साथ जुड़े होने का आरोप</strong><br />रविवार (4 मई) को कांबले को ठाणे की अदालत में पेश किया गया. अदालत ने आगे की जांच के लिए उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि कांबले ने सीपीआई-माओवादी की केंद्रीय समिति के सदस्य मिलिंद उर्फ दीपक तेलतुम्बे के साथ मिलकर काम किया है. मिलिंद को नवंबर 2021 में गढ़चिरौली में सुरक्षाबलों ने मारा गिराया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुणे की झुग्गियों में रहता था लैपटॉप</strong><br />पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, कांबले अपने परिवार के सदस्यों के साथ पुणे शहर के ताड़ीवाला रोड झुग्गियों में रह रहा था. उसने पुणे के एक कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. वह कथित तौर पर शहर स्थित सांस्कृतिक संगठन कबीर कला मंच (केकेएम) से जुड़ा हुआ था, जो पुलिस के अनुसार ‘माओवादियों का एक मुखौटा संगठन’ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कंप्यूटर रिपेयर के बहाने मुंबई जाने को कहा था</strong><br />उस समय 28 वर्षीय कांबले 15 नवंबर 2010 को काम के लिए मुंबई जाने के बहाने घर से निकला थाय जब वह वापस नहीं लौटा तो परिवार ने 18 जनवरी 2011 को पुणे के बंडगार्डन पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में कहा गया कि कांबले ने अपने परिवार से कहा था कि वह कंप्यूटर मरम्मत के लिए और कुछ काम के लिए मुंबई जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, केकेएम का एक और सदस्य, जिसकी पहचान भवानी पेठ के कासेवाड़ी झोपड़पट्टी निवासी संतोष वसंत शेलार उर्फ विश्वा उर्फ पेंटर के रूप में हुई है, कांबले के साथ लापता हो गया था और बाद में दोनों कथित तौर पर भाकपा-माओवादी में शामिल हो गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांबले के साथ शेलार पर भी दर्ज हुआ था केस</strong><br />साल 2011 के बीच में शेलार और कांबले के साथ 14 अन्य लोगों पर महाराष्ट्र एटीएस ने मामला दर्ज किया था, जिनमें कथित तौर पर सीपीआई माओवादी की शीर्ष कार्यकर्ता एंजेला सोनटक्के और केकेएम के कुछ कलाकार भी शामिल थे. इन पर प्रतिबंधित माओवादी समूह से कथित संबंधों के कारण मामला दर्ज किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एटीएस के अनुसार, एंजेला और उनके पति मिलिंद तेलतुम्बे ने कथित तौर पर शेलार और कांबले सहित केकेएम के कुछ सदस्यों को माओवादी विचारधारा की ओर प्रेरित किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परिवार को बताया था- अब कभी वापस नहीं आऊंगा</strong><br />कांबले के भाई ने साल 2011 में एटीएस को दिए गए बयान में कहा था कि उसके लापता होने के कुछ दिनों बाद, उसने अपने परिवार को फोन करके कहा था, “मैं नक्सलियों में शामिल हो गया हूं. मैं उनके साथ जंगलों में काम कर रहा हूं. हथियारों की ट्रेनिंग ले चुका हूं अपने कंप्यूटर ज्ञान का उपयोग उनके लिए कर रहा हूं. वापस आने के सभी दरवाजे बंद हो चुके हैं. मैं आगे बढ़ चुका हूं.”</p> महाराष्ट्र हर्षा रिछारिया को मुस्लिम युवक ने शादी के लिए किया प्रपोज, बोला- ‘आप कहोगे तो…’, जानें- क्या मिला जवाब?
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