फतेहाबाद में MLA नापा पर बरसी सुनीता दुग्गल:बोलीं- इधर-उधर भटकने की बजाय घर वापसी करें; मौका परस्त राजनीति से बचें

फतेहाबाद में MLA नापा पर बरसी सुनीता दुग्गल:बोलीं- इधर-उधर भटकने की बजाय घर वापसी करें; मौका परस्त राजनीति से बचें

हरियाणा के फतेहाबाद की रतिया विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट कटने से पार्टी छोड़ने वाले विधायक लक्ष्मण नापा पर भाजपा प्रत्याशी सुनीता दुग्गल ने कड़ा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यह मौकापरस्त राजनीति है, मौका मिला तो संगठन के साथ रहे, नहीं मिला तो छोड़ दिया। जिस संगठन ने आपको विधायक की पहचान दिलाई, उस संगठन में वापस आएं, संगठन हमसे नहीं होता। सुनीता दुग्गल आज फतेहाबाद में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। फतेहाबाद जिले के तीनों विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी विधायक दुड़ाराम, सुनीता दुग्गल व देवेंद्र बबली आज टिकटों की घोषणा के बाद भाजपा कार्यालय पहुंचे थे। जहां लोकसभा प्रभारी पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद, जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा व अन्य पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। दुग्गल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में वे सांसद थीं तो उनकी भी टिकट काटी गई, लेकिन वे संगठन के लिए पुरजोर मेहनत करती रहीं, समय-समय पर सलाह भी संगठन को देती रहीं। जो लोग मौके की राजनीति करते हैं, उनको सारे दल पहचानते हैं। विधायक नापा से उन्होंने आग्रह किया कि समय रहते वे संगठन में वापस लौट आएं और घर वापसी करें, घर से बाहर कुछ नहीं रखा, इधर उधर भटकने की बजाय जल्द वापस आएं तो पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा। तीसरी बार भाजपा की सरकार बनना तय है और केंद्र में भी भाजपा ही सत्तासीन है। रणजीत पर बोलीं- उनके आने जाने से फर्क नहीं पड़ता उन्होंने बिजली मंत्री रणजीत चौटाला के पार्टी छोडने पर कहा कि वे अभी पार्टी में आए थे और अभी चले गए तो उनके आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। रतिया से चुनाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2014 में वे मात्र 15 दिन पहले आईं थी और 50 हजार से ज्यादा वोट लिए थे, 350 वोटों से ही हारी थीं, अब तो उनके पास एक माह का समय है, वे अवश्य चुनाव जीतेंगी। किसान संगठनों का गढ़ रहे रतिया में किसानों की चुनौती से पार पाने पर उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान कहीं भी किसानों ने उनका विरोध नहीं किया, एक जगह जब सिरसा में उन्हें किसानों ने रोका तो पूरी बात समझने के बाद उन्होंने भी जाने दिया, उन्होंने कहा कि किसान उनके भाई हैं और किसानों की आवाज वे समय समय पर सरकार में उठाती आई हैं, इसलिए रतिया में उनके लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं रहने वाली है। बबली बोले- राजनीति में मनभेद होते हैं उधर देवेंद्र बबली ने मीडिया से बात करते हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के समर्थन को जनभावना बताया। उन्होंने कहा कि उस समय परिस्थितियों के हिसाब से जो जनभावना दिखी, उसी के अनुसार फैसला लिया गया, किसी को यह गलत लग सकता है तो किसी को ठीक, यह नजरिये की बात है। भाजपा के राज्यसभा सांसद और रिश्तेदारी में दादा लगने वाले सुभाष बराला से तालमेल बैठाने के सवाल पर देवेंद्र बबली ने कहा कि राजनीति में मनभेद नहीं होते, मतभेद होते हैं, जो दूर हो गए हैं, पार्टी बहुत बड़ा परिवार है। अब कोई मुटाव नहीं है, सभी मिलकर अच्छा चुनाव लड़ेंगे। हरियाणा के फतेहाबाद की रतिया विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट कटने से पार्टी छोड़ने वाले विधायक लक्ष्मण नापा पर भाजपा प्रत्याशी सुनीता दुग्गल ने कड़ा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यह मौकापरस्त राजनीति है, मौका मिला तो संगठन के साथ रहे, नहीं मिला तो छोड़ दिया। जिस संगठन ने आपको विधायक की पहचान दिलाई, उस संगठन में वापस आएं, संगठन हमसे नहीं होता। सुनीता दुग्गल आज फतेहाबाद में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। फतेहाबाद जिले के तीनों विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी विधायक दुड़ाराम, सुनीता दुग्गल व देवेंद्र बबली आज टिकटों की घोषणा के बाद भाजपा कार्यालय पहुंचे थे। जहां लोकसभा प्रभारी पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद, जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा व अन्य पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। दुग्गल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में वे सांसद थीं तो उनकी भी टिकट काटी गई, लेकिन वे संगठन के लिए पुरजोर मेहनत करती रहीं, समय-समय पर सलाह भी संगठन को देती रहीं। जो लोग मौके की राजनीति करते हैं, उनको सारे दल पहचानते हैं। विधायक नापा से उन्होंने आग्रह किया कि समय रहते वे संगठन में वापस लौट आएं और घर वापसी करें, घर से बाहर कुछ नहीं रखा, इधर उधर भटकने की बजाय जल्द वापस आएं तो पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा। तीसरी बार भाजपा की सरकार बनना तय है और केंद्र में भी भाजपा ही सत्तासीन है। रणजीत पर बोलीं- उनके आने जाने से फर्क नहीं पड़ता उन्होंने बिजली मंत्री रणजीत चौटाला के पार्टी छोडने पर कहा कि वे अभी पार्टी में आए थे और अभी चले गए तो उनके आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। रतिया से चुनाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2014 में वे मात्र 15 दिन पहले आईं थी और 50 हजार से ज्यादा वोट लिए थे, 350 वोटों से ही हारी थीं, अब तो उनके पास एक माह का समय है, वे अवश्य चुनाव जीतेंगी। किसान संगठनों का गढ़ रहे रतिया में किसानों की चुनौती से पार पाने पर उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान कहीं भी किसानों ने उनका विरोध नहीं किया, एक जगह जब सिरसा में उन्हें किसानों ने रोका तो पूरी बात समझने के बाद उन्होंने भी जाने दिया, उन्होंने कहा कि किसान उनके भाई हैं और किसानों की आवाज वे समय समय पर सरकार में उठाती आई हैं, इसलिए रतिया में उनके लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं रहने वाली है। बबली बोले- राजनीति में मनभेद होते हैं उधर देवेंद्र बबली ने मीडिया से बात करते हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के समर्थन को जनभावना बताया। उन्होंने कहा कि उस समय परिस्थितियों के हिसाब से जो जनभावना दिखी, उसी के अनुसार फैसला लिया गया, किसी को यह गलत लग सकता है तो किसी को ठीक, यह नजरिये की बात है। भाजपा के राज्यसभा सांसद और रिश्तेदारी में दादा लगने वाले सुभाष बराला से तालमेल बैठाने के सवाल पर देवेंद्र बबली ने कहा कि राजनीति में मनभेद नहीं होते, मतभेद होते हैं, जो दूर हो गए हैं, पार्टी बहुत बड़ा परिवार है। अब कोई मुटाव नहीं है, सभी मिलकर अच्छा चुनाव लड़ेंगे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर