हरियाणा के पानीपत में शहरी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी के देवर एवं कांग्रेसी नेता सुरेंद्र रेवड़ी के भाई चंद्र रेवड़ी हत्याकांड में पुलिस को 22 साल बाद कामयाबी मिली है। पुलिस ने मामले में फरार चल रहे भगौड़ा घोषित हो चुके आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने मामले में नामजद अपने अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर ने जून 2002 में गोहाना मोड़ के पास स्थित होटल रीजेंसी में साथियों के साथ खाना खाने गए चंद्र की डंडे व तंदूर के सरियों से वार कर हत्या कर दी थी। आरोपी की पहचान संजय निवासी लाटा टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड के रूप में हुई। पूछताछ में आरोपी ने मामले में पहले पकड़े जा चुके अपने उक्त 6 साथी आरोपियों के अतिरिक्त फरार दो अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर हत्या की उक्त वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकार किया। आरोपी संजय साल 2002 में गोहाना मोड़ के पास स्थित होटल रीजेंसी में तंदूर पर काम करता था। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया उसने करनाल, हैदराबाद व उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में छिपकर फरारी काटी। पुलिस टीम ने बुधवार को पूछताछ के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पहले ये हो चुके गिरफ्तार, अब आरोपी आया था काम की तलाश में
जानकारी देते हुए डीएसपी मुख्यालय सतीश वत्स ने बताया कि उक्त वारदात में पुलिस टीम द्वारा पहले 6 आरोपी रमेश निवासी कालखा, रमेश धींगडा व दीपक धींगडा निवासी माडल टाउन, जितेंद्र निवासी बलईपुर सिवान बिहार, कुलदीप निवासी केवरसारी टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड व दिनेश निवासी कादल विस्तापीर देहरादून उत्तराखंड को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वारदात में संलिप्त आरोपी संजय पुलिस पकड़ से बचने के लिए ठिकाने बदल कर रह रहा था। आरोपी 22 साल बाद मंगलवार को काम की फिराक में पानीपत आया था। जहां टीम ने उसे पकड़ लिया। यूं लगा था वारदात का पता
थाना चांदनी बाग में 10 जून 2002 को रमेश चंद्र ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह ट्रेडिंग का काम करता है। देर शाम वह घर के बाहर खड़ा था। तभी चचेरे भाई चंद्र ने आकर बताया था कि वह जंपी, महेश, मोनू, संजय, आदित्य, तरूण, मोंटी व तिलक के साथ रीजेंसी होटल में खाना खाने के लिए जा रहे हैं। चंद्र देर रात 10:30 बजे तक भी वापस घर नहीं आया तो वह जोगिंद्र को साथ लेकर रीजेंसी होटल गया। वहा देखा चंद्र के साथ होटल मालिक दीपक धींगडा व रिसेप्सन पर काम करने वाला रमेश बिल को लेकर झगड़ा कर रहे थे। दीपक धींगडा अंदर से कारिंदों को बुला लाया और सभी ने मिलकर तंदूर के सरिए, छुरी व डंडों से चंद्र पर हमला कर दिया। उसने छुड़ाने की काफी कोशिश की। आरोपियों ने चंद्र को काफी चोटे मारी। वह और जोगिंद्र कार से चंद्र को सिविल अस्पताल लेकर गए। डॉक्टरों ने चेक कर चंद्र को मृत घोषित कर दिया। हरियाणा के पानीपत में शहरी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी के देवर एवं कांग्रेसी नेता सुरेंद्र रेवड़ी के भाई चंद्र रेवड़ी हत्याकांड में पुलिस को 22 साल बाद कामयाबी मिली है। पुलिस ने मामले में फरार चल रहे भगौड़ा घोषित हो चुके आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने मामले में नामजद अपने अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर ने जून 2002 में गोहाना मोड़ के पास स्थित होटल रीजेंसी में साथियों के साथ खाना खाने गए चंद्र की डंडे व तंदूर के सरियों से वार कर हत्या कर दी थी। आरोपी की पहचान संजय निवासी लाटा टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड के रूप में हुई। पूछताछ में आरोपी ने मामले में पहले पकड़े जा चुके अपने उक्त 6 साथी आरोपियों के अतिरिक्त फरार दो अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर हत्या की उक्त वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकार किया। आरोपी संजय साल 2002 में गोहाना मोड़ के पास स्थित होटल रीजेंसी में तंदूर पर काम करता था। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया उसने करनाल, हैदराबाद व उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में छिपकर फरारी काटी। पुलिस टीम ने बुधवार को पूछताछ के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पहले ये हो चुके गिरफ्तार, अब आरोपी आया था काम की तलाश में
जानकारी देते हुए डीएसपी मुख्यालय सतीश वत्स ने बताया कि उक्त वारदात में पुलिस टीम द्वारा पहले 6 आरोपी रमेश निवासी कालखा, रमेश धींगडा व दीपक धींगडा निवासी माडल टाउन, जितेंद्र निवासी बलईपुर सिवान बिहार, कुलदीप निवासी केवरसारी टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड व दिनेश निवासी कादल विस्तापीर देहरादून उत्तराखंड को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वारदात में संलिप्त आरोपी संजय पुलिस पकड़ से बचने के लिए ठिकाने बदल कर रह रहा था। आरोपी 22 साल बाद मंगलवार को काम की फिराक में पानीपत आया था। जहां टीम ने उसे पकड़ लिया। यूं लगा था वारदात का पता
थाना चांदनी बाग में 10 जून 2002 को रमेश चंद्र ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह ट्रेडिंग का काम करता है। देर शाम वह घर के बाहर खड़ा था। तभी चचेरे भाई चंद्र ने आकर बताया था कि वह जंपी, महेश, मोनू, संजय, आदित्य, तरूण, मोंटी व तिलक के साथ रीजेंसी होटल में खाना खाने के लिए जा रहे हैं। चंद्र देर रात 10:30 बजे तक भी वापस घर नहीं आया तो वह जोगिंद्र को साथ लेकर रीजेंसी होटल गया। वहा देखा चंद्र के साथ होटल मालिक दीपक धींगडा व रिसेप्सन पर काम करने वाला रमेश बिल को लेकर झगड़ा कर रहे थे। दीपक धींगडा अंदर से कारिंदों को बुला लाया और सभी ने मिलकर तंदूर के सरिए, छुरी व डंडों से चंद्र पर हमला कर दिया। उसने छुड़ाने की काफी कोशिश की। आरोपियों ने चंद्र को काफी चोटे मारी। वह और जोगिंद्र कार से चंद्र को सिविल अस्पताल लेकर गए। डॉक्टरों ने चेक कर चंद्र को मृत घोषित कर दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर