प्रयागराज में नए अखाड़े पर विवाद…वीरेंद्रानंद बोले-मुझे महामंडलेश्वर बना दिया:गुरुदत्त अखाड़ा से मेरा कोई संबंध नहीं; ये लोग मेरा मंदिर कब्जाना चाहते हैं

प्रयागराज में नए अखाड़े पर विवाद…वीरेंद्रानंद बोले-मुझे महामंडलेश्वर बना दिया:गुरुदत्त अखाड़ा से मेरा कोई संबंध नहीं; ये लोग मेरा मंदिर कब्जाना चाहते हैं

प्रयागराज में श्रीपंच दशनाम श्रीसंत गुरुदत्त अखाड़ा विवादों से घिरता दिख रहा है। चौफटका स्थित अनंत माधव देव गिरि हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक स्वामी नरेंद्रानंद ने अखाड़े में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा- स्वयंभू गुरुदत्त अखाड़ा से मेरा कोई संबंध नहीं है। मुझे पता ही नहीं और मुझे महामंडलेश्वर बना दिया गया। कुछ लोग मेरे मंदिर को कब्जा करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा- मैं किसी भी अखाड़े से नहीं जुड़ा हूं। मेरा नाम उछाला जा रहा है। मैं कभी महामंडलेश्वर बन गया तो कभी कभी महामंत्री बन गया। कभी मेरे पट्‌टाभिषेक की बात कही जाती है। जबकि अखाड़े की नियमावली है, इसमें मुझे साजिश की बू आ रही है। मेरे मंदिर पर कब्जा करने की हो रही साजिश
अखाड़ा परिषद की नियमावली के अनुसार महामंत्री महामंडलेश्वर नहीं बन सकता और महामंडलेश्वर महामंत्री नहीं बन सकता। ये मेरे अनंत माधव देव गिरि हनुमान मंदिर पर कब्जा करने के लिए लोकल के लोग लगे हुए हैं। कार्रवाई नहीं हुई तो अन्न-जल त्यागकर हठ योग शुरू करूंगा
इस संबंध में पुलिस कमिश्नर से हमने शिकायत भी की है। बिना मेरी कोई जानकारी के ही ही मुझे महामंडेलश्वर बनाया गया है। अलग-अलग नंबरों से मेरे मोबाइल पर कॉल की जा रही है, मुझे परेशान किया जा रहा है। यदि मुझे अब परेशान किया गया तो इसके खिलाफ मैं कानूनी कार्रवाई के लिए आगे बढ़ूंगा। यदि ऐसे लोगों पर कार्रवाई न की गई तो मैं अपने अखाड़े से अनुमति लेकर अन्न-जल त्यागकर हठ योग शुरू करूंगा। चैतन्य गिरी महाराज के बारे में वह बोले-वह मेरे पास आए थे। उनकी ओर से मुझे नहीं बताया गया था कि कौन से अखाड़े का गठन कर रहे हैं। उन्होंने कहा-मैं जूना अखाड़े से हूं, उनका नंबर भी मेरे फोन में जूना अखाड़े के नाम से ही सेव है। वो आए तो मैंने उनका स्वागत किया, साधु होने के नाते। कोई भी साधु मेरे दरवाजे पर आएगा तो मैं उसका भी स्वागत करुंगा, यह मेरा कर्तव्य है। अखाड़ा के संस्थापक बोले, फ्राड कर रहे वीरेंद्रानंद दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान श्रीपंच दशनाम श्रीसंत गुरुदत्त अखाड़ा के संस्थापक आदित्य आनंद गोल्डन गिरि महराज ने कहा, वीरेंद्रानंद को उनकी सहमति से ही महामंडेलश्वर बनाया गया था। वह लगातार 8 माह से मेरे संपर्क में थे। पट्टाभिषेक कार्यक्रम कराने के लिए वीरेंद्रानंद ने हमसे 20 हजार रुपये लिए थे, इसका स्क्रीन शाट मेरे पास उपलब्ध है।
आनंद गोल्डन गिरि ने कहा, वीरेंद्रानंद की पिछले 8 माह की काल हिस्ट्री निकाल ली जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि कौन झूठ बोल रहा है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह दूसरे अखाड़ों से मिल गए और हमारे खिलाफ बोलने लगे। दूसरे अखाड़ों से या तो वह भयभीत हैं या तो कोई और स्वार्थ हो सकता है। गोल्डन महाराज ने बताया कि मार्च 2022 में हुआ था अखाड़े का पंजीकरण अखाड़े के संस्थापक आदित्य आनंद गोल्डन गिरि महराज ने बताया कि अखाड़े का पंजीकरण मार्च 2022 में हुआ था। तब उन्होंने कहा था, मैं सभी अखाड़ों को एक वाक्य याद दिलाने आया हूं, यदि आप भगवाधारी हो, सनातनी हो तो जरा गोपाष्टमी की उस घटना को याद करो जहां हजारों संतों को गौ माता के लिए मरवा दिया गया था। याद करो उस पालघर घर की घटना को जहां पर हमारे साधु, संतों को जानवरों की तरह प्रताड़ित कर मार दिया गया था। याद करो हमारे उन महापुरुषों को जिनको गोली मारी और गला काटकर मार दिया गया। हम आपके सम्मान की लड़ाई लड़ने आए हैं, हमें न तो कोई नाम चाहिए और न ही कोई इनाम चाहिए, बस गौ माता को राष्ट्रमाता का सम्मान मिलना चाहिए।
कहा कि याद रहे यदि एक काले हिरण के लिए बिश्नोई समाज का एक बच्चा पूरे देश को हिला सकता है तो हम अपनी गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के लिए किस, किस को हिला सकते हैं यह अंदाजा भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जो हिंदू सनातनी हमारा साथ देना चाहते हैं उनका स्वागत है। प्रयागराज में श्रीपंच दशनाम श्रीसंत गुरुदत्त अखाड़ा विवादों से घिरता दिख रहा है। चौफटका स्थित अनंत माधव देव गिरि हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक स्वामी नरेंद्रानंद ने अखाड़े में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा- स्वयंभू गुरुदत्त अखाड़ा से मेरा कोई संबंध नहीं है। मुझे पता ही नहीं और मुझे महामंडलेश्वर बना दिया गया। कुछ लोग मेरे मंदिर को कब्जा करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा- मैं किसी भी अखाड़े से नहीं जुड़ा हूं। मेरा नाम उछाला जा रहा है। मैं कभी महामंडलेश्वर बन गया तो कभी कभी महामंत्री बन गया। कभी मेरे पट्‌टाभिषेक की बात कही जाती है। जबकि अखाड़े की नियमावली है, इसमें मुझे साजिश की बू आ रही है। मेरे मंदिर पर कब्जा करने की हो रही साजिश
अखाड़ा परिषद की नियमावली के अनुसार महामंत्री महामंडलेश्वर नहीं बन सकता और महामंडलेश्वर महामंत्री नहीं बन सकता। ये मेरे अनंत माधव देव गिरि हनुमान मंदिर पर कब्जा करने के लिए लोकल के लोग लगे हुए हैं। कार्रवाई नहीं हुई तो अन्न-जल त्यागकर हठ योग शुरू करूंगा
इस संबंध में पुलिस कमिश्नर से हमने शिकायत भी की है। बिना मेरी कोई जानकारी के ही ही मुझे महामंडेलश्वर बनाया गया है। अलग-अलग नंबरों से मेरे मोबाइल पर कॉल की जा रही है, मुझे परेशान किया जा रहा है। यदि मुझे अब परेशान किया गया तो इसके खिलाफ मैं कानूनी कार्रवाई के लिए आगे बढ़ूंगा। यदि ऐसे लोगों पर कार्रवाई न की गई तो मैं अपने अखाड़े से अनुमति लेकर अन्न-जल त्यागकर हठ योग शुरू करूंगा। चैतन्य गिरी महाराज के बारे में वह बोले-वह मेरे पास आए थे। उनकी ओर से मुझे नहीं बताया गया था कि कौन से अखाड़े का गठन कर रहे हैं। उन्होंने कहा-मैं जूना अखाड़े से हूं, उनका नंबर भी मेरे फोन में जूना अखाड़े के नाम से ही सेव है। वो आए तो मैंने उनका स्वागत किया, साधु होने के नाते। कोई भी साधु मेरे दरवाजे पर आएगा तो मैं उसका भी स्वागत करुंगा, यह मेरा कर्तव्य है। अखाड़ा के संस्थापक बोले, फ्राड कर रहे वीरेंद्रानंद दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान श्रीपंच दशनाम श्रीसंत गुरुदत्त अखाड़ा के संस्थापक आदित्य आनंद गोल्डन गिरि महराज ने कहा, वीरेंद्रानंद को उनकी सहमति से ही महामंडेलश्वर बनाया गया था। वह लगातार 8 माह से मेरे संपर्क में थे। पट्टाभिषेक कार्यक्रम कराने के लिए वीरेंद्रानंद ने हमसे 20 हजार रुपये लिए थे, इसका स्क्रीन शाट मेरे पास उपलब्ध है।
आनंद गोल्डन गिरि ने कहा, वीरेंद्रानंद की पिछले 8 माह की काल हिस्ट्री निकाल ली जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि कौन झूठ बोल रहा है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह दूसरे अखाड़ों से मिल गए और हमारे खिलाफ बोलने लगे। दूसरे अखाड़ों से या तो वह भयभीत हैं या तो कोई और स्वार्थ हो सकता है। गोल्डन महाराज ने बताया कि मार्च 2022 में हुआ था अखाड़े का पंजीकरण अखाड़े के संस्थापक आदित्य आनंद गोल्डन गिरि महराज ने बताया कि अखाड़े का पंजीकरण मार्च 2022 में हुआ था। तब उन्होंने कहा था, मैं सभी अखाड़ों को एक वाक्य याद दिलाने आया हूं, यदि आप भगवाधारी हो, सनातनी हो तो जरा गोपाष्टमी की उस घटना को याद करो जहां हजारों संतों को गौ माता के लिए मरवा दिया गया था। याद करो उस पालघर घर की घटना को जहां पर हमारे साधु, संतों को जानवरों की तरह प्रताड़ित कर मार दिया गया था। याद करो हमारे उन महापुरुषों को जिनको गोली मारी और गला काटकर मार दिया गया। हम आपके सम्मान की लड़ाई लड़ने आए हैं, हमें न तो कोई नाम चाहिए और न ही कोई इनाम चाहिए, बस गौ माता को राष्ट्रमाता का सम्मान मिलना चाहिए।
कहा कि याद रहे यदि एक काले हिरण के लिए बिश्नोई समाज का एक बच्चा पूरे देश को हिला सकता है तो हम अपनी गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के लिए किस, किस को हिला सकते हैं यह अंदाजा भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जो हिंदू सनातनी हमारा साथ देना चाहते हैं उनका स्वागत है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर