अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन की खबर से दलाई लामा ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कार्टर सेंटर में राष्ट्रपति के बेटे चिप कार्टर को एक शोक संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति कार्टर ने एक अत्यंत सार्थक जीवन जिया। उन्होंने दशकों तक गरीबों और दलितों की मदद करने, संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान खोजने और दुनिया भर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए। दलाई लामा ने कहा कि इतने लंबे जीवन के दौरान सक्रिय बने रहना हम सभी के लिए एक उदाहरण है कि हमें दूसरों की सेवा में अपना जीवन कैसे जीना चाहिए। 2002 में नोबेल समिति ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार देकर मानवता के कल्याण में उनके योगदान को मान्यता दी। इसके अतिरिक्त, तिब्बती लोग और दलाई लामा राष्ट्रपति कार्टर के तिब्बत की स्थिति के प्रति गहरी रुचि और चिंता के लिए और हमारे लोगों की दुर्दशा को कम करने के लिए पहल करने के लिए हमेशा आभारी रहेंगे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन की खबर से दलाई लामा ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कार्टर सेंटर में राष्ट्रपति के बेटे चिप कार्टर को एक शोक संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति कार्टर ने एक अत्यंत सार्थक जीवन जिया। उन्होंने दशकों तक गरीबों और दलितों की मदद करने, संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान खोजने और दुनिया भर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए। दलाई लामा ने कहा कि इतने लंबे जीवन के दौरान सक्रिय बने रहना हम सभी के लिए एक उदाहरण है कि हमें दूसरों की सेवा में अपना जीवन कैसे जीना चाहिए। 2002 में नोबेल समिति ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार देकर मानवता के कल्याण में उनके योगदान को मान्यता दी। इसके अतिरिक्त, तिब्बती लोग और दलाई लामा राष्ट्रपति कार्टर के तिब्बत की स्थिति के प्रति गहरी रुचि और चिंता के लिए और हमारे लोगों की दुर्दशा को कम करने के लिए पहल करने के लिए हमेशा आभारी रहेंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में आपदा प्रबंधन विभाग ने लगाई प्रदर्शनी:हिमाचल में लगातार बढ़ रही प्राकृतिक आपदाएं, 2 साल में गई 900 लोगों की जान
शिमला में आपदा प्रबंधन विभाग ने लगाई प्रदर्शनी:हिमाचल में लगातार बढ़ रही प्राकृतिक आपदाएं, 2 साल में गई 900 लोगों की जान अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के मौके पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ राजस्व विभाग द्वारा शिमला के गेयटी थिएटर में “समर्थ 2024” आपदा प्रबंधन जन जागरण अभियान और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसका शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार आपदा से निपटने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रही है और केंद्र को भी इस पर अध्ययन करने के लिए लेटर लिख चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर शिमला में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ राजस्व विभाग द्वारा अभियान व प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके माध्यम से लोगों को आपदा से निपटने के गुण सिखाए जा रहे हैं। क्योंकि हिमाचल प्रदेश बीते 2 सालों से लगातार आपदा से जूझ रहा है। ऐसे में आपदा में नुकसान को कम करने के लिए विभाग लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। “प्राकृतिक आपदा के लिए क्लाइमेट चेंज हो सकता है एक मुख्य कारण”- सीएम सुक्खू
सीएम सूक्खु ने कहा कि पिछली बार हिमाचल प्रदेश ने भयंकर आपदा का सामना किया पूरे प्रदेश ने कभी ऐसी आपदा नही देखी लेकिन सरकार ने जनता के सहयोग से उस पर नियंत्रण पाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की घटनाएं बड़ी है क्लाइमेट चेंज इसका एक बड़ा कारण हो सकता है।
इसकी स्टडी करने को प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा है और प्रदेश सरकार केके अपने स्तर पर भी प्रयास जारी हैं । अपने स्तर पर आपदा के लिए सरकार ने एक प्रोजेक्ट बनाया है जो करीब 800 करोड़ का है SDRF को मजबूत कर रहे हैं ताकि भविष्य में जो भी आपदा है उसका सामना कर सकें। हिमाचल में दो सालों में प्राकृतिक आपदा में करीब 900 लोगो की गई जान
बता दें कि बीते दो वर्षो से हिमाचल प्रदेश ने बड़ी आपदा का सामना किया है ।वर्ष 2023 में पूरे मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान व 500 से ज्यादा लोग आपदा में काल का ग्रास बने । वहीं साल 2024 में आई आपदा से प्रदेश में 1200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान व 340 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है।
हिमाचल की ऊंची चोटियों पर ताजा बर्फबारी:अटल टनल रोहतांग नहीं भेजे जा रहे वाहन, 4 जिलों में शीतलहर का अलर्ट, 27-28 को फिर होगी बर्फबारी
हिमाचल की ऊंची चोटियों पर ताजा बर्फबारी:अटल टनल रोहतांग नहीं भेजे जा रहे वाहन, 4 जिलों में शीतलहर का अलर्ट, 27-28 को फिर होगी बर्फबारी हिमाचल प्रदेश के ट्राइबल जिला लाहौल स्पीति और कुल्लू की ऊंची चोटियों पर बीती रात को ताजा बर्फबारी हुई। कुल्लू जिला प्रशासन ने बर्फबारी देखते हुए अटल टनल रोहतांग के लिए वाहनों की आवाजाही पर रोक दी है। टूरिस्टों को मनाली से आगे सोलंग नाला तक ही जाने की इजाजत दी जा रही है, क्योंकि ताजा हिमपात के बाद रोहतांग टनल तक सड़क खतरनाक हो गई है। इसके बाद, देशभर से मनाली पहुंचे टूरिस्ट आज रोहतांग टनल नहीं जा सकेंगे। कोकसर से अटल टनल रोहतांग और केलांग के बीच केवल फोर बॉय-फोर व्हीकल को ही आवाजाही की इजाजत दी जा रही है, क्योंकि रोहतांग से मनाली वापस लौटते वक्त गाड़ियां फिसल रही है। टूरिस्ट के लिए अच्छी बात यह है कि शिमला के कुफरी और नारकंडा में बर्फ देखने जा सकेंगे। बीते कल कुफरी-नारकंडा सड़क बंद थी। मगर PWD महकमे ने बीती शाम को इसे वाहनों के लिए बहाल कर दिया है। मौसम विभाग की माने तो आज और कल प्रदेशभर में मौसम साफ रहेगा और धूप खिलने का पूर्वानुमान है। इसके बाद सड़क साफ होने पर ही वाहनों की आवाजाही बहाल हो पाएगी। 4 जिलों में आज शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट प्रदेश के 5 जिलों में बीते 48 घंटे के दौरान बर्फबारी के बाद आज शीतलहर का ऑरेंज-अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी में भीषण शीतलहर चलेगी। इससे तापमान में रात से सुबह व दोपहर तक कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। बीते 24 घंटे के दौरान भी तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। मनाली का अधिकतम तापमान 3.4 डिग्री तक गिरा मशहूर टूरिस्ट प्लेस मनाली, भुंतर और मंडी का अधिकतम तापमान नॉर्मल से 9 से 10 डिग्री कम हुआ है। मनाली का अधिकतम तापमान नॉर्मल से 9,4 डिग्री की गिरावट के बाद मात्र 3.4 डिग्री रह गया है, जबकि मनाली का न्यूनतम तापमान माइनस 2 डिग्री तक गिर चुका है। इसी तरह शिमला का अधिकतम तापमान नॉर्मल से 7.5 डिग्री नीचे लुढ़कने के बाद 6.2 डिग्री सेल्सियस रह गया है। शिमला का न्यूनतम तापमान भी -1 डिग्री तक पहुंच गया है। 27-28 को फिर बारिश-बर्फबारी मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटे तक धूप खिलेगी। मगर परसो यानी 27 दिसंबर की रात स्ट्रोंग वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। इससे 27 की रात और 28 दिसंबर को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। टूरिस्टों की बर्फ देखने की चाहत होगी पूरी जाहिर है कि इस बार व्हाइट क्रिसमस के साथ न्यू ईयर पर भी हिमाचल आने वाले सैकड़ों टूरिस्ट की बर्फ देखने की चाहत पूरी हो सकेगी। बर्फबारी के बाद देशभर का टूरिस्ट पहाड़ों का रुख करने लगा है। मगर शीतलहर के अलर्ट को देखते हुए टूरिस्टों को भी गर्म कपड़ों के साथ पहाड़ों पर आना होगा।
हिमाचल के 5 जिलों में आज बर्फबारी के आसार:कल से प्रदेशभर में साफ होगा मौसम; सात-आठ को फिर एक्टिव होगा वेस्टर्न डिस्टरबेंस
हिमाचल के 5 जिलों में आज बर्फबारी के आसार:कल से प्रदेशभर में साफ होगा मौसम; सात-आठ को फिर एक्टिव होगा वेस्टर्न डिस्टरबेंस हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों में आज बारिश व बर्फबारी के आसार है। मौसम विभाग के अनुसार, चंबा, कांगड़ा, लाहौल स्पीति, कुल्लू और किन्नौर जिला की ऊंची चोटियों पर आज हल्का हिमपात हो सकता है। अन्य जिलों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग की माने तो प्रदेशभर में कल से अगले चार दिन तक मौसम साफ रहेगा। सात व आठ दिसंबर को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) दोबारा एक्टिव होगा। इससे दोबारा अधिक ऊंचे क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। मौसम विज्ञानी शोभित कटियार ने बताया कि सात व आठ का WD आज के मुकाबले ज्यादा स्ट्रांग होगा। इससे मंडी और शिमला के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भी बर्फबारी हो सकती है। 11 और 12 दिसंबर को फिर से WD एक्टिव होगा। इससे भी अधिक ऊंचे इलाकों में ही बर्फबारी का पूर्वानुमान है। 6 जिलों में 63 दिन से पानी की बूंद तक नहीं बरसी फिलहाल अभी प्रदेश में सूखे जैसे हालात बने हुए है। प्रदेश में पोस्ट मानसून सीजन यानी एक अक्टूबर से 2 दिसंबर तक सामान्य से 98 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। इस अवधि में 45.8 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। लेकिन इस बार 0.9 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। वो भी कुछेक जिलों में ही हुई है। 6 जिले ऐसे हैं जहां 63 दिन से पानी की एक बूंद नहीं बरसी, जबकि 11 जिलों में 33 दिन से पानी की बूंद तक नहीं गिरी। दिन के तापमान में आया उछाल इससे खासकर दिन में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा हो गया है। प्रदेश का औसत अधिकतम पारा नॉर्मल से 2.5 डिग्री अधिक हो गया है। ऊना के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 3.7 डिग्री का उछाल आया और यहां का तापमान 28 डिग्री सेल्सियस हो गया है। वहीं रात का तापमान सामान्य बना हुआ है।