हरियाणा के फतेहाबाद के रतिया में लाली रोड पर एक किसान द्वारा पराली में आग लगाने की लोकेशन दर्ज होने पर किसान के खेत में पहुंची प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम का किसान संगठनों ने घेराव कर लिया। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने टीम को किसानों द्वारा पराली न जलाने पर आ रही समस्याओं के बारे में सवाल जवाब किये। किसान नेताओं ने चेतावनी दी की अगर किसी भी किसान के खिलाफ मामला दर्ज, रेड एंट्री , जुर्माना डाला तो किसान संगठन एकजुट होकर इसका जोरदार विरोध करते हुए आंदोलन भी करने को मजबूर होंगे। वहीं अधिकारियों का घेराव करने की सूचना मिलने पर कृषि विभाग के अधिकारी व पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई। किसानों को शहर थाना प्रभारी द्वारा आश्वासन दिया गया और पुलिस प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड अधिकारियों की टीम को अपने साथ लेकर गई। जानकारी के अनुसार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम को लोकेशन के तहत सूचना मिली थी कि लाली रोड पर किसान द्वारा पराली को आग लगाई जा रही है। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ दीपू खटकड़ की अगुआई में एक टीम मौके पर पहुंची। टीम ने पराली में आग लगाने को लेकर जैसे ही मामले में कार्रवाई करनी शुरू की तो किसान ने भाकियू नेताओं को सूचना दे दी। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला प्रधान निर्भय सिंह रतिया की अगुआई में काफी किसान मौके पर पहुंच गए। किसान टीम की कार्रवाई का विरोध करने लगे। किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिकारियों की टीम वहां से जाने लगी तो किसानों ने उनका घेराव करते हुए उनसे सवाल जवाब शुरू कर दिए। किसान नेताओं ने अधिकारियों से किसानों द्वारा पराली न जलाने पर आ रही समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक किसानों को सरकार उनके विकल्प और मशीनरी तक उपलब्ध नहीं करवा पाई है, जिस कारण किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है और विकल्प न होने के कारण मजबूर आग लगाने का मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी की अगर किसान के खिलाफ कार्यवाही हुई तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम का घेराव करने की सूचना मिलने पर कृषि विभाग के सुपरवाइजर जसमीत सिंह, शहर थाना प्रभारी रंजीत सिंह के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन किसान मामले मे कार्यवाही करने की बात पर अड़ गए। किसान नेता निर्भय रतिया ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा किसानों पर मुक़दमा , रेड एंट्री , जुर्माना डाला तो यूनियन आंदोलन करेगी, जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा। किसानों के अपनी बात पर अड़ने पर मौके पर मौजूद अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों के संज्ञान और समस्या के हल करने का आश्वासन देने पर किसान शांत हुए। हरियाणा के फतेहाबाद के रतिया में लाली रोड पर एक किसान द्वारा पराली में आग लगाने की लोकेशन दर्ज होने पर किसान के खेत में पहुंची प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम का किसान संगठनों ने घेराव कर लिया। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने टीम को किसानों द्वारा पराली न जलाने पर आ रही समस्याओं के बारे में सवाल जवाब किये। किसान नेताओं ने चेतावनी दी की अगर किसी भी किसान के खिलाफ मामला दर्ज, रेड एंट्री , जुर्माना डाला तो किसान संगठन एकजुट होकर इसका जोरदार विरोध करते हुए आंदोलन भी करने को मजबूर होंगे। वहीं अधिकारियों का घेराव करने की सूचना मिलने पर कृषि विभाग के अधिकारी व पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई। किसानों को शहर थाना प्रभारी द्वारा आश्वासन दिया गया और पुलिस प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड अधिकारियों की टीम को अपने साथ लेकर गई। जानकारी के अनुसार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम को लोकेशन के तहत सूचना मिली थी कि लाली रोड पर किसान द्वारा पराली को आग लगाई जा रही है। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ दीपू खटकड़ की अगुआई में एक टीम मौके पर पहुंची। टीम ने पराली में आग लगाने को लेकर जैसे ही मामले में कार्रवाई करनी शुरू की तो किसान ने भाकियू नेताओं को सूचना दे दी। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला प्रधान निर्भय सिंह रतिया की अगुआई में काफी किसान मौके पर पहुंच गए। किसान टीम की कार्रवाई का विरोध करने लगे। किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिकारियों की टीम वहां से जाने लगी तो किसानों ने उनका घेराव करते हुए उनसे सवाल जवाब शुरू कर दिए। किसान नेताओं ने अधिकारियों से किसानों द्वारा पराली न जलाने पर आ रही समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक किसानों को सरकार उनके विकल्प और मशीनरी तक उपलब्ध नहीं करवा पाई है, जिस कारण किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है और विकल्प न होने के कारण मजबूर आग लगाने का मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी की अगर किसान के खिलाफ कार्यवाही हुई तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम का घेराव करने की सूचना मिलने पर कृषि विभाग के सुपरवाइजर जसमीत सिंह, शहर थाना प्रभारी रंजीत सिंह के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन किसान मामले मे कार्यवाही करने की बात पर अड़ गए। किसान नेता निर्भय रतिया ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा किसानों पर मुक़दमा , रेड एंट्री , जुर्माना डाला तो यूनियन आंदोलन करेगी, जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा। किसानों के अपनी बात पर अड़ने पर मौके पर मौजूद अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों के संज्ञान और समस्या के हल करने का आश्वासन देने पर किसान शांत हुए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
करनाल से संदिग्ध परिस्थितियों में युवक लापता:हरिद्वार कांवड़ लेने गया था, आखिरी बार 17 जुलाई को हुई थी पत्नी से बात
करनाल से संदिग्ध परिस्थितियों में युवक लापता:हरिद्वार कांवड़ लेने गया था, आखिरी बार 17 जुलाई को हुई थी पत्नी से बात हरियाणा के करनाल के नीलोखेड़ी स्थित डाबरथला गांव का एक व्यक्ति संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया है। व्यक्ति कांवड़ लेने के लिए हरिद्वार गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। इस घटना से परिजनों की चिंता बढ़ गई और उन्होंने मामले की शिकायत बुटाना थाना पुलिस को दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता रामेश्वर ने नीलोखेड़ी थाने में अपने 37 वर्षीय बेटे प्रदीप के रहस्यमय ढंग से लापता होने की शिकायत दर्ज कराई है। प्रदीप 16 जुलाई 2024 को सुबह 10 बजे बिना बताए घर से निकल गया और अभी तक वापस नहीं लौटा है। रामेश्वर ने बताया कि प्रदीप ने आखिरी बार 17 जुलाई को अपनी पत्नी से बात की थी। उसके बाद से प्रदीप का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। कांवड़ लेने गया था हरिद्वार परिवार का मानना था कि प्रदीप हरिद्वार कांवड़ लेने गया है, लेकिन उसके अब तक वापस न लौटने से परिजन बेहद चिंतित हैं। प्रदीप का हुलिया सावला रंग, गोल चेहरा, मजबूत शरीर और कद 5.7 फीट है। वह ब्लैक लोअर, ब्लैक टी-शर्ट और सफेद जूते पहने हुए था। रामेश्वर ने अपने बेटे की तलाश में मदद की अपील की है। उन्होंने कहा कि हमने प्रदीप की हर संभव जगह तलाश की है, लेकिन अब तक उसका कोई पता नहीं चल पाया है। उन्होंने प्रदीप के मोबाइल नंबर पर भी कॉल किया लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस जुटी तलाश में बुटाना थाना के हेड कांस्टेबल अमरीक सिंह ने रामेश्वर की दरखास्त पर तत्काल कार्रवाई की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है अमरीक सिंह ने बताया कि प्रदीप की तलाश जारी है और मामले की तफ्तीश में पुलिस टीम पूरी तत्परता से जुटी हुई है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे प्रदीप को जल्द से जल्द खोजने का हर संभव प्रयास करेंगे।
हरियाणा के रेसलर ने करोड़ों के दावों की हवा निकाली:विनेश फोगाट के पति बोले- झूठ न फैलाएं, हमें कोई पैसा नहीं मिला
हरियाणा के रेसलर ने करोड़ों के दावों की हवा निकाली:विनेश फोगाट के पति बोले- झूठ न फैलाएं, हमें कोई पैसा नहीं मिला हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट का दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर उनके गांव बलाली तक स्वागत करने वालों की लिस्ट अब इनाम राशि के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि विनेश को विभिन्न संस्थाओं से करोड़ों रुपए का इनाम मिला है। इनमें कुछ नामी संस्थाओं से जुड़े लोग भी अपनी इनाम राशि को लेकर प्रचार प्रसार करने में लगे हैं। लेकिन, विनेश के पति सोमवीर राठी ने इन दावों की हवा निकाल दी है। उन्होंने कहा है कि उन्हें कोई इनाम नहीं मिला है। यह सस्ती लोकप्रियता पाने का साधन है। 125 किमी का रोड शो निकला
बता दें कि पेरिस ओलिंपिक से खेलकर स्वदेश लौटी विनेश फोगाट का शनिवार को भव्य स्वागत हुआ। दिल्ली एयरपोर्ट से उनके पैतृक गांव बलाली तक करीब 125 किलोमीटर का रोड शो निकाला गया। इसी बीच 100 से ज्यादा जगहों पर उनका स्वागत किया गया। हर जगह कार्यक्रम में विनेश को लोगों ने पुरस्कार स्वरूप नोटों की मालाएं, मेडल, गदा और अन्य उपहार दिए। बलाली पहुंचने पर भी सैकड़ों लोगों ने विनेश को कुछ न कुछ भेंट किया। इसके लिए विनेश सभी लोगों का धन्यवाद कर चुकी हैं। सोशल मीडिया पर लिस्ट वायरल हुई
इसके बाद रविवार को सोशल मीडिया पर एक लिस्ट वायरल हुई, जिसमें विनेश को करोड़ों रुपए की भारी भरकम इनाम राशि दिए जाने का दावा किया गया। X पर कई वेरिफाइड अकाउंट होल्डर भी इसे शेयर कर चुके। शाम होते-होते इस लिस्ट पर किसी तरह का कोई रिएक्शन एवं ऑब्जेक्शन न आने के चलते लोग इसे प्रमाणित समझ रहे थे। इसी बीच विनेश फोगाट के पति सोमवीर राठी ने इस लिस्ट का खंडन कर दिया। यह सोमवीर ने जवाब दिया
सोमवीर राठी ने X पर लिखा, ‘निम्नलिखित संस्थाओं, व्यापारियों, कंपनियों और पार्टियों द्वारा विनेश फोगाट को कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। आप सभी हमारे शुभ चिंतक लोग हैं। कृपया झूठी खबरें न फैलाएं। इससे हमारा नुकसान तो होगा ही, सामाजिक मूल्यों का भी नुकसान होगा। यह सस्ती लोकप्रियता पाने का साधन मात्र है।’ गांव वालों ने 100 रुपए से लेकर 21 हजार तक दिया इनाम
विनेश के गांव बलाली पहुंचने पर ग्रामीणों ने एकजुट होकर विनेश के लिए पुरस्कार की रकम जुटाई। छोटे-बड़े सभी ने इसमें बढ़-चढ़ कर अपनी ओर से योगदान दिया, जिसमें गांव के चौकीदार की ओर से 100 से लेकर फौजी भाईचारा समूह के सदस्यों की ओर से 21,000 तक की रकम शामिल था। कथित तौर पर दान देर रात में आया। गांव की सरपंच रीतिका सांगवान विनेश के स्वागत समारोह में शामिल नहीं हो सकीं और उन्होंने अपने पति से उनका स्वागत करने के लिए कहा। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के बाद उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना खिलाया गया, जिससे उनका वजन 52.700 किग्रा तक बढ़ गया। 2. विनेश का वजन 2.7 किलो ज्यादा था भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक, विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट मिले, 100 ग्राम ज्यादा था बुधवार सुबह दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। इसके बाद नियमानुसार सिर्फ 15 मिनट मिले, लेकिन इतने कम समय में विनेश का वजन घटाकर 50KG तक नहीं लाया जा सका। लास्ट में जब वेट किया गया तो विनेश का वजन तय सीमा से 100 ग्राम अधिक निकला। ओलिंपिक कमेटी के फैसले के बाद विनेश की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल भर्ती करवाया। 4. डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील भी की विनेश ने संन्यास के ऐलान से पहले बुधवार रात अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील दायर की है। उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स से मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। विनेश ने पहले फाइनल खेलने की मांग भी की थी। फिर उन्होंने अपील बदली और अब संयुक्त रूप से सिल्वर दिए जाने की मांग की। 5. विनेश ने लिया संन्यास, सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट विनेश ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया (X) पर इसका ऐलान किया। विनेश ने 5 लाइनों की पोस्ट में लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।” 6. 14 अगस्त को अपील खारिज हुई 14 अगस्त को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स ने विनेश फोगाट की याचिका खारिज कर दी थी। विनेश फोगाट ने याचिका लगाकर सिल्वर मेडल की मांग की थी।
यमुनानगर में स्वास्थ्य विभाग ने मारी रेड:क्लिनिक को किया सील, फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार, लाइसेंस-दवाई स्टॉक का नहीं मिला बिल
यमुनानगर में स्वास्थ्य विभाग ने मारी रेड:क्लिनिक को किया सील, फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार, लाइसेंस-दवाई स्टॉक का नहीं मिला बिल हरियाणा के यमुनानगर जिले के बलौली गांव में सरपंच श्याम लाल ने गांव के एक क्लिनिक पर नशे की प्रतिबंधित दवाइयों के शक की प्रशासन को जानकारी दी। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लिनिक में रखी दवाइयों की जांच की, तो वहां नशे की दवाई तो नहीं मिली, लेकिन जो डॉक्टर क्लिनिक चला रहा था, उसके पास ना ही डिग्री थी, ना ही लाइसेंस और ना ही दवाई बेचने के स्टॉक का बिल। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और उसके क्लिनिक को सील भी कर दिया है। सरपंच ने दी पुलिस को शिकायत क्लिनिक पर नशा बेचने के शक में सरपंच श्याम लाल ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। इसके बाद छछरौली थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी। दुकान का शटर खोल कर जब दवाइयों की चेकिंग की गई तो दुकान से एक भी प्रतिबंध दवाई बरामद नहीं हुई, लेकिन मोहित डॉक्टर का खुलासा तब हुआ जब ड्रग इंस्पेक्टर बिंदु धीमान ने उनसे क्लिनिक चलाने का लाइसेंस मांगा। टीम देख पूरा गांव हुआ इकट्ठा वह जवाब नहीं दे पाया। जब उनसे दवाइयों के स्टॉक का बिल मांगा, तो वह इधर-उधर की बात करने लगा। गांव में पुलिस की दस्तक और स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखकर पूरा गांव वहां इकट्ठा हो गया। करीब 2 घंटे की चेकिंग और पूछताछ के बाद मोहित नाम के इस झोलाछाप डॉक्टर को पुलिस अपने साथ ले गई और स्वास्थ्य विभाग ने उसके क्लिनिक को भी सील कर दिया। प्रतिबंधित दवाइयां नहीं हुई बरामद ड्रग इंस्पेक्टर बिंदु धीमान ने कहा कि गांव के सरपंच ने हमें शिकायत दी थी कि एक युवक को नशे की गोलियों के साथ पकड़ा है। जिसके बाद हमने एक टीम का गठन किया और मौके पर पहुंचे। जब हमने दवाइयों की चेकिंग की, तो प्रतिबंधित दवाइयां तो बरामद नहीं हुई, लेकिन डॉक्टर ना तो डिग्री दिखा पाया, ना ही लाइसेंस और ना ही दवाइयों के स्टॉक का बिल।