यूपी के शाहजहांपुर में होली पर लाट साहब के जुलूस से पहले ढकी गई मस्जिदें

यूपी के शाहजहांपुर में होली पर लाट साहब के जुलूस से पहले ढकी गई मस्जिदें

<p style=”text-align: justify;”><strong>Shahjahanpur News:</strong> उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में की एक ऐसी परंपरा है जो देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक अनोखी परंपरा के रूप में जानी जाती है. प्रत्येक वर्ष होली त्योहार पर संपन्न होने वाली इस परंपरा को लाट साहब का जुलूस कहते हैं. इस जुलूस के निकलने से पहले शहर की सभी मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया जाता है ताकि इन्हें रंग से बचाया जा सके. यह जुलूस इसलिए भी अनोखा है क्योंकि इसमें एक व्यक्ति को लाट साहब बनाकर भैंसा पर बैठाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिर लाट साहब को जूते मारते हुए पूरे शहर में घुमाया जाता है. साथ ही महानगर के बाबा विश्वनाथ मंदिर में लाट साहब से पूजा अर्चना करवा कर माथा भी टेकना पड़ता है. महानगर में निकलने वाले बड़े और छोटे लाट साहब के इन प्रमुख दो जुलूसों के लिए जिला और पुलिस प्रशासन दो माह पहले से ही तैयारी शुरू कर देता है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ जिले के सभी जुलूसों को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा PAC/RAF के साथ साथ लगभग 3500 पुलिस बल के जवानों को तैनात किया जा रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जुलूस को कोतवाली के अंदर दी जाती है सलामी</strong><br />चौक से निकलने वाले लाट साहब के जुलूस को कोतवाली के अंदर सलामी दी जाती है, उसके बाद नवाब यानी लाट साहब कोतवाली पहुंचते हैं जहां पूरे वर्ष का लेखा-जोखा कोतवाल से मांगा जाता है. इस दौरान कोतवाल द्वारा लाट साहब को नजराना पेश किया जाता है. इसके बाद जुलूस की शुरुआत होती है. वर्तमान में होली पर चौक से बड़े लाट साहब तथा सरायकाईयाँ से छोटे लाट साहब के जुलूस सहित, अजीजगंज और बहादुरगंज में भी जुलूस निकाले जाते है. एक समय था जब चौक के नवाब साहब को किले के आसपास के मोहल्लों के नवाब सलाम पेश करके अपने मोहल्ले में नवाब का जुलूस निकालते थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>लाट साहब के जुलूस के लिए जिला प्रशासन की ओर से भारी भरकम तामझाम और व्यवस्थाएं की जाती हैं. लाट साहब का जुलूस जिन मार्गों से होकर गुजरता है उन मार्गों पर बल्ली और तारों वाला जाल लगाकर गलियों को बंद कर दिया जाता है. जिससे कि लाट साहब के जुलूस में मौजूद लोग किसी गली में ना घुसें और शहर में अमन चैन कायम रहे. इसके अतिरिक्त लाट साहब के रूट पर पड़ने वाले सभी धर्म स्थलों को बड़े-बड़े तिरपालों से ढक दिया जाता है, और हर धर्म स्थल पर पुलिस के जवानों को मुस्तैदी से तैनात किया जाता है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/Y2cAnzbEV4A?si=Ck9clfunZ9YzvIbv” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चप्पे-चप्पे पर ड्रोन और कैमरे से रहेगी नजर</strong><br />इसके साथ-साथ लाट साहब के जुलूस के साथ कई थानों की फोर्स, पीएसी, रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया जाता है. चप्पे चप्पे पर कैमरों और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाती है, जिससे कि शरारती तत्वों की पहचान की जा सके और शहर में अमन चैन कायम रहे. महानगर को सेक्टर के हिसाब से विभाजित कर स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाती है. लाट साहब के जुलूस के लगभग 2 महीने पहले ही प्रशासन सभी रूटों का निरीक्षण करता है जिस रोड पर सड़क और बिजली के तारों में कोई कमी नजर आती है उसे तत्काल दुरुस्त कराया जाता है, जिससे कि जल्द से जल्द लाट साहब का जुलूस बिना किसी अड़चन सकुशल संपन्न कराया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ghaziabad-crime-news-police-28-thousand-more-accused-on-open-drinking-case-within-3-month-2902531″><strong>गाजियाबाद में पुलिस ने खुले में शराब पीने वालों पर कार्रवाई, तीन महीनें मे 28 हजार से ज्यादा अरेस्ट</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Shahjahanpur News:</strong> उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में की एक ऐसी परंपरा है जो देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक अनोखी परंपरा के रूप में जानी जाती है. प्रत्येक वर्ष होली त्योहार पर संपन्न होने वाली इस परंपरा को लाट साहब का जुलूस कहते हैं. इस जुलूस के निकलने से पहले शहर की सभी मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया जाता है ताकि इन्हें रंग से बचाया जा सके. यह जुलूस इसलिए भी अनोखा है क्योंकि इसमें एक व्यक्ति को लाट साहब बनाकर भैंसा पर बैठाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिर लाट साहब को जूते मारते हुए पूरे शहर में घुमाया जाता है. साथ ही महानगर के बाबा विश्वनाथ मंदिर में लाट साहब से पूजा अर्चना करवा कर माथा भी टेकना पड़ता है. महानगर में निकलने वाले बड़े और छोटे लाट साहब के इन प्रमुख दो जुलूसों के लिए जिला और पुलिस प्रशासन दो माह पहले से ही तैयारी शुरू कर देता है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ जिले के सभी जुलूसों को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा PAC/RAF के साथ साथ लगभग 3500 पुलिस बल के जवानों को तैनात किया जा रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जुलूस को कोतवाली के अंदर दी जाती है सलामी</strong><br />चौक से निकलने वाले लाट साहब के जुलूस को कोतवाली के अंदर सलामी दी जाती है, उसके बाद नवाब यानी लाट साहब कोतवाली पहुंचते हैं जहां पूरे वर्ष का लेखा-जोखा कोतवाल से मांगा जाता है. इस दौरान कोतवाल द्वारा लाट साहब को नजराना पेश किया जाता है. इसके बाद जुलूस की शुरुआत होती है. वर्तमान में होली पर चौक से बड़े लाट साहब तथा सरायकाईयाँ से छोटे लाट साहब के जुलूस सहित, अजीजगंज और बहादुरगंज में भी जुलूस निकाले जाते है. एक समय था जब चौक के नवाब साहब को किले के आसपास के मोहल्लों के नवाब सलाम पेश करके अपने मोहल्ले में नवाब का जुलूस निकालते थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>लाट साहब के जुलूस के लिए जिला प्रशासन की ओर से भारी भरकम तामझाम और व्यवस्थाएं की जाती हैं. लाट साहब का जुलूस जिन मार्गों से होकर गुजरता है उन मार्गों पर बल्ली और तारों वाला जाल लगाकर गलियों को बंद कर दिया जाता है. जिससे कि लाट साहब के जुलूस में मौजूद लोग किसी गली में ना घुसें और शहर में अमन चैन कायम रहे. इसके अतिरिक्त लाट साहब के रूट पर पड़ने वाले सभी धर्म स्थलों को बड़े-बड़े तिरपालों से ढक दिया जाता है, और हर धर्म स्थल पर पुलिस के जवानों को मुस्तैदी से तैनात किया जाता है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/Y2cAnzbEV4A?si=Ck9clfunZ9YzvIbv” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चप्पे-चप्पे पर ड्रोन और कैमरे से रहेगी नजर</strong><br />इसके साथ-साथ लाट साहब के जुलूस के साथ कई थानों की फोर्स, पीएसी, रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया जाता है. चप्पे चप्पे पर कैमरों और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाती है, जिससे कि शरारती तत्वों की पहचान की जा सके और शहर में अमन चैन कायम रहे. महानगर को सेक्टर के हिसाब से विभाजित कर स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाती है. लाट साहब के जुलूस के लगभग 2 महीने पहले ही प्रशासन सभी रूटों का निरीक्षण करता है जिस रोड पर सड़क और बिजली के तारों में कोई कमी नजर आती है उसे तत्काल दुरुस्त कराया जाता है, जिससे कि जल्द से जल्द लाट साहब का जुलूस बिना किसी अड़चन सकुशल संपन्न कराया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ghaziabad-crime-news-police-28-thousand-more-accused-on-open-drinking-case-within-3-month-2902531″><strong>गाजियाबाद में पुलिस ने खुले में शराब पीने वालों पर कार्रवाई, तीन महीनें मे 28 हजार से ज्यादा अरेस्ट</strong></a></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूर्व सपा विधायक को बड़ी राहत, मिली जमानत, दो साल से जेल में हैं बंद