फतेहगढ़ साहिब पुलिस ने करीब साढ़े 37 लाख रुपए कीमत के सोने के जेवर बरामद किए हैं। यह सोना कुछ महीने पहले एशिया की सबसे बड़ी लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ के एक बड़े उद्योगपति के घर से चोरी किया गया था। इस उद्योगपति का नाम बताने से पुलिस ने इनकार किया। इस केस में एक आरोपी को काबू किया गया है। जिसकी पहचान मंडी गोबिंदगढ़ के सुभाष नगर के रहने वाले नरिंदर कुमार उर्फ निखिल कश्यप के तौर पर हुई है। घर का भेदी निकला चोर, सीआईए स्टाफ ने पकड़ा एसपी (आई) राकेश यादव ने बताया कि थाना मंडी गोबिंदगढ़ में 14 जुलाई 2024 को चोरी का केस दर्ज किया गया था। इस केस की जांच सीआईए स्टाफ को संभाली गई थी। सीआईए इंचार्ज नरपिंदर पाल सिंह की टीम ने इस केस में नरिंदर कुमार को गिरफ्तार किया। नरिंदर की निशानदेही पर करीब 50 तोले सोने के जेवरात बरामद किए गए हैं। जांच में सामने आया कि नरिंदर कुमार उद्योगपति के घर का भेदी था। आरोपी उद्योगपति का जानकार था और अक्सर उनके घर पर आता जाता रहता था। इस कारण उसे उद्योगपति के बारे में काफी कुछ जानकारी थी। इसी जानकारी का फायद उठाकर आरोपी ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया और फरार हो गया। आरोपी के खिलाफ पहले से चोरी का एक केस भी दर्ज है। फतेहगढ़ साहिब पुलिस ने करीब साढ़े 37 लाख रुपए कीमत के सोने के जेवर बरामद किए हैं। यह सोना कुछ महीने पहले एशिया की सबसे बड़ी लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ के एक बड़े उद्योगपति के घर से चोरी किया गया था। इस उद्योगपति का नाम बताने से पुलिस ने इनकार किया। इस केस में एक आरोपी को काबू किया गया है। जिसकी पहचान मंडी गोबिंदगढ़ के सुभाष नगर के रहने वाले नरिंदर कुमार उर्फ निखिल कश्यप के तौर पर हुई है। घर का भेदी निकला चोर, सीआईए स्टाफ ने पकड़ा एसपी (आई) राकेश यादव ने बताया कि थाना मंडी गोबिंदगढ़ में 14 जुलाई 2024 को चोरी का केस दर्ज किया गया था। इस केस की जांच सीआईए स्टाफ को संभाली गई थी। सीआईए इंचार्ज नरपिंदर पाल सिंह की टीम ने इस केस में नरिंदर कुमार को गिरफ्तार किया। नरिंदर की निशानदेही पर करीब 50 तोले सोने के जेवरात बरामद किए गए हैं। जांच में सामने आया कि नरिंदर कुमार उद्योगपति के घर का भेदी था। आरोपी उद्योगपति का जानकार था और अक्सर उनके घर पर आता जाता रहता था। इस कारण उसे उद्योगपति के बारे में काफी कुछ जानकारी थी। इसी जानकारी का फायद उठाकर आरोपी ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया और फरार हो गया। आरोपी के खिलाफ पहले से चोरी का एक केस भी दर्ज है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सुरक्षा के लिए HC पहुंचे दंपती की मुश्किलें बढ़ी:याचिका में कहा- निकाह मस्जिद में हुआ, फोटो ऑटो रिक्शा की, जांच के आदेश
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याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि जुलाई माह में पंजाब के नयागांव में मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार लड़की के रिश्तेदारों की इच्छा के विरुद्ध निकाह किया था। इसलिए उन्हें अपनी जान का खतरा है। वकील ने दलील दी कि संबंधित पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों ने याचिकाकर्ताओं से संपर्क करने और लड़की के रिश्तेदारों द्वारा उन्हें दी जा रही धमकी के बारे में पूछताछ करने के लिए पहले ही प्रयास किए थे।
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अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत हाेता है कि पूरी कार्यवाही गलत इरादों से प्रेरित है और विवाह की आड़ में न्यायालय को मूर्ख बनाया जा रहा है । इसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए है। वहीं, मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को तय की है।
पंजाब में जत्थेदार बोले- किसानों पर केंद्र का रवैया चिंताजनक:गुरुपर्व पर दी शुभकामनाएं; हमलावर चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले ने माफी मांगी
पंजाब में जत्थेदार बोले- किसानों पर केंद्र का रवैया चिंताजनक:गुरुपर्व पर दी शुभकामनाएं; हमलावर चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले ने माफी मांगी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने दुनिया को शुभकामनाएं दी हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने किसान आंदोलन पर केंद्र के रवैये पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने जानकारी साझा की कि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले व्यक्ति ने माफी मांग ली है। यही नहीं उन्होंने ज्ञानी हरप्रीत सिंह से चल रही पूछताछ पर भी चिंता जताई है। इसके अलावा अकाली दल को 2 दिसंबर को दिए गए आदेशों को जल्द से जल्द लागू करने के निर्देश भी दिए हैं। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए 4 अहम बिन्दुओं पर चर्चा की- 1.नरायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने का मामला जत्थेदार साहिब ने बताया कि सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नरायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले मामले में जसप्रीत सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब में अपनी सफाई पेश कर दी है। जत्थेदार ने कहा कि जसप्रीत सिंह ने जानें अंजाने में नहीं, जानबूझ कर पगड़ी को उतारा था। इसे लेकर जसप्रीत सिंह की तरफ से माफी नामा दे दिया गया है। जल्द ही बैठक कर इस पर विचार किया जाएगा। 2.केंद्र सरकार को किसानों से संवाद न करने पर निंदा जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह जी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल के बीच सरकार का किसानों से संवाद न करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने किसानों के साथ हो रहे इस व्यवहार की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द किसानों की मांगों पर बातचीत शुरू करें। 3. अकाल तख्त साहिब के फैसलों का शीघ्र पालन जरूरी जत्थेदार साहिब ने शिरोमणि अकाली दल से 2 दिसंबर को जारी आदेशों पर तुरंत कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब की फसील से किए गए फैसलों को अकाली दल को जल्द लागू करना चाहिए और जल्द से जल्द इस्तीफों को परवान करना चाहिए। 4. जांच का अधिकार केवल श्री अकाल तख्त साहिब को जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि जब श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ जांच शुरू की थी, तब भी उन्होंने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि तख्तों के जत्थेदारों से जुड़े मामलों की जांच का अधिकार केवल श्री अकाल तख्त साहिब को है। उन्होंने जत्थेदार हरप्रीत सिंह के मामले को भी अकाल तख्त साहिब को सौंपने की मांग की। उन्होंने कहा कि सिख धर्म के मामलों में अकाल तख्त ही सर्वोच्च संस्था है और इसे दरकिनार करके कोई भी निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए। अकाली दल के लिए विचार का समय शिरोमणि अकाली दल (बादल) जो खुद को पंथ हिमायती पार्टी कहती है, उनके लिए ये चिंता की घड़ी है। अकाली दल के बीच चल रही कलह का नुकसान साफ देखा जा सकता है। अकाली दल (बादल) के पास मात्र एक सांसद हरसिमरत कौर बादल हैं। वहीं, दूसरी तरफ अकाली दल का बागी गुट एक बार फिर बगावती सुर अपना रहा है। वे श्री अकाल तख्त साहिब के 2 दिसंबर के आदेश की पालन की मांग कर रहा है। अगर ऐसा ना हुआ तो अकाली दल के नाम पर एक और पार्टी खड़ी हो सकती है। अकाली दल में बागी सुरों का उठाया जा रहा फायदा अकाली दल में शुरू हुए विवाद का फायदा गर्म-ख्याली उठा रहे हैं। अमृतपाल सिंह ने 14 जनवरी को माघ मेले में नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। अमृतपाल सिंह का यह कदम पंजाब की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है, खासकर ऐसे समय में जब मौजूदा अकाली दल कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। अमृतपाल की नई पार्टी, जो पूरी तरह से क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी, राज्य में मतदाताओं के लिए एक वैकल्पिक विकल्प बन सकती है।