पेरिस ओलंपिक से बाहर अमित पंघाल:जांबिया के पैट्रिक चिन्येम्बा से हारे, जिसे कॉमनवेल्थ गेम में हराया था, मायूस हुए समर्थक व परिवार

पेरिस ओलंपिक से बाहर अमित पंघाल:जांबिया के पैट्रिक चिन्येम्बा से हारे, जिसे कॉमनवेल्थ गेम में हराया था, मायूस हुए समर्थक व परिवार

पेरिस ओलिंपिक 2024 में रोहतक के गांव मायना निवासी बॉक्सर अमित पंघाल अपना पहला मुकाबला हार गए। मंगलवार शाम को अंडर-16 मुकाबले में अमित पंघाल ने अच्छा खेल दिखाया, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ अमित पंघाल ओलिंपिक से भी बाहर हो गए। अमित पंघाल का 51 किलोग्राम भार वर्ग में जांबिया के पैट्रिक चिन्येम्बा से मुकाबला था। जिसे कॉमनवेल्थ गेम में एकतरफा मुकाबले में हराया था। वहीं, इस मुकाबले को उनके गांव व घर में परिवार वालों द्वारा टीवी पर देखा गया। परिवार वालों को अमित पंघाल से गोल्ड मेडल की उम्मीद थी। लेकिन इस हार के कारण उम्मीद पर पानी फिर गया। हालांकि अमित पंघाल के घर पर मैच देख रहे उनके माता-पिता व ग्रामीणों को भी मायूसी हाथ लगी। सभी में इस मुकाबले को लेकर काफी उत्साह था। ओलिंपिक के लिए अमित पंघाल पिछले काफी समय से कड़ी मेहनत कर रहा था। चूरमा खाने का शौकीन अमित पंघाल चूरमा खाने का शौकीन है। जब भी मेडल जीत कर आता है तो अमित की मां से चूरमा बनाकर अपने हाथों से खिलाती है। वहीं, खुशी के मौके पर वह अपनी मां के हाथों से बना चूरमा जरूर खाता है। ये मेडल भी जीत चुके अमित पंघाल अमित पंघाल इससे पहले भी कई मेडल अपने नाम कर चुका है। एशियाई चैंपियनशिप की बात करें तो 2017 में ब्रांज मेडल, 2021 में सिल्वर मेडल व 2019 में गोल्ड मेडल जीता। राष्ट्रमंडल खेलों के वर्ष 2018 में हुए मुकाबले में सिल्वर मेडल और 2022 में मुकाबले में गोल्ड मेडल जीता। एशियाई खेलों के 2018 में हुए मुकाबले में गोल्ड मेडल और विश्व चैंपियनशिप के 2019 में हुए मुकाबले में सिल्वर मेडल जीता था। अमित पंघाल के पिता किसान अमित पंघाल के पिता गांव व मायना निवासी विजेंद्र सिंह किसान है और अमित पंघाल हमेशा बेहतर करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। वहीं अमित पंघाल की मां गृहणी है। उनके बड़े भाई अजय पंघाल भारतीय सेना में तैनात है। हालांकि अजय पंघाल भी मुक्केबाज रहे हैं। अमित पंघाल भी भारतीय सेना में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) के पद पर तैनात है। पेरिस ओलिंपिक 2024 में रोहतक के गांव मायना निवासी बॉक्सर अमित पंघाल अपना पहला मुकाबला हार गए। मंगलवार शाम को अंडर-16 मुकाबले में अमित पंघाल ने अच्छा खेल दिखाया, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ अमित पंघाल ओलिंपिक से भी बाहर हो गए। अमित पंघाल का 51 किलोग्राम भार वर्ग में जांबिया के पैट्रिक चिन्येम्बा से मुकाबला था। जिसे कॉमनवेल्थ गेम में एकतरफा मुकाबले में हराया था। वहीं, इस मुकाबले को उनके गांव व घर में परिवार वालों द्वारा टीवी पर देखा गया। परिवार वालों को अमित पंघाल से गोल्ड मेडल की उम्मीद थी। लेकिन इस हार के कारण उम्मीद पर पानी फिर गया। हालांकि अमित पंघाल के घर पर मैच देख रहे उनके माता-पिता व ग्रामीणों को भी मायूसी हाथ लगी। सभी में इस मुकाबले को लेकर काफी उत्साह था। ओलिंपिक के लिए अमित पंघाल पिछले काफी समय से कड़ी मेहनत कर रहा था। चूरमा खाने का शौकीन अमित पंघाल चूरमा खाने का शौकीन है। जब भी मेडल जीत कर आता है तो अमित की मां से चूरमा बनाकर अपने हाथों से खिलाती है। वहीं, खुशी के मौके पर वह अपनी मां के हाथों से बना चूरमा जरूर खाता है। ये मेडल भी जीत चुके अमित पंघाल अमित पंघाल इससे पहले भी कई मेडल अपने नाम कर चुका है। एशियाई चैंपियनशिप की बात करें तो 2017 में ब्रांज मेडल, 2021 में सिल्वर मेडल व 2019 में गोल्ड मेडल जीता। राष्ट्रमंडल खेलों के वर्ष 2018 में हुए मुकाबले में सिल्वर मेडल और 2022 में मुकाबले में गोल्ड मेडल जीता। एशियाई खेलों के 2018 में हुए मुकाबले में गोल्ड मेडल और विश्व चैंपियनशिप के 2019 में हुए मुकाबले में सिल्वर मेडल जीता था। अमित पंघाल के पिता किसान अमित पंघाल के पिता गांव व मायना निवासी विजेंद्र सिंह किसान है और अमित पंघाल हमेशा बेहतर करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। वहीं अमित पंघाल की मां गृहणी है। उनके बड़े भाई अजय पंघाल भारतीय सेना में तैनात है। हालांकि अजय पंघाल भी मुक्केबाज रहे हैं। अमित पंघाल भी भारतीय सेना में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) के पद पर तैनात है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर