उत्तर प्रदेश के जिला बदायूं की रहने वाली वाटर वूमेन शिप्रा पाठक अपनी पदयात्रा के दौरान पंजाब के जिला फतेहगढ़ साहिब पहुंची। शहीदों की इस धरती पर शिप्रा पाठक ने गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होकर शहीदों को नमन किया। वहीं लोगों को जल, नदियों और जंगलों को बचाने का संदेश दिया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से उन्हें सम्मानित किया गया। 25 लाख पौधे लगा चुकी शिप्रा शिप्रा ने बताया कि अब तक दर्जनों नदियों के किनारे लगभग 11000 किमी. की पदयात्रा की। इसका मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण का संदेश देना है। वे अब तक लगभग 25 लाख पौधे लगा चुकी हैं। उनका संकल्प एक करोड़ पौधे रोपने का है। उन्होंने नर्मदा, शिप्रा, गोमती, वरुणा, नाद, सरयू एवं यमुना नदी आदि के अलावा अयोध्या से रामेश्वरम तक राम जानकी वन गमन मार्ग की चार हजार किलोमीटर की पदयात्रा का भी दावा किया है। पंजाब को कैंसर से बचाने की जरूरत शिप्रा ने पांच नदियों की धरती पंजाब में लगातार बढ़ रहे कैंसर पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सबसे पहले पंजाब के पानी को बचाकर इसे शुद्ध रखने की जरूरत है। जब पंजाब के लोग इस प्रति जागरूक होंगे तो कैंसर के मरीज कम होंगे। उन्होंने आम जनजीवन के दौरान पानी का दुरुपयोग रोकने की पुरजोर अपील की। जरूरत के मुताबिक ही पानी का सेवन करने पर जोर दिया। जानें कौन हैं शिप्रा पाठक शिप्रा पाठक भगवा वस्त्र पहनती हैं और नदियों और वनस्पतियों की रक्षा और उसके संवर्धन के संकल्प के साथ अभियानों का नेतृत्व करती हैं। शिप्रा ने इससे पहले मां नर्मदा की 3600 किमी. परिक्रमा, मानसरोवर परिक्रमा, मां शिप्रा परिक्रमा, सरयू पद यात्रा और ब्रज चौरासी कोसी पदयात्रा करते हुए नदियों के संरक्षण की अलख जगा चुकी हैं। शिप्रा कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित की जा चुकी हैं। इसके अलावा वो एक जानी-मानी मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं, जो पूरे देश में युवाओं से जुड़कर उन्हें राष्ट्रहित और प्रकृति से जुड़े मुद्दों को लेकर जागरूक करती हैं। उत्तर प्रदेश के जिला बदायूं की रहने वाली वाटर वूमेन शिप्रा पाठक अपनी पदयात्रा के दौरान पंजाब के जिला फतेहगढ़ साहिब पहुंची। शहीदों की इस धरती पर शिप्रा पाठक ने गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होकर शहीदों को नमन किया। वहीं लोगों को जल, नदियों और जंगलों को बचाने का संदेश दिया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से उन्हें सम्मानित किया गया। 25 लाख पौधे लगा चुकी शिप्रा शिप्रा ने बताया कि अब तक दर्जनों नदियों के किनारे लगभग 11000 किमी. की पदयात्रा की। इसका मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण का संदेश देना है। वे अब तक लगभग 25 लाख पौधे लगा चुकी हैं। उनका संकल्प एक करोड़ पौधे रोपने का है। उन्होंने नर्मदा, शिप्रा, गोमती, वरुणा, नाद, सरयू एवं यमुना नदी आदि के अलावा अयोध्या से रामेश्वरम तक राम जानकी वन गमन मार्ग की चार हजार किलोमीटर की पदयात्रा का भी दावा किया है। पंजाब को कैंसर से बचाने की जरूरत शिप्रा ने पांच नदियों की धरती पंजाब में लगातार बढ़ रहे कैंसर पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सबसे पहले पंजाब के पानी को बचाकर इसे शुद्ध रखने की जरूरत है। जब पंजाब के लोग इस प्रति जागरूक होंगे तो कैंसर के मरीज कम होंगे। उन्होंने आम जनजीवन के दौरान पानी का दुरुपयोग रोकने की पुरजोर अपील की। जरूरत के मुताबिक ही पानी का सेवन करने पर जोर दिया। जानें कौन हैं शिप्रा पाठक शिप्रा पाठक भगवा वस्त्र पहनती हैं और नदियों और वनस्पतियों की रक्षा और उसके संवर्धन के संकल्प के साथ अभियानों का नेतृत्व करती हैं। शिप्रा ने इससे पहले मां नर्मदा की 3600 किमी. परिक्रमा, मानसरोवर परिक्रमा, मां शिप्रा परिक्रमा, सरयू पद यात्रा और ब्रज चौरासी कोसी पदयात्रा करते हुए नदियों के संरक्षण की अलख जगा चुकी हैं। शिप्रा कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित की जा चुकी हैं। इसके अलावा वो एक जानी-मानी मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं, जो पूरे देश में युवाओं से जुड़कर उन्हें राष्ट्रहित और प्रकृति से जुड़े मुद्दों को लेकर जागरूक करती हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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