प्रेमानंद जी से 2023 में मिले विराट, शतकों की बारिश:संन्यास के बाद फिर वृंदावन पहुंचे, मुश्किल दौर में आध्यात्म की तरफ आते हैं सेलिब्रिटी

प्रेमानंद जी से 2023 में मिले विराट, शतकों की बारिश:संन्यास के बाद फिर वृंदावन पहुंचे, मुश्किल दौर में आध्यात्म की तरफ आते हैं सेलिब्रिटी

विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। अगले ही दिन वह पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ वृंदावन में प्रेमानंद महाराज की शरण में पहुंच गए। यह पहली बार नहीं है, जब वह यहां आए। 2022-23 में विराट खराब फॉर्म से जूझ रहे थे। दबाव था, संन्यास लेने का। जनवरी, 2023 में प्रेमानंद जी के आश्रम में पहली बार आए। फिर विराट ने अगस्त, 2023 में अफगानिस्तान के खिलाफ शतक मारा। उसके बाद 10 शतक लगाए। टेस्ट से संन्यास के बाद उनकी प्रेमानंद जी से फिर मुलाकात हुई। इसके बाद चर्चा है कि विराट के लिए प्रेमानंद जी लकी हैं। असफलता और बुरे दौर में अध्यात्म के करीब आकर सफल होने की कई कहानियां हैं। पंजाबी सिंगर बी प्राक अध्यात्म के करीब आए, जब वे खराब दौर से गुजर रहे थे। इस बार संडे बिग स्टोरी में पढ़िए इसी तरह की कहानियां… पहले विराट कोहली के अध्यात्म की तरफ मुड़ने की कहानी… प्रेमानंद जी से पहली मुलाकात के बाद 3 साल की खराब परफॉर्मेंस से बाहर आए
साल- 2016 वर्ल्ड कप के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक रिपोर्टर ने विराट कोहली से पूछा- क्या पूजा-पाठ आपको मैदान पर शांत रखने में मदद करता है? इस पर विराट कोहली ने जवाब दिया था- क्या मैं पूजा-पाठ टाइप जैसा दिखता हूं। जब मैंने शुरुआत की थी, तो मेरे बारे में बहुत कुछ गलत था…। मैं टैटू वाला लड़का था, जो स्टाइलिश कपड़े पहनता था। मैं हमेशा यह मानता हूं कि पूरी मेहनत करूं। उस समय विराट क्रिकेट की बुलंदियों पर थे। फिर दौर आया 2020-23 का। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन लगातार गिर रहा था। 2008 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले विराट के जीवन में 2020 और 2021 लगातार वो 2 साल थे, जब उनके बल्ले से कोई शतक नहीं निकला था। 2022 में भी उनका औसत रन रेट 38.51 था। इसके बाद वह आलोचना के शिकार होने लगे। मानसिक रूप से दबाव में चल रहे विराट 4 जनवरी, 2023 को पत्नी अनुष्का के साथ प्रेमानंद जी महाराज के पास पहुंचे। प्रेमानंद जी ने सीख दी- जीवन में विपरीतता या कष्ट आना ईश्वर की कृपा का संकेत है। ऐसे समय में ईश्वर का नाम जपते रहना चाहिए। जीवन में यश और प्रसिद्धि की भावना को त्यागकर आंतरिक चिंतन में बदलाव लाना चाहिए। प्रेमानंद महाराज ने कहा था- जब जीवन में प्रतिकूलता या कष्ट आते हैं, तो इसका मतलब है कि ईश्वर की कृपा हो रही है। यह व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जा रही है। विराट ने पत्नी के साथ महाकाल के दर्शन भी किए और भस्मआरती में भी शामिल हुए। फिर नीम करौरी आश्रम भी गए। इसके बाद क्रिकेट की बुलंदियों पर पहुंच गए और लगातार शतक लगाने लगे। 3 साल बाद उनका औसत रन रेट बढ़कर 66.06 हो गया। प्रेमानंद जी से सवाल- असफलता में हमें कैसे रहना है?
2023 में विराट काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। 2024 के T-20 वर्ल्ड कप में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा। उन्हें प्लेयर ऑफ टूर्नामेंट मिला। लेकिन, फिर उनकी परफॉर्मेंस गिरने लगी। 2024 में उनका औसत रन रेट 21.95 था। इसके बाद 10 जनवरी, 2025 को विराट पत्नी और अपने बच्चों के साथ प्रेमानंद जी की शरण में आए। तब उन्होंने पूछा था- असफलता से बाहर कैसे निकलें? असफलता में हमें कैसे रहना है? तब प्रेमानंद जी ने कहा था- अभ्यास जारी रखें। असफलता के समय हमें भगवान का चिंतन के साथ धैर्य रखना होगा। यह बड़ा कठिन है। असफलता में कोई कैसे धैर्य रखे। जो सफलता में सम्मान मिलता है, वो असफलता में कैसे मिलेगा? इसीलिए भगवान का चिंतन करना चाहिए। यहां से नई ऊर्जा के साथ विराट कोहली फिर पिच पर उतरे और IPL- 2025 में 11 मैचों में 7 अर्धशतकों की मदद से 505 रन बनाए। उनका औसत 63.12 रन का रहा और 143.46 का स्‍ट्राइक रेट रहा। अब टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर मिलने आए
तीसरी बार विराट प्रेमानंद जी से मिलने वृंदावन तब आए, जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। प्रेमानंद जी ने विराट और अनुष्का से पूछा- प्रसन्न हो? इस पर विराट ने मुस्कुराकर कहा- हां। महाराज ने दोनों को आशीर्वाद दिया- जाओ, खूब आनंदित रहो, नाम जप करते रहो। इस पर अनुष्का ने पूछा- बाबा क्या नाम जप से सब कुछ पूरा हो जाएगा? महाराज ने कहा- हां, सब पूरा होगा। महाराज ने कहा कि भगवान ने बिना प्रतिकूलता के इस संसार को छुड़ाने की कोई भी औषधि नहीं रखी। आज तक जितने बड़े महापुरुष हुए हैं, जिनका जीवन बदला, उनको प्रतिकूलता के दर्शन करने पड़े हैं। इसलिए कभी प्रतिकूलता आए तो उस समय आनंदित हों कि मेरे ऊपर अब भगवान की कृपा हो रही है। मुझे सतमार्ग पर चलने की प्रेरणा मिल रही है। अब उन दो सिंगर की कहानी, जो प्रेमानंद जी से मिलने आए पंजाबी सिंगर बी प्राक: दूसरा बेटा खोया; पत्नी के साथ आए मिलने
प्रसिद्ध पंजाबी सिंगर बी प्राक यानी प्रतीक बचन भी जब परेशानियों से जूझते हैं, तो प्रेमानंद महाराज की शरण में आते हैं। बी प्राक की शादी 2019 में मीरा से हुई थी। 2022 में बी प्राक और मीरा के दूसरे बेटे की जन्म के तुरंत बाद मौत हो गई। इसके पहले 2021 में उनके पिता का भी निधन हो गया था। इससे बी प्राक और उनकी पत्नी पूरी तरह से टूट गए थे। वह पत्नी के साथ प्रेमानंद महाराज से मिले। दंपती ने सवाल किया- एक मां बच्चे को 9 महीने गर्भ में रखती है, जन्म देती है। वो बच्चा दुनिया में सांस न ले, क्या वह इस दुनिया के लिए नहीं था? इस सवाल पर प्रेमानंद जी ने कहा था- जो विधान है, उसे आप नहीं बदल सकते। कोई पैदा होते ही मर जाता है, कोई 100 साल जीता है। लेकिन, जब तक हैं, तब तक राम हरि उच्चारण कर लें। आपको लगता है कि उस बालक ने क्या पाप किया है, वो बालक नहीं है। उसे नया कपड़ा मिला है। वो अनेक कर्मों को करते हुए शुभ-अशुभ की पोटली लिए घूम रहा है। उसे हर बार नया अवसर मिलता है। उसका संयोग बना था, लेकिन हमारे कर्म इतने नीचे थे कि मां के गर्भ से बाहर ही नहीं निकल पाए। तो चलो, अब दूसरी मां का गर्भ स्वीकार करो। प्रेमानंद जी के इस अध्यात्म का इतना असर बी प्राक पर पड़ा कि वह नई ऊर्जा से कमबैक किया। इसके बाद से बी प्राक अक्सर महाराज की शरण में आने लगे। मीका सिंह: अपनी जिंदगी को लेकर सवाल किया
पॉप सिंगर मीका सिंह की एक के बाद एक विवादों की वजह से ज्यादा चर्चा होने लगी। वह अपनी इस तरह की जिंदगी से ऊबने लगे, तो 17 अगस्त, 2024 को प्रेमानंद महाराज से मिले। मीका सिंह ने प्रेमानंद महाराज से सवाल पूछा था कि मैं ऐसे माहौल में रहता हूं, जहां भागवतिक क्षेत्र नहीं है। वहां अच्छे विचार कैसे धारण करूं, जिससे आने वाले समय में मेरे अच्छे कर्म हों। इसके लिए क्या उपाय है? इस पर प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि तुम्हें बहुत ही सावधान रहने की जरूरत पड़ेगी, तब ऐसा हो सकता है। हमारा बाहरी वातावरण जैसा होता है, वैसा हम पर प्रभाव पड़ता है। जब तक खान-पान अच्छा नहीं होगा, चरित्र पवित्र नहीं होगा, तब तक हमारे कर्म अच्छे कैसे हो सकते हैं। मीका सिंह ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि आज साक्षात आपके दर्शन करके बहुत अच्छा लग रहा है। बस आप आशीर्वाद अपना बनाए रखें। अब संत प्रेमानंद महाराज की कहानी, 13 साल की उम्र में घर छोड़ा प्रेमानंद महाराज का जन्म यूपी में कानपुर जिले की नरवल तहसील के अखरी गांव में हुआ था। पिता शंभू नारायण पांडे और मां रामा देवी हैं। 3 भाई हैं, प्रेमानंद मंझले हैं। बचपन में प्रेमानंद जी का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। वह बचपन से ही आध्यात्मिक रहे। कक्षा 8 तक पढ़ाई की है। बचपन में अनिरुद्ध ने अपनी सखा टोली के साथ शिव मंदिर के लिए एक चबूतरा बनाना चाहा। इसका निर्माण भी शुरू करवाया, लेकिन कुछ लोगों ने रोक दिया। इससे वह मायूस हो गए। उनका मन इस कदर टूटा कि घर छोड़ने का फैसला कर लिया। वह कानपुर होते हुए काशी पहुंचे। जब 13 साल के हुए तो उन्होंने ब्रह्मचारी बनने का फैसला किया। शुरुआत में प्रेमानंद महाराज का नाम ‘आरयन ब्रह्मचारी’ रखा गया। काशी में उन्होंने करीब 15 महीने बिताए। उन्होंने गुरु गौरी शरण जी महाराज से गुरुदीक्षा ली। फिर वह मथुरा आ गए। संन्यासी से राधावल्लभी संत बन गए प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज वृंदावन पहुंचकर हर रोज बांके बिहारी जी के दर्शन करते। फिर रासलीला रास आई और राधावल्लभ के कार्यक्रमों में जाने लगे। वहां घंटों खड़े रहते। एक दिन एक संत ने श्री राधारससुधानिधि से एक श्लोक पढ़ा, लेकिन महाराज उसे समझ नहीं पाए। फिर एक दिन वृंदावन की परिक्रमा करते समय एक सखी को एक श्लोक गाते हुए सुना। उसे सुनकर महाराज ठिठक गए। श्लोक ऐसा रास आया कि अपना संन्यास धर्म तोड़कर वो उस सखी के पास गए। उससे श्लोक का मतलब पूछा। सखी ने कहा- इसका मतलब समझने के लिए राधावल्लभी होना जरूरी है। इस तरह महाराज राधावल्लभी हो गए। ग्राफिक्स : प्रदीप तिवारी ———————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी में शादीशुदा बेटियों को मिलेगा जमीन में हिस्सा?, सरकार जल्द लेगी फैसला; 2027 चुनाव में आधी आबादी पर नजर यूपी में शादीशुदा बेटियों को भी पिता की कृषि भूमि में हक देने की तैयारी है। हालांकि, हिस्सेदारी का प्रतिशत अभी तय नहीं है। राजस्व परिषद ने इसका प्रपोजल तैयार कर लिया है। इसे जल्द ही योगी कैबिनेट में मंजूरी के लिए ले जाया जाएगा। कैबिनेट से पास होते ही राज्यपाल की मुहर के बाद ये कानून बन जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो सरकार का यह कदम 2027 चुनाव से पहले महिला वोट बैंक को साधने के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। जानिए, सरकार यह नियम क्यों ला रही है? इससे बेटियों को क्या फायदा होगा? पढ़ें पूरी खबर विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। अगले ही दिन वह पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ वृंदावन में प्रेमानंद महाराज की शरण में पहुंच गए। यह पहली बार नहीं है, जब वह यहां आए। 2022-23 में विराट खराब फॉर्म से जूझ रहे थे। दबाव था, संन्यास लेने का। जनवरी, 2023 में प्रेमानंद जी के आश्रम में पहली बार आए। फिर विराट ने अगस्त, 2023 में अफगानिस्तान के खिलाफ शतक मारा। उसके बाद 10 शतक लगाए। टेस्ट से संन्यास के बाद उनकी प्रेमानंद जी से फिर मुलाकात हुई। इसके बाद चर्चा है कि विराट के लिए प्रेमानंद जी लकी हैं। असफलता और बुरे दौर में अध्यात्म के करीब आकर सफल होने की कई कहानियां हैं। पंजाबी सिंगर बी प्राक अध्यात्म के करीब आए, जब वे खराब दौर से गुजर रहे थे। इस बार संडे बिग स्टोरी में पढ़िए इसी तरह की कहानियां… पहले विराट कोहली के अध्यात्म की तरफ मुड़ने की कहानी… प्रेमानंद जी से पहली मुलाकात के बाद 3 साल की खराब परफॉर्मेंस से बाहर आए
साल- 2016 वर्ल्ड कप के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक रिपोर्टर ने विराट कोहली से पूछा- क्या पूजा-पाठ आपको मैदान पर शांत रखने में मदद करता है? इस पर विराट कोहली ने जवाब दिया था- क्या मैं पूजा-पाठ टाइप जैसा दिखता हूं। जब मैंने शुरुआत की थी, तो मेरे बारे में बहुत कुछ गलत था…। मैं टैटू वाला लड़का था, जो स्टाइलिश कपड़े पहनता था। मैं हमेशा यह मानता हूं कि पूरी मेहनत करूं। उस समय विराट क्रिकेट की बुलंदियों पर थे। फिर दौर आया 2020-23 का। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन लगातार गिर रहा था। 2008 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले विराट के जीवन में 2020 और 2021 लगातार वो 2 साल थे, जब उनके बल्ले से कोई शतक नहीं निकला था। 2022 में भी उनका औसत रन रेट 38.51 था। इसके बाद वह आलोचना के शिकार होने लगे। मानसिक रूप से दबाव में चल रहे विराट 4 जनवरी, 2023 को पत्नी अनुष्का के साथ प्रेमानंद जी महाराज के पास पहुंचे। प्रेमानंद जी ने सीख दी- जीवन में विपरीतता या कष्ट आना ईश्वर की कृपा का संकेत है। ऐसे समय में ईश्वर का नाम जपते रहना चाहिए। जीवन में यश और प्रसिद्धि की भावना को त्यागकर आंतरिक चिंतन में बदलाव लाना चाहिए। प्रेमानंद महाराज ने कहा था- जब जीवन में प्रतिकूलता या कष्ट आते हैं, तो इसका मतलब है कि ईश्वर की कृपा हो रही है। यह व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जा रही है। विराट ने पत्नी के साथ महाकाल के दर्शन भी किए और भस्मआरती में भी शामिल हुए। फिर नीम करौरी आश्रम भी गए। इसके बाद क्रिकेट की बुलंदियों पर पहुंच गए और लगातार शतक लगाने लगे। 3 साल बाद उनका औसत रन रेट बढ़कर 66.06 हो गया। प्रेमानंद जी से सवाल- असफलता में हमें कैसे रहना है?
2023 में विराट काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। 2024 के T-20 वर्ल्ड कप में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा। उन्हें प्लेयर ऑफ टूर्नामेंट मिला। लेकिन, फिर उनकी परफॉर्मेंस गिरने लगी। 2024 में उनका औसत रन रेट 21.95 था। इसके बाद 10 जनवरी, 2025 को विराट पत्नी और अपने बच्चों के साथ प्रेमानंद जी की शरण में आए। तब उन्होंने पूछा था- असफलता से बाहर कैसे निकलें? असफलता में हमें कैसे रहना है? तब प्रेमानंद जी ने कहा था- अभ्यास जारी रखें। असफलता के समय हमें भगवान का चिंतन के साथ धैर्य रखना होगा। यह बड़ा कठिन है। असफलता में कोई कैसे धैर्य रखे। जो सफलता में सम्मान मिलता है, वो असफलता में कैसे मिलेगा? इसीलिए भगवान का चिंतन करना चाहिए। यहां से नई ऊर्जा के साथ विराट कोहली फिर पिच पर उतरे और IPL- 2025 में 11 मैचों में 7 अर्धशतकों की मदद से 505 रन बनाए। उनका औसत 63.12 रन का रहा और 143.46 का स्‍ट्राइक रेट रहा। अब टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर मिलने आए
तीसरी बार विराट प्रेमानंद जी से मिलने वृंदावन तब आए, जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। प्रेमानंद जी ने विराट और अनुष्का से पूछा- प्रसन्न हो? इस पर विराट ने मुस्कुराकर कहा- हां। महाराज ने दोनों को आशीर्वाद दिया- जाओ, खूब आनंदित रहो, नाम जप करते रहो। इस पर अनुष्का ने पूछा- बाबा क्या नाम जप से सब कुछ पूरा हो जाएगा? महाराज ने कहा- हां, सब पूरा होगा। महाराज ने कहा कि भगवान ने बिना प्रतिकूलता के इस संसार को छुड़ाने की कोई भी औषधि नहीं रखी। आज तक जितने बड़े महापुरुष हुए हैं, जिनका जीवन बदला, उनको प्रतिकूलता के दर्शन करने पड़े हैं। इसलिए कभी प्रतिकूलता आए तो उस समय आनंदित हों कि मेरे ऊपर अब भगवान की कृपा हो रही है। मुझे सतमार्ग पर चलने की प्रेरणा मिल रही है। अब उन दो सिंगर की कहानी, जो प्रेमानंद जी से मिलने आए पंजाबी सिंगर बी प्राक: दूसरा बेटा खोया; पत्नी के साथ आए मिलने
प्रसिद्ध पंजाबी सिंगर बी प्राक यानी प्रतीक बचन भी जब परेशानियों से जूझते हैं, तो प्रेमानंद महाराज की शरण में आते हैं। बी प्राक की शादी 2019 में मीरा से हुई थी। 2022 में बी प्राक और मीरा के दूसरे बेटे की जन्म के तुरंत बाद मौत हो गई। इसके पहले 2021 में उनके पिता का भी निधन हो गया था। इससे बी प्राक और उनकी पत्नी पूरी तरह से टूट गए थे। वह पत्नी के साथ प्रेमानंद महाराज से मिले। दंपती ने सवाल किया- एक मां बच्चे को 9 महीने गर्भ में रखती है, जन्म देती है। वो बच्चा दुनिया में सांस न ले, क्या वह इस दुनिया के लिए नहीं था? इस सवाल पर प्रेमानंद जी ने कहा था- जो विधान है, उसे आप नहीं बदल सकते। कोई पैदा होते ही मर जाता है, कोई 100 साल जीता है। लेकिन, जब तक हैं, तब तक राम हरि उच्चारण कर लें। आपको लगता है कि उस बालक ने क्या पाप किया है, वो बालक नहीं है। उसे नया कपड़ा मिला है। वो अनेक कर्मों को करते हुए शुभ-अशुभ की पोटली लिए घूम रहा है। उसे हर बार नया अवसर मिलता है। उसका संयोग बना था, लेकिन हमारे कर्म इतने नीचे थे कि मां के गर्भ से बाहर ही नहीं निकल पाए। तो चलो, अब दूसरी मां का गर्भ स्वीकार करो। प्रेमानंद जी के इस अध्यात्म का इतना असर बी प्राक पर पड़ा कि वह नई ऊर्जा से कमबैक किया। इसके बाद से बी प्राक अक्सर महाराज की शरण में आने लगे। मीका सिंह: अपनी जिंदगी को लेकर सवाल किया
पॉप सिंगर मीका सिंह की एक के बाद एक विवादों की वजह से ज्यादा चर्चा होने लगी। वह अपनी इस तरह की जिंदगी से ऊबने लगे, तो 17 अगस्त, 2024 को प्रेमानंद महाराज से मिले। मीका सिंह ने प्रेमानंद महाराज से सवाल पूछा था कि मैं ऐसे माहौल में रहता हूं, जहां भागवतिक क्षेत्र नहीं है। वहां अच्छे विचार कैसे धारण करूं, जिससे आने वाले समय में मेरे अच्छे कर्म हों। इसके लिए क्या उपाय है? इस पर प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि तुम्हें बहुत ही सावधान रहने की जरूरत पड़ेगी, तब ऐसा हो सकता है। हमारा बाहरी वातावरण जैसा होता है, वैसा हम पर प्रभाव पड़ता है। जब तक खान-पान अच्छा नहीं होगा, चरित्र पवित्र नहीं होगा, तब तक हमारे कर्म अच्छे कैसे हो सकते हैं। मीका सिंह ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि आज साक्षात आपके दर्शन करके बहुत अच्छा लग रहा है। बस आप आशीर्वाद अपना बनाए रखें। अब संत प्रेमानंद महाराज की कहानी, 13 साल की उम्र में घर छोड़ा प्रेमानंद महाराज का जन्म यूपी में कानपुर जिले की नरवल तहसील के अखरी गांव में हुआ था। पिता शंभू नारायण पांडे और मां रामा देवी हैं। 3 भाई हैं, प्रेमानंद मंझले हैं। बचपन में प्रेमानंद जी का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। वह बचपन से ही आध्यात्मिक रहे। कक्षा 8 तक पढ़ाई की है। बचपन में अनिरुद्ध ने अपनी सखा टोली के साथ शिव मंदिर के लिए एक चबूतरा बनाना चाहा। इसका निर्माण भी शुरू करवाया, लेकिन कुछ लोगों ने रोक दिया। इससे वह मायूस हो गए। उनका मन इस कदर टूटा कि घर छोड़ने का फैसला कर लिया। वह कानपुर होते हुए काशी पहुंचे। जब 13 साल के हुए तो उन्होंने ब्रह्मचारी बनने का फैसला किया। शुरुआत में प्रेमानंद महाराज का नाम ‘आरयन ब्रह्मचारी’ रखा गया। काशी में उन्होंने करीब 15 महीने बिताए। उन्होंने गुरु गौरी शरण जी महाराज से गुरुदीक्षा ली। फिर वह मथुरा आ गए। संन्यासी से राधावल्लभी संत बन गए प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज वृंदावन पहुंचकर हर रोज बांके बिहारी जी के दर्शन करते। फिर रासलीला रास आई और राधावल्लभ के कार्यक्रमों में जाने लगे। वहां घंटों खड़े रहते। एक दिन एक संत ने श्री राधारससुधानिधि से एक श्लोक पढ़ा, लेकिन महाराज उसे समझ नहीं पाए। फिर एक दिन वृंदावन की परिक्रमा करते समय एक सखी को एक श्लोक गाते हुए सुना। उसे सुनकर महाराज ठिठक गए। श्लोक ऐसा रास आया कि अपना संन्यास धर्म तोड़कर वो उस सखी के पास गए। उससे श्लोक का मतलब पूछा। सखी ने कहा- इसका मतलब समझने के लिए राधावल्लभी होना जरूरी है। इस तरह महाराज राधावल्लभी हो गए। ग्राफिक्स : प्रदीप तिवारी ———————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी में शादीशुदा बेटियों को मिलेगा जमीन में हिस्सा?, सरकार जल्द लेगी फैसला; 2027 चुनाव में आधी आबादी पर नजर यूपी में शादीशुदा बेटियों को भी पिता की कृषि भूमि में हक देने की तैयारी है। हालांकि, हिस्सेदारी का प्रतिशत अभी तय नहीं है। राजस्व परिषद ने इसका प्रपोजल तैयार कर लिया है। इसे जल्द ही योगी कैबिनेट में मंजूरी के लिए ले जाया जाएगा। कैबिनेट से पास होते ही राज्यपाल की मुहर के बाद ये कानून बन जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो सरकार का यह कदम 2027 चुनाव से पहले महिला वोट बैंक को साधने के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। जानिए, सरकार यह नियम क्यों ला रही है? इससे बेटियों को क्या फायदा होगा? पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर