प्रयागराज में नर्सरी क्लास के बच्चे की मौत कैसे हुई?:प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान; थप्पड़ मारने वाली टीचर बोलीं- हमने जान नहीं ली

प्रयागराज में नर्सरी क्लास के बच्चे की मौत कैसे हुई?:प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान; थप्पड़ मारने वाली टीचर बोलीं- हमने जान नहीं ली

प्रयागराज के एक स्कूल में नर्सरी के स्टूडेंट की मौत हो गई। उसी स्कूल में कक्षा-2 में पढ़ने वाले बड़े भाई ने बयान दिए- एक टीचर ने मेरे भाई को पीटा, वह जमीन पर गिरा और बेंच उसके सिर में धंस गई। वह उठ नहीं सका, उसकी मौत हो गई। मगर, पोस्टमॉर्टम होने के बाद साढ़े 3 साल के बच्चे की मौत में नया एंगल सामने आया। बच्चे का सेक्सुअल हरेसमेंट भी किया जा रहा था। यह कौन कर रहा था? अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि बच्चे की मौत की वजह सेक्सुअल हरेसमेंट नहीं है। सिर पर लगी चोट से उसकी जान गई। डॉक्टर ने कहा- बच्चे के शरीर पर 3 जगह चोट है। पहला- आंख पर कट का निशान है। दूसरा- बच्चे की जीभ कटी हुई है। तीसरा- प्राइवेट पार्ट पर चोट। स्कूल में पढ़ाने वाली 2 टीचर्स पर FIR लिखने के साथ पुलिस नए सिरे से मामले की जांच कर रही है। इस मामले को और करीब से समझने के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम प्रयागराज से 12Km दूर महेवा कस्बा पहुंची। परिवार का दर्द बांटा। रिपोर्ट पढ़िए… मां बेसुध, पिता फोटो लेकर रोते मिले
हमारी टीम संकरी गलियों से होते हुए बच्चे के घर तक पहुंची। यहां आसपास एक अजीब सन्नाटा था। घर के आंगन में पिता बैठे दिखे। बातचीत में पता चला कि बच्चे की मां अंदर कमरे में हैं, उनकी तबीयत खराब है। वह बच्चे की मौत के बाद सदमे में हैं। घटना के बाद से बेसुध अवस्था में हैं। पिता अपने हाथ में साढ़े तीन साल के बच्चे की तस्वीर लिए हुए बिलख रहे थे। आंगन में ही कुछ दूरी पर बच्चे का स्कूल बैग, ड्रेस पड़ी हुई थी। हमने पिता से पूछा- बच्चा बड़ा चंचल था? पिता फूट-फूटकर रोने लगे, कहते हैं- ये प्लास्टिक का बल्ला देखते हैं, मैं गेंद फेंकता तो इसी से छक्का मारता था। सिर्फ 3 साल का था, मगर सब कुछ समझने लगा था। बहुत नटखट था, उसको स्कूल टीचर ने ऐसा मारा कि मेरे बच्चे को ही छीन लिया। बड़ा भाई बोला- टीचर को गाली दी, फिर वो गुस्सा हो गईं
आंगन में खेल रहे बच्चे के बड़े भाई से भी हमने बात की। वह महेवा पश्चिम स्थित DDS स्कूल में पढ़ता है, उसने पूरी घटना बताई। कहा- टीचर को मेरे भाई ने गाली दे दी थी, इससे वो नाराज हो गई थीं, उसे इतनी तेज थप्पड़ मारे कि वह जमीन पर गिर गया। भाई के सिर पर बेंच धंस गई। वह गिरने के बाद यही कह रहा था, पानी दो…पानी दो। मगर, टीचर ने पानी तक नहीं दिया। जब मैं उसे पानी देने के लिए गया तो टीचर ने डांटकर भाग दिया। उसकी आंखें अजीब सी हो रही थीं। माथे पर चोट आई थी, मुंह से खून निकल रहा था। कुछ बच्चों ने उसके सीने पर कान लगाया, वो बोल रहे थे कि टीचर इसकी सांस नहीं चल रही। टीचर ने सबको हटा दिया। भाई ने बताया- टीचर मेरे भाई को लेकर नीचे ग्राउंड फ्लोर पर पहुंची। उसे पानी पिलाने लगीं, लेकिन उसके मुंह के अंदर पानी जा ही नहीं रहा था। मुंह से पानी बाहर आ जा रहा था। इसके बाद टीचर ने मेरे पापा को फोन किया और बताया कि आपका बच्चा बेहोश हो गया है, आ जाओ। पिता बोले- मुझे नहीं पता था कि स्कूल में क्या हुआ
घटना वाले दिन क्या हुआ? इसको लेकर बच्चे के पिता ने कहा- 15 मई को हर रोज की तरह मां बच्चों को स्कूल छोड़ने गईं थीं। वह घर लौटी, उसके कुछ देर बाद करीब 9 बजे कॉल आ गया। मेरी स्कूल से कुछ ही दूरी पर किराने की दुकान है। जब टीचर ने बताया कि बेटा बेहोश हो गया है। मैं इतना घबरा गया कि दुकान खुली छोड़कर स्कूल पहुंचा। देखा कि स्कूल की टीचर मेरे बच्चे को गोद में लिए खड़ी थीं। मैं बिना देरी किए सीधे करीब के अस्पताल पहुंचा। मगर डॉक्टर ने एडमिट करने से ही मना कर दिया। बोले- आपका बच्चा नहीं रहा। फिर में कई और अस्पतालों में भी गया। सरोजनी नायडू चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भी गया। वहां भी हमें जवाब दे दिया गया। मुझे तब तक ये नहीं पता था कि स्कूल में हुआ क्या है? मेरा बच्चा तो स्कूल में ही मर चुका था। मां ने कहा- महीनेभर पहले ही एडमिशन कराया
मां ने बताया- एक महीने पहले छोटे बच्चे का एडमिशन नर्सरी में कराया था। उसे मैं ही स्कूल छोड़ने जाती थी। वह रोता बहुत था, इसलिए मैं घंटों स्कूल गेट पर खड़ी रहती थी, ताकि उसको लगे कि मैं बाहर हूं। उस दिन शायद मेरे बच्चे ने टीचर को कुछ कह दिया था। तब तीसरी क्लास की टीचर ने उसे मारा था। उसको पानी तक नहीं दिया.. जबकि उसके स्कूल बैग में लंच बाक्स और पानी रखा था। शायद उसे पानी मिल जाता तो बच जाता। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस 2 एंगल पर जांच कर रही… स्कूल में सारी लेडीज टीचर, हरेसमेंट कौन कर रहा?
15 मई को बच्चे की मौत होने के बाद पिता की शिकायत पर पुलिस ने स्कूल की 2 टीचर के खिलाफ केस दर्ज किया। माना गया कि बच्चे की मौत की वजह सिर की चोट थी। मगर उसके प्राइवेट पार्ट पर भी चोट मिली। डॉक्टर ने आशंका जताई कि बच्चे के साथ सेक्सुअल हरेसमेंट हो रहा था। शायद बच्चा किसी को बता नहीं सका। पुलिस की जांच दो पॉइंट्स पर चल रही है। पहली- स्कूल टीचर की पिटाई से बच्चे की मौत हो गई। दूसरी- सेक्सुअल हरेसमेंट कौन कर रहा था? क्योंकि स्कूल में टीचर और स्टाफ लेडीज है। सिर्फ चपरासी और गार्ड ही पुरुष हैं। ऐसे में पूछताछ की जा रही है। साथ ही, जहां बच्चा रहता था, वहां लोगों से भी पुलिस पूछताछ करेगी। पुलिस को स्कूल में नहीं मिले CCTV
पुलिस जांच में सामने आया कि नैनी के महेवा पश्चिम पट्टी के डीडीएस जूनियर हाईस्कूल 35 साल से चल रहा है, लेकिन कहीं भी CCTV नहीं लगे हैं। यहां पर वाटर कूलर और पानी की भी समस्या है। गर्मी में बच्चे खुले ग्राउंड में झूले पर खेलते हैं। स्कूल के क्लास में किसी भी तरफ से हवा के लिए रोशनदान नहीं है। शनिवार को खंड शिक्षा अधिकारी नरेंद्र देव पांडेय स्कूल में आरोपी टीचर्स आरती और शिवांगी का बयान दर्ज किया। पढ़िए दोनों ने क्या-कुछ कहा… पहली टीचर का बयान
कहा- मैं 10 साल से पढ़ा रही, कभी किसी को नहीं मारा
टीचर आरती ने कहा- बच्चा स्कूल में रो रहा था। टीचर शिवांगी ने मुझे बुलाया। मैं बच्चे को शांत करा रही थी। उस समय उसका बड़ा भाई सुमित भी वहां था। बच्चा बेंच से गिरकर बेहोश हो गया। पानी का छींटे मारने के बाद भी होश नहीं आया। पिता को सूचना दी गई। वे खुद बच्चे को कई अस्पताल ले गईं, लेकिन उसे नहीं बचा पाईं। आरती ने कहा, मैं 10 साल से स्कूल में पढ़ा रही हूं, कभी किसी बच्चे को नहीं मारा, सिर्फ डांट-फटकार लगाई है। दूसरी टीचर का बयान
कहा- उसकी सांस तेज चल रही थी, फिर वह बेहोश हुआ
टीचर शिवांगी ने बताया, बच्चा रो रहा था। उसको बेंच पर बैठाया गया। उसकी सांस तेज चल रही थी। फिर वह बेंच से गिरकर बेहोश हो गया। मारपीट जैसा कुछ नहीं था। वह बहुत से बच्चे थे, किसी से भी पूछा जा सकता है। अब पुलिस एक्शन जानिए… DCP ने कहा- बच्चे के साथ गलत करने वाले तक पहुंचेंगे
DCP विवेक चंद्र ने कहा- बच्चे की मौत मामले में टीचर्स पर आरोप है। नैनी थाने में FIR दर्ज कराई गई है। परिजनों ने तहरीर में सेक्सुअल हरेसमेंट की बात नहीं कही गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आई ब्रो के पास एक छोटा सा कट, उसके जीभ पर कुछ निशान हैं, प्राइवेट पार्ट पर भी निशान हैं। इसलिए पुलिस हर बिंदू पर जांच कर रही है। स्कूल और घर के पास जो CCTV लगे हैं, उन्हें देखा जा रहा है। डॉक्टर का भी ओपिनियन लिया जा रहा है। हम बच्चे के साथ गलत करने वाले तक भी पहुंच जाएंगे। ……………………………………. गाजीपुर में VIDEO बनाकर पेड़ से लटका टीचर: कहा- पत्नी-सास ने झूठा केस कराया, कोर्ट के चक्कर में 500 KM आना पड़ रहा गाजीपुर में सरकारी टीचर ने जान देने से पहले वीडियो बनाया। उसने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। कहा- मुकदमे की वजह से मुझे सीतापुर से गाजीपुर जाकर कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। मैं जान देने जा रहा हूं। मेरी मौत के जिम्मेदार पत्नी और सास हैं। पढ़िए पूरी खबर… प्रयागराज के एक स्कूल में नर्सरी के स्टूडेंट की मौत हो गई। उसी स्कूल में कक्षा-2 में पढ़ने वाले बड़े भाई ने बयान दिए- एक टीचर ने मेरे भाई को पीटा, वह जमीन पर गिरा और बेंच उसके सिर में धंस गई। वह उठ नहीं सका, उसकी मौत हो गई। मगर, पोस्टमॉर्टम होने के बाद साढ़े 3 साल के बच्चे की मौत में नया एंगल सामने आया। बच्चे का सेक्सुअल हरेसमेंट भी किया जा रहा था। यह कौन कर रहा था? अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि बच्चे की मौत की वजह सेक्सुअल हरेसमेंट नहीं है। सिर पर लगी चोट से उसकी जान गई। डॉक्टर ने कहा- बच्चे के शरीर पर 3 जगह चोट है। पहला- आंख पर कट का निशान है। दूसरा- बच्चे की जीभ कटी हुई है। तीसरा- प्राइवेट पार्ट पर चोट। स्कूल में पढ़ाने वाली 2 टीचर्स पर FIR लिखने के साथ पुलिस नए सिरे से मामले की जांच कर रही है। इस मामले को और करीब से समझने के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम प्रयागराज से 12Km दूर महेवा कस्बा पहुंची। परिवार का दर्द बांटा। रिपोर्ट पढ़िए… मां बेसुध, पिता फोटो लेकर रोते मिले
हमारी टीम संकरी गलियों से होते हुए बच्चे के घर तक पहुंची। यहां आसपास एक अजीब सन्नाटा था। घर के आंगन में पिता बैठे दिखे। बातचीत में पता चला कि बच्चे की मां अंदर कमरे में हैं, उनकी तबीयत खराब है। वह बच्चे की मौत के बाद सदमे में हैं। घटना के बाद से बेसुध अवस्था में हैं। पिता अपने हाथ में साढ़े तीन साल के बच्चे की तस्वीर लिए हुए बिलख रहे थे। आंगन में ही कुछ दूरी पर बच्चे का स्कूल बैग, ड्रेस पड़ी हुई थी। हमने पिता से पूछा- बच्चा बड़ा चंचल था? पिता फूट-फूटकर रोने लगे, कहते हैं- ये प्लास्टिक का बल्ला देखते हैं, मैं गेंद फेंकता तो इसी से छक्का मारता था। सिर्फ 3 साल का था, मगर सब कुछ समझने लगा था। बहुत नटखट था, उसको स्कूल टीचर ने ऐसा मारा कि मेरे बच्चे को ही छीन लिया। बड़ा भाई बोला- टीचर को गाली दी, फिर वो गुस्सा हो गईं
आंगन में खेल रहे बच्चे के बड़े भाई से भी हमने बात की। वह महेवा पश्चिम स्थित DDS स्कूल में पढ़ता है, उसने पूरी घटना बताई। कहा- टीचर को मेरे भाई ने गाली दे दी थी, इससे वो नाराज हो गई थीं, उसे इतनी तेज थप्पड़ मारे कि वह जमीन पर गिर गया। भाई के सिर पर बेंच धंस गई। वह गिरने के बाद यही कह रहा था, पानी दो…पानी दो। मगर, टीचर ने पानी तक नहीं दिया। जब मैं उसे पानी देने के लिए गया तो टीचर ने डांटकर भाग दिया। उसकी आंखें अजीब सी हो रही थीं। माथे पर चोट आई थी, मुंह से खून निकल रहा था। कुछ बच्चों ने उसके सीने पर कान लगाया, वो बोल रहे थे कि टीचर इसकी सांस नहीं चल रही। टीचर ने सबको हटा दिया। भाई ने बताया- टीचर मेरे भाई को लेकर नीचे ग्राउंड फ्लोर पर पहुंची। उसे पानी पिलाने लगीं, लेकिन उसके मुंह के अंदर पानी जा ही नहीं रहा था। मुंह से पानी बाहर आ जा रहा था। इसके बाद टीचर ने मेरे पापा को फोन किया और बताया कि आपका बच्चा बेहोश हो गया है, आ जाओ। पिता बोले- मुझे नहीं पता था कि स्कूल में क्या हुआ
घटना वाले दिन क्या हुआ? इसको लेकर बच्चे के पिता ने कहा- 15 मई को हर रोज की तरह मां बच्चों को स्कूल छोड़ने गईं थीं। वह घर लौटी, उसके कुछ देर बाद करीब 9 बजे कॉल आ गया। मेरी स्कूल से कुछ ही दूरी पर किराने की दुकान है। जब टीचर ने बताया कि बेटा बेहोश हो गया है। मैं इतना घबरा गया कि दुकान खुली छोड़कर स्कूल पहुंचा। देखा कि स्कूल की टीचर मेरे बच्चे को गोद में लिए खड़ी थीं। मैं बिना देरी किए सीधे करीब के अस्पताल पहुंचा। मगर डॉक्टर ने एडमिट करने से ही मना कर दिया। बोले- आपका बच्चा नहीं रहा। फिर में कई और अस्पतालों में भी गया। सरोजनी नायडू चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भी गया। वहां भी हमें जवाब दे दिया गया। मुझे तब तक ये नहीं पता था कि स्कूल में हुआ क्या है? मेरा बच्चा तो स्कूल में ही मर चुका था। मां ने कहा- महीनेभर पहले ही एडमिशन कराया
मां ने बताया- एक महीने पहले छोटे बच्चे का एडमिशन नर्सरी में कराया था। उसे मैं ही स्कूल छोड़ने जाती थी। वह रोता बहुत था, इसलिए मैं घंटों स्कूल गेट पर खड़ी रहती थी, ताकि उसको लगे कि मैं बाहर हूं। उस दिन शायद मेरे बच्चे ने टीचर को कुछ कह दिया था। तब तीसरी क्लास की टीचर ने उसे मारा था। उसको पानी तक नहीं दिया.. जबकि उसके स्कूल बैग में लंच बाक्स और पानी रखा था। शायद उसे पानी मिल जाता तो बच जाता। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस 2 एंगल पर जांच कर रही… स्कूल में सारी लेडीज टीचर, हरेसमेंट कौन कर रहा?
15 मई को बच्चे की मौत होने के बाद पिता की शिकायत पर पुलिस ने स्कूल की 2 टीचर के खिलाफ केस दर्ज किया। माना गया कि बच्चे की मौत की वजह सिर की चोट थी। मगर उसके प्राइवेट पार्ट पर भी चोट मिली। डॉक्टर ने आशंका जताई कि बच्चे के साथ सेक्सुअल हरेसमेंट हो रहा था। शायद बच्चा किसी को बता नहीं सका। पुलिस की जांच दो पॉइंट्स पर चल रही है। पहली- स्कूल टीचर की पिटाई से बच्चे की मौत हो गई। दूसरी- सेक्सुअल हरेसमेंट कौन कर रहा था? क्योंकि स्कूल में टीचर और स्टाफ लेडीज है। सिर्फ चपरासी और गार्ड ही पुरुष हैं। ऐसे में पूछताछ की जा रही है। साथ ही, जहां बच्चा रहता था, वहां लोगों से भी पुलिस पूछताछ करेगी। पुलिस को स्कूल में नहीं मिले CCTV
पुलिस जांच में सामने आया कि नैनी के महेवा पश्चिम पट्टी के डीडीएस जूनियर हाईस्कूल 35 साल से चल रहा है, लेकिन कहीं भी CCTV नहीं लगे हैं। यहां पर वाटर कूलर और पानी की भी समस्या है। गर्मी में बच्चे खुले ग्राउंड में झूले पर खेलते हैं। स्कूल के क्लास में किसी भी तरफ से हवा के लिए रोशनदान नहीं है। शनिवार को खंड शिक्षा अधिकारी नरेंद्र देव पांडेय स्कूल में आरोपी टीचर्स आरती और शिवांगी का बयान दर्ज किया। पढ़िए दोनों ने क्या-कुछ कहा… पहली टीचर का बयान
कहा- मैं 10 साल से पढ़ा रही, कभी किसी को नहीं मारा
टीचर आरती ने कहा- बच्चा स्कूल में रो रहा था। टीचर शिवांगी ने मुझे बुलाया। मैं बच्चे को शांत करा रही थी। उस समय उसका बड़ा भाई सुमित भी वहां था। बच्चा बेंच से गिरकर बेहोश हो गया। पानी का छींटे मारने के बाद भी होश नहीं आया। पिता को सूचना दी गई। वे खुद बच्चे को कई अस्पताल ले गईं, लेकिन उसे नहीं बचा पाईं। आरती ने कहा, मैं 10 साल से स्कूल में पढ़ा रही हूं, कभी किसी बच्चे को नहीं मारा, सिर्फ डांट-फटकार लगाई है। दूसरी टीचर का बयान
कहा- उसकी सांस तेज चल रही थी, फिर वह बेहोश हुआ
टीचर शिवांगी ने बताया, बच्चा रो रहा था। उसको बेंच पर बैठाया गया। उसकी सांस तेज चल रही थी। फिर वह बेंच से गिरकर बेहोश हो गया। मारपीट जैसा कुछ नहीं था। वह बहुत से बच्चे थे, किसी से भी पूछा जा सकता है। अब पुलिस एक्शन जानिए… DCP ने कहा- बच्चे के साथ गलत करने वाले तक पहुंचेंगे
DCP विवेक चंद्र ने कहा- बच्चे की मौत मामले में टीचर्स पर आरोप है। नैनी थाने में FIR दर्ज कराई गई है। परिजनों ने तहरीर में सेक्सुअल हरेसमेंट की बात नहीं कही गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आई ब्रो के पास एक छोटा सा कट, उसके जीभ पर कुछ निशान हैं, प्राइवेट पार्ट पर भी निशान हैं। इसलिए पुलिस हर बिंदू पर जांच कर रही है। स्कूल और घर के पास जो CCTV लगे हैं, उन्हें देखा जा रहा है। डॉक्टर का भी ओपिनियन लिया जा रहा है। हम बच्चे के साथ गलत करने वाले तक भी पहुंच जाएंगे। ……………………………………. गाजीपुर में VIDEO बनाकर पेड़ से लटका टीचर: कहा- पत्नी-सास ने झूठा केस कराया, कोर्ट के चक्कर में 500 KM आना पड़ रहा गाजीपुर में सरकारी टीचर ने जान देने से पहले वीडियो बनाया। उसने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। कहा- मुकदमे की वजह से मुझे सीतापुर से गाजीपुर जाकर कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। मैं जान देने जा रहा हूं। मेरी मौत के जिम्मेदार पत्नी और सास हैं। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर