कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी शुक्रवार को पहली बार संसद में बोलीं। 25 मिनट से ज्यादा अपनी बात रखी। उन्होंने भाषण के दौरान ज्यादातर उदाहरण यूपी से जुड़े दिए। प्रियंका ने साल 2017 के बाद यूपी में हुई घटनाओं को लेकर भाजपा को घेरा। बताया, कैसे उन मामलों में सरकार और प्रशासन ने एक तरफा रवैया अपनाया था। प्रियंका ने उन्नाव, हाथरस, संभल, आगरा और ललितपुर जैसे कांड का जिक्र किया। पिछले दिनों चर्चा थी कि यूपी की जगह प्रियंका को वायनाड से लड़ाने के बाद उनको दक्षिण भारत की राजनीति में सक्रिय किया जाएगा। लेकिन उनके पहले ही भाषण ने यूपी के प्रति लगाव और यहां की राजनीति पर मौजूदा पकड़ बता दी। जानकारों का कहना है कि यह एक तरफ का मैसेज भी है, जिससे यह साफ है कि प्रियंका यूपी से दूर नहीं जा रहीं। पार्टी की तरफ से यूपी का प्रभारी कोई भी रहे, लेकिन यहां की राजनीति पर उनकी पकड़ हमेशा रहेगी। पहले जानते हैं 5 मामले, जिनका प्रियंका ने जिक्र किया 1- महिला टीचरों को जेल में डाला गया: प्रियंका ने बताया कि यूपी में शिक्षिकाएं प्रदर्शन कर रही थीं, उन्हें जेल में डाल दिया। इनकी मीडिया की मशीन झूठ फैलाती है। हालांकि, यह प्रदर्शन कब और कहां पर हुआ, इसका जिक्र नहीं किया। यूपी में पिछले कुछ सालों में लगातार शिक्षकों का प्रदर्शन होता रहा है। इसमें महिलाओं की भागीदारी भी रहती है। ऐसे में यह बता पाना मुश्किल है कि प्रियंका किस आंदोलन की चर्चा कर रही थीं, लेकिन उन्होंने यह मैसेज दिया कि यूपी के अंदर अगर आप प्रदर्शन भी करते हैं तो जेल में डाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि सदन को याद दिलाना चाहती हूं कि ऐसा डर का माहौल देश में अंग्रेजों के राज में था। जब इस तरफ बैठे हुए गांधी विचारधारा वाले आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे और उस तरफ बैठे लोग अंग्रेजों से साठगांठ कर रहे थे। 2- संभल, हाथरस, मणिपुर को लेकर पीएम को घेरा: प्रियंका ने संभल-हाथरस हिंसा की चर्चा करते हुए पीएम मोदी को घेरा। उन्होंने कहा कि पीएम सदन में संविधान की किताब को माथे से लगाते हैं। संभल, हाथरस और मणिपुर में जब न्याय की बात उठती है तो माथे पर शिकन तक नहीं आती। शायद समझ नहीं पाए कि भारत का संविधान संघ का विधान नहीं है। भारत के संविधान ने हमें एकता और आपसी प्रेम दिया। मोहब्बत की दुकान पर हंसी आती है, उसके साथ करोड़ों देशवासी चले। उनके दिल में प्रेम है घृणा नहीं। राजनीतिक फायदे के लिए देश की एकता को भी ये सुरक्षा नहीं कर सकते। संभल-मणिपुर में हमने देखा। इनका कहना है कि अलग-अलग हिस्से हैं। हमारा संविधान कहता है कि यह देश एक है और एक रहेगा। जहां खुला विवाद होता था, अभिव्यक्ति का सुरक्षा कवच था, वहां भय का माहौल है। 3- संभल में जान गंवाने वालों की बात बताई: संभल घटना के मृतक के परिवार वाले प्रियंका गांधी से मिले थे। उसकी कहानी भी प्रियंका ने बताई। उन्होंने कहा कि संभल के मृतकों के परिवार के सदस्य आए। दो बच्चे थे अदनान और उजैद। एक बच्चा मेरे बच्चे की उम्र का है, दूसरा छोटा है। दर्जी के बेटे थे। जिसका सपना बच्चों को पढ़ाना-लिखाना था। उनके पिता हर रोज उन्हें स्कूल छोड़ते थे। उस दिन भी स्कूल छोड़ने के बाद दुकान गए। भीड़ देखी और वह घर आने की कोशिश में लगे थे कि पुलिस ने गोली मार दी। अदनान मुझसे कहता है कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूंगा और पिता का सपना साकार करूंगा। ये आशा संविधान ने डाली है। प्रियंका गांधी इस घटना के माध्यम से यह बताने में सफल रही कि यूपी पुलिस का रवैया क्या है। 