पटियाला के पातड़ां में रंजिश के चलते अपने पूर्व प्रेमी पर फायरिंग करवाने वाली महिला के दो साथियों को पुलिस ने अरेस्ट किया। पातड़ां पुलिस टीम ने फायरिंग करने वाली बठिंडा के रहने वाले निखिल रांगड़ां और जसवीर सिंह को गांव चट्ठेवाला बठिंडा अरेस्ट किया है। एसएसपी डा. नानक सिंह ने कहा कि वारदात में इस्तेमाल की गई कार भी रिकवर कर ली है। फायरिंग में घायल हुए अमनदीप गांव नयाल की स्टेटमेंट पर उसकी पूर्व प्रेमिका गुरप्रीत कौर, गोलू, जसवीर सिंह निवासी चट्ठेवाल, निखिल रांगड़ा निवासी तलवंडी साबो बठिंडा के साथ अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। हमले में अमनदीप सिंह 13 अगस्त को गुरप्रीत के बुलाने पर उससे मिलने जा रहा था, लेकिन रास्ते में चार से पांच लोगों ने घेराबंदी डाल रोक लिया। इसके बाद गाड़ी से नीचे उतार हमला कर दिया। अपनी जान बचाने के लिए अमनदीप सिंह पातड़ां बाजार की तरफ भाग गया। लेकिन वहां पर भी इसे पकड़ने के बाद उसे जख्मी कर दिया। अमनदीप सिंह की मदद के लिए उसके दो दोस्त आए तो निखिल ने फायरिंग कर दी, जिसमें अमनदीप सिंह घायल हो गया। फरार होते समय अमनदीप की रिवाल्वर भी आरोपी अपने साथ ले गए थे। पटियाला के पातड़ां में रंजिश के चलते अपने पूर्व प्रेमी पर फायरिंग करवाने वाली महिला के दो साथियों को पुलिस ने अरेस्ट किया। पातड़ां पुलिस टीम ने फायरिंग करने वाली बठिंडा के रहने वाले निखिल रांगड़ां और जसवीर सिंह को गांव चट्ठेवाला बठिंडा अरेस्ट किया है। एसएसपी डा. नानक सिंह ने कहा कि वारदात में इस्तेमाल की गई कार भी रिकवर कर ली है। फायरिंग में घायल हुए अमनदीप गांव नयाल की स्टेटमेंट पर उसकी पूर्व प्रेमिका गुरप्रीत कौर, गोलू, जसवीर सिंह निवासी चट्ठेवाल, निखिल रांगड़ा निवासी तलवंडी साबो बठिंडा के साथ अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। हमले में अमनदीप सिंह 13 अगस्त को गुरप्रीत के बुलाने पर उससे मिलने जा रहा था, लेकिन रास्ते में चार से पांच लोगों ने घेराबंदी डाल रोक लिया। इसके बाद गाड़ी से नीचे उतार हमला कर दिया। अपनी जान बचाने के लिए अमनदीप सिंह पातड़ां बाजार की तरफ भाग गया। लेकिन वहां पर भी इसे पकड़ने के बाद उसे जख्मी कर दिया। अमनदीप सिंह की मदद के लिए उसके दो दोस्त आए तो निखिल ने फायरिंग कर दी, जिसमें अमनदीप सिंह घायल हो गया। फरार होते समय अमनदीप की रिवाल्वर भी आरोपी अपने साथ ले गए थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब-चंडीगढ़ में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ेंगे:15 जिलों में शीतलहर, 1.8 डिग्री की बढ़ोतरी, ओलावृष्टि होगी; फरीदकोट सबसे ठंडा
पंजाब-चंडीगढ़ में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ेंगे:15 जिलों में शीतलहर, 1.8 डिग्री की बढ़ोतरी, ओलावृष्टि होगी; फरीदकोट सबसे ठंडा पंजाब और चंडीगढ़ में शीतलहर का कहर जारी है। आज 15 जिलों में शीतलहर और घने कोहरे को लेकर येलो अलर्ट है। वहीं, दूसरी ओर पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो रहा है। इसके चलते मौसम विभाग ने आज प्रदेश के कुछ जिलों में आंधी-तूफान की भी संभावना जताई है। जबकि 27 दिसंबर को पंजाब के कई जिलों में ओलावृष्टि होगी और 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। इसके लिए विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। तापमान में भी गिरावट आएगी। हालांकि, पिछले 24 घंटे में औसत अधिकतम तापमान में 1.8 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। अब यह सामान्य के करीब पहुंच गया है। आज इन जिलों के लिए अलर्ट जारी आज के लिए मौसम विभाग ने पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, बठिंडा और लुधियाना के लिए शीतलहर और घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। शरीर को ठंड से बचाने की कोशिश करें। फरीदकोट सबसे कम तापमान पंजाब में रात का तापमान भी लगातार गिर रहा है। सभी जिलों में रात का तापमान 4.2 डिग्री से 8 डिग्री के बीच दर्ज किया गया है। सबसे कम तापमान 4.2 डिग्री फरीदकोट में दर्ज किया गया है। वहीं, राज्य के औसत न्यूनतम तापमान में 0.9 डिग्री की गिरावट आई है। आने वाले समय में भी स्थिति ऐसी ही रहेगी। वहीं, ठंड के चलते पंजाब के सभी स्कूलों में 31 दिसंबर तक छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। ऐसे रहेगा मौसम चंडीगढ़ – आज सुबह के समय धुंध देखने को मिलेगी। तापमान 7 से 20 डिग्री के बीच में रहेगा। अमृतसर -आज धुंध देखने को मिलेगी। तापमान 6 से 17 डिग्री के बीच में रहेगा। जालंधर – आज सुबह शाम धुंध रहेगी। तापमान 5 से 20 डिग्री के बीच में रहेगा। लुधियाना – आज धुंध देखने को मिलेगी। तापमान 6 से 20 डिग्री के बीच में रहेगा पटियाला – आज धुंध देखने को मिलेगी। तापमान 7 से 21 डिग्री के बीच में रहेगा मोहाली – आज धुंध देखने को मिलेगी। तापमान 6 से 21 डिग्री के बीच में रहेगा
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पाकिस्तान में 47 साल में दूसरी बार लोहड़ी मनाई गई:जनरल जिया-उल-हक ने बंद कराई थी; गद्दाफी स्टेडियम में पंजाबियों ने भांगड़ा किया
पाकिस्तान में 47 साल में दूसरी बार लोहड़ी मनाई गई:जनरल जिया-उल-हक ने बंद कराई थी; गद्दाफी स्टेडियम में पंजाबियों ने भांगड़ा किया भारत के साथ पाकिस्तान के लहंदा पंजाब (पश्चिमी पंजाब) में भी सोमवार को लोहड़ी का त्योहार मनाया गया। यह 47 साल में दूसरा मौका है, जब पंजाबी कम्युनिटी के लोगों ने पाकिस्तान में लोहड़ी पर आग जलाई और भांगड़ा किया। लोग लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में त्योहार मनाने के लिए पहुंचे थे। साल 1978 में जनरल जिया-उल -हक के सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान में लोहड़ी का त्योहार मनाना बंद किया गया था। यह त्योहार राय अब्दुल्ला खान भट्टी (दुल्ला भट्टी) के नाम से जुड़ा है। लोहड़ी के गीत में भी दुल्ला भट्टी के नाम का जिक्र है। दुल्ला भट्टी को आजादी से पहले पंजाब का मुस्लिम रॉबिन हुड कहा जाता था। साल 1947 में विभाजन के बाद, मुस्लिम बहुल पश्चिमी पंजाब में दुल्ला भट्टी लगभग भुला दिए गए, लेकिन भारत में आज भी लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। अब पाकिस्तान में रह रही पंजाबी कम्युनिटी ने पिछले साल से लोहड़ी दोबारा मनानी शुरू की है। पाकिस्तान में लोहड़ी सेलिब्रेशन की तस्वीरें इतिहासकार बाजवा बोले- जिया उल हक ने बदलाव किए
पाकिस्तानी इतिहासकार अली उस्मान बाजवा ने कहा कि बैसाखी और लोहड़ी पंजाब के सांस्कृतिक त्योहार हैं। इन त्योहारों का न मनाना हमारे इतिहास से अलगाव के समान है। जनरल जिया-उल -हक के सत्ता संभालते ही पाकिस्तान में लोहड़ी का त्योहार मनाना बंद कर दिया गया। उन्होंने कई बदलाव किए, जिनसे बैसाखी और लोहड़ी पर असर पड़ा। दलित समुदाय और दुल्ला भट्टी का कनेक्शन
पाकिस्तानी लेखक और वकील नैन सुख (असली नाम खालिद महमूद) ने बताया कि लोहड़ी का त्योहार पाकिस्तान में दलित समुदाय, विशेष रूप से वाल्मीकि समाज में अधिक लोकप्रिय था। दुल्ला भट्टी ने अपनी बहन समान एक दलित लड़की के साथ खाना साझा किया था। वाल्मीकि समाज इस त्योहार पर जुलूस निकालता था और कुश्ती प्रतियोगिताएं कराता था। कौन हैं दुल्ला भट्टी, जिनका जिक्र लोहड़ी से जुड़ा
लोककथाओं के अनुसार, दुल्ला भट्टी का जन्म 16वीं सदी में वर्तमान पश्चिमी पंजाब के पिंडी भट्टियां गांव में हुआ था। उनके पिता और चाचा को मुगल बादशाह अकबर ने फांसी दे दी थी। यह बात दुल्ला से छिपाई गई, लेकिन बाद में जब उन्हें पता चला तो वे विद्रोही बन गए। दुल्ला भट्टी की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण उनका गरीब ब्राह्मण परिवार की बेटियां सुंदर और मुंदर को बचाना था। यह वही कहानी है, जिस पर प्रसिद्ध लोहड़ी गीत ‘सुंदरिए-मुंदरिए हो, तेरा कोन विचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो’ आधारित है।