हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भिवानी जिले के लोहारू में कॉलेज की छात्रा द्वारा आत्महत्या के मामले में सीबीआई या हाई कोर्ट के सिटिंग जज जांच करवाने की मांग की है। वहीं उन्होंने दिल्ली में प्रियंका गांधी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता द्वारा टिप्पणी करने के मामले में भी भाजपा पार्टी से ऐसे नेताओं को बाहर निकालने की मांग की है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि लोहारू कॉलेज की छात्रा की आत्महत्या का जो मामला हुआ है, उस मामले में सीबीआई या हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच होनी चाहिए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी लोगों के सामने आ सके। इस मामले में जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी के खिलाफ जो दिल्ली में भाजपा नेताओं द्वारा टिप्पणी की गई है, वह निंदनीय है। भारतीय जनता पार्टी को ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर निकलना चाहिए। साथ ही उन्होंने दिल्ली चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कोई काम नहीं किया है। इसलिए अब दिल्ली की जनता कांग्रेस की ओर देख रही है। किसान आंदोलन पर बोले हुड्डा किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि डल्लेवाल की हालत चिंताजनक बनी हुई है, और किसान नेता मरने की कगार पर है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि उनसे बातचीत कर इसका समाधान निकाले। हरियाणा की मौजूदा सरकार पर पर कटाक्ष करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार केवल प्रदेश पर कर्ज बढ़ाने का काम कर रही है और कोई भी नया काम हरियाणा प्रदेश में नहीं किया जा रहा। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भिवानी जिले के लोहारू में कॉलेज की छात्रा द्वारा आत्महत्या के मामले में सीबीआई या हाई कोर्ट के सिटिंग जज जांच करवाने की मांग की है। वहीं उन्होंने दिल्ली में प्रियंका गांधी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता द्वारा टिप्पणी करने के मामले में भी भाजपा पार्टी से ऐसे नेताओं को बाहर निकालने की मांग की है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि लोहारू कॉलेज की छात्रा की आत्महत्या का जो मामला हुआ है, उस मामले में सीबीआई या हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच होनी चाहिए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी लोगों के सामने आ सके। इस मामले में जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी के खिलाफ जो दिल्ली में भाजपा नेताओं द्वारा टिप्पणी की गई है, वह निंदनीय है। भारतीय जनता पार्टी को ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर निकलना चाहिए। साथ ही उन्होंने दिल्ली चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कोई काम नहीं किया है। इसलिए अब दिल्ली की जनता कांग्रेस की ओर देख रही है। किसान आंदोलन पर बोले हुड्डा किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि डल्लेवाल की हालत चिंताजनक बनी हुई है, और किसान नेता मरने की कगार पर है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि उनसे बातचीत कर इसका समाधान निकाले। हरियाणा की मौजूदा सरकार पर पर कटाक्ष करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार केवल प्रदेश पर कर्ज बढ़ाने का काम कर रही है और कोई भी नया काम हरियाणा प्रदेश में नहीं किया जा रहा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में BJP सरकार गिराने की रणनीति बना रही कांग्रेस:हुड्डा ने चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग की; सांसद सैलजा गैरहाजिर रहीं
हरियाणा में BJP सरकार गिराने की रणनीति बना रही कांग्रेस:हुड्डा ने चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग की; सांसद सैलजा गैरहाजिर रहीं लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में विधानसभा के समीकरण बदल गए हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार दावा कर रहे हैं कि भाजपा सरकार अल्पमत में है। इसी को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग की गई। बैठक की अध्यक्षता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की। इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाई गई। वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार को अल्पमत में होने का दावा कर उसे बर्खास्त करने का दबाव बनाने के बारे में भी चर्चा की गई। कांग्रेस विधायक विधानसभा भंग करने के लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांग सकते हैं। समय न मिलने की स्थिति में जिला मुख्यालयों पर आंदोलन संभव है। मंगलवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीटिंग में हुए फैसले की जानकारी देंगे। सबसे अहम बात यह है कि इस मीटिंग में कांग्रेस के 4 नवनिर्वाचित सांसद भी पहुंचे हैं। इनमें रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, अंबाला से वरुण चौधरी, हिसार से जेपी और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी बैठक में शामिल हुए हैं। ये चारों सांसद हुड्डा गुट के बताए जा रहे हैं। वहीं सिरसा से SRK गुट की कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा इस मीटिंग में नहीं पहुंची हैं। कांग्रेस क्यों कर रही है दावा
हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद जजपा 10 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर को सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। नायब सैनी सीएम बन गए। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा
लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी?
BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।
ओलिंपिक से पहले नीरज ने जीता गोल्ड:पावो नूरमी गेम्स में 85.97 मीटर थ्रो किया; मसल्स में खिंचाव के कारण एक टूर्नामेंट छोड़ा
ओलिंपिक से पहले नीरज ने जीता गोल्ड:पावो नूरमी गेम्स में 85.97 मीटर थ्रो किया; मसल्स में खिंचाव के कारण एक टूर्नामेंट छोड़ा टोक्यो ओलिंपिक में जेवलिन थ्रो के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने फिन लैंड के टुर्कु में आयोजित पावो नूरमी गेम्स में जेवलिन में गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने 85.97 थ्रो करके पहला स्थान प्राप्त किया।
नीरज के अलावा फिनलैंड के टोनी केरानेन ने 84.19 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहकर सिल्वर मेडल और ओलिवियर हेलांडर ने 83.96 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ बॉन्ज मेडल जीता है। इस प्रतियोगिता में नीरज दूसरे थ्रो में पिछड़ गए थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने न केवल अच्छी वापसी की, बल्कि अपना बेस्ट थ्रो भी किया। अगले महीने से पेरिस ओलिंपिक गेम्स नीरज का गोल्ड जीतना भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 26 जुलाई से 11 अगस्त तक पेरिस ओलिंपिक गेम्स है। नीरज को पिछले महीने प्रैक्टिस के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था। इस वजह से उन्होंने 28 मई को चेक गणराज्य में आयोजित ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया था। इसकी जानकारी नीरज ने सोशल मीडिया पर दी थी। नीरज चोपड़ा ने लिखा था, “मुझे ये समस्या पहले भी रही है। इस स्टेज पर अगर मैं खुद को पुश करता हूं तो ये चोट में बदल सकती है। मैं साफ कर दे रहा हूं कि मैं चोटिल नहीं हूं, पर मैं ओलिंपिक्स से पहले कोई खतरा नहीं लेना चाहता। जैसे ही मैं पूरी तरह से रिकवर हो जाऊंगा, मैं चैम्पियनशिप में वापसी करूंगा। आपके सपोर्ट के लिए धन्यवाद।” पहले आगे और फिर पीछे हो गए थे नीरज नीरज चोपड़ा सबसे पहले थ्रो करने आए और उन्होंने पहली ही बार में 83.62 मीटर का थ्रो किया। हालांकि यह उनकी खराब शुरुआत नहीं थी। वे एंडरसन पीटर्स से आगे रहे, जिन्होंने पहली बार में 82.58 मीटर का थ्रो किया। दूसरे प्रयास में नीरज ने 83.45 मीटर का थ्रो किया जो उनके शुरुआती प्रयास से बेहतर नहीं था। दूसरे प्रयास के बाद नीरज पिछड़ गए थे और ओलिवियर हेलांडर ने बढ़त बना ली थी। ओलिवियर ने दूसरे प्रयास में 83.96 मीटर का थ्रो किया था। इससे नीरज दूसरे स्थान पर खिसक गए थे। तीसरी थ्रो में हुए आगे दूसरे प्रयास में पिछड़ने के बाद नीरज ने तीसरे प्रयास में शानदार वापसी की। उन्होंने 85.97 मीटर का थ्रो कर बढ़त हासिल कर ली। नीरज का यह सर्वश्रेष्ठ थ्रो रहा। नीरज 8 भाला फेंक एथलीट में एकमात्र खिलाड़ी रहे जिन्होंने 85 मीटर के थ्रो को पार किया। वहीं, ओलिवियर अपने तीसरे प्रयास में 83 मीटर के पार भी नहीं जा सके और उन्होंने 82.60 मीटर का थ्रो किया। तीसरा प्रयास समाप्त होने के बाद नीरज ने अपनी बढ़त बनाए रखी। चौथे प्रयास में 82.21 मीटर का थ्रो किया। नीरज का यह इस मुकाबले का सबसे कमजोर थ्रो रहा, लेकिन इससे उनकी बढ़त पर कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि अन्य कोई एथलीट उनके सर्वश्रेष्ठ थ्रो के करीब भी नहीं पहुंच सका। इस तरह नीरज ने चौथे प्रयास के समाप्त होने के बाद भी अपनी बढ़त को बरकरार रखा। पांचवा हुआ फाउल, लेकिन कोई पीछे नहीं छोड़ सका नीरज पांचवें प्रयास में फाउल कर बैठे, लेकिन राहत की बात यह रही कि इस प्रयास में भी कोई नीरज को पीछे नहीं छोड़ सका और पांचवें प्रयास की समाप्ति के बाद भी टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता इस खिलाड़ी की बादशाहत बरकरार रही। पांचवें प्रयास में आंद्रियन मारडारे ही 82 मीटर के थ्रो को पार कर सके, जबकि नीरज सहित तीन खिलाड़ियों ने फाउल किया। हालांकि, छठे प्रयास में नीरज ने 82.97 मीटर का थ्रो किया। दिलचस्प बात यह रही कि अंतिम प्रयास में नीरज और मैक्स डेहिंग ही सफल प्रयास कर सके, जबकि अन्य सभी खिलाड़ियों ने फाउल किया। स्पोर्ट्स की ये खबरें भी पढ़ें… ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा को मांसपेशियों में परेशानी: कहा- चोटिल नहीं हूं, पर ओलिंपिक्स से पहले कोई रिस्क नहीं ले सकता भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को ओलिंपिक्स से दो महीने पहले मांसपेशियों में परेशानी आ गई है। नीरज चोपड़ा ने इंस्टाग्राम पर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा- ”थ्रोइंग सेशन में हिस्सा लेने के बाद मैंने ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। नीरज चोपड़ा को नेशनल एथलेटिक्स फेडरेशन कप में गोल्ड:82.27 मीटर थ्रो फेंककर पहला स्थान हासिल किया, कर्नाटक के डीपी मनु को सिल्वर नेशनल एथलेटिक्स फेडरेशन कप में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीत लिया है। 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज भारत में पहली बार किसी कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने अपने चौथे अटैम्प्ट में 82.27 मीटर का थ्रो फेंका, इसी थ्रो से उन्होंने पहला स्थान हासिल कर गोल्ड मेडल जीता पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हरियाणा के पूर्व मंत्री ने BJP छोड़ी:JJP के बागी MLA को टिकट से नाराज; 33 साल से एक्टिव, भाजपा से पिछला चुनाव हारे
हरियाणा के पूर्व मंत्री ने BJP छोड़ी:JJP के बागी MLA को टिकट से नाराज; 33 साल से एक्टिव, भाजपा से पिछला चुनाव हारे हरियाणा में BJP उम्मीदवारों के पहली लिस्ट के 2 दिन बाद भी बवाल थमा नहीं है। अब प्रदेश सरकार में मंत्री रहे बचन सिंह आर्य ने भाजपा छोड़ दी। उन्होंने 4 लाइन का इस्तीफा लिखकर प्राइमरी मेंबरशिप भी छोड़ने का ऐलान किया। पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य बागी होकर आए JJP विधायक रामकुमार गौतम को सफीदों सीट से टिकट देने से नाराज हो गए थे। इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए पार्टी से बगावत के संकेत दिए। आर्य ने कहा कि भाजपा जींद की सभी 5 विधानसभा सीटें हारेगी। सोशल मीडिया पर लिखा था.. लगा दो आग पानी में
बच्चन सिंह आर्य ने लिखा है, “लगा दो आग पानी में, शरारत हो तो ऐसी हो, मिटा दो हस्ती जुल्मों की’ बगावत हो तो ऐसी हो…इस पोस्ट के बाद ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे, कि वह जल्द ही भाजपा को छोड़ने का ऐलान करेंगे। पूर्व मंत्री का 4 लाइन का इस्तीफा… 1 सितंबर BJP में शामिल हुए गौतम, 4 सितंबर को टिकट मिली
नारनौंद निवासी रामकुमार गौतम ब्राह्मण समुदाय से हैं। वह एक सितंबर को जींद में हुई भाजपा की जन आशीर्वाद रैली में ही भाजपा में शामिल हुए थे। रामकुमार गौतम नारनौंद से 2019 में जजपा के टिकट पर विधायक बने थे। उन्होंने भाजपा के ही कैप्टन अभिमन्यु को हराया था। अब भाजपा ने उनको सफीदों विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतार दिया है। अब देखना होगा कि भाजपा यहां पर बागियों को कैसे संतुष्ट कर पाती है या फिर रामकुमार गौतम को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सफीदों विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण समुदाय की लगभग 15 हजार वोट हैं। भाजपा से रामकुमार गौतम को टिकट मिली… 33 साल से क्षेत्र में एक्टिव, पिछला चुनाव BJP की टिकट पर लड़े
पिछले 33 वर्ष से सफीदों विधानसभा क्षेत्र की चुनावी राजनीति बचन सिंह आर्य के इर्दगिर्द घूमती रही है। वर्ष 1991 में वह पहली बार यहां से कांग्रेस टिकट पर जीते थे। उसके बाद वर्ष 2005 में आजाद उम्मीदवार के रूप में जीत कर भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व की तत्कालीन कांग्रेस सरकार को समर्पित रहे। यहां से पिछला विधानसभा चुनाव उन्होंने भाजपा की टिकट पर लड़ा था जिसमें, वह कांग्रेस के सुभाष के मुकाबले कुछ मतों से हार गए थे।