हरियाणा के फतेहाबाद के जाखल में पत्नी व जीजा की हत्या के मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों को आज पुलिस कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लेगी। पुलिस ने महिला के पति जसविंद्र के साथ उसके दो साथियों बिकर सिंह व परविंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बता दें कि जाखल के गांव चांदपुरा में बुधवार को जसविंद्र नामक शख्स ने अवैध संबंधों के चलते अपनी पत्नी मूर्ति देवी और अपने जीजा बबनपुर निवासी जगसीर सिंह का तेज धार हथियार से मर्डर कर दिया था। पुलिस पूछताछ में जसविंद्र सिंह ने बताया कि अपनी पत्नी और जीजा के अवैध संबंधों से हो रही बेइज्जती को लेकर वह अपने दोस्तों के दुखड़ा आगे रोया। इसके बाद तीनों ने मिलकर मर्डर का प्लान बनाया और साजिश के तहत दोनों को मार डाला। जाखल एसएचओ कुलदीप सिंह ने बताया कि रतिया के गांव बबनपुर निवासी 32 वर्ष जगसीर सिंह मजदूरी का काम करता था और जाखल के गांव चांदपुरा में विवाहित था। उसका अपने साले जसविंद्र सिंह की पत्नी 35 वर्षीय मूर्ति के साथ ढाई-तीन सालों से अवैध संबंध चल रहा था और 10-12 दिन पहले दोनों घर से फरार हो गए थे। दोस्तों से कहा- गांव में बेइज्जती हो रही है जसविंद्र सिंह ने अपने दोनों दोस्तों को बताया कि उसकी गांव में बहुत बेइज्जती हो रही है और वह अब इस बेइज्जती को और सहन नहीं कर सकता। तीनों इस बात पर सहमत हो गए कि अब दोनों का मर्डर करना है। तीनों को सूचना मिली कि जसविंद्र की पत्नी व जीजा गांव आ रहे हैं। जसविंद्र ने तेजधार हथियार लेकर तैयार रहने को कहा। गाड़ी में दिल्ली से लाया, गांव में घुसते ही हत्या एसएचओ ने बताया कि जगसीर सिंह व मूर्ति दोनों दिल्ली चले गए थे। उनको लेने के लिए जसविंद्र सिंह एक गाड़ी लेकर दिल्ली गया था। दोनों को गाड़ी में लेकर वह गांव पहुंचा और गाड़ी वाले को रवाना कर दिया। उन्होंने बताया कि मूर्ति व जगसीर जब आगे आगे चल रहे थे तो योजनानुसार पीछे से बिकर व परविंद्र ने दोनों ने उन पर हमला बोल दिया और तेजधार हथियार से उनकी हत्या कर दी। घर के मिले थे दोनों के शव दोनों के शव गुरुवार तड़के घर से कुछ ही दूरी पर लहूलुहान हालत में पड़े मिले। ग्रामीणों ने बताया था कि दोनों को उनके संबंधों को लेकर कई बार समझाया गया था, लेकिन वे नहीं माने और इसको लेकर कई बार झगड़ा हुआ है। मृतका के 2 बेटियां 12 वर्षीय व 6 वर्षीय हैं, जबकि मृतक के 12 वर्ष का बेटा है। हरियाणा के फतेहाबाद के जाखल में पत्नी व जीजा की हत्या के मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों को आज पुलिस कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लेगी। पुलिस ने महिला के पति जसविंद्र के साथ उसके दो साथियों बिकर सिंह व परविंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बता दें कि जाखल के गांव चांदपुरा में बुधवार को जसविंद्र नामक शख्स ने अवैध संबंधों के चलते अपनी पत्नी मूर्ति देवी और अपने जीजा बबनपुर निवासी जगसीर सिंह का तेज धार हथियार से मर्डर कर दिया था। पुलिस पूछताछ में जसविंद्र सिंह ने बताया कि अपनी पत्नी और जीजा के अवैध संबंधों से हो रही बेइज्जती को लेकर वह अपने दोस्तों के दुखड़ा आगे रोया। इसके बाद तीनों ने मिलकर मर्डर का प्लान बनाया और साजिश के तहत दोनों को मार डाला। जाखल एसएचओ कुलदीप सिंह ने बताया कि रतिया के गांव बबनपुर निवासी 32 वर्ष जगसीर सिंह मजदूरी का काम करता था और जाखल के गांव चांदपुरा में विवाहित था। उसका अपने साले जसविंद्र सिंह की पत्नी 35 वर्षीय मूर्ति के साथ ढाई-तीन सालों से अवैध संबंध चल रहा था और 10-12 दिन पहले दोनों घर से फरार हो गए थे। दोस्तों से कहा- गांव में बेइज्जती हो रही है जसविंद्र सिंह ने अपने दोनों दोस्तों को बताया कि उसकी गांव में बहुत बेइज्जती हो रही है और वह अब इस बेइज्जती को और सहन नहीं कर सकता। तीनों इस बात पर सहमत हो गए कि अब दोनों का मर्डर करना है। तीनों को सूचना मिली कि जसविंद्र की पत्नी व जीजा गांव आ रहे हैं। जसविंद्र ने तेजधार हथियार लेकर तैयार रहने को कहा। गाड़ी में दिल्ली से लाया, गांव में घुसते ही हत्या एसएचओ ने बताया कि जगसीर सिंह व मूर्ति दोनों दिल्ली चले गए थे। उनको लेने के लिए जसविंद्र सिंह एक गाड़ी लेकर दिल्ली गया था। दोनों को गाड़ी में लेकर वह गांव पहुंचा और गाड़ी वाले को रवाना कर दिया। उन्होंने बताया कि मूर्ति व जगसीर जब आगे आगे चल रहे थे तो योजनानुसार पीछे से बिकर व परविंद्र ने दोनों ने उन पर हमला बोल दिया और तेजधार हथियार से उनकी हत्या कर दी। घर के मिले थे दोनों के शव दोनों के शव गुरुवार तड़के घर से कुछ ही दूरी पर लहूलुहान हालत में पड़े मिले। ग्रामीणों ने बताया था कि दोनों को उनके संबंधों को लेकर कई बार समझाया गया था, लेकिन वे नहीं माने और इसको लेकर कई बार झगड़ा हुआ है। मृतका के 2 बेटियां 12 वर्षीय व 6 वर्षीय हैं, जबकि मृतक के 12 वर्ष का बेटा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में मोदी आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी:नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ चुके जुनेजा, भाजपा में प्रचार-प्रसार कार्यकारिणी के थे सदस्य हरियाणा के करनाल में दल बदलने का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। घरौंडा में भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद जुनेजा ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। जुनेजा वर्ष 2022 में नगरपालिका का इलेक्शन लड़ चुके है और चौथे स्थान पर रहे थे। उनके पास भारतीय मोदी आर्मी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का भी पद है और प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार-प्रसार के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी है। जुनेजा, भाजपा में हुई अनदेखी से खफा हैं। जुनेजा की मानें तो बीजेपी सरकार के होते हुए भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि किसी को भी आगे बढ़ने नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि 1989 से वह भाजपा से जुड़े हुए है और कर्मठ कार्यकर्ताओं में शामिल रहे। नगरपालिका चेयरमैन का चुनाव था और उसके लिए मैने और मेरे समाज ने टिकट मांगी, लेकिन उसने बीजेपी ने मुझे टिकट नहीं दिया। जिसके चलते मुझे पार्टी के खिलाफ जाकर आजाद चुनाव लड़ा और चौथे स्थान पर रहा। टिकट नहीं मिला, इसका दर्द मुझे ही नहीं बल्कि मेरे समाज को भी है। यह आज से नहीं बल्कि दो साल से है। उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है। पंजाबी समाज से आते है जुनेजा आपको बता दें कि विनोद जुनेजा पंजाबी समाज से आते है। ऐसा नहीं है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने जुनेजा को मनाने का प्रयास नहीं किया, लेकिन जुनेजा ने पार्टी छोड़ने का फैसला ले लिया है। वे 20 सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। पंजाबी समाज या फिर एससी/ओबीसी