प्रदूषण रोकने को लुधियाना में बनेगा बायो-मीथेन प्लांट

पंजाब कैबिनेट में वीरवार कई अहम फैसले हुए। सूबे में 200 सोलर पंप स्थापित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। इस परियोजना के लिए 90 प्रतिशत फंडिंग पंजाब सरकार करेगी। वहीं बुड्डा नाला के प्रदूषण को रोकने के लिए लुधियाना में बायो-मीथेन प्लांट स्थापित होगा। यह प्लांट 2.5 एकड़ में फैला होगा और इसकी दैनिक क्षमता 300 टन होगी। ग्रामीण चौकीदारों का मासिक मान-भत्ता मौजूदा 1250 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए किया गया। कैबिनेट ने अपने परियोजनाओं को विकसित करने वाले प्रमोटरों से एकत्र किए गए एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज (ईडीसी) के उचित उपयोग की नीति को भी मंजूरी दे दी। इस नीति के अनुसार प्रमोटरों से एकत्र किए गए ईडीसी का 50 प्रतिशत कालोनी या टाउनशिप के भीतर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उपयोग किया जाएगा। शेष 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा बड़े परियोजनाओं के विकास के लिए उपयोग किया जाएगा। रेंटल हाउसिंग एकोमोडेशन पॉलिसी में होगा संशोधन रेंटल हाउसिंग एकोमोडेशन पॉलिसी 2018 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। संशोधन में मास्टर प्लान (एसएएस नगर और न्यू चंडीगढ़ के मास्टर प्लान को छोड़कर) के संस्थागत क्षेत्रों में किराया आवास परियोजनाओं की भी अनुमति होगी। थर्मल पावर प्लांट बठिंडा की 253 एकड़ भूमि को बठिंडा विकास प्राधिकरण को आवासीय-वाणिज्यिक स्थानों, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बस स्टैंड, ईएसआई अस्पताल और स्कूलों के लिए उपयोग करने को कैबिनेट ने मंजूरी दी। 1235 एकड़ भूमि पीएसपीसीएल को वापस की जाएगी। थर्मल प्लांट की लगभग 173 एकड़ भूमि में स्थित तीन झीलों का प्रशासनिक नियंत्रण बठिंडा विकास प्राधिकरण के पास रहेगा, जबकि मालिकाना हक पीएसपीसीएल के पास रहेगा। इस क्षेत्र को बठिंडा विकास प्राधिकरण द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे होने वाला लाभ विभाग की 80:20 नीति के तहत पीएसपीसीएल और बठिंडा विकास प्राधिकरण के बीच बांटा जाएगा। इन मास्टर प्लान में मौजूदा सड़क की चौड़ाई 22 फुट से कम नहीं होनी चाहिए। इसे 60 फुट तक बढ़ाया जा सकता है या मास्टर प्लान के अनुसार जो भी अधिक है। इसी तरह मास्टर प्लान के बाहर की मौजूदा सड़क की न्यूनतम चौड़ाई 22 फुट से कम नहीं होनी चाहिए, जिसे 40 फुट तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा एक एकड़ से अधिक भूमि पर वर्तमान 500 विद्यार्थियों के लिए मकान निर्माण की सीमा को बढ़ाकर एक हजार विद्यार्थियों के लिए मकान निर्माण की अनुमति दी गई है। पराली पर आधारित नया बॉयलर स्थापित करने के लिए मिलेगी 1 करोड़ रु. सब्सिडी पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट (पापरा) की लाइसेंसशुदा परियोजनाओं के लिए समय सीमा 1 जनवरी, 2024 से 31 दिसंबर, 2025 तक दो साल के लिए 25,000 रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष की विस्तार शुल्क पर बढ़ाने की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। वहीं मेगा परियोजनाओं के लिए भी 25,000 रुपए प्रति एकड़ की विस्तार शुल्क पर 31 दिसंबर, 2025 तक एक साल का विस्तार करने की मंजूरी दी। धान की पराली पर आधारित नया बॉयलर स्थापित करने के लिए पूंजीगत सब्सिडी एक करोड़ रुपए और मौजूदा संयंत्र को अपग्रेड करने के लिए 50 लाख रुपए सब्सिडी देने की सहमति बनी। वहीं गांव महरू, टिवाणा और तसलपुर को उप-मंडल/तहसील दूधन साधां, जिला पटियाला से निकालकर उप-तहसील घनौर, तहसील राजपुरा, जिला पटियाला में शामिल करने की मंजूरी दी गई। पंजाब कैबिनेट में वीरवार कई अहम फैसले हुए। सूबे में 200 सोलर पंप स्थापित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। इस परियोजना के लिए 90 प्रतिशत फंडिंग पंजाब सरकार करेगी। वहीं बुड्डा नाला के प्रदूषण को रोकने के लिए लुधियाना में बायो-मीथेन प्लांट स्थापित होगा। यह प्लांट 2.5 एकड़ में फैला होगा और इसकी दैनिक क्षमता 300 टन होगी। ग्रामीण चौकीदारों का मासिक मान-भत्ता मौजूदा 1250 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए किया गया। कैबिनेट ने अपने परियोजनाओं को विकसित करने वाले प्रमोटरों से एकत्र किए गए एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज (ईडीसी) के उचित उपयोग की नीति को भी मंजूरी दे दी। इस नीति के अनुसार प्रमोटरों से एकत्र किए गए ईडीसी का 50 प्रतिशत कालोनी या टाउनशिप के भीतर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उपयोग किया जाएगा। शेष 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा बड़े परियोजनाओं के विकास के लिए उपयोग किया जाएगा। रेंटल हाउसिंग एकोमोडेशन पॉलिसी में होगा संशोधन रेंटल हाउसिंग एकोमोडेशन पॉलिसी 2018 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। संशोधन में मास्टर प्लान (एसएएस नगर और न्यू चंडीगढ़ के मास्टर प्लान को छोड़कर) के संस्थागत क्षेत्रों में किराया आवास परियोजनाओं की भी अनुमति होगी। थर्मल पावर प्लांट बठिंडा की 253 एकड़ भूमि को बठिंडा विकास प्राधिकरण को आवासीय-वाणिज्यिक स्थानों, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बस स्टैंड, ईएसआई अस्पताल और स्कूलों के लिए उपयोग करने को कैबिनेट ने मंजूरी दी। 1235 एकड़ भूमि पीएसपीसीएल को वापस की जाएगी। थर्मल प्लांट की लगभग 173 एकड़ भूमि में स्थित तीन झीलों का प्रशासनिक नियंत्रण बठिंडा विकास प्राधिकरण के पास रहेगा, जबकि मालिकाना हक पीएसपीसीएल के पास रहेगा। इस क्षेत्र को बठिंडा विकास प्राधिकरण द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे होने वाला लाभ विभाग की 80:20 नीति के तहत पीएसपीसीएल और बठिंडा विकास प्राधिकरण के बीच बांटा जाएगा। इन मास्टर प्लान में मौजूदा सड़क की चौड़ाई 22 फुट से कम नहीं होनी चाहिए। इसे 60 फुट तक बढ़ाया जा सकता है या मास्टर प्लान के अनुसार जो भी अधिक है। इसी तरह मास्टर प्लान के बाहर की मौजूदा सड़क की न्यूनतम चौड़ाई 22 फुट से कम नहीं होनी चाहिए, जिसे 40 फुट तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा एक एकड़ से अधिक भूमि पर वर्तमान 500 विद्यार्थियों के लिए मकान निर्माण की सीमा को बढ़ाकर एक हजार विद्यार्थियों के लिए मकान निर्माण की अनुमति दी गई है। पराली पर आधारित नया बॉयलर स्थापित करने के लिए मिलेगी 1 करोड़ रु. सब्सिडी पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट (पापरा) की लाइसेंसशुदा परियोजनाओं के लिए समय सीमा 1 जनवरी, 2024 से 31 दिसंबर, 2025 तक दो साल के लिए 25,000 रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष की विस्तार शुल्क पर बढ़ाने की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। वहीं मेगा परियोजनाओं के लिए भी 25,000 रुपए प्रति एकड़ की विस्तार शुल्क पर 31 दिसंबर, 2025 तक एक साल का विस्तार करने की मंजूरी दी। धान की पराली पर आधारित नया बॉयलर स्थापित करने के लिए पूंजीगत सब्सिडी एक करोड़ रुपए और मौजूदा संयंत्र को अपग्रेड करने के लिए 50 लाख रुपए सब्सिडी देने की सहमति बनी। वहीं गांव महरू, टिवाणा और तसलपुर को उप-मंडल/तहसील दूधन साधां, जिला पटियाला से निकालकर उप-तहसील घनौर, तहसील राजपुरा, जिला पटियाला में शामिल करने की मंजूरी दी गई।   पंजाब | दैनिक भास्कर