पंजाब के बाबा गुरविंदर सिंह खेड़ी जट्टां के खिलाफ फतेहगढ़ साहिब में एफआईआर दर्ज की गई है। उस पर ससरालियों पर फायरिंग करने का आरोप है। इस घटना के दौरान गुरविंदर सिंह की सास एवं महिला किसान नेता गुरजीत कौर की जांघ में गोली लगी थी। मामले में प्रारंभिक जांच के बाद गुरविंदर सिंह और उसके रिश्तेदार प्रभदीप सिंह सहित कई अन्य लोगों खिलाफ थाना फतेहगढ़ साहिब में केस दर्ज किया गया। घायल गुरविंदर सिंह बयान देने से अनफिट डीएसपी सुखनाज सिंह ने बताया कि खेड़ी जट्टां के रहने वाले गुरविंदर सिंह की शादी माता गुजरी कालोनी फतेहगढ़ साहिब में रहने वाली गुरजीत कौर की बेटी साहिबजीत कौर से हुई थी। दोनों पक्षों में घरेलू विवाद चला आ रहा है। इसी के चलते सोमवार की शाम 5 बजे जब गुरविंदर सिंह अपने ससुराल घर आए थे तो दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया था। सिविल अस्पताल के बाहर भी दोनों पक्ष आपस में भिड़े थे। गुरविंदर सिंह की सास गुरजीत कौर की जांघ में गोली लगी है। उसे सेक्टर-32 चंडीगढ़ स्थित अस्पताल रेफर किया गया। वहीं, घायल गुरविंदर सिंह को भी इसी अस्पताल रेफर किया गया। गत रात्रि गुरजीत कौर के बयान दर्ज करके एफआईआर दर्ज कर ली गई। भारतीय न्याय संहिता की धारा 109, 333, 191, 190 और आर्म्स एक्ट के तहत गुरविंदर सिंह खेड़ी जट्टां वाले और प्रभदीप सिंह को नामजद किया गया है। डाक्टरों के मुताबिक, गुरविंदर सिंह बयान के लिए फिट नहीं था। उसके बयान दर्ज नहीं हो सके। डीएसपी ने आगे कहा कि घटना के दौरान एक गोली चलने की पुष्टि हुई है। यह गोली गुरजीत कौर को लगी है। गोली किसने चलाई और किस हथियार से चलाई गई, इसकी जांच की जा रही है। एक साल पहले हुई थी शादी फतेहगढ़ साहिब की किसान नेता एवं गुरविंदर सिंह की सास गुरजीत कौर के मुताबिक, उनकी बेटी साहिबजीत कौर की शादी एक साल पहले खेड़ी वाले बाबा गुरविंदर से हुई थी, लेकिन तब से वह उससे दहेज की मांग कर रहा है। उनकी बेटी को तंग परेशान किया जाता था। उनकी बेटी पढ़ाई करना चाहती है तो गुरविंदर सिंह उसे रोकता था। उनकी बेटी मायके घर आई हुई थी। गुरविंदर सिंह कुछ लोगों के साथ फतेहगढ़ साहिब उनके घर आया। उसके साथ गुरजीत कौर की मां भी थी। गुरजीत का आरोप है कि दामाद ने उन पर हमला कर दिया और फायरिंग की। एक गोली उसकी जांघ में लगी। पत्नी को किडनैप करने का आरोप गुरविंदर सिंह ने कहा कि वे खुद बीमार चल रहे हैं। वह अपनी पत्नी को लेने ससुराल आया था। उन पर लोहे की रॉड से हमला किया गया। इसके बाद सिविल अस्पताल के बाहर हमला किया गया। उसकी बाजू और टांग पर फ्रैक्चर आए हैं। उसके 4 दांत तोड़ दिए गए। गुरविंदर ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी को किडनैप करके रखा हुआ है। एक बार पत्नी को उनके सामने लाया जाए, सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। फायरिंग की घटना पर गुरविंदर सिंह ने कहा कि उसने कोई गोली नहीं चलाई। पंजाब के बाबा गुरविंदर सिंह खेड़ी जट्टां के खिलाफ फतेहगढ़ साहिब में एफआईआर दर्ज की गई है। उस पर ससरालियों पर फायरिंग करने का आरोप है। इस घटना के दौरान गुरविंदर सिंह की सास एवं महिला किसान नेता गुरजीत कौर की जांघ में गोली लगी थी। मामले में प्रारंभिक जांच के बाद गुरविंदर सिंह और उसके रिश्तेदार प्रभदीप सिंह सहित कई अन्य लोगों खिलाफ थाना फतेहगढ़ साहिब में केस दर्ज किया गया। घायल गुरविंदर सिंह बयान देने से अनफिट डीएसपी सुखनाज सिंह ने बताया कि खेड़ी जट्टां के रहने वाले गुरविंदर सिंह की शादी माता गुजरी कालोनी फतेहगढ़ साहिब में रहने वाली गुरजीत कौर की बेटी साहिबजीत कौर से हुई थी। दोनों पक्षों में घरेलू विवाद चला आ रहा है। इसी के चलते सोमवार की शाम 5 बजे जब गुरविंदर सिंह अपने ससुराल घर आए थे तो दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया था। सिविल अस्पताल के बाहर भी दोनों पक्ष आपस में भिड़े थे। गुरविंदर सिंह की सास गुरजीत कौर की जांघ में गोली लगी है। उसे सेक्टर-32 चंडीगढ़ स्थित अस्पताल रेफर किया गया। वहीं, घायल गुरविंदर सिंह को भी इसी अस्पताल रेफर किया गया। गत रात्रि गुरजीत कौर के बयान दर्ज करके एफआईआर दर्ज कर ली गई। भारतीय न्याय संहिता की धारा 109, 333, 191, 190 और आर्म्स एक्ट के तहत गुरविंदर सिंह खेड़ी जट्टां वाले और प्रभदीप सिंह को नामजद किया गया है। डाक्टरों के मुताबिक, गुरविंदर सिंह बयान के लिए फिट नहीं था। उसके बयान दर्ज नहीं हो सके। डीएसपी ने आगे कहा कि घटना के दौरान एक गोली चलने की पुष्टि हुई है। यह गोली गुरजीत कौर को लगी है। गोली किसने चलाई और किस हथियार से चलाई गई, इसकी जांच की जा रही है। एक साल पहले हुई थी शादी फतेहगढ़ साहिब की किसान नेता एवं गुरविंदर सिंह की सास गुरजीत कौर के मुताबिक, उनकी बेटी साहिबजीत कौर की शादी एक साल पहले खेड़ी वाले बाबा गुरविंदर से हुई थी, लेकिन तब से वह उससे दहेज की मांग कर रहा है। उनकी बेटी को तंग परेशान किया जाता था। उनकी बेटी पढ़ाई करना चाहती है तो गुरविंदर सिंह उसे रोकता था। उनकी बेटी मायके घर आई हुई थी। गुरविंदर सिंह कुछ लोगों के साथ फतेहगढ़ साहिब उनके घर आया। उसके साथ गुरजीत कौर की मां भी थी। गुरजीत का आरोप है कि दामाद ने उन पर हमला कर दिया और फायरिंग की। एक गोली उसकी जांघ में लगी। पत्नी को किडनैप करने का आरोप गुरविंदर सिंह ने कहा कि वे खुद बीमार चल रहे हैं। वह अपनी पत्नी को लेने ससुराल आया था। उन पर लोहे की रॉड से हमला किया गया। इसके बाद सिविल अस्पताल के बाहर हमला किया गया। उसकी बाजू और टांग पर फ्रैक्चर आए हैं। उसके 4 दांत तोड़ दिए गए। गुरविंदर ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी को किडनैप करके रखा हुआ है। एक बार पत्नी को उनके सामने लाया जाए, सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। फायरिंग की घटना पर गुरविंदर सिंह ने कहा कि उसने कोई गोली नहीं चलाई। पंजाब | दैनिक भास्कर
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राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। हाईकोर्ट के फैसले पर डेरा सच्चा सौदा ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर हमेशा पूर्ण विश्वास रहा है और माननीय न्यायालय से हमें न्याय मिला है। 22 साल पहले हत्या, 19 साल बाद हुई थी सजा, 3 साल बाद बरी
कुरुक्षेत्र के रहने वाले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी पुलिस जांच हुई, लेकिन डेरे को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच CBI को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल किया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। 19 साल के बाद अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। जिसके बाद CBI ने इन्हें उम्रकैद की सजा दे दी। सजा मिलने के तीन साल बाद राम रहीम हाईकोर्ट से बरी हो गया। रणजीत का पूरा परिवार डेरे से जुड़ा था, चिट्ठी के बाद इस्तीफा दिया
साल 2002 में रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर थे। रणजीत सिंह कुरुक्षेत्र के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार भी डेरे से जुड़ा हुआ था। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक गुमनाम चिठ्ठी की वजह से डेरा सच्चा सौदा में हंगामा खड़ा हो गया था। उस गुमनाम खत में एक साध्वी का यौन शोषण किए जाने का खुलासा था। चिठ्ठी सामने आते ही डेरा सच्चा सौदा पर सवाल उठने लगे। डेरे में यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद रणजीत सिंह आहत हो गए। इसी बात को लेकर उन्होंने डेरे के मैनेजर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ परिवार के लोग भी डेरे से अलग हो गए। गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा हुआ है, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्ठी थी, जो तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। इस चिट्ठी में रणजीत की बहन का भी जिक्र था। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद रणजीत को डेरे में बुलाया गया। जहां उसे गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, रणजीत ने कहा कि इस चिट्ठी के पीछे उसकी कोई भूमिका नहीं है। जिसके बाद उसकी हत्या हो गई। यह चिट्ठी बाद में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छापी थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर को गोली मारी गई थी। इसके बाद उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी। छत्रपति की हत्या के केस में भी राम रहीम उम्रकैद काट रहा है। ये खबरें भी पढ़ें… वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी।इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ (पूरी खबर पढ़ें) गुरमीत के राम रहीम बनने की पूरी कहानी:17 की उम्र में शादी, 23 में संन्यासी बना; एक पोशाक से हिंसा फैली, रेप-मर्डर में सजा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 22 साल पुराने रणजीत सिंह मर्डर केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह जेल से बाहर नहीं आएगा। एक सामान्य इंसान से डेरा सच्चा का प्रमुख बनने तक राम रहीम की कहानी दिलचस्प है। राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की गुरुसर मोडिया गांव में जट सिख परिवार में हुआ। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता मघर सिंह गांव के जमींदार थे। माता का नाम नसीब कौर है। (पूरी खबर पढ़ें) रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। (पूरी खबर पढ़ें)
चंडीगढ़ में अपराध में लिप्त किशोरों की बढ़ रही संख्या:आंकड़ो पर प्रशासन ने जताई चिंता, पुलिस आयोजित करेगी खेल टूर्नामेंट
चंडीगढ़ में अपराध में लिप्त किशोरों की बढ़ रही संख्या:आंकड़ो पर प्रशासन ने जताई चिंता, पुलिस आयोजित करेगी खेल टूर्नामेंट चंडीगढ़ में 2020 से अब तक 474 नाबालिगों को हत्या, बलात्कार, शस्त्र अधिनियम उल्लंघन, हत्या का प्रयास, चोरी, छीनाझपटी, डकैती और मारपीट जैसे अपराधों में गिरफ्तार किया जा चुका है। बढ़ते हुए किशोर अपराध के मामलों ने इनके पुनर्वास की दिशा में गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे किशोरों को मुख्यधारा में वापस लाने के उद्देश्य से, यूटी पुलिस विभाग सामाजिक विभाग के सहयोग से खेल टूर्नामेंट आयोजित करेगा। पुलिस के अनुसार, अधिकांश नाबालिग चोरी, स्नैचिंग और सेंधमारी जैसे अपराधों में शामिल थे। यह चिंताजनक है कि हर वर्ष अपराध में लिप्त किशोरों की संख्या बढ़ रही है। चौंकाने वाले आंकड़े
आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में 78 किशोरों को गिरफ्तार किया गया था, जो 2021 में 75, 2022 में 116 और 2023 में बढ़कर 151 हो गई। 2024 के पहले नौ महीनों में 54 नाबालिग गिरफ्तार हुए हैं। इनमें से 88 किशोरों को बलात्कार, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे जघन्य अपराधों में भी पकड़ा गया।
पुलिस ने 2020 से अब तक बलात्कार के लिए 34, हत्या के लिए 22 और हत्या के प्रयास के लिए 27 नाबालिगों को गिरफ्तार किया। इनमें से अधिकतर किशोर सीमित साधनों वाले परिवारों से हैं और नशे की लत के कारण अपराध की ओर अग्रसर हुए। खेल टूर्नामेंट की योजना
पुलिस द्वारा आयोजित इस खेल टूर्नामेंट में क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, वॉलीबॉल और कबड्डी जैसे लोकप्रिय खेल शामिल होंगे। एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि प्रत्येक आयोजन शहर के पांच उप-विभागों के अधिकार क्षेत्र में होगा और इसमें 50 से 120 नाबालिगों के भाग लेने की उम्मीद है। इसका उद्देश्य किशोरों को सकारात्मक दिशा में मोड़ना और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का अवसर देना है। पांचों उपमंडलों के डीएसपी को निर्देश दिए गए हैं कि वे किशोरों की सूची तैयार कर उनसे खेलों में भाग लेने की सहमति प्राप्त करें। परामर्श और पुनर्वास की पहल
22 मार्च, 2024 को पुलिस ने सेक्टर 42 में चोरी के आरोप में 11 साल से कम उम्र के पांच नाबालिगों को गिरफ्तार किया। जल्दी पैसा कमाने के लालच में वे अपराध करने लगे थे। यूटी पुलिस ने नाबालिगों को सुधार गृह नहीं भेजा, बल्कि उन्हें वापस स्कूल में दाखिला दिलाने की योजना बनाई है। इसके अलावा, 2017 में यूटी पुलिस ने कॉलोनियों और गांवों के युवाओं को कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत रोजगार के अवसर प्रदान करने की पहल की थी, ताकि उन्हें अपराध की दुनिया से दूर रखा जा सके।
स्कोर की रि-इवेल्यूएशन, रि-चेकिंग का नहीं मिलेगा अवसर
स्कोर की रि-इवेल्यूएशन, रि-चेकिंग का नहीं मिलेगा अवसर भास्कर न्यूज | जालंधर/मोगा स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (एसएससी) द्वारा मल्टीटास्किंग (नॉन टेक्नीकल) स्टाफ और सीबीआईसी और सीबीएन में हवलदार के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। इस भर्ती प्रक्रिया में 8326 पोस्ट भरी जानी है। जिसके लिए अप्लाई करने के लिए 100 रुपए की फीस अदा करनी होगी। हालांकि महिला, एससी, एसटी, पीडब्ल्यूडी और ईएसएम की श्रेणी के लिए फीस से राहत होगी। आवेदन की आखिरी तारीख 31 जुलाई है, जबकि फीस 1 अगस्त तक भरी जा सकती है। आवेदन के पंद्रह दिन बाद फॉर्म करेक्शन का अवसर मिलेगा। 16-17 अगस्त तक को निर्धारित फीस अदा कर फॉर्म में करेक्शन की जा सकती है। एप्लीकेशन फॉर्म में पहली बार करेक्शन के लिए 200 रुपए और दूसरी बार बदलाव के लिए 500 रुपए की फीस भरनी होगी। यह फीस सभी श्रेणियों के लिए बराबर ही रहेगी। जबकि परीक्षा अक्टूबर-नवंबर, 2024 में आयोजित की जाएगी। मल्टीटास्किंग के पदों के लिए 25 साल तक के उम्मीदवार और सीबीआईसी और सीबीएन में हवलदार के लिए 27 साल तक के उम्मीदवार अप्लाई कर सकते हैं। रिजर्व्ड श्रेणी के उम्मीदवारों को नियमों के तहत उम्र सीमा में छूट मिलेगी। इन पोस्ट के लिए दसवीं पास उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। वहीं, कमिशन द्वारा कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल एग्जाम-2024 के लिए भी आवेदन की तारीख में इजाफा किया है। उम्मीदवार 27 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। जबकि फीस 28 जुलाई तक भरी जा सकती है। एप्लिकेशन फॉर्म में करेक्शन 10 से 11 अगस्त तक होगी। योग्यता हासिल करने की आखिरी तारीख भी 27 जुलाई होगी। अन्य कोई बदलाव नहीं किए गए हैं। हिंदी, इंग्लिश, पंजाबी के साथ ही 13 भाषाओं में होगी परीक्षा एमटीएस के लिए कंप्यूटर बेस्ड एग्जामिनेशन (सीबीई) और हवलदार की पोस्ट के लिए सीबीई और फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट व फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट आयोजित किया जाएगा। स्कोर की रि-इवैल्यूएशन और रि-चैकिंग का अवसर नहीं मिलेगा। परीक्षा में दो सेक्शन होंगे। जिसमें पहले सेक्शन में न्यूमेरिकल और रीजनिंग एबिलिटी के सवाल होंगे जबकि दूसरे सेक्शन में जनरल अवेयरनेस और इंग्लिश के सवाल होंगे। दोनों सेक्शन 45-45 मिनट के होंगे। आवेदन के लिए लाइव ऑनलाइन फोटो होगी। इसके लिए उम्मीदवारों को पोर्टल पर आवेदन करने के दौरान कैमरा के सामने बैठना होगा और उसमें दी गई इंस्ट्रक्शन को फॉलो करना होगा। कैमरा आई लेवल स्तर पर होना जरूरी है। चेहरा लाल आयताकार क्षेत्र के अंदर रखना होगा। फोटो के दौरान टोपी, मास्क, चश्मा या गॉगल नहीं पहनी होनी चाहिए। एग्जामिनेशन के दौरान उम्मीदवार की दिखावट फोटो की तरह ही होनी चाहिए। नियमों के तहत अगर फोटो नहीं होगी तो उन्हें रद्द माना जाएगा। के लिए 27 साल तक के उम्मीदवार अप्लाई कर सकते हैं। रिजर्व्ड श्रेणी के उम्मीदवारों को उम्र सीमा में छूट मिलेगी। इसके लिए 10वीं पास उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।