फतेहाबाद के साथ लगते गांव भोडिया खेड़ा में वीरवार सुबह दर्दनाक हादसा हो गया। टॉयलेट गए एक 2 वर्ष के मासूम के ऊपर बाथरुम टॉयलेट की छत भरभरा कर गिर गई। जिससे मासूम की मौत हो गई। छत के ऊपर 2 हजार लीटर की पानी की टंकी रखी हुई थी, वह भी नीचे आ गिरी। बदहवास हालत में बच्चे के परिजन उसे गंभीर हालत में नागरिक अस्तपाल ले आए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बिना पोस्टमॉर्टम करवाए ही परिजन शव को अपने साथ ले गए। पिता फैक्ट्री में करता है मजदूरी अस्पताल में बिहार के समस्तीपुर निवासी राकेश पासवान अपने परिवार के साथ फतेहाबाद के गांव भोड़िया खेड़ा में रह रहा था। राकेश रंग रोगन की फैक्ट्री में मजदूरी करता है तो उसका पिता उमेश, मां व पत्नी साथ ही एक निजी स्कूल में छोटी-मोटी नौकरी करते हैं। मृतक बच्चे सनीराज के दादा उमेश ने बताया कि सनी सुबह शोच के लिए गया था। शोच के बाद वह अपनी मां के पास आया और उसे साफ करने को बोला। जिस पर उसकी मां दोबारा उसे साफ करने के लिए बाथरुम में ले गई। छत के मलबे के नीचे दबा उसकी मां बाहर आ गई, जबकि बच्चा अंदर था कि अचानक से बाथरुम की छत नीचे आ गिरी। बच्चा अंदर ही था जो मलबे के नीचे दब गया। परिजनों में चीख पुकार मची, तो बच्चे को बाहर निकालकर तुरंत अस्पताल ले आए, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका। छत लेंटर वाली नहीं थी और उसके ऊपर 2 हजार लीटर पानी की टंकी भी थी, जिस कारण बच्चे की मौत हो गई। फतेहाबाद के साथ लगते गांव भोडिया खेड़ा में वीरवार सुबह दर्दनाक हादसा हो गया। टॉयलेट गए एक 2 वर्ष के मासूम के ऊपर बाथरुम टॉयलेट की छत भरभरा कर गिर गई। जिससे मासूम की मौत हो गई। छत के ऊपर 2 हजार लीटर की पानी की टंकी रखी हुई थी, वह भी नीचे आ गिरी। बदहवास हालत में बच्चे के परिजन उसे गंभीर हालत में नागरिक अस्तपाल ले आए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बिना पोस्टमॉर्टम करवाए ही परिजन शव को अपने साथ ले गए। पिता फैक्ट्री में करता है मजदूरी अस्पताल में बिहार के समस्तीपुर निवासी राकेश पासवान अपने परिवार के साथ फतेहाबाद के गांव भोड़िया खेड़ा में रह रहा था। राकेश रंग रोगन की फैक्ट्री में मजदूरी करता है तो उसका पिता उमेश, मां व पत्नी साथ ही एक निजी स्कूल में छोटी-मोटी नौकरी करते हैं। मृतक बच्चे सनीराज के दादा उमेश ने बताया कि सनी सुबह शोच के लिए गया था। शोच के बाद वह अपनी मां के पास आया और उसे साफ करने को बोला। जिस पर उसकी मां दोबारा उसे साफ करने के लिए बाथरुम में ले गई। छत के मलबे के नीचे दबा उसकी मां बाहर आ गई, जबकि बच्चा अंदर था कि अचानक से बाथरुम की छत नीचे आ गिरी। बच्चा अंदर ही था जो मलबे के नीचे दब गया। परिजनों में चीख पुकार मची, तो बच्चे को बाहर निकालकर तुरंत अस्पताल ले आए, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका। छत लेंटर वाली नहीं थी और उसके ऊपर 2 हजार लीटर पानी की टंकी भी थी, जिस कारण बच्चे की मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव के बाद JJP का चेयरमैन हटाया:BJP के पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाए; 17 ने इसके समर्थन में वोटिंग की, कोर्ट से फैसला
हरियाणा चुनाव के बाद JJP का चेयरमैन हटाया:BJP के पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाए; 17 ने इसके समर्थन में वोटिंग की, कोर्ट से फैसला हरियाणा में विधानसभा चुनाव को बाद कैथल के जिला परिषद चेयरमैन दीपक मलिक को हटा दिया गया है। उनके खिलाफ करीब 3 महीने पहले 15 पार्षदों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। आज उस प्रस्ताव की वोटिंग का रिजल्ट DC की ओर से जारी किया गया। इस रिजल्ट के अनुसार, जिले के कुल 21 पार्षदों में से 17 ने वोटिंग में हिस्सा लिया था और इन सभी 17 पार्षदों ने चेयरमैन के खिलाफ वोटिंग की थी। वहीं, चेयरमैन समेत 3 पार्षद इस वोटिंग में शामिल नहीं हुए थे।इसके अलावा 1 पार्षद को भ्रष्टाचार मामले में सस्पेंड किया गया था, जिससे वह वोट नहीं कर पाए। चेयरमैन इस मामले को कोर्ट में ले गए जहां इसके रिजल्ट पर स्टे लगा दिया गया। हालांकि, कोर्ट ने विधानसभा चुनाव के बीच में रिजल्ट घोषित करने का निर्णय सुनाया था, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण प्रशासन ने इसे रोक लिया। आज जिला सभागार में उस अविश्वास प्रस्ताव का रिजल्ट घोषित हो गया। चेयरमैन दीपक मलिक जननायक जनता पार्टी (JJP) समर्थित थे। लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले भाजपा और JJP का हरियाणा सरकार में गठबंधन टूट जाने के बाद से कैथल में भाजपा समर्थित सभी पार्षद चेयरमैन को हटाने में लगे हुए थे। कोर्ट ने मांगा था सरकार से जवाब
इस साल जून में लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद JJP समर्थित चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे हटाने की रणनीति बनाई गई। इसके चलते 12 जुलाई को भाजपा समर्थित 15 पार्षदों ने DC प्रशांत पंवार को अविश्वास का शपथ पत्र दिया। इसके तुरंत बाद ही DC ने सभी पार्षदों और चेयरमैन को वोटिंग के लिए नोटिस भेजा। हालांकि, जैसे ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की जानकारी चेयरमैन को हुई, वह कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए वोटिंग के रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी। हालांकि, कोर्ट ने वोटिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। चेयरमैन ने कोर्ट में यह ग्राउंड बनाया
चेयरमैन दीपक मलिक ने अविश्वास प्रस्ताव को संवैधानिक बताकर कोर्ट को इसकी खामियां बताईं। उनका कहना था कि अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं हुआ। DC ने अविश्वास प्रस्ताव की बैठक बुलाने के लिए जो 12 जुलाई को नोटिस जारी किया था, वह उन्हें 16 जुलाई को मिला। नोटिस के मुताबिक 19 जुलाई को वोटिंग होनी थी। इसलिए, उन्हें अपनी तैयारी के लिए केवल 3 दिन मिले। जबकि, एक्ट के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव लाने से पहले संबंधित चेयरमैन को 7 दिन का समय देना अनिवार्य होता है। इस पर कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन से मामले की पूरी जानकारी देने को कहा, लेकिन कोर्ट ने वोटिंग पर रोक नहीं लगाई। अब जिला प्रशासन ने इस मामले में अपना जवाब अदालत में पेश किया। कोर्ट में अविश्वास प्रस्ताव को संवैधानिक और नियमों के मुताबिक बताया गया। 17 पार्षदों ने की थी वोटिंग
बता दें कि 19 जुलाई को 20 में से 17 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग की थी। इनमें चेयरमैन दीपक मलिक के अलावा वार्ड 12 की पार्षद नेहा तंवर और वार्ड 18 से राकेश खानपुर नहीं पहुंचे। इस पूरी प्रक्रिया में प्रशासन की तरफ से ADC और जिला परिषद CEO जया श्रद्धा के साथ DC प्रशांत पंवार भी मौजूद थे। 15 पार्षदों ने DC को सौंपा था शपथ पत्र
चेयरमैन दीपक मलिक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 21 में से 15 पार्षदों ने 12 जुलाई को DC को शपथ पत्र सौंपा था। इनमें वार्ड 13 के पार्षद कर्मवीर कौल, वार्ड 3 की रुमिला ढुल, वार्ड 4 से दिलबाग सिंह, वार्ड 5 से कमलेश रानी, वार्ड 6 से अमरजीत, वार्ड 7 से कमलेश रानी, वार्ड 8 से ममता रानी, वार्ड 9 से देवेंद्र शर्मा, वार्ड 10 से सोनिया रानी, वार्ड 11 से विक्रमजीत कश्यप, वार्ड 14 से पिंकी रानी, वार्ड 15 से मनीष शर्मा फरल, वार्ड 19 से बलजीत कौर, वार्ड 20 से सुरजीत कौर और वार्ड 21 से बलवान सिंह शामिल थे। इसके बाद DC प्रशांत पंवार ने 20 पार्षदों को नोटिस जारी कर 19 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के लिए बुलाया। इनमें पार्षद विक्रमजीत कश्यप को नोटिस नहीं भेजा गया था, क्योंकि वह भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड चल रहे हैं। इन पार्षदों ने की थी वोटिंग
वार्ड 1 से पार्षद संजीव ठाकुर, वार्ड 3 से रुमिला ढुल, वार्ड 4 से दिलबाग सिंह, वार्ड 5 से कमलेश रानी, वार्ड 6 से अमरजीत, वार्ड 7 से कमलेश रानी, वार्ड 8 से ममता रानी, वार्ड 9 से देवेंद्र शर्मा, वार्ड 10 से सोनिया रानी, वार्ड 13 से कर्मवीर कौल, वार्ड 14 से पिंकी रानी, वार्ड 15 से मनीष शर्मा फरल, वार्ड 16 रितु कुमारी, वार्ड 18 से मैनेजर कश्यप, वार्ड 19 से बलजीत कौर, वार्ड 20 से सुरजीत कौर और वार्ड 21 से पार्षद बलवान सिंह ने चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में वोटिंग की।
हरियाणा में NIA ने कम्युनिस्ट नेता को हिरासत में लिया:बठिंडा में BKU क्रांतिकारी की महिला नेता पर रेड, भड़के किसानों ने जाम लगाया
हरियाणा में NIA ने कम्युनिस्ट नेता को हिरासत में लिया:बठिंडा में BKU क्रांतिकारी की महिला नेता पर रेड, भड़के किसानों ने जाम लगाया हरियाणा और पंजाब में आज सुबह नेशनल इन्वेस्टिगेशन टीम (NIA) ने दबिश दी। सोनीपत में वर्धमान गार्डेनिया टावर रायपुर में कम्युनिस्ट नेता पंकज त्यागी के घर टीम पहुंची। यहां टीम ने घर से कुछ जरूरी दस्तावेज और फोन कब्जे में लेने के साथ पंकज त्यागी को हिरासत में ले लिया। घर से बाहर निकलते वक्त पंकज त्यागी ने मीडिया से कहा कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ में NIA ने केस दर्ज किया है। सच बोलने पर मामला दर्ज हुआ है। पूरे मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। बठिंडा में महिला किसान नेता सुखविंदर कौर खंडी के घर दबिश
वहीं बठिंडा के कस्बा रामपुरा फूल स्थित सराभा नगर में भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी की महिला नेता सुखविंदर कौर खंडी के घर सुबह 5 बजे टीम पहुंची। रेड की सूचना पर किसान यूनियन क्रांतिकारी के नेता भड़क गए। वह जाम लगाकर धरने पर बैठ गए हैं। यूनियन ने कहा कि जब तक रेड के कारणों को नहीं बताया जाएगा, तब तक किसी को नहीं जाने दिया जाएगा। किसान यूनियन के जिला प्रधान पुरुषोत्तम महाराज ने बताया घर में 85 साल के बुजुर्ग भी हैं। घर से न किसी को बाहर जाने दिया। न ही किसी को फोन करने दिया गया। यहां त क की सेवादार को भी घर में जाने नहीं दिया। जैसे ही उन्हें इस बारे में पता चला तो वह यहां पहुंचे। पुरुषोत्तम ने कहा कि उन्होंने NIA को साफ कहा था कि कोई भी जांच करनी है तो उनके मेंबर सामने होने चाहिए। इसलिए हमने अपने वकील सहित 3 लोग अंदर भेजे हैं। नेता बोले- ये गैंगस्टरों या आतंकियों का घर नहीं
किसान नेताओं ने बताया कि जब उन्होंने एसएचओ से पूछा कि यह कार्रवाई क्यों हो रही है तो उन्होंने बताया कि कुछ मेल NIA को गई थी। जिसमें फेसबुक और इंस्टाग्राम के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि सारे पड़ोसी यहां पर खड़े हैं। पूरे गांव से परिवार के बारे में पता लगाया जा सकता है। यह घर गैंगस्टरों या आतंकियों का नहीं है। यह लोक विरोधी काम कम करने वाला घर नहीं है। सरकार को इस चीज को समझना चाहिए। संघर्ष के चलते सरकार ऐसी कोशिशें कर रही है
किसानों ने बताया कि कल शंभू बॉर्डर पर किसानों द्वारा बड़ा प्रदर्शन किया जाना है। उनकी यूनियन सरकारों की आंखों में चुभती है। क्योंकि प्रदर्शन से सरकार पर दबाव बनेगा। इसी वजह से यह कार्रवाई की जा रही है। किसानों को उलझाया जा रहा है। उन्हें जेलों में बंद करने की कोशिश की जा रही है। केंद्र और पंजाब सरकार आपस मे मिली हुई है। पंजाब में बदलाव की सरकार आई थी, लेकिन अब यह कम नहीं है। उन्हें आगे नहीं जाने दिया। इसलिए हमने यहीं पर बैठकर संघर्ष शुरू कर दिया है। शंभू बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में भी यूनियन शामिल
हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर पिछले 6 महीने से एमएसपी की लीगल गारंटी समेत अन्य मांगों काे लेकर चल रहे आंदोलन में बीकेयू क्रांतिकारी यूनियन भी शामिल है।
अंबाला में शंभू बॉर्डर पर घग्गर नदी में गिरी बाइक:चालक की बाल बाल बची जान; राहगीरों ने निकाला, किसान आंदोलन के चलते दिक्कत
अंबाला में शंभू बॉर्डर पर घग्गर नदी में गिरी बाइक:चालक की बाल बाल बची जान; राहगीरों ने निकाला, किसान आंदोलन के चलते दिक्कत हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन चल रहा है, जिसकी वजह से सरकार द्वारा बॉर्डर पर किलेबंदी की हुई है। शंभू बॉर्डर बंद होने की वजह से राहगीरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हरियाणा और पंजाब आने-जाने वाले कुछ राहगीर तो अपनी जान जोखिम में डाल घग्गर नदी को क्रॉस करके अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। ऐसी ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें एक बाइक चालक घग्गर नदी में बह जाता है। गनीमत रही कि वहां मौजूद लोगों ने व्यक्ति को बहते हुए बचा लिया। वहां उपस्थित लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद बाइक व बाइक चालक को बाहर निकाला। बता दें कि हरियाणा-पंजाब के किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया था। किसानों ने कई बार दिल्ली कूच के लिए प्रयास भी किए, लेकिन बॉर्डर पर तैनात फोर्स ने किसानों को आगे बढ़ने से रोक दिया। तभी से किसान यहां धरने पर बैठे हैं। पिछले कई दिनों से कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अंबाला के व्यापारी शंभू बॉर्डर को खुलवाने की मांग उठा चुके हैं। बॉर्डर बंद होने की वजह से रोजाना हजारों राहगीरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।