फरीदकोट के हरिनौ हत्याकांड में सुनवाई आज:एसआईटी ने की हिरासत बढ़ाने की मांग, 90 दिन में चार्जशीट दाखिल नहीं, आरोपियों को भेजे नोटिस

फरीदकोट के हरिनौ हत्याकांड में सुनवाई आज:एसआईटी ने की हिरासत बढ़ाने की मांग, 90 दिन में चार्जशीट दाखिल नहीं, आरोपियों को भेजे नोटिस

पंजाब के फरीदकोट जिले में गुरप्रीत सिंह हरिनौ हत्याकांड मामले में तकरीबन 4 महीने पहले गठित विशेष जांच दल (SIT) ने 8 आरोपियों की न्यायिक हिरासत को 90 दिन और बढ़ाने का अनुरोध स्थानीय कोर्ट में किया है। इस हत्याकांड में आज अगली सुनवाई होने वाली है। जिसे लेकर जेल सुपरिंटेंडेंट के माध्यम से सभी आरोपियों को नोटिस भेजा जा चुका है। ये वही मामला है, जिसमें ख़डूर साहिब सांसद और वारिस पंजाब दे मुखी अमृतपाल और विदेश में बैठे आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला पर यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) लगा है। इस मामले में 8 अन्य आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं, जिनमें 2 शूटरों व तीन रेकी करने वाले आरोपी भी शामिल हैं। एसआईटी ने एडिशनल डिस्ट्रिक एंड सेशन जज फरीदकोट के समक्ष दायर याचिका में कहा कि आरोपियों की न्यायिक हिरासत फरवरी के दूसरे सप्ताह में समाप्त हो रही है। अगर निर्धारित 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती, तो आरोपी डिफॉल्ट जमानत के पात्र हो सकते हैं। ऐसे में गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को अतिरिक्त समय की जरूरत है। बीते साल 9 अक्टूबर को हुई थी हत्या पंथक संगठनों से जुड़े और वारिस पंजाब दे संस्था के पूर्व वित्त सचिव गुरप्रीत सिंह हरिनौ की पिछले साल 9 अक्टूबर को उनके गांव में बाइक सवार शूटरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। वारिस पंजाब दे संस्था के प्रमुख अदाकार दीप सिद्धू की मौत के बाद संस्था की कमान अमृतपाल सिंह ने संभाल ली थी, जिसके बाद वित्त सचिव रहे गुरप्रीत सिंह हरीनौ ने संस्था से किनारा कर लिया था। जांच में अमृतपाल का नाम भी आया सामने संस्था की गतिविधियों को लेकर गुरप्रीत हरिनौ का सांसद अमृतपाल सिंह के बीच विवाद पैदा हुआ है और पुलिस की जांच के दौरान सामने आया कि हत्याकांड को अंजाम देने में सांसद अमृतपाल सिंह के अलावा विदेश में बैठे आतंकी अर्श डल्ला की भूमिका है। इसके बाद पुलिस ने अमृतपाल सिंह और अर्श डल्ला को उक्त केस में बतौर आरोपी नामजद कर लिया था। 25 दिन पहले लगाया यूएपीए इस मामले में तकरीबन 25 दिन पहले पुलिस ने धाराओं में बढ़ोतरी अन्य धाराओं के साथ यूएपीए लगा दिया। इस केस में यूएपीए की बढ़ोतरी करने के बारे में एसआईटी ने फरीदकोट की कोर्ट को लिखित रूप में जानकारी दी थी। पंजाब के फरीदकोट जिले में गुरप्रीत सिंह हरिनौ हत्याकांड मामले में तकरीबन 4 महीने पहले गठित विशेष जांच दल (SIT) ने 8 आरोपियों की न्यायिक हिरासत को 90 दिन और बढ़ाने का अनुरोध स्थानीय कोर्ट में किया है। इस हत्याकांड में आज अगली सुनवाई होने वाली है। जिसे लेकर जेल सुपरिंटेंडेंट के माध्यम से सभी आरोपियों को नोटिस भेजा जा चुका है। ये वही मामला है, जिसमें ख़डूर साहिब सांसद और वारिस पंजाब दे मुखी अमृतपाल और विदेश में बैठे आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला पर यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) लगा है। इस मामले में 8 अन्य आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं, जिनमें 2 शूटरों व तीन रेकी करने वाले आरोपी भी शामिल हैं। एसआईटी ने एडिशनल डिस्ट्रिक एंड सेशन जज फरीदकोट के समक्ष दायर याचिका में कहा कि आरोपियों की न्यायिक हिरासत फरवरी के दूसरे सप्ताह में समाप्त हो रही है। अगर निर्धारित 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती, तो आरोपी डिफॉल्ट जमानत के पात्र हो सकते हैं। ऐसे में गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को अतिरिक्त समय की जरूरत है। बीते साल 9 अक्टूबर को हुई थी हत्या पंथक संगठनों से जुड़े और वारिस पंजाब दे संस्था के पूर्व वित्त सचिव गुरप्रीत सिंह हरिनौ की पिछले साल 9 अक्टूबर को उनके गांव में बाइक सवार शूटरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। वारिस पंजाब दे संस्था के प्रमुख अदाकार दीप सिद्धू की मौत के बाद संस्था की कमान अमृतपाल सिंह ने संभाल ली थी, जिसके बाद वित्त सचिव रहे गुरप्रीत सिंह हरीनौ ने संस्था से किनारा कर लिया था। जांच में अमृतपाल का नाम भी आया सामने संस्था की गतिविधियों को लेकर गुरप्रीत हरिनौ का सांसद अमृतपाल सिंह के बीच विवाद पैदा हुआ है और पुलिस की जांच के दौरान सामने आया कि हत्याकांड को अंजाम देने में सांसद अमृतपाल सिंह के अलावा विदेश में बैठे आतंकी अर्श डल्ला की भूमिका है। इसके बाद पुलिस ने अमृतपाल सिंह और अर्श डल्ला को उक्त केस में बतौर आरोपी नामजद कर लिया था। 25 दिन पहले लगाया यूएपीए इस मामले में तकरीबन 25 दिन पहले पुलिस ने धाराओं में बढ़ोतरी अन्य धाराओं के साथ यूएपीए लगा दिया। इस केस में यूएपीए की बढ़ोतरी करने के बारे में एसआईटी ने फरीदकोट की कोर्ट को लिखित रूप में जानकारी दी थी।   पंजाब | दैनिक भास्कर