के वोटरों में जुनेजा की अच्छी पकड़ है। इनके बड़े भाई सुदर्शन जुनेजा भी बीजेपी में घरौंडा मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में जुनेजा के बीजेपी छोड़ने से भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है और कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। ऐसे में कितना असर भाजपा पर पड़ता है उसका परिणाम 8 अक्टूबर को इलेक्शन रिजल्ट बताएंगे, लेकिन इतना जरूर है कि वरिष्ठ नेता का बीजेपी छोड़ना, भाजपा के किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
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हरियाणा में कांडा को समर्थन दे सकती है BJP:भाजपा उम्मीदवार के आज नामांकन वापस लेने की चर्चा; पार्टी ऑफिस में मीटिंग बुलाई हरियाणा में सिरसा विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा आज अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। भाजपा इस सीट पर हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के उम्मीदवार गोपाल कांडा को समर्थन दे सकती है। रोहताश जांगड़ा ने खुद इसके संकेत दिए हैं। रोहताश जांगड़ा का कहना है कि पार्टी कार्यालय में मीटिंग बुलाई गई है। इसमें हरियाणा के प्रवासी प्रभारी सुरेंद्र सिंह टीटी मौजूद रहेंगे। पार्टी जो भी आदेश देगी, वह मानने के लिए तैयार हैं। हमारा बस एक ही लक्ष्य है कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बननी चाहिए। वहीं एक दिन पहले गोपाल कांडा ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अब भी NDA का हिस्सा हैं। जीतने के बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। उनका परिवार शुरू से ही RSS से जुड़ा हुआ है। पिता मुरलीधर कांडा जनसंघ की टिकट पर 1952 में डबवाली सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और मेरी माता आज भी भाजपा को ही वोट डालती हैं। राज्य में 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा। भाजपा के उम्मीदवार उतारते ही इनेलो-बसपा से गठबंधन किया गोपाल कांडा 2019 में सिरसा सीट से विधायक बने थे। जिसके बाद उन्होंने भाजपा को समर्थन दे दिया। 2024 विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के दौरान चर्चा थी कि भाजपा गोपाल कांडा को सिरसा सीट पर समर्थन दे सकती है। हालांकि भाजपा ने यहां से रोहताश जांगड़ा को उम्मीदवार घोषित कर दिया। अगले ही दिन गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) में गठबंधन हो गया। INLD पहले ही बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। जिसके बाद इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कांडा को सिरसा सीट से गठबंधन का उम्मीदवार घोषित कर दिया। कांडा बोले- एक दूसरे की मदद को समझौता गठबंधन के बाद गोपाल कांडा ने कहा था कि सिरसा से बाहर रानियां और ऐलनाबाद हलके में हलोपा का जनाधार है। ऐलनाबाद उपचुनाव में गोबिंद कांडा को अच्छे वोट मिले थे। इसलिए अभय चाहते हैं कि हलोपा ऐलनाबाद और रानियां में मदद करे, बदले में वह सिरसा में मदद करेंगे। हम दोनों ही पार्टियां कांग्रेस के खिलाफ हैं। मैंने कभी भाजपा से कोई सीट नहीं मांगी। हमारा शुरू से ही बिना शर्त समझौता है। इस बार हरियाणा में कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा की सरकार आएगी। भाजपा प्रदेश में जीत की हैट्रिक बनाएगी और हमारा गठबंधन भाजपा को सपोर्ट करेगा। ओपी चौटाला के करीबी रहे गोपाल कांडा के करोड़पति बनने का असली सफर वर्ष 2000 के आसपास गुरुग्राम से शुरू हुआ। उस समय हरियाणा में ओमप्रकाश चौटाला की अगुआई में इनेलो की सरकार थी। उस दौर में गोपाल कांडा इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला के बेहद करीब थे। चौटाला सरकार के दौरान ही कांडा ने सिरसा जिले में तैनात रहे एक IAS अफसर से हाथ मिलाया। वह IAS अफसर गुरुग्राम में हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा, अब इसका नाम HSVP हो चुका है।) प्रशासक लग गया। उस अफसर से दोस्ती का फायदा उठाते हुए गोपाल कांडा ने गुरुग्राम में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी। यह वो दौर था जब गुरुग्राम में डेवलपमेंट शुरू ही हुई थी। दिल्ली से सटा होने के कारण बड़ी-बड़ी कंपनियों ने वहां अपने कॉर्पोरेट दफ्तर बनाने शुरू किए तो गुरुग्राम के प्रॉपर्टी बाजार में ऐसा बूम आया कि रातोंरात लोगों के वारे न्यारे हो गए। गोपाल कांडा को इसका जमकर फायदा मिला। चौटाला सरकार के दौरान ही गोपाल कांडा के बाकी राजनेताओं से भी अच्छे संबंध बन गए। साल 2000 में कांडा ने ओपी चौटाला को नोटों की गडि्डयों से तोला था। तब ऐसी चर्चा रही कि कांडा ने चौटाला के वजन के बराबर तराजू में 80 लाख रुपए रखे थे। 2009 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते 2004 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी, इनेलो हार गई और राज्य में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी। बिजनेस की समझ रखने वाले गोपाल कांडा ने जल्दी ही हुड्डा सरकार में पैठ बना ली। उसके साथ ही वह इनेलो और चौटाला परिवार से दूर होते चले गए। वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में गोपाल कांडा ने सिरसा विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए। वह 2005 से 2009 तक हुड्डा सरकार में उद्योगमंत्री रहे सिरसा के दिग्गज लक्ष्मण दास अरोड़ा को हराकर विधानसभा पहुंचे। विधानसभा चुनाव नतीजे आए तो कांग्रेस पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई। तब कांग्रेस ने 40 सीटें जीतीं। इनेलो 32 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उस समय गोपाल कांडा ने सियासी हालात का फायदा उठाते हुए निर्दलीय जीतने वाले 5-6 विधायकों को रातोंरात हुड्डा को समर्थन दिलवा दिया। लगातार दूसरी बार हरियाणा का मुख्यमंत्री बने हुड्डा ने कांडा को बतौर ईनाम अपनी कैबिनेट में शामिल करते हुए गृह राज्यमंत्री बनाया।
सिरसा में सुबह 8 बजे शुरू होगी मतगणना:तीन जिलों में फैला है हलका; कांग्रेस-भाजपा में सीधा मुकाबला, 19 कैंडिडेट मैदान में
सिरसा में सुबह 8 बजे शुरू होगी मतगणना:तीन जिलों में फैला है हलका; कांग्रेस-भाजपा में सीधा मुकाबला, 19 कैंडिडेट मैदान में हरियाणा के सिरसा लोकसभा चुनाव में पड़ी वोटों की गिनती आज (4 जून) सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। यहां पर 19 उम्मीदवारों का भाग्य मतदाताओं ने 25 मई को EVM में कैद कर दिया था। इस सीट पर कांग्रेस की कुमारी सैलजा और भाजपा के डॉ. अशोक तंवर के बीच है। दोनों ही कांग्रेस में सांसद रहे चुके हैं। अब अलग अलग पार्टियों की टिकट पर एक दूसरे को टक्कर दे रहे हैं। सिरसा लोकसभा सीट तीन जिलों सिरसा, फतेहाबाद व जींद जिले तक फैली है। सुबह 8 बजे मतगणना शुरू हो जाएगी। दोपहर 2 बजे तक हार-जीत की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। पहला रुझान 9:30 बजे तक आने की उम्मीद है।