प्रयागराज के आनंद भवन चौराहा से आज इंदिरा मैराथन हुई। ये दौड़ 42.2 किमी की थी। प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने सुबह में 6 :30 बजे हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया। जो मदन मोहन मालवीय स्टेडियम पहुंचकर खत्म हुई। इसमें कुल 290 धावक शामिल हुए। आर्मी के धावकों ने भी इसमें हिस्सा लिया। 2023 में इंदिरा मैराथन की विजेता कुमारी रीनू भी इसमें शामिल हुई। पुरुष वर्ग में योगेश शर्मा और महिला वर्ग में सोनिका पहले स्थान पर रहीं। वहीं पिछली बार की विनर रीनू ने इस बार दूसरा स्थान हासिल किया है। प्रयागराज के आनंद भवन चौराहा से आज इंदिरा मैराथन हुई। ये दौड़ 42.2 किमी की थी। प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने सुबह में 6 :30 बजे हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया। जो मदन मोहन मालवीय स्टेडियम पहुंचकर खत्म हुई। इसमें कुल 290 धावक शामिल हुए। आर्मी के धावकों ने भी इसमें हिस्सा लिया। 2023 में इंदिरा मैराथन की विजेता कुमारी रीनू भी इसमें शामिल हुई। पुरुष वर्ग में योगेश शर्मा और महिला वर्ग में सोनिका पहले स्थान पर रहीं। वहीं पिछली बार की विनर रीनू ने इस बार दूसरा स्थान हासिल किया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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लखनऊ में CRPF जवान ने खुद को गोली मारी:ड्यूटी पर तैनात था, इंसास राइफल से सिर पर फायर किया
लखनऊ में CRPF जवान ने खुद को गोली मारी:ड्यूटी पर तैनात था, इंसास राइफल से सिर पर फायर किया लखनऊ में ड्यूटी पर तैनात CRPF जवान ने सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जवान केंद्रीय रिजर्व पुलिस लाइन की 93 बटालियन में तैनात था। बटालियन इंस्पेक्टर की सूचना पर पहुंची पुलिस घायल को KGMU ट्रॉमा सेंटर ले गई। यहां डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया। आशियाना इंस्पेक्टर छत्रपाल सिंह ने बताया, कॉन्स्टेबल उपेंद्र कुमार सिंह (36) पुत्र पिता पारस नाथ सिंह गुरुवार सुबह 8:45 पर ड्यूटी पर तैनात था। इसी दौरान सर्विस राइफल से सिर में सटाकर गोली मार ली। फायरिंग की आवाज सुनकर अन्य साथी मौके पर पहुंचे तो जवान खून से लथपथ पड़ा था। मौके से नहीं मिला सुसाइड नोट हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर फॉरेंसिक टीम भी पहुंची और जांच पड़ताल की। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। उपेंद्र मूल रूप से बिहार के लखपुरवा रसूलपुर जिला छपरा के रहने वाले थे। आत्महत्या किन कारणों से की है अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। मामले की जांच की जा रही है। मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दी गई है। हेड कॉन्स्टेबल पद पर होना था प्रमोशन उपेंद्र की भर्ती 2010 में हुई थी। बताया जा रहा है कि जवान दो दिन पहले ही अल्फा यूनिट पारा से आया था। हेड कॉन्स्टेबल पद पर प्रमोशन होना था। इसके लिए ट्रेनिंग लेने अजमेर जाने वाला था। परिवार में पत्नी रूबी सिंह और दो बच्चे ऋषिकेश कुमार सिंह (14), उज्जवल कुमार सिंह (11) हैं।
ज्योति मौर्य मामले में निलंबित होमगार्ड कमांडेंट को राहत:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निलंबन पर रोक लगाई; राज्य सरकार से जवाब मांगा
ज्योति मौर्य मामले में निलंबित होमगार्ड कमांडेंट को राहत:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निलंबन पर रोक लगाई; राज्य सरकार से जवाब मांगा SDM ज्योति मौर्य मामले में निलंबित हुए होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मनीष दुबे के निलंबन पर रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की सिंगल बेंच कर रही है। वकील अनूप त्रिवेदी ने बताया- मनीष ने निलंबन के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। ACS होमगार्ड, DG होमगार्ड कोर्ट को बताएंगे कि मनीष दुबे को क्यों निलंबित किया गया। 15 दिन में कोर्ट में जानकारी दाखिल करनी है। 3 हफ्ते बाद मामले पर दोबारा सुनवाई होगी। प्रेम-प्रसंग के आरोपों से घिरे मनीष हुए थे निलंबित
होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे पर PCS अधिकारी ज्योति मौर्य के साथ प्रेम-प्रसंग का आरोप लगा। इसके बाद शासन ने नवंबर, 2023 में उन्हें निलंबित कर दिया था। मनीष ने अपने निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन पर SDM ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य ने आरोप लगाए थे। दरअसल, होमगार्ड मुख्यालय के आदेश पर DIG होमगार्ड प्रयागराज रेंज ने जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद DG होमगार्ड ने शासन से मनीष दुबे को निलंबित करने की संस्तुति की थी। 1 साल पहले शुरू हुआ विवाद
