हरियाणा के कैथल जिले के पूंडरी से भाजपा विधायक सतपाल जांबा का एक वीडियो आजकल खूब वायरल हो रहा है, वीडियो दो तीन दिन पुराना बताया जा रहा है। भाजपा विधायक चुनाव जीतने के बाद अपने हलके में धन्यवादी दौरे कर रहे हैं। इसी कड़ी में जब वह गांव एक कार्यक्रम के दौरान गांव फरल में स्थित फल्गु तीर्थ पर पहुंचे, तो उस मंच पर गांव की महिला सरपंच मौजूद नहीं थी। हलके में चर्चा का विषय बनी टिप्पणी उसकी जगह सरपंच प्रतिनिधि साहब सिंह आए हुए थे, अपने संबोधन के दौरान जब विधायक ने सरपंच प्रतिनिधि से पूछा कि आप प्रतिनिधि हो तो गांव की सरपंच कहां है, तो सरपंच प्रतिनिधि ने कहा कि वह तो घर है, तभी विधायक सतपाल जांबा ने सरपंच प्रतिनिधि को बोला कि सरपंचनी को बुला दो, हमें भी थोड़ी फीलिंग आ जाएगी कि हमें भी कोई देखने आया है। विधायक सतपाल जांबा महिला सरपंच के ऊपर की गई यह टिप्पणी हलके में चर्चा का विषय बनी हुई है। प्रतिद्वंद्वी को 21 हजार वोटों से हराया था बता दे कि सतपाल जांबा ने पहली बार भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ा है और अपने प्रतिद्वंद्वी को 21 हजार वोटों से हराया था, उनका भाई गांव का मौजूदा सरपंच है। भारतीय जनता पार्टी में आने से पहले सतपाल जांबा हलके में सफाई अभियान को लेकर चर्चा में आए थे। इसके बाद उन्होंने कुछ महीने पहले तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में भाजपा पार्टी को जॉइन किया था। भाजपा ने खेला था बड़ा दाव उनके सामने टिकट की दौड़ में आधा दर्जन के करीब भाजपा नेता थे, परंतु पार्टी ने उन सभी में से सतपाल जांबा को टिकट देकर बड़ा दाव खेला था। जिसमें वह कामयाब हो गए और सतपाल जांबा भारी मार्जिन से जीतकर पूंडरी के विधायक बने। हरियाणा के कैथल जिले के पूंडरी से भाजपा विधायक सतपाल जांबा का एक वीडियो आजकल खूब वायरल हो रहा है, वीडियो दो तीन दिन पुराना बताया जा रहा है। भाजपा विधायक चुनाव जीतने के बाद अपने हलके में धन्यवादी दौरे कर रहे हैं। इसी कड़ी में जब वह गांव एक कार्यक्रम के दौरान गांव फरल में स्थित फल्गु तीर्थ पर पहुंचे, तो उस मंच पर गांव की महिला सरपंच मौजूद नहीं थी। हलके में चर्चा का विषय बनी टिप्पणी उसकी जगह सरपंच प्रतिनिधि साहब सिंह आए हुए थे, अपने संबोधन के दौरान जब विधायक ने सरपंच प्रतिनिधि से पूछा कि आप प्रतिनिधि हो तो गांव की सरपंच कहां है, तो सरपंच प्रतिनिधि ने कहा कि वह तो घर है, तभी विधायक सतपाल जांबा ने सरपंच प्रतिनिधि को बोला कि सरपंचनी को बुला दो, हमें भी थोड़ी फीलिंग आ जाएगी कि हमें भी कोई देखने आया है। विधायक सतपाल जांबा महिला सरपंच के ऊपर की गई यह टिप्पणी हलके में चर्चा का विषय बनी हुई है। प्रतिद्वंद्वी को 21 हजार वोटों से हराया था बता दे कि सतपाल जांबा ने पहली बार भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ा है और अपने प्रतिद्वंद्वी को 21 हजार वोटों से हराया था, उनका भाई गांव का मौजूदा सरपंच है। भारतीय जनता पार्टी में आने से पहले सतपाल जांबा हलके में सफाई अभियान को लेकर चर्चा में आए थे। इसके बाद उन्होंने कुछ महीने पहले तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में भाजपा पार्टी को जॉइन किया था। भाजपा ने खेला था बड़ा दाव उनके सामने टिकट की दौड़ में आधा दर्जन के करीब भाजपा नेता थे, परंतु पार्टी ने उन सभी में से सतपाल जांबा को टिकट देकर बड़ा दाव खेला था। जिसमें वह कामयाब हो गए और सतपाल जांबा भारी मार्जिन से जीतकर पूंडरी के विधायक बने। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अंबाला में मंत्री असीम गोयल का हुड्डा पर अटैक:बोले- पूर्व CM कांग्रेस राज में हुए घोटालों- भ्रष्टाचार का हिसाब जनता को दें हरियाणा के परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल ने कहा कि शहर दर शहर घूम रहे कांग्रेसी प्रदेश की जनता को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राज में हुए घोटालों और भ्रष्टाचार का भी हिसाब जरूर दें। कांग्रेसी घर घर जाकर यह भी बताएं कि उनकी सरकार के राज में देश व प्रदेश में कितने घोटाले हुए ? अंबाला में परिवहन मंत्री ने कहा कि 10 साल तक हरियाणा पर राज करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश को पीछे धकेलने के अलावा कुछ नहीं किया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अगर कुछ किया तो वो है भ्रष्टाचार और घोटाले। जिनका हिसाब आज तक जनता इनसे मांग रही है। असीम गोयल ने तंज कसते हुए कहा कि आज कांग्रेस के नेता पुत्र मोह में जकड़े हुए हैं। सोनिया गांधी को राहुल गांधी की तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सिर्फ अपने पुत्र दीपेंद्र हुड्डा की चिंता है। इन्हें प्रदेशवासियों के हित से कोई सरोकार नहीं। आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी प्रदेश वासियों का भाई और बेटा बनकर दिन रात कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास के दरवाजे आमजन के लिए 24 घंटे खुले हैं। आज गरीब और किसान के हक पर कोई डाका नहीं डाल सकता। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब खुद कांग्रेस के नेता कहते थे कि सरकार ऊपर से एक रुपया भेजती है तो नीचे जनता तक 15 पैसे ही पहुंचते हैं। लेकिन अब इस भ्रष्टाचार पर अंकुश लग चुका है। आज प्रधानमंत्री द्वारा भेजा गया एक एक रुपया सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचता है। परिवहन मंत्री असीम गोयल कहा कि कांग्रेस ने अपने राज में हर व्यवस्था को बिगाड़ने का काम किया। आज व्यवस्थाओं में सुधार होता देख इनसे सहन नहीं हो रहा। कांग्रेस द्वारा नौकरियों के नाम पर मचाई गई लूट को प्रदेश की भाजपा सरकार ने जड़ से खत्म कर दिया। आज युवा अपनी प्रतिभा के दम पर नौकरियां हासिल कर रहे हैं। कांग्रेस राज में चलने वाली पर्ची और खर्ची की प्रथा को भाजपा सरकार ने उखाड़ फेंकने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज ये लोग प्रदेश की जनता को भ्रमित करके और झूठ बोलकर सिर्फ और सिर्फ अपना राजनीतिक वजूद बचाने के विफल प्रयास कर रहे हैं।
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हरियाणा में कांग्रेस को टिकट बंटवारे से बगावत-भगदड़ का डर:बागी बिगाड़ सकते हैं गणित, इन्हें रोकने के लिए हुड्डा-सैलजा-सुरजेवाला को 3 टास्क हरियाणा में टिकट बंटवारे से पहले ही कांग्रेस डर गई है। टिकट देने के बाद होने वाली बगावत को रोकने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने प्लानिंग शुरू कर दी है। केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला को इसके लिए 3 टास्क दिए हैं। दरअसल, पार्टी की टॉप लीडरशिप को लग रहा है कि जिन नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा वह चुनाव में पार्टी के खिलाफ बगावत करेंगे। यह भी डर बना हुआ है कि ऐसे बागी नेता निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े होकर पार्टी उम्मीदवार को हराने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इसको लेकर कांग्रेस के आलाकमान ने दिल्ली में मंथन शुरू कर दिया है। राहुल गांधी और खड़गे ने इसकी जिम्मेदारी केसी वेणुगोपाल को दी है। इसके बाद वह लगातार हरियाणा के बड़े नेताओं से वन टू वन मीटिंग कर रहे हैं। 2556 नेताओं ने मांगी टिकट
90 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के 2556 नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। इसके मुताबिक एक-एक सीट पर कांग्रेस के करीब 28 नेताओं ने अपनी दावेदारी ठोकी है। कई ऐसी सीटें भी हैं, जिन पर दावेदारों की संख्या 40 से भी ज्यादा है। टिकट एक नेता को ही मिलना है। ऐसे में जिन्हें टिकट नहीं मिलेगी वह बागी हो सकते हैं। इसलिए लिस्ट जारी करने से पहले केसी वेणुगोपाल के साथ हरियाणा स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। हुड्डा-उदयभान, सैलजा-रणदीप से हो चुकी मीटिंग
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान के साथ पहले ही बैठक हो चुकी है। इसके अलावा दिल्ली में अजय माकन, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला से अलग-अलग बैठक कर चुके हैं। माकन ने दोनों नेताओं से उनके जिलों में टिकटों के लिए दावा करने वाले नेताओं के बारे में फीडबैक लिया। सुरजेवाला का कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र और जींद, जबकि कुमारी सैलजा का हिसार, सिरसा और अंबाला में प्रभाव है। इन नेताओं के साथ मीटिंग करने से पहले माकन ने पार्टी के पांचों सांसदों और लोकसभा चुनाव हारे उम्मीदवारों के साथ भी बैठक की। सितंबर के पहले हफ्ते जारी हो सकती है लिस्ट
हरियाणा में टिकटों को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग शुरू हो चुकी है। चार दिन मंथन के बाद आखिर में लिस्ट पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली में मंथन करेंगे। इसके बाद हरियाणा के नेताओं के साथ चर्चा के बाद लिस्ट जारी की जाएगी। संभावना है कि इस प्रक्रिया में अभी लगभग 5 दिन और लग जाएंगे। जिसके बाद सितंबर के पहले हफ्ते में कांग्रेस अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है। जाट चेहरों के टिकट काटेगी कांग्रेस
हरियाणा कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकटों पर मंथन के बीच विधानसभा सीटों का गुणा-गणित तैयार कर लिया है। इस बार कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए गैर जाट वोट बैंक पर ज्यादा फोकस करेगी। यही वजह है कि कांग्रेस इस बार टिकट आवंटन में जाट कोटे के चेहरों की टिकट भी काटेगी। इसके अलावा 2019 के विधानसभा चुनाव में जमानत नहीं बचा पाने वाले उम्मीदवार भी पैनल से बाहर किए जाएंगे। साथ ही ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य और राजपूत के टिकट कोटे में इजाफा करेगी। कांग्रेस ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 27 हलकों में अपनी जमानत जब्त करवाई थी। इसके अलावा 15 प्रत्याशी ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने लगातार 2 हार अपने खाते में दर्ज करवा ली हैं। इनमें कई के नाम ये दोनों ही रिकाॅर्ड दर्ज हैं।