प्रेमानंद महाराज ने 5 दिन पदयात्रा नहीं करेंगे:भीड़ और स्वास्थ्य की वजह से फैसला, आश्रम की अपील- दर्शन के लिए न आएं

प्रेमानंद महाराज ने 5 दिन पदयात्रा नहीं करेंगे:भीड़ और स्वास्थ्य की वजह से फैसला, आश्रम की अपील- दर्शन के लिए न आएं

प्रेमानंद महाराज अगले 5 दिन रात की पदयात्रा पर नहीं करेंगे। 10 से 14 मार्च तक होली की भीड़ और महाराज के स्वास्थ्य को देखते श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम की तरफ से यह फैसला लिया गया है। आश्रम प्रशासन ने अपील की है कि अगर दर्शन के लिए आ रहे हैं तो इन दिनों में न आएं। मथुरा वृंदावन में होली का उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। यहां देश-विदेश से होली खेलने के लिए लाखों की संख्या में लोग पहुंचे हैं। वृंदावन में कल 10 मार्च को रंगभरनी एकादशी है। करीब 10 लाख श्रद्धालु रोज आ रहे हैं। इधर, शनिवार को महाराज से कई भक्तों ने आश्रम में सवाल पूछे। एक युवती ने कहा- महाराज जी, एक महीने बाद मेरी शादी है, डर रही हूं। क्या करूं? महाराज ने उन्हें आश्वस्त किया कि भगवान पर भरोसा रखो, वही सब मंगल करेंगे। एकांत वार्तालाप में प्रेमानंद महाराज से भक्तों ने सवाल पूछे, पढ़िए 3 सवाल-जवाब… सवाल : एक महीने बाद मेरी शादी है, परिवर्तन के बारे में सोचकर डर रही हूं?
जवाब : डरने की जरूरत नहीं है। भगवान पर भरोसा रखो। भगवान मंगल भवन हैं, जो करेंगे वह मंगल ही करेंगे। भगवान से ही प्रार्थना करो, भगवान से ही आराधना करो कि मेरी जीवन यात्रा मंगलमय हो। सवाल : प्रेम वास्तव में क्या है, इसकी पहचान कैसे करें?
जवाब : प्रेम की साधारण पहचान यह है कि जिससे हम प्यार करते उसकी याद में हमारे हृदय में एक पीड़ा होती रहती है। प्रेम की वह दशा कि सामने प्रीतम रहने पर भी मिलन की प्रबल लालसा, अपने प्यारे से एक पल के लिए वियोग न हो उसे प्रेम कहते हैं। ये प्रेम अलौकिक है। प्रेम एकमात्र सच्चिदानंद भगवान से होता है। इन शरीरों से प्यार नहीं होता। शरीरों से मोह होता है। अब हम नाना प्रकार की नौटंकी करेंगे कि हम आपको प्यार करते हैं… ऐसा है वैसा है। मैं तुम्हारे लिए जीवन दे दूंगा, लेकिन तुम्हारे लिए नहीं… वो अपने सुख के लिए होता है, उसे वासना कहते हैं। सवाल : ऐसा क्या करूं कि मेरे माता-पिता को भी भगवद् प्राप्ति हो जाए?
जवाब : आप भजन करो तो उनको भगवत प्राप्ति हो जाएगी। अगर तुम्हें भगवत प्राप्ति हो जाए तो 21 पीढ़ियां तर जाएंगी, 14 आगे की और 7 पीछे की। माता-पिता तो दूसरी पीढ़ी में हैं। खूब भजन करो और भगवान के चरणों में दासत भाव रखो। धर्म युक्त विषय सेवन करें, जैसे शादी न हो, तब तक ब्रह्मचर्य रहें। जब शादी हो जाए तो एक पत्नी व्रत रखें। अपनी पत्नी के सिवा किसी की तरफ गंदी दृष्टि न रखें। इससे पहले 11 दिन पदयात्रा नहीं की थी इससे पहले प्रेमानंद महाराज ने 11 दिन पदयात्रा नहीं की थी। दरअसल, 4 फरवरी को मथुरा की NRI ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान बजने वाले ढोल और आतिशबाजी का विरोध किया था। इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने 6 फरवरी से अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा स्थगित कर दी थी। वह रात 2 बजे की जगह सुबह 4 बजे कार से केली कुंज आश्रम जाने लगे थे। इसके बाद, 16 फरवरी को NRI ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने प्रेमानंद महाराज से हाथ जोड़कर माफी मांगी। कहा- सोसाइटी के लोग पश्चाताप कर रहे हैं। ब्रजवासियों ने भी उसने पदयात्रा शुरू करने की अपील की। इसके बाद संत प्रेमानंद महाराज ने 17 फरवरी से पदयात्रा शुरू की थी। 2 किमी पैदल चलकर जाते हैं महाराज
प्रेमानंद महाराज रात 2 बजे श्रीकृष्ण शरणम् सोसाइटी से रमणरेती स्थित आश्रम हित राधा केली कुंज के लिए निकलते हैं। 2 किमी पैदल चलकर जाते हैं। प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए रात को हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। आम दिनों में यह संख्या करीब 20 हजार के करीब होती है। वीकेंड पर दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है और लाखों में पहुंच जाती है। वहीं, बड़े पर्वों पर 3 लाख से ज्यादा हो जाती है। आश्रम ने महाराज के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा, उन्हें क्या बीमारी है… जानिए प्रेमानंद महाराज को 20 साल से किडनी की समस्या
केलि कुंज आश्रम के संत नवल नागरी दास महाराज ने बताया- प्रेमानंद महाराज को करीब 20 साल से किडनी की समस्या है। पहले हफ्ते में 3 बार डायलिसिस होती थी। लेकिन अब समस्या बढ़ गई तो हफ्ते में 4 से 5 बार डायलिसिस की जा रही है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या दूर होने के बाद वह फिर से पैदल यात्रा करेंगे। सोसाइटी में ही होती है डायलिसिस
संत प्रेमानंद महाराज श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी में रहते हैं। इस सोसाइटी में उनके 2 फ्लैट हैं। HR 1 ब्लॉक के फ्लैट नंबर 209 और 212 उनके पास हैं। 2 BHK इन फ्लैट में से एक में वह रहते हैं जबकि दूसरे फ्लैट में डायलिसिस का इंतजाम किया हुआ है। इसी फ्लैट में उनका हफ्ते में 4 से 5 बार डायलिसिस की जा रही है। —————- ये खबर भी पढ़िए- मथुरा के राधारानी मंदिर में लड्‌डूमार होली: महंतों ने लड्‌डू बरसाए, हुरियारों ने अबीर-गुलाल उड़ाया मथुरा के बरसाना में राधारानी (लाडलीजी) मंदिर में शुक्रवार को लड्डूमार होली खेली गई। भक्तों पर लड्‌डू बरसाए गए। हुरियारों ने जमकर अबीर-गुलाल उड़ाए। इससे पहले सज-धजकर राधा-रानी की सखियां बरसाना से होली का निमंत्रण लेकर नंदगांव पहुंचीं। फिर नंदगांव में सखियों ने नृत्य किया। सीएम योगी भी बरसाना पहुंचे। उन्होंने लाडलीजी मंदिर में पूजा की और भक्तों पर फूल बरसाए। फिर ब्रजवासियों को संबोधित किया। इसकी शुरुआत राधे-राधे से की। फिर यमुना मैया की जय और बांके बिहारी लाल की जय के नारे लगाए। लाडलीजी मंदिर की लड्‌डूमार होली देखने और खेलने के लिए 10 लाख श्रद्धालु बरसाना पहुंचे। इनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल रहे। लड्डूमार होली के लिए लाडलीजी मंदिर में बनी रसोई में 1,000 किलो शगुन के लड्डू बनाए गए। पढ़ें पूरी खबर… प्रेमानंद महाराज अगले 5 दिन रात की पदयात्रा पर नहीं करेंगे। 10 से 14 मार्च तक होली की भीड़ और महाराज के स्वास्थ्य को देखते श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम की तरफ से यह फैसला लिया गया है। आश्रम प्रशासन ने अपील की है कि अगर दर्शन के लिए आ रहे हैं तो इन दिनों में न आएं। मथुरा वृंदावन में होली का उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। यहां देश-विदेश से होली खेलने के लिए लाखों की संख्या में लोग पहुंचे हैं। वृंदावन में कल 10 मार्च को रंगभरनी एकादशी है। करीब 10 लाख श्रद्धालु रोज आ रहे हैं। इधर, शनिवार को महाराज से कई भक्तों ने आश्रम में सवाल पूछे। एक युवती ने कहा- महाराज जी, एक महीने बाद मेरी शादी है, डर रही हूं। क्या करूं? महाराज ने उन्हें आश्वस्त किया कि भगवान पर भरोसा रखो, वही सब मंगल करेंगे। एकांत वार्तालाप में प्रेमानंद महाराज से भक्तों ने सवाल पूछे, पढ़िए 3 सवाल-जवाब… सवाल : एक महीने बाद मेरी शादी है, परिवर्तन के बारे में सोचकर डर रही हूं?
जवाब : डरने की जरूरत नहीं है। भगवान पर भरोसा रखो। भगवान मंगल भवन हैं, जो करेंगे वह मंगल ही करेंगे। भगवान से ही प्रार्थना करो, भगवान से ही आराधना करो कि मेरी जीवन यात्रा मंगलमय हो। सवाल : प्रेम वास्तव में क्या है, इसकी पहचान कैसे करें?
जवाब : प्रेम की साधारण पहचान यह है कि जिससे हम प्यार करते उसकी याद में हमारे हृदय में एक पीड़ा होती रहती है। प्रेम की वह दशा कि सामने प्रीतम रहने पर भी मिलन की प्रबल लालसा, अपने प्यारे से एक पल के लिए वियोग न हो उसे प्रेम कहते हैं। ये प्रेम अलौकिक है। प्रेम एकमात्र सच्चिदानंद भगवान से होता है। इन शरीरों से प्यार नहीं होता। शरीरों से मोह होता है। अब हम नाना प्रकार की नौटंकी करेंगे कि हम आपको प्यार करते हैं… ऐसा है वैसा है। मैं तुम्हारे लिए जीवन दे दूंगा, लेकिन तुम्हारे लिए नहीं… वो अपने सुख के लिए होता है, उसे वासना कहते हैं। सवाल : ऐसा क्या करूं कि मेरे माता-पिता को भी भगवद् प्राप्ति हो जाए?
जवाब : आप भजन करो तो उनको भगवत प्राप्ति हो जाएगी। अगर तुम्हें भगवत प्राप्ति हो जाए तो 21 पीढ़ियां तर जाएंगी, 14 आगे की और 7 पीछे की। माता-पिता तो दूसरी पीढ़ी में हैं। खूब भजन करो और भगवान के चरणों में दासत भाव रखो। धर्म युक्त विषय सेवन करें, जैसे शादी न हो, तब तक ब्रह्मचर्य रहें। जब शादी हो जाए तो एक पत्नी व्रत रखें। अपनी पत्नी के सिवा किसी की तरफ गंदी दृष्टि न रखें। इससे पहले 11 दिन पदयात्रा नहीं की थी इससे पहले प्रेमानंद महाराज ने 11 दिन पदयात्रा नहीं की थी। दरअसल, 4 फरवरी को मथुरा की NRI ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान बजने वाले ढोल और आतिशबाजी का विरोध किया था। इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने 6 फरवरी से अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा स्थगित कर दी थी। वह रात 2 बजे की जगह सुबह 4 बजे कार से केली कुंज आश्रम जाने लगे थे। इसके बाद, 16 फरवरी को NRI ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने प्रेमानंद महाराज से हाथ जोड़कर माफी मांगी। कहा- सोसाइटी के लोग पश्चाताप कर रहे हैं। ब्रजवासियों ने भी उसने पदयात्रा शुरू करने की अपील की। इसके बाद संत प्रेमानंद महाराज ने 17 फरवरी से पदयात्रा शुरू की थी। 2 किमी पैदल चलकर जाते हैं महाराज
प्रेमानंद महाराज रात 2 बजे श्रीकृष्ण शरणम् सोसाइटी से रमणरेती स्थित आश्रम हित राधा केली कुंज के लिए निकलते हैं। 2 किमी पैदल चलकर जाते हैं। प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए रात को हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। आम दिनों में यह संख्या करीब 20 हजार के करीब होती है। वीकेंड पर दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है और लाखों में पहुंच जाती है। वहीं, बड़े पर्वों पर 3 लाख से ज्यादा हो जाती है। आश्रम ने महाराज के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा, उन्हें क्या बीमारी है… जानिए प्रेमानंद महाराज को 20 साल से किडनी की समस्या
केलि कुंज आश्रम के संत नवल नागरी दास महाराज ने बताया- प्रेमानंद महाराज को करीब 20 साल से किडनी की समस्या है। पहले हफ्ते में 3 बार डायलिसिस होती थी। लेकिन अब समस्या बढ़ गई तो हफ्ते में 4 से 5 बार डायलिसिस की जा रही है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या दूर होने के बाद वह फिर से पैदल यात्रा करेंगे। सोसाइटी में ही होती है डायलिसिस
संत प्रेमानंद महाराज श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी में रहते हैं। इस सोसाइटी में उनके 2 फ्लैट हैं। HR 1 ब्लॉक के फ्लैट नंबर 209 और 212 उनके पास हैं। 2 BHK इन फ्लैट में से एक में वह रहते हैं जबकि दूसरे फ्लैट में डायलिसिस का इंतजाम किया हुआ है। इसी फ्लैट में उनका हफ्ते में 4 से 5 बार डायलिसिस की जा रही है। —————- ये खबर भी पढ़िए- मथुरा के राधारानी मंदिर में लड्‌डूमार होली: महंतों ने लड्‌डू बरसाए, हुरियारों ने अबीर-गुलाल उड़ाया मथुरा के बरसाना में राधारानी (लाडलीजी) मंदिर में शुक्रवार को लड्डूमार होली खेली गई। भक्तों पर लड्‌डू बरसाए गए। हुरियारों ने जमकर अबीर-गुलाल उड़ाए। इससे पहले सज-धजकर राधा-रानी की सखियां बरसाना से होली का निमंत्रण लेकर नंदगांव पहुंचीं। फिर नंदगांव में सखियों ने नृत्य किया। सीएम योगी भी बरसाना पहुंचे। उन्होंने लाडलीजी मंदिर में पूजा की और भक्तों पर फूल बरसाए। फिर ब्रजवासियों को संबोधित किया। इसकी शुरुआत राधे-राधे से की। फिर यमुना मैया की जय और बांके बिहारी लाल की जय के नारे लगाए। लाडलीजी मंदिर की लड्‌डूमार होली देखने और खेलने के लिए 10 लाख श्रद्धालु बरसाना पहुंचे। इनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल रहे। लड्डूमार होली के लिए लाडलीजी मंदिर में बनी रसोई में 1,000 किलो शगुन के लड्डू बनाए गए। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर