अयोध्या में स्थित भगवान शिव का अनादि पंचमुखी महादेव मंदिर बहुत ही प्राचीन है।यह अयोध्या के गुप्तार घाट पर स्थित है।पंच मुखी महादेव मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है।मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने अपने धाम जाने से पहले इन्हीं महादेव का पूजन किया था जो कि स्वंय भू प्रकट हैं।यहां महादेव के 5 मुख हैं।राम मंदिर से इस सिद्ध स्थान की दूरी केवल 10 किलोमीटर है। अयोध्या के गुप्तार घाट पर स्थित पंचमुखी महादेव मंदिर मुख लिंग मौजूद है।मुख की आकृति वाले शिवलिंग को मुखलिंग के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि यहां महादेव के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। राम मंदिर के 10 किलोमीटर दूर है यह सिद्ध मंदिर अयोध्या नगरी वैसे तो सिद्धों की सराय अर्थात डेरा कहा जाता है।यहां का कण- कण सिद्ध है।यह भूमि श्रीराम की जन्म स्थली के रूप में प्रसिद्ध है।इस स्थान का भगवान शिव का भी गहरा नाता है। विश्व के कुछ ही स्थानों पर 5 मुख वाले महादेव विराजमान हैं उनमें से एक अयोध्या भी है। पंचमुखी महादेव का मंदिर स्वयं भू प्रकट है। इसके प्राकट्य का कोई इतिहास नहीं मिलता है।त्रेत्रा युग में अपने धाम साकेत गमन से पहले श्रीराम ने इस महादेव की त्रेता युग में पूजा की। यह मंदिर अनादि पंचमुखी महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। महादेव के 3 स्वरूप की उपासना होती है. पंच मुखी महादेव मंदिर में भगवान शिव के तीन स्वरूपों की उपासना की जाती है। महादेव के पंचमुख सृष्टि की रचना के पांच तत्व अग्नि, वायु, आकाश, पृथ्वी और जल का प्रतीक है। पंचमुखी महादेव मंदिर के शिवलिंग में पांच मुख हैं।
मंदिर खुलने का समय पंचमुखी महादेव भगवान का अभिषेक सरयू नदी के जल से किया जाता है। फिर दूध से अभिषेक किया जाता है। शिवलिंग का अभिषेक अलग-अलग द्रव्यों से किया जाता है।अनेक प्रकार के फल सुबह 3 बजे से श्रद्धालु जल चढ़ाने के लिए यहां पहुंचते हैं. इसके बाद दिन में 12 बजे भोग लगाया जाता है. मंदिर शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक मंदिर खुला रहता है. सोमवार को लगती है लाखों भक्तों की भीड़ आचार्य डाक्टर मिथिलेश नंदिनी शरण ने बताया कि सावन को भक्ति का पहला महीना माना गया है। इसमें सोमवार का दिन भगवान शिव को विशेष रूप से समर्पित होता है।हर सोमवार की शाम को भगवान शिव का विशेष श्रृंगार किया जाता है. सावन और शिवरात्रि के दिनों में यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु रहते हैं. पुरुषोत्तम माह में भी यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। पंचमुखी महादेव मंदिर तक किस तरह से पहुंचे अगर आप पंचमुखी महादेव मंदिर हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं तो अयोध्या से सबसे नजदीक महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। इस हवाई अड्डे से यहां जाने के लिए टैक्सी कर सकते हैं। वहीं, अगर आप रेल से जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो अयोध्या कैंट और अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन सभी प्रमुख शहरों से जुड़े हैं.। इसके अलावा, सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा 24 घंटे उपलब्ध हैं। अयोध्या में स्थित भगवान शिव का अनादि पंचमुखी महादेव मंदिर बहुत ही प्राचीन है।यह अयोध्या के गुप्तार घाट पर स्थित है।पंच मुखी महादेव मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है।मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने अपने धाम जाने से पहले इन्हीं महादेव का पूजन किया था जो कि स्वंय भू प्रकट हैं।यहां महादेव के 5 मुख हैं।राम मंदिर से इस सिद्ध स्थान की दूरी केवल 10 किलोमीटर है। अयोध्या के गुप्तार घाट पर स्थित पंचमुखी महादेव मंदिर मुख लिंग मौजूद है।मुख की आकृति वाले शिवलिंग को मुखलिंग के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि यहां महादेव के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। राम मंदिर के 10 किलोमीटर दूर है यह सिद्ध मंदिर अयोध्या नगरी वैसे तो सिद्धों की सराय अर्थात डेरा कहा जाता है।यहां का कण- कण सिद्ध है।यह भूमि श्रीराम की जन्म स्थली के रूप में प्रसिद्ध है।इस स्थान का भगवान शिव का भी गहरा नाता है। विश्व के कुछ ही स्थानों पर 5 मुख वाले महादेव विराजमान हैं उनमें से एक अयोध्या भी है। पंचमुखी महादेव का मंदिर स्वयं भू प्रकट है। इसके प्राकट्य का कोई इतिहास नहीं मिलता है।त्रेत्रा युग में अपने धाम साकेत गमन से पहले श्रीराम ने इस महादेव की त्रेता युग में पूजा की। यह मंदिर अनादि पंचमुखी महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। महादेव के 3 स्वरूप की उपासना होती है. पंच मुखी महादेव मंदिर में भगवान शिव के तीन स्वरूपों की उपासना की जाती है। महादेव के पंचमुख सृष्टि की रचना के पांच तत्व अग्नि, वायु, आकाश, पृथ्वी और जल का प्रतीक है। पंचमुखी महादेव मंदिर के शिवलिंग में पांच मुख हैं।
मंदिर खुलने का समय पंचमुखी महादेव भगवान का अभिषेक सरयू नदी के जल से किया जाता है। फिर दूध से अभिषेक किया जाता है। शिवलिंग का अभिषेक अलग-अलग द्रव्यों से किया जाता है।अनेक प्रकार के फल सुबह 3 बजे से श्रद्धालु जल चढ़ाने के लिए यहां पहुंचते हैं. इसके बाद दिन में 12 बजे भोग लगाया जाता है. मंदिर शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक मंदिर खुला रहता है. सोमवार को लगती है लाखों भक्तों की भीड़ आचार्य डाक्टर मिथिलेश नंदिनी शरण ने बताया कि सावन को भक्ति का पहला महीना माना गया है। इसमें सोमवार का दिन भगवान शिव को विशेष रूप से समर्पित होता है।हर सोमवार की शाम को भगवान शिव का विशेष श्रृंगार किया जाता है. सावन और शिवरात्रि के दिनों में यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु रहते हैं. पुरुषोत्तम माह में भी यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। पंचमुखी महादेव मंदिर तक किस तरह से पहुंचे अगर आप पंचमुखी महादेव मंदिर हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं तो अयोध्या से सबसे नजदीक महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। इस हवाई अड्डे से यहां जाने के लिए टैक्सी कर सकते हैं। वहीं, अगर आप रेल से जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो अयोध्या कैंट और अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन सभी प्रमुख शहरों से जुड़े हैं.। इसके अलावा, सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा 24 घंटे उपलब्ध हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर