पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे की सुनवाई टली:हवारा ने तिहाड़ से पंजाब ट्रांसफर की दी थी याचिका, बेटी से मिलने की दलील

पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे की सुनवाई टली:हवारा ने तिहाड़ से पंजाब ट्रांसफर की दी थी याचिका, बेटी से मिलने की दलील

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे जगतार सिंह हवारा की तिहाड़ जेल (दिल्ली) से पंजाब की जेल में तबादला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक बार फिर टल गई। जस्टिस बीआर गवई की अगुआई वाली पीठ ने सोमवार को चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर अगली सुनवाई की तारीख दी। 4 फरवरी 2025 को सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने हवारा की याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि उसे पंजाब नहीं, केवल चंडीगढ़ स्थानांतरित किया जा सकता है, क्योंकि उसकी ट्रायल प्रक्रिया चंडीगढ़ में हुई थी। पंजाब के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हवारा ने पहले भी 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट में इसी तरह की याचिका दायर की थी, जिसे खारिज किया गया था। केंद्र, दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब तलब कोर्ट ने हवारा की याचिका पर केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब मांगा है। हवारा ने तर्क दिया है कि: आरोपी ने 2004 में की थी बुड़ैल जेल से फरारी गौरतलब है कि हवारा 22 जनवरी 2004 को चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल से फरार हुआ था, लेकिन एक साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया। 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ सिविल सचिवालय के बाहर विस्फोट में तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह समेत 17 लोग मारे गए थे। इस मामले में 2007 में सीबीआई की विशेष अदालत ने हवारा और बलवंत सिंह राजोआणा को मौत की सजा सुनाई थी, जबकि अन्य तीन आरोपियों को उम्रकैद मिली थी। उच्च न्यायालय ने 2010 में बदली सजा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2010 में हवारा की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया, जो कि उसकी शेष जीवन अवधि तक लागू रहेगी। इस फैसले के खिलाफ प्रॉसीक्यूशन की अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। हवारा की दलील हवारा के वकील सीनियर वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने पिछली सुनवाई में कहा था कि हवारा को उसकी बेटी से मिलने का अधिकार नहीं मिल रहा, जबकि अन्य सभी सह-आरोपी पंजाब की जेलों में हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि हवारा के खिलाफ दर्ज 36 में से 35 केस में वह बरी हो चुका है, और केवल एक केस लंबित है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे जगतार सिंह हवारा की तिहाड़ जेल (दिल्ली) से पंजाब की जेल में तबादला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक बार फिर टल गई। जस्टिस बीआर गवई की अगुआई वाली पीठ ने सोमवार को चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर अगली सुनवाई की तारीख दी। 4 फरवरी 2025 को सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने हवारा की याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि उसे पंजाब नहीं, केवल चंडीगढ़ स्थानांतरित किया जा सकता है, क्योंकि उसकी ट्रायल प्रक्रिया चंडीगढ़ में हुई थी। पंजाब के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हवारा ने पहले भी 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट में इसी तरह की याचिका दायर की थी, जिसे खारिज किया गया था। केंद्र, दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब तलब कोर्ट ने हवारा की याचिका पर केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब मांगा है। हवारा ने तर्क दिया है कि: आरोपी ने 2004 में की थी बुड़ैल जेल से फरारी गौरतलब है कि हवारा 22 जनवरी 2004 को चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल से फरार हुआ था, लेकिन एक साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया। 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ सिविल सचिवालय के बाहर विस्फोट में तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह समेत 17 लोग मारे गए थे। इस मामले में 2007 में सीबीआई की विशेष अदालत ने हवारा और बलवंत सिंह राजोआणा को मौत की सजा सुनाई थी, जबकि अन्य तीन आरोपियों को उम्रकैद मिली थी। उच्च न्यायालय ने 2010 में बदली सजा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2010 में हवारा की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया, जो कि उसकी शेष जीवन अवधि तक लागू रहेगी। इस फैसले के खिलाफ प्रॉसीक्यूशन की अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। हवारा की दलील हवारा के वकील सीनियर वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने पिछली सुनवाई में कहा था कि हवारा को उसकी बेटी से मिलने का अधिकार नहीं मिल रहा, जबकि अन्य सभी सह-आरोपी पंजाब की जेलों में हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि हवारा के खिलाफ दर्ज 36 में से 35 केस में वह बरी हो चुका है, और केवल एक केस लंबित है।   पंजाब | दैनिक भास्कर