हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी फतेहाबाद पहुंच गए हैं। हेलीपेड पर भाजपा नेता अशोक तंवर ने बुके देकर उनका स्वागत किया। सीएम के साथ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भी हैं। पुलिस की सलामी लेने के बाद सीएम का काफिला जलपान के लिए सीधा गांव में रवाना हो गया। सीएम नायब सैनी फतेहाबाद में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। सीएम कार्यक्रम के दौरान 225 करोड़ 79 लाख रुपए की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी करेंगे। पुरानी अनाज मंडी के शेड के नीचे फतेहाबाद में चुनाव प्रचार का बिगुल फूंकेंगे। सभा की तैयारी को लेकर पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। मंडी में आयोजन स्थल के पास सड़कों पर लीपापोती की गई है। भाजपा विधायक दुड़ाराम रैली में भीड़ जुटाने के लिए कई दिनों से प्रयासरत हैं। माना जा रहा है कि यह सभा विधायक के आगामी चुनाव में राजनीतिक भविष्य को भी तय करेगी। मुख्यमंत्री इस रैली से फतेहाबाद में 225 करोड़ 79 लाख रुपए के विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी करेंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह 79 करोड़ 99 लाख 64 हजार रुपए की लागत की भूना-फतेहाबाद रोड सड़क मार्ग का उद्घाटन करेंगे। इसी प्रकार से फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र की 23 करोड़ 88 लाख रुपए की लागत की 10 सड़कों को चौड़ा व सुदृढ़ करने, रतिया विधानसभा क्षेत्र की 23 करोड़ 28 लाख रुपए की लागत से 19 सड़कों को चौड़ा व सुदृढ़ करने, टोहाना विधानसभा क्षेत्र की 27 करोड़ 8 लाख रुपए की लागत की 42 सड़कों के सुधारीकरण और चौड़ा करने के कार्य का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री नायब सैनी 11 करोड़ 18 लाख रुपए की लागत की भटटू-लूदेसर-जमाल सड़क, 18 करोड़ 68 लाख रुपए की लागत के टोहाना-भूना रोड तथा 41 करोड़ 68 लाख रुपए की लागत की जाखल-धारसूल-भूना-पाबड़ा सड़क के सुधारीकरण व चौड़ा करने के कार्य का शिलान्यास करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी फतेहाबाद पहुंच गए हैं। हेलीपेड पर भाजपा नेता अशोक तंवर ने बुके देकर उनका स्वागत किया। सीएम के साथ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भी हैं। पुलिस की सलामी लेने के बाद सीएम का काफिला जलपान के लिए सीधा गांव में रवाना हो गया। सीएम नायब सैनी फतेहाबाद में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। सीएम कार्यक्रम के दौरान 225 करोड़ 79 लाख रुपए की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी करेंगे। पुरानी अनाज मंडी के शेड के नीचे फतेहाबाद में चुनाव प्रचार का बिगुल फूंकेंगे। सभा की तैयारी को लेकर पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। मंडी में आयोजन स्थल के पास सड़कों पर लीपापोती की गई है। भाजपा विधायक दुड़ाराम रैली में भीड़ जुटाने के लिए कई दिनों से प्रयासरत हैं। माना जा रहा है कि यह सभा विधायक के आगामी चुनाव में राजनीतिक भविष्य को भी तय करेगी। मुख्यमंत्री इस रैली से फतेहाबाद में 225 करोड़ 79 लाख रुपए के विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी करेंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह 79 करोड़ 99 लाख 64 हजार रुपए की लागत की भूना-फतेहाबाद रोड सड़क मार्ग का उद्घाटन करेंगे। इसी प्रकार से फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र की 23 करोड़ 88 लाख रुपए की लागत की 10 सड़कों को चौड़ा व सुदृढ़ करने, रतिया विधानसभा क्षेत्र की 23 करोड़ 28 लाख रुपए की लागत से 19 सड़कों को चौड़ा व सुदृढ़ करने, टोहाना विधानसभा क्षेत्र की 27 करोड़ 8 लाख रुपए की लागत की 42 सड़कों के सुधारीकरण और चौड़ा करने के कार्य का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री नायब सैनी 11 करोड़ 18 लाख रुपए की लागत की भटटू-लूदेसर-जमाल सड़क, 18 करोड़ 68 लाख रुपए की लागत के टोहाना-भूना रोड तथा 41 करोड़ 68 लाख रुपए की लागत की जाखल-धारसूल-भूना-पाबड़ा सड़क के सुधारीकरण व चौड़ा करने के कार्य का शिलान्यास करेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के 5 जिलों में BJP का खाता नहीं खुला:यहां की सभी 19 सीटों पर हारी; 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था
हरियाणा के 5 जिलों में BJP का खाता नहीं खुला:यहां की सभी 19 सीटों पर हारी; 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भले ही बंपर जीत हासिल की हो, लेकिन वह हरियाणा के 5 जिलों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। इन जिलों में नूंह, सिरसा, झज्जर, रोहतक और फतेहाबाद शामिल हैं। अगर बेल्ट के हिसाब से देखें तो ये जिले बागड़, देसवाल और नूंह बेल्ट में आते हैं। इन जिलों में कुल 19 विधानसभा सीटें हैं। वहीं, कांग्रेस ने जाट लैंड और बागड़ बेल्ट को जीता। बागड़ ऐसी बेल्ट है, जहां कांग्रेस का प्रदर्शन पिछली बार से बेहतर रहा है। पार्टी को बागड़ बेल्ट से अतिरिक्त 6 सीटों का फायदा हुआ है। इस बेल्ट में जाट मतदाता सबसे ज्यादा हैं। वहीं, इस बेल्ट में भाजपा का प्रदर्शन पिछली बार जैसा ही रहा। इस बार बागड़ बेल्ट में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 10, इनेलो ने 2 और निर्दलीय ने 1 सीट जीती। वहीं, 2019 में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 4, JJP ने 5, इनेलो ने 1 और निर्दलीय ने 2 सीटें यहां से जीती थीं। इन 5 जिलों में क्यों हारी बीजेपी…
सिरसा और फतेहाबाद में किसान आंदोलन का असर
सिरसा और फतेहाबाद की सभी 8 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर इन जिलों में देखने को मिला। यहां नशाखोरी का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा। नशाखोरी रोकने के लिए भाजपा सरकार द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी नजर आए। इन सीटों पर जाटों के साथ-साथ जाट सिख मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली। दोनों जिलों की पंजाबी बेल्ट में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। रोहतक-झज्जर में हुड्डा मैजिक चला
रोहतक लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सीटों पर हुड्डा फैक्टर अभी भी काम कर रहा है। दोनों जिलों की 8 में से 7 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। यहां भाजपा दूसरे या तीसरे स्थान पर रही। इसकी वजह यह रही कि लोगों में यह संदेश गया कि कांग्रेस की सरकार आ रही है और हुड्डा सीएम बन रहे हैं। इस वजह से यहां भाजपा का खाता भी नहीं खुला। मेवात में मुसलमानों ने भाजपा को नकारा
मेवात की तीनों सीटों पर भाजपा कोई कमाल नहीं कर पाई। यहां नूंह दंगों का असर देखने को मिला। यहां के लोगों में बीजेपी के खिलाफ नाराजगी है। लोगों ने बीजेपी सरकार पर क्षेत्र में विकास न होने और भेदभाव का आरोप लगाया था। बीजेपी इन मुस्लिम बहुल इलाकों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। विधायकों-मंत्रियों की कार्यशैली
सिरसा और फतेहाबाद में भाजपा विधायकों और नेताओं की कार्यशैली को लेकर भी लोगों में नाराजगी रही। सिरसा में भाजपा ने गोपाल कांडा पर भरोसा जताया। फतेहाबाद में लोग दुड़ाराम की कार्यशैली से नाखुश थे। टोहाना में बराला-बबली की टिकट से नाखुश थे और ऐलनाबाद, रानियां व डबवाली में कमजोर उम्मीदवार उतारे गए थे। सत्ता विरोधी लहर
सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों में जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर थी। लोकसभा चुनाव के नतीजों का असर यहां भी देखने मिला। जनता कई जगहों पर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करती रही, लेकिन प्रदेश इकाई के नेता आंखें मूंदे रहे। ऐसे में जैसे ही मौका मिला, जनता ने वोट के जरिए अपनी बात रखी। तीन लालों की धरती है बागड़ बेल्ट
बागड़ बेल्ट पर चौधरी ओमप्रकाश चौटाला, चौधरी बंसीलाल और भजनलाल परिवार का दबदबा रहा है। वर्तमान में भजनलाल परिवार से कुलदीप बिश्नोई, बंसीलाल परिवार से किरण चौधरी और चौटाला परिवार से अजय और अभय चौटाला राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। राजनीतिक रूप से यह बेल्ट प्रदेश में सबसे मजबूत रही है और इस धरती ने ताऊ देवीलाल समेत 4 मुख्यमंत्री दिए हैं। राजस्थान और पंजाब से सटे होने के कारण यहां बागड़ी और पंजाबी दोनों भाषाएं बोली जाती हैं। बागड़ बेल्ट में चरखी दादरी, भिवानी, सिरसा, हिसार और फतेहाबाद जिलों के 21 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