बता दें कि जुलाई, 2023 में आलोक मौर्य ने अपनी PCS पत्नी ज्योति मौर्य और गाजियाबाद के होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाए थे। जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। DG होमगार्ड के निर्देश पर DIG ने जांच की, जिसमें मनीष दुबे पर लगे आरोप सही पाते हुए उनको निलंबित कर विभागीय जांच और मुकदमा दर्ज कराने की सिफारिश की गई। इसे DG होमगार्ड ने अपनी संस्तुति के साथ शासन को भेज दिया था। वहीं मनीष दुबे का तबादला गाजियाबाद से महोबा कर दिया गया। शासन में बीते चार महीने से विभागीय जांच जारी रहने और किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में देरी पर होमगार्ड मंत्री ने मनीष दुबे को निलंबित करने का आदेश दिया। जिसके बाद आनन-फानन में निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया। अपर मुख्य सचिव होमगार्ड अनिल कुमार ने इसकी पुष्टि की है। DG होमगार्ड बीके मौर्य ने बताया- मनीष दुबे को विभाग की छवि धूमिल करने, मनमानी करने, अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया। SDM के पति ने लगाए थे आरोप
बरेली की चीनी मिल में तैनात पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य ने आरोप लगाया था कि पत्नी के होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के साथ करीबी रिश्ते हैं। दोनों उसकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। उसने अपनी शिकायत के साथ कई कॉल रिकॉर्डिंग और वॉट्सऐप चैट भी मुहैया कराईं। साथ ही, मनीष दुबे के पूर्व में कई महिलाओं के साथ संबंध होने के प्रमाण भी दिए थे। हालांकि, बाद में आलोक मौर्य ने शिकायत वापस ले ली थी, जिसके बाद शासन ने ज्योति मौर्य के खिलाफ चल रही जांच को समाप्त कर दिया था। होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे निलंबित होने की कवरेज पढ़िए… DG होमगार्ड की संस्तुति के बाद शासन का फैसला, जांच में दोषी पाए गए थे PCS ज्योति मौर्या और होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ हुई शिकायतों की जांच में प्रथम दृष्टया दोनों दोषी पाए गए हैं। होम गार्ड संगठन के DG रेंज प्रयागराज संतोष कुमार ने जांच में कमांडेंट मनीष दुबे को दोषी करार दिया है। रिपोर्ट सोमवार को डीजी होम गार्ड को सौंपी थी। पढ़िए पूरी खबर
महेंद्रगढ़ में 26 दिन बाद भी नहीं लिया शव:पिता बोले- आरोपियों को बचा रहे केंद्रीय मंत्री; पूर्व मंत्री पर FIR की मांग
महेंद्रगढ़ में 26 दिन बाद भी नहीं लिया शव:पिता बोले- आरोपियों को बचा रहे केंद्रीय मंत्री; पूर्व मंत्री पर FIR की मांग महेंद्रगढ़ में युवक के सुसाइड के 26 दिन बाद भी परिजनों ने शव लेने इनकार कर दिया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री पर FIR दर्ज नहीं हुई तो 7 दिन बाद वह हमेशा के लिए जंगल में निकल जाएंगे। वहीं मां ने भी आत्महत्या करने की चेतावनी दी है। जानकारी अनुसार गांव बाघोत निवासी 26 वर्षीय मोहित ने 13 दिसंबर को अज्ञात कारणों के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। 14 दिसंबर को शव का पोस्टमॉर्टम करवा उप नागरिक अस्पताल में रखवा दिया था। सुसाइड के लिए पूर्व मंत्री समेत 6 लोगों पर उकसाने का आरोप मृतक के पिता कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि उसके बड़े बेटे मोहित ने पूर्व मंत्री और उसके बेटे व 6 अन्य लोगों की वजह से सुसाइड किया था। उसकी डेड बॉडी कनीना अस्पताल में रखी हुई है, आज 26 दिन हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री पर आरोपियों को बचाने का आरोप उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री ने हत्यारों का साथ देने में उनकी मदद की है। केंद्रीय मंत्री किसी के नहीं है, वह अपने परिवार व अहीर वाल क्षेत्र के भी नहीं है। प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार कैलाश चंद शर्मा ने प्रधानमंत्री से उम्मीद जताते हुए न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने ने कहा कि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे सात दिन बाद परिवार के साथ जंगल में निकल जाएंगे और फिर वापस लौटकर नहीं आएंगे। मृतक की मां ने कहा कि दो दिन में केस दर्ज नहीं होता है तो वह अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेगी।