<p style=”text-align: justify;”><strong>Kanda Express from Nashik to Delhi:</strong> दिल्ली में प्याज की खपत के लिए नासिक से करीब 1400 टन प्याज लेकर कांदा एक्सप्रेस रेलगाड़ी आज रविवार को दिल्ली के किशनगंज स्टेशन पहुंचेगी. इससे पहले कांदा एक्सप्रेस (मालगाड़ी) के दो रेक पहले भी दिल्ली आ चुके हैं. पहला रेक 20 अक्टूबर को और दूसरा रेक 1333 टन प्याज के साथ 14 नवंबर को आया था. विभिन्न क्षेत्रों में समय-समय पर प्याज की विश्वसनीय और कम खर्च पर आपूर्ति के लिए रेल रेक द्वारा प्याज का बड़े पैमाने पर परिवहन किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांदा एक्सप्रेस आज पहुंचेगी दिल्ली </strong><br />इस पहल से नासिक क्षेत्र के प्याज किसानों को थोक परिवहन के माध्यम से अतिरिक्त राजस्व का समर्थन मिला है. रेल परिवहन में यह रणनीतिक बदलाव न केवल प्याज की कीमतों को स्थिर करके उपभोक्ताओं का समर्थन करता है बल्कि सहकारी समितियों को सड़क के लागत प्रभावी परिवहन विकल्प को प्रदान करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रेलवे ने किसानों की शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं को सीधे भेजने के लिए शेतकरी समृद्धि की शुरुआत की हुई हैं. रेल से इतने बड़े पैमाने पर प्याज की ढुलाई से दिल्ली में प्याज की उपलब्धता में वृद्धि होगी. इस पहल से प्याज की आवक बढ़ेगी और मंडियो मे प्याज़ की खुदरा मूल्य स्थिर होंगी. वर्तमान में नासिक में एक और रेलगाड़ी लोड की जा रही है जिसमें 1400 टन प्याज शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उपभोक्ता मंत्रालय की पहल</strong><br />प्याज की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए और बाजार में प्याज की उपलब्धता बनाए रखने के लिए उभोक्तता मंत्रालय ने अक्टूबर में ही प्याज के हाई डिमांड वाले शहरों के लिए कांदा एक्सप्रेस चलाने का फैसला लिया था. उपभोक्ता मंत्रालय ने शुरू में महाराष्ट्र से प्याज़ देश के दूसरे हिस्सों में भेजने के लिए कुल तीन ही रेक गुड्स ट्रेन चलाने का फ़ैसला किया था. बाद में इसकी सफलता और मांग को देखते हुए रेक बढ़ा दिए गए. प्याज को मराठी में कांदा कहते हैं इसलिए इन गुड्स ट्रेनों को भी कांदा एक्सप्रेस नाम दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लखनऊ और गुवाहाटी के लिए भी चली कांदा एक्सप्रेस </strong><br />उपभोक्ता मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि पहली कांदा एक्सप्रेस दिल्ली, लखनऊ और गुवाहाटी के लिए प्लान की गई हैं ताकि वहां और आसपास के शहरों में प्याज की जल्द सप्लाई हो सके. प्रत्येक कांदा एक्सप्रेस ट्रेन में 53 ट्रक प्याज आ सकती है जो कि 1600 मिट्रिक टन के बराबर होगी. उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार एक ट्रेन का किराया 34 लाख रुपये पड़ रहा है जबकि ट्रकों से भेजने पर ये किराया 75 लाख रुपये होता. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकारी स्टाल पर 35 रुपये किलो प्याज</strong><br />खुदरा बाज़ार में अभी प्याज 55 रुपये से लेकर 80 रुपये के बीच बिक रही है जबकि उपभोक्ता मंत्रालय NCCF और NAFED के जरिए 35 रुपये में प्याज उपलब्ध करा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कालाबाजारी करने वालों को लगेगी चोट</strong><br />उपभोक्ता मंत्रालय का कहना है कि प्याज की कीमतें बढ़ने के पीछे होर्डिंग करने वाले व्यापारी भी हैं जो जानबूझकर प्याज बाजार में नहीं लाते. लेकिन सरकारी प्याज बाजार में आ जाने से उनके प्याज की कीमतें भी गिर जाएंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”क्या है दिल्ली ग्रामोदय अभियान, जिसे एलजी ने जल्द पूरा करने का दिया आदेश, 960 करोड़ रुपये किग गए आवंटित” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-gramodaya-abhiyan-lg-vk-saxena-ordered-completed-soon-rs-960-crore-allocated-ann-2824688″ target=”_blank” rel=”noopener”>क्या है दिल्ली ग्रामोदय अभियान, जिसे एलजी ने जल्द पूरा करने का दिया आदेश, 960 करोड़ रुपये किग गए आवंटित</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanda Express from Nashik to Delhi:</strong> दिल्ली में प्याज की खपत के लिए नासिक से करीब 1400 टन प्याज लेकर कांदा एक्सप्रेस रेलगाड़ी आज रविवार को दिल्ली के किशनगंज स्टेशन पहुंचेगी. इससे पहले कांदा एक्सप्रेस (मालगाड़ी) के दो रेक पहले भी दिल्ली आ चुके हैं. पहला रेक 20 अक्टूबर को और दूसरा रेक 1333 टन प्याज के साथ 14 नवंबर को आया था. विभिन्न क्षेत्रों में समय-समय पर प्याज की विश्वसनीय और कम खर्च पर आपूर्ति के लिए रेल रेक द्वारा प्याज का बड़े पैमाने पर परिवहन किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांदा एक्सप्रेस आज पहुंचेगी दिल्ली </strong><br />इस पहल से नासिक क्षेत्र के प्याज किसानों को थोक परिवहन के माध्यम से अतिरिक्त राजस्व का समर्थन मिला है. रेल परिवहन में यह रणनीतिक बदलाव न केवल प्याज की कीमतों को स्थिर करके उपभोक्ताओं का समर्थन करता है बल्कि सहकारी समितियों को सड़क के लागत प्रभावी परिवहन विकल्प को प्रदान करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रेलवे ने किसानों की शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं को सीधे भेजने के लिए शेतकरी समृद्धि की शुरुआत की हुई हैं. रेल से इतने बड़े पैमाने पर प्याज की ढुलाई से दिल्ली में प्याज की उपलब्धता में वृद्धि होगी. इस पहल से प्याज की आवक बढ़ेगी और मंडियो मे प्याज़ की खुदरा मूल्य स्थिर होंगी. वर्तमान में नासिक में एक और रेलगाड़ी लोड की जा रही है जिसमें 1400 टन प्याज शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उपभोक्ता मंत्रालय की पहल</strong><br />प्याज की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए और बाजार में प्याज की उपलब्धता बनाए रखने के लिए उभोक्तता मंत्रालय ने अक्टूबर में ही प्याज के हाई डिमांड वाले शहरों के लिए कांदा एक्सप्रेस चलाने का फैसला लिया था. उपभोक्ता मंत्रालय ने शुरू में महाराष्ट्र से प्याज़ देश के दूसरे हिस्सों में भेजने के लिए कुल तीन ही रेक गुड्स ट्रेन चलाने का फ़ैसला किया था. बाद में इसकी सफलता और मांग को देखते हुए रेक बढ़ा दिए गए. प्याज को मराठी में कांदा कहते हैं इसलिए इन गुड्स ट्रेनों को भी कांदा एक्सप्रेस नाम दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लखनऊ और गुवाहाटी के लिए भी चली कांदा एक्सप्रेस </strong><br />उपभोक्ता मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि पहली कांदा एक्सप्रेस दिल्ली, लखनऊ और गुवाहाटी के लिए प्लान की गई हैं ताकि वहां और आसपास के शहरों में प्याज की जल्द सप्लाई हो सके. प्रत्येक कांदा एक्सप्रेस ट्रेन में 53 ट्रक प्याज आ सकती है जो कि 1600 मिट्रिक टन के बराबर होगी. उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार एक ट्रेन का किराया 34 लाख रुपये पड़ रहा है जबकि ट्रकों से भेजने पर ये किराया 75 लाख रुपये होता. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकारी स्टाल पर 35 रुपये किलो प्याज</strong><br />खुदरा बाज़ार में अभी प्याज 55 रुपये से लेकर 80 रुपये के बीच बिक रही है जबकि उपभोक्ता मंत्रालय NCCF और NAFED के जरिए 35 रुपये में प्याज उपलब्ध करा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कालाबाजारी करने वालों को लगेगी चोट</strong><br />उपभोक्ता मंत्रालय का कहना है कि प्याज की कीमतें बढ़ने के पीछे होर्डिंग करने वाले व्यापारी भी हैं जो जानबूझकर प्याज बाजार में नहीं लाते. लेकिन सरकारी प्याज बाजार में आ जाने से उनके प्याज की कीमतें भी गिर जाएंगी.</p>
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