4- आगरा के अरुण वाल्मीकि की कहानी बताई: प्रियंका गांधी ने बताया कि आगरा में अरुण वाल्मीकि को पीट-पीटकर मार डाला गया। उस पर चोरी का आरोप लगाया गया था। उन्होंने बताया कि वह पुलिस स्टेशन में सफाई करने वाले अरुण वाल्मीकि के घर गई थीं । स्टेशन में चोरी हुई और आरोप अरुण पर लगाया गया। उसके बाद पूरा परिवार उठाकर पुलिस स्टेशन ले गए। पीट-पीटकर मार डाला, बीवी को पीटा, पिता के नाखून निकाले, पूरे परिवार को पीटा। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद जब वह जवान विधवा से मिलने गई तो उसने कहा- दीदी हमें सिर्फ न्याय चाहिए, हम लड़ते रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए। उस महिला को यह हिम्मत संविधान से मिली। 5- उन्नाव रेप पीड़ित का जिक्र किया: संविधान की ताकत बताते हुए प्रियंका उन्नाव केस का जिक्र करना भी नहीं भूलीं। उन्होंने बताया कि उन्नाव में मैं रेप पीड़िता के घर गई, 20-21 साल की होगी। हम सबके बच्चे हैं, हम सोच सकते हैं कि बेटी के साथ बार-बार बलात्कार हुआ। लड़ने गई तो उसे मार डाला गया, क्या बीतती होगी। खेत जला दिए, भाई को मारा, घर को मारा। पिता ने मुझे बताया कि बेटी मुझे न्याय चाहिए। मेरी बेटी FIR दर्ज करने के लिए जिले में गई तो मना कर दिया गया। अगले जिले में जाना पड़ा। रोज सुबह अगले जिले जाती थी केस लड़ने। मैंने मना किया कि ये लड़ाई छोड़ दो। उसने पिता को जवाब दिया कि पिता जी ये मेरी लड़ाई है, मैं लड़ूंगी। ये हिम्मत संविधान ने दी। उन्नाव मामला भी बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़ा था। इसकी वजह से आज भी बीजेपी पार्टी को कई बार बैकफुट पर आना पड़ता है। प्रियंका गांधी ने उन्नाव मामले को यूपी में काफी मजबूती से उठाया था। यहां की राजनीति में उनको स्थापित करने वाला यह आंदोलन था। प्रियंका को यूपी से विशेष लगाव, यह उसी का मैसेज
वरिष्ठ पत्रकार आनंद राय का कहना है कि प्रियंका गांधी ने यूपी में बहुत काम किया। अपने भाषण में यूपी से ही उदाहरण उठाना यह बताता है कि उनका यहां से लगाव है। यह भी संकेत है कि उनको यूपी में कोई भी किनारे नहीं कर सकता है। उनकी टिप्पणी बेबाक होती है। आनंद राय का मानना है कि प्रियंका यूपी में वेग तो लाती हैं, लेकिन वह टिकती नहीं है। मौके-मौके पर ध्यान देती हैं। लखीमपुर खीरी जा रही थीं उस समय का विरोध बहुत प्रबल था। उसके बाद एक बार बनारस में उनको रोका गया। वैसा विरोध बाद में उनकी तरफ से नहीं दिखाया गया, लेकिन यूपी से उनका एक विशेष लगाव है। प्रियंका खुद यूपी को लेकर ज्यादा सजग हैं। दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है। ऐसे में कांग्रेस का यहां आज भी विशेष ध्यान है। प्रियंका एक मजबूत चेहरा हैं। वह यूपी से कभी कट नहीं सकतीं। ———————- यह खबर भी पढ़ें मुफ्ती से NIA ने पूछे 20 सवाल, इंग्लैंड, सऊदी के बच्चे कैसे जुड़े…फंड कहां से आता है; पाकिस्तान में कॉन्टैक्ट है उत्तर प्रदेश के झांसी में मुफ्ती खालिद नदवी से NIA और ATS ने 7 घंटे पूछताछ की। पुलिस लाइन के बंद कमरे में मुफ्ती से 20 सवाल पूछे गए। मुफ्ती की इस्लामिक कोचिंग की ऑनलाइन क्लासेज से इंग्लैंड, सऊदी और भारत के अलग-अलग राज्यों के बच्चे जुड़े हुए हैं। जांच एजेंसियों ने इसको लेकर सवाल किए। जांच एजेंसियां जानना चाहती थीं कि खालिद को फंड किन सोर्स से मिल रहा है? यहां पढ़ें पूरी खबर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी शुक्रवार को पहली बार संसद में बोलीं। 