पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में कांग्रेस ने जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के बाहर पुलिस प्रशासन के खिलाफ धरना लगाया। मामला को-ऑपरेटिव सोसायटी सहकारी सभा चनार्थल कलां चुनाव का है। इस विवाद में 26 जुलाई को कांग्रेस ने पूर्व विधायक कुलजीत सिंह नागरा की अगुवाई में सोसायटी के बाहर धरना लगाया था। धरने के दौरान नागरा और डीएसपी सुखनाज सिंह की बहस हो गई थी। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस ने सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज की। इस एफआईआर के विरोध में कांग्रेसियों ने सोमवार को धरना लगा दिया। झूठ का पुलिंदा है एफआईआर, सियासी दबाव में दर्ज की कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि जिस धरने की अगुवाई उन्होंने की और उनकी डीएसपी के साथ बहस हुई। इस सिलसिले में स्थानीय विधायक के दबाव में जो एफआईआर दर्ज की गई है। उसमें उनका नाम नहीं है। उनके 6 साथियों समेत 20-25 अज्ञात लोगों को एफआईआर में रखा गया है। सरकारी काम में बाधा डालने की धारा लगाई गई है। यह एफआईआर एक पंचायत सचिव को शिकायतकर्ता बनाकर दर्ज की गई। जिन 6 लोगों को नामजद किया गया है, उनमें से 2 वो हैं जो सोसायटी में खाद लेने गए थे और धरने में भी नहीं आए थे। पुलिस ने झूठ का पुलिंदा बनाकर एफआईआर दर्ज कर ली। लेकिन वे ऐसे पर्चों से डरने वाले नहीं हैं। वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे। इसे अदालत में चैलेंज किया जाएगा। AAP की कठपुतली बनकर काम कर रही पुलिस पूर्व विधायक नागरा ने आरोप लगाया कि पुलिस आम आदमी पार्टी की कठपुतली बनकर काम कर रही है। पहले एक शैलर में को-ऑपरेटिव सोसायटी का चुनाव करा दिया जाता है। जब इसका विरोध होता है तो सरकार के दबाव में झूठे पर्चे दर्ज किए जाते हैं। नागरा ने कहा कि सरकार बदलते समय नहीं लगता। एक एक बात का हिसाब लिया जाएगा। जिस तरीके से प्रशासन चलेगा, उसी तरीके से हम चलेंगे। उन्होंने यह भी चैलेंज किया कि उनका नाम एफआईआर में दर्ज किया जाए, वे खुद थाने में आकर गिरफ्तारी देंगे। जब धरना उनकी अगुवाई में लगाया गया तो उन्हें एफआईआर से बाहर करके कांग्रेसियों को गुमराह करने की साजिश क्यों की जा रही है। कांग्रेसी वर्कर स्थानीय प्रशासन और सत्ताधारियों की हर चाल से वाकिफ हैं। डीएसपी से हुआ था तकरार 26 जुलाई को फतेहगढ़ साहिब में पूर्व कांग्रेसी विधायक कुलजीत सिंह नागरा और डीएसपी सुखनाज सिंह में तकरार हो गया था। दोनों में काफी समय बहस हुई थी। बात उस समय बढ़ गई जब नागरा की अगुवाई में कांग्रेसी वर्कर सहकारी सभा चुनाव के विरोध में रोड जाम कर रहे थे। इस दौरान डीएसपी पुलिस फोर्स समेत पहुंचे और पूर्व विधायक से तकरार हुआ था। कांग्रेस की तरफ से सरकार पर धक्केशाही के आरोप लगाए गए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने कांग्रेसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में कांग्रेस ने जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के बाहर पुलिस प्रशासन के खिलाफ धरना लगाया। मामला को-ऑपरेटिव सोसायटी सहकारी सभा चनार्थल कलां चुनाव का है। इस विवाद में 26 जुलाई को कांग्रेस ने पूर्व विधायक कुलजीत सिंह नागरा की अगुवाई में सोसायटी के बाहर धरना लगाया था। धरने के दौरान नागरा और डीएसपी सुखनाज सिंह की बहस हो गई थी। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस ने सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज की। इस एफआईआर के विरोध में कांग्रेसियों ने सोमवार को धरना लगा दिया। झूठ का पुलिंदा है एफआईआर, सियासी दबाव में दर्ज की कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि जिस धरने की अगुवाई उन्होंने की और उनकी डीएसपी के साथ बहस हुई। इस सिलसिले में स्थानीय विधायक के दबाव में जो एफआईआर दर्ज की गई है। उसमें उनका नाम नहीं है। उनके 6 साथियों समेत 20-25 अज्ञात लोगों को एफआईआर में रखा गया है। सरकारी काम में बाधा डालने की धारा लगाई गई है। यह एफआईआर एक पंचायत सचिव को शिकायतकर्ता बनाकर दर्ज की गई। जिन 6 लोगों को नामजद किया गया है, उनमें से 2 वो हैं जो सोसायटी में खाद लेने गए थे और धरने में भी नहीं आए थे। पुलिस ने झूठ का पुलिंदा बनाकर एफआईआर दर्ज कर ली। लेकिन वे ऐसे पर्चों से डरने वाले नहीं हैं। वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे। इसे अदालत में चैलेंज किया जाएगा। AAP की कठपुतली बनकर काम कर रही पुलिस पूर्व विधायक नागरा ने आरोप लगाया कि पुलिस आम आदमी पार्टी की कठपुतली बनकर काम कर रही है। पहले एक शैलर में को-ऑपरेटिव सोसायटी का चुनाव करा दिया जाता है। जब इसका विरोध होता है तो सरकार के दबाव में झूठे पर्चे दर्ज किए जाते हैं। नागरा ने कहा कि सरकार बदलते समय नहीं लगता। एक एक बात का हिसाब लिया जाएगा। जिस तरीके से प्रशासन चलेगा, उसी तरीके से हम चलेंगे। उन्होंने यह भी चैलेंज किया कि उनका नाम एफआईआर में दर्ज किया जाए, वे खुद थाने में आकर गिरफ्तारी देंगे। जब धरना उनकी अगुवाई में लगाया गया तो उन्हें एफआईआर से बाहर करके कांग्रेसियों को गुमराह करने की साजिश क्यों की जा रही है। कांग्रेसी वर्कर स्थानीय प्रशासन और सत्ताधारियों की हर चाल से वाकिफ हैं। डीएसपी से हुआ था तकरार 26 जुलाई को फतेहगढ़ साहिब में पूर्व कांग्रेसी विधायक कुलजीत सिंह नागरा और डीएसपी सुखनाज सिंह में तकरार हो गया था। दोनों में काफी समय बहस हुई थी। बात उस समय बढ़ गई जब नागरा की अगुवाई में कांग्रेसी वर्कर सहकारी सभा चुनाव के विरोध में रोड जाम कर रहे थे। इस दौरान डीएसपी पुलिस फोर्स समेत पहुंचे और पूर्व विधायक से तकरार हुआ था। कांग्रेस की तरफ से सरकार पर धक्केशाही के आरोप लगाए गए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने कांग्रेसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फतेहगढ़ साहिब में खनन पर भड़के मजीठिया:मान सरकार को घेरा, बोले- बरसात में भी चल रही माइनिंग, माफियाओं पर एक्शन की मांग
फतेहगढ़ साहिब में खनन पर भड़के मजीठिया:मान सरकार को घेरा, बोले- बरसात में भी चल रही माइनिंग, माफियाओं पर एक्शन की मांग पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब विधानसभा क्षेत्र में चल रहे खनन को लेकर बिक्रम मजीठिया ने पंजाब सरकार को घेरा है। बिक्रम मजीठिया ने ऐलान किया है कि अगर पंजाब सरकार अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो वह गांव के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने दो वीडियो भी जारी किए हैं, जिसमें ग्रामीण खनन के खिलाफ इकट्ठा होते नजर आ रहे हैं और खनन माफिया अपना सामान समेटते नजर आ रहे हैं। बिक्रम मजीठिया ने अपने सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में कहा- श्री आनंदपुर साहिब विधानसभा क्षेत्र के गांव एलगरां का पुल पहले भी खनन की भेंट चढ़ चुका है। उस समय भी स्थानीय निवासियों और हमने सरकार से खनन रोकने की गुहार लगाई थी। अब उस पुल के आसपास खनन चल रहा है जिसे संत बाबा लाभ सिंह जी ने गांव बुर्ज तहसील श्री आनंदपुर साहिब में बनवाया था। बिक्रम मजीठिया ने आरोप लगाया है कि मानसून सीजन में खनन बंद हो जाता है, लेकिन AAP सरकार में अवैध खनन जोर-शोर से चल रहा है। गांव के साथ खड़े होने की कही बात बिक्रम मजीठिया ने कहा कि प्रशासन को जल्द से जल्द इस अवैध खनन को रोकना चाहिए। प्राकृतिक संसाधनों को लूटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं ग्राम बुर्ज की इन बहनों के साथ वे खड़े होंगे और हर कीमत पर खनन रोका जाएगा। जानें क्या है वीडियो में बिक्रम मजीठिया की तरफ से दो वीडियोज को पोस्ट किया गया है। एक में श्री आनंदपुर साहिब क्षेत्र में कुछ मशीनरी खनन करती दिख रही है। जब वहां गांव बुर्ज के लोग इकट्ठे होने शुरू होते हैं तो रेत निकाल रही मशीनरी वहां से जाने लगती है। वीडियो बनाने वाले का दावा है कि गांव वालों ने दो ट्रालियों को भी रोका, जिस पर रेत लदी थी। गांव के लोगों का गुस्सा देख खनन करने वालों ने इकट्ठी की रेत को दोबारा से नदी में डाल दिया। गांव वालों का आरोप है कि यहां जो खनन किया जा रहा है, पानी का स्तर बढ़ने के कारण उनके गांव व आसपास बने पुलों को नुकसान होगा।