रोहतक में दोस्त ने की दोस्त की हत्या:हरियाणा पुलिस को बर्खास्त जवान है मृतक, चारपाई पर लहूलुहान मिला शव
रोहतक में दोस्त ने की दोस्त की हत्या:हरियाणा पुलिस को बर्खास्त जवान है मृतक, चारपाई पर लहूलुहान मिला शव रोहतक के गांव सांघी में एक युवक की हत्या करने का मामला सामने आया है। जहां दोस्त ने ही अपने दोस्त को आपसी झगड़े के कारण लाठी-डंडे से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया गया है। पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान गांव सांघी निवासी करीब 40 वर्षीय बिजेंद्र के रूप में हुई है। जो हरियाणा पुलिस में भर्ती हुआ था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उसे बर्खास्त कर दिया। इसके बाद बिजेंद्र गांव में ही रहने लगा। उसे शराब पीने का आदी भी बताया जा रहा है। बुधवार को भी बिजेंद्र अपने दोस्त के पास गया हुआ था। दोस्त के साथ हुआ झगड़ा
बुधवार को जब बिजेंद्र अपने दोस्त के पास गया हुआ था तो इसी दौरान उसका अपने दोस्त के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। वहीं, उसके दोस्त ने लाठी-डंडे से उसके सिर, पैर व अन्य शरीर पर वार कर दिया। जिसके कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद बिजेंद्र का दोस्त मौके से फरार हो गया। मृतक बिजेंद्र का शव चारपाई पर लहूलुहान अवस्था में पड़ा हुआ मिला। घटना की सूचना सदर थाना पुलिस को दी गई। पुलिस ने सूचना मिलते ही मौके पर पहुचंकर जांच आरंभ कर दी है।
खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान की मौत:10 महीने से आंदोलन में शामिल था; BJP प्रधान बोले-MSP कानून से हरियाणा-पंजाब को नुकसान
खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान की मौत:10 महीने से आंदोलन में शामिल था; BJP प्रधान बोले-MSP कानून से हरियाणा-पंजाब को नुकसान हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 48वें दिन भी जारी है। रविवार को खनौरी बॉर्डर पर 10 महीने से अनशन कर रहे किसान की मौत हो गई। उन्होंने पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में अंतिम सांस ली। पिछले दिनों तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मृतक किसान की पहचान फरीदकोट जग्गा सिंह (80) के रूप में हुई है। इनके 5 बेटे और एक बेटी है। आज खनौरी बॉर्डर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव गोदारा में होगा। उधर, पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ने एक चैनल से बातचीत में कहा- ‘फसलों की MSP की कानूनी गारंटी पंजाब के किसानों के लिए नुकसानदायक है। पंजाब और हरियाणा के किसानों को गेहूं और धान की खरीद पर केंद्र की ओर से MSP दी जाती है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर MSP लागू होने से किसानों को मौजूदा व्यवस्था के तहत मिलने वाले लाभ से हाथ धोना पड़ेगा। MSP कानून की गारंटी पूरे देश में लागू हो गई तो पंजाब भी अन्य राज्यों की तरह केंद्र की ओर से प्रति एकड़ खरीद नियम के तहत आ जाएगा।’ 2 दिन पहले शंभू बॉर्डर पर किसान ने सुसाइड किया इससे पहले 9 जनवरी को शंभू बॉर्डर पर किसान ने सल्फास निगलकर सुसाइड कर लिया था। मृतक की पहचान तरनतारन जिले के पहूविंड गांव में रहने वाले रेशम सिंह (55) के रूप में हुई थी। उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। रेशम सिंह ने सुसाइड नोट लिखा था। जिसमें उन्होंने लिखा- ‘मैं रेशम सिंह पुत्र जगतार सिंह गांव तरनतारन का रहने वाला हूं। मैं किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का मेंबर हूं। मैं समझता हूं कि मोदी सरकार व पंजाब सरकार को जगाने के लिए जानें देने की जरूरत है। इसलिए सबसे पहले मैं अपनी जान देने की कोशिश करता हूं। जितने भी मुझे जन्म मिलेंगे, मैं इस कमेटी का मेंबर रहूंगा। डल्लेवाल साहब को देखते हुए मैं अपनी जान की कुर्बानी देता हूं।’ खनौरी बॉर्डर पर मीटिंग बुलाने का आग्रह किया संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कल (11 जनवरी) एक साझा पत्र जारी किया। जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का खनौरी बॉर्डर और शंभू बॉर्डर पर पहुंचने का धन्यवाद किया गया। साथ ही कहा कि वे MSP गारंटी कानून और 13 अन्य मांगों के लिए चल रहे आंदोलन को और व्यापक और मजबूत बनाने में सहयोग करेंगे। इस पत्र में आगे लिखा गया कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की नाजुक स्थिति को देखते हुए हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आपसी मीटिंग को कल या परसों खनौरी मोर्चे पर कर लिया जाए, क्योंकि उनकी हालत के मद्देनजर हर पल कीमती है और हम मोर्चा छोड़कर बाहर जाने की स्थिति में नहीं हैं। हमें उम्मीद है कि आप हमारे निवेदन को स्वीकार करेंगे। पूर्व क्रिकेटर बोले -बातचीत से होता है हर मुद्दे का समाधान भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाज एवं राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंता जताई। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा- ‘किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मैं उन सभी से अनुरोध करता हूं, जो इस मुद्दे को हल कर सकते हैं, क्योंकि हर मुद्दे का बातचीत से समाधान किया जा सकता है। किसान और किसानी को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए l’ डल्लेवाल मामले की सुप्रीम कोर्ट में 8 सुनवाई, अब तक क्या-क्या हुआ… 1. 13 दिसंबर- तत्काल डॉक्टरी मदद दें
डल्लेवाल 26 नवंबर को अनशन पर बैठे थे। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में आमरण अनशन को लेकर सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार से कहा कि डल्लेवाल को तत्काल डॉक्टरी मदद दें। उन्हें जबरन कुछ न खिलाया जाए। आंदोलन से ज्यादा उनकी जान जरूरी है। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी पहुंच डल्लेवाल से मुलाकात की। 2. 18 दिसंबर- पंजाब सरकार को कुछ करना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती। आपको हालात संभालने होंगे। 3. 19 दिसंबर- बिना टेस्ट 70 साल के आदमी को कौन ठीक बता रहा
पंजाब सरकार ने दावा किया कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 4. 20 दिसंबर- अधिकारी अस्पताल में भर्ती करने पर फैसला लें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है तो अधिकारी निर्णय लें। 5. 28 दिसंबर- केंद्र की मदद से अस्पताल में शिफ्ट करें
यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के 20 दिसंबर के आदेश को लागू न करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर हुई। इसमें कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 6. 31 दिसंबर को पंजाब सरकार ने 3 दिन की मोहलत ली
पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा अगर केंद्र सरकार पहल करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। 7. 2 जनवरी- हमने अनशन तोड़ने को नहीं कहा
कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते। हमने कमेटी बनाई है। किसानों से उसी कमेटी के जरिए बात करेंगे।” 8. 6 जनवरी- किसान मुलाकात के लिए तैयार
पंजाब सरकार ने कहा कि आंदोलन पर चल रहे किसान हाई पावर कमेटी से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। इसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई 10 जनवरी तय की थी। इसके बाद कमेटी ने डल्लेवाल से मुलाकात की। हालांकि, 10 जनवरी को केस की सुनवाई नहीं हुई। ************************ किसान आंदोलन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… डल्लेवाल बोले- मोदी से कहिए मांगें मानें, अनशन छोड़ दूंगा हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 46 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शुक्रवार (10 जनवरी) को एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी हमारी मांगें मानें तो मैं अनशन छोड़ दूंगा। अनशन करना कोई हमारा कारोबार तो नहीं है और न ही हमारा शौक है।’ पूरी खबर पढ़ें…