25 मिनट से ज्यादा अपनी बात रखी। उन्होंने भाषण के दौरान ज्यादातर उदाहरण यूपी से जुड़े दिए। प्रियंका ने साल 2017 के बाद यूपी में हुई घटनाओं को लेकर भाजपा को घेरा। बताया, कैसे उन मामलों में सरकार और प्रशासन ने एक तरफा रवैया अपनाया था। प्रियंका ने उन्नाव, हाथरस, संभल, आगरा और ललितपुर जैसे कांड का जिक्र किया। पिछले दिनों चर्चा थी कि यूपी की जगह प्रियंका को वायनाड से लड़ाने के बाद उनको दक्षिण भारत की राजनीति में सक्रिय किया जाएगा। लेकिन उनके पहले ही भाषण ने यूपी के प्रति लगाव और यहां की राजनीति पर मौजूदा पकड़ बता दी। जानकारों का कहना है कि यह एक तरफ का मैसेज भी है, जिससे यह साफ है कि प्रियंका यूपी से दूर नहीं जा रहीं। पार्टी की तरफ से यूपी का प्रभारी कोई भी रहे, लेकिन यहां की राजनीति पर उनकी पकड़ हमेशा रहेगी। पहले जानते हैं 5 मामले, जिनका प्रियंका ने जिक्र किया 1- महिला टीचरों को जेल में डाला गया: प्रियंका ने बताया कि यूपी में शिक्षिकाएं प्रदर्शन कर रही थीं, उन्हें जेल में डाल दिया। इनकी मीडिया की मशीन झूठ फैलाती है। हालांकि, यह प्रदर्शन कब और कहां पर हुआ, इसका जिक्र नहीं किया। यूपी में पिछले कुछ सालों में लगातार शिक्षकों का प्रदर्शन होता रहा है। इसमें महिलाओं की भागीदारी भी रहती है। ऐसे में यह बता पाना मुश्किल है कि प्रियंका किस आंदोलन की चर्चा कर रही थीं, लेकिन उन्होंने यह मैसेज दिया कि यूपी के अंदर अगर आप प्रदर्शन भी करते हैं तो जेल में डाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि सदन को याद दिलाना चाहती हूं कि ऐसा डर का माहौल देश में अंग्रेजों के राज में था। जब इस तरफ बैठे हुए गांधी विचारधारा वाले आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे और उस तरफ बैठे लोग अंग्रेजों से साठगांठ कर रहे थे। 2- संभल, हाथरस, मणिपुर को लेकर पीएम को घेरा: प्रियंका ने संभल-हाथरस हिंसा की चर्चा करते हुए पीएम मोदी को घेरा। उन्होंने कहा कि पीएम सदन में संविधान की किताब को माथे से लगाते हैं। संभल, हाथरस और मणिपुर में जब न्याय की बात उठती है तो माथे पर शिकन तक नहीं आती। शायद समझ नहीं पाए कि भारत का संविधान संघ का विधान नहीं है। भारत के संविधान ने हमें एकता और आपसी प्रेम दिया। मोहब्बत की दुकान पर हंसी आती है, उसके साथ करोड़ों देशवासी चले। उनके दिल में प्रेम है घृणा नहीं। राजनीतिक फायदे के लिए देश की एकता को भी ये सुरक्षा नहीं कर सकते। संभल-मणिपुर में हमने देखा। इनका कहना है कि अलग-अलग हिस्से हैं। हमारा संविधान कहता है कि यह देश एक है और एक रहेगा। जहां खुला विवाद होता था, अभिव्यक्ति का सुरक्षा कवच था, वहां भय का माहौल है। 3- संभल में जान गंवाने वालों की बात बताई: संभल घटना के मृतक के परिवार वाले प्रियंका गांधी से मिले थे। उसकी कहानी भी प्रियंका ने बताई। उन्होंने कहा कि संभल के मृतकों के परिवार के सदस्य आए। दो बच्चे थे अदनान और उजैद। एक बच्चा मेरे बच्चे की उम्र का है, दूसरा छोटा है। दर्जी के बेटे थे। जिसका सपना बच्चों को पढ़ाना-लिखाना था। उनके पिता हर रोज उन्हें स्कूल छोड़ते थे। उस दिन भी स्कूल छोड़ने के बाद दुकान गए। भीड़ देखी और वह घर आने की कोशिश में लगे थे कि पुलिस ने गोली मार दी। अदनान मुझसे कहता है कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूंगा और पिता का सपना साकार करूंगा। ये आशा संविधान ने डाली है। प्रियंका गांधी इस घटना के माध्यम से यह बताने में सफल रही कि यूपी पुलिस का रवैया क्या है। 4- आगरा के अरुण वाल्मीकि की कहानी बताई: प्रियंका गांधी ने बताया कि आगरा में अरुण वाल्मीकि को पीट-पीटकर मार डाला गया। उस पर चोरी का आरोप लगाया गया था। उन्होंने बताया कि वह पुलिस स्टेशन में सफाई करने वाले अरुण वाल्मीकि के घर गई थीं । स्टेशन में चोरी हुई और आरोप अरुण पर लगाया गया। उसके बाद पूरा परिवार उठाकर पुलिस स्टेशन ले गए। पीट-पीटकर मार डाला, बीवी को पीटा, पिता के नाखून निकाले, पूरे परिवार को पीटा। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद जब वह जवान विधवा से मिलने गई तो उसने कहा- दीदी हमें सिर्फ न्याय चाहिए, हम लड़ते रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए। उस महिला को यह हिम्मत संविधान से मिली। 5- उन्नाव रेप पीड़ित का जिक्र किया: संविधान की ताकत बताते हुए प्रियंका उन्नाव केस का जिक्र करना भी नहीं भूलीं। उन्होंने बताया कि उन्नाव में मैं रेप पीड़िता के घर गई, 20-21 साल की होगी। हम सबके बच्चे हैं, हम सोच सकते हैं कि बेटी के साथ बार-बार बलात्कार हुआ। लड़ने गई तो उसे मार डाला गया, क्या बीतती होगी। खेत जला दिए, भाई को मारा, घर को मारा। पिता ने मुझे बताया कि बेटी मुझे न्याय चाहिए। मेरी बेटी FIR दर्ज करने के लिए जिले में गई तो मना कर दिया गया। अगले जिले में जाना पड़ा। रोज सुबह अगले जिले जाती थी केस लड़ने। मैंने मना किया कि ये लड़ाई छोड़ दो। उसने पिता को जवाब दिया कि पिता जी ये मेरी लड़ाई है, मैं लड़ूंगी। ये हिम्मत संविधान ने दी। उन्नाव मामला भी बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़ा था। इसकी वजह से आज भी बीजेपी पार्टी को कई बार बैकफुट पर आना पड़ता है। प्रियंका गांधी ने उन्नाव मामले को यूपी में काफी मजबूती से उठाया था। यहां की राजनीति में उनको स्थापित करने वाला यह आंदोलन था। प्रियंका को यूपी से विशेष लगाव, यह उसी का मैसेज
वरिष्ठ पत्रकार आनंद राय का कहना है कि प्रियंका गांधी ने यूपी में बहुत काम किया। अपने भाषण में यूपी से ही उदाहरण उठाना यह बताता है कि उनका यहां से लगाव है। यह भी संकेत है कि उनको यूपी में कोई भी किनारे नहीं कर सकता है। उनकी टिप्पणी बेबाक होती है। आनंद राय का मानना है कि प्रियंका यूपी में वेग तो लाती हैं, लेकिन वह टिकती नहीं है। मौके-मौके पर ध्यान देती हैं। लखीमपुर खीरी जा रही थीं उस समय का विरोध बहुत प्रबल था। उसके बाद एक बार बनारस में उनको रोका गया। वैसा विरोध बाद में उनकी तरफ से नहीं दिखाया गया, लेकिन यूपी से उनका एक विशेष लगाव है। प्रियंका खुद यूपी को लेकर ज्यादा सजग हैं। दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है। ऐसे में कांग्रेस का यहां आज भी विशेष ध्यान है। प्रियंका एक मजबूत चेहरा हैं। वह यूपी से कभी कट नहीं सकतीं। ———————- यह खबर भी पढ़ें मुफ्ती से NIA ने पूछे 20 सवाल, इंग्लैंड, सऊदी के बच्चे कैसे जुड़े…फंड कहां से आता है; पाकिस्तान में कॉन्टैक्ट है उत्तर प्रदेश के झांसी में मुफ्ती खालिद नदवी से NIA और ATS ने 7 घंटे पूछताछ की। पुलिस लाइन के बंद कमरे में मुफ्ती से 20 सवाल पूछे गए। मुफ्ती की इस्लामिक कोचिंग की ऑनलाइन क्लासेज से इंग्लैंड, सऊदी और भारत के अलग-अलग राज्यों के बच्चे जुड़े हुए हैं। जांच एजेंसियों ने इसको लेकर सवाल किए। जांच एजेंसियां जानना चाहती थीं कि खालिद को फंड किन सोर्स से मिल रहा है? यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर