पंजाब के फरीदकोट में सांसद अमृतपाल सिंह के संगठन वारिस पंजाब दे के सदस्य की गोलियां मार कर हत्या कर दी गई। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी तीन थे और बाइक पर सवार होकर आए थे। मृतक की पहचान फरीदकोट के गांव हरी नौ निवासी गुरप्रीत सिंह (32) के रूप में हुई है। पुलिस ने जांच के बाद बताया कि गुरप्रीत सिंह फरीदकोट के गांव हरी नौ में पंचायत चुनाव में सरपंच उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहा था। प्रचार के बाद मंगलवार की रात के समय घर लौट रहा था। तभी बाइक पर आए तीन अज्ञात लोगों ने उस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। गुरप्रीत के शरीर पर 4 गोलियां लगीं। फायरिंग के बाद हमलावर फरार हो गए। घटना के बाद गांव वाले मौके पर पहुंचे और गुरप्रीत को फरीदकोट मेडिकल अस्पताल लाया गया। लेकिन रास्ते में ही गुरप्रीत की मौत हो गई। सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस डीएसपी शमशेर सिंह ने जानकारी दी है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपियों की पहचान के लिए घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है। गुरप्रीत सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का सदस्य था और शुरू से ही दीप सिद्ध से जुड़ा हुआ था। अमृतपाल के खिलाफ करता था बयानबाजी डीएसपी शमशेर सिंह का कहना है कि गुरप्रीत सिंह वारिस पंजाब दे का एक पुराना सदस्य था। वारिस पंजाब दे की कमान बदलने के बाद से ही वे लगातार मुखी अमृतपाल सिंह और सिख नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहा था। जिसके चलते उसे लगातार धमकियां भी मिल रही थी। फिलहाल इस एंगल के साथ-साथ पुलिस हर तरह से मामले की जांच में जुट गई है। बेअदबी के खिलाफ भी उठाता था आवाज अमृतपाल सिंह के खिलाफ बयानबाजी करने के साथ-साथ गुरप्रीत सिंह बेअदबी की घटनाओं के खिलाफ भी आवाज उठाता था। उसने गांव हरी नौ के नाम से एक यू-ट्यूब टॉक शो बना रखा था। जिसमें वे अमृतपाल सिंह के खिलाफ और बेअदबी की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाता था। पंजाब के फरीदकोट में सांसद अमृतपाल सिंह के संगठन वारिस पंजाब दे के सदस्य की गोलियां मार कर हत्या कर दी गई। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी तीन थे और बाइक पर सवार होकर आए थे। मृतक की पहचान फरीदकोट के गांव हरी नौ निवासी गुरप्रीत सिंह (32) के रूप में हुई है। पुलिस ने जांच के बाद बताया कि गुरप्रीत सिंह फरीदकोट के गांव हरी नौ में पंचायत चुनाव में सरपंच उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहा था। प्रचार के बाद मंगलवार की रात के समय घर लौट रहा था। तभी बाइक पर आए तीन अज्ञात लोगों ने उस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। गुरप्रीत के शरीर पर 4 गोलियां लगीं। फायरिंग के बाद हमलावर फरार हो गए। घटना के बाद गांव वाले मौके पर पहुंचे और गुरप्रीत को फरीदकोट मेडिकल अस्पताल लाया गया। लेकिन रास्ते में ही गुरप्रीत की मौत हो गई। सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस डीएसपी शमशेर सिंह ने जानकारी दी है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपियों की पहचान के लिए घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है। गुरप्रीत सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का सदस्य था और शुरू से ही दीप सिद्ध से जुड़ा हुआ था। अमृतपाल के खिलाफ करता था बयानबाजी डीएसपी शमशेर सिंह का कहना है कि गुरप्रीत सिंह वारिस पंजाब दे का एक पुराना सदस्य था। वारिस पंजाब दे की कमान बदलने के बाद से ही वे लगातार मुखी अमृतपाल सिंह और सिख नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहा था। जिसके चलते उसे लगातार धमकियां भी मिल रही थी। फिलहाल इस एंगल के साथ-साथ पुलिस हर तरह से मामले की जांच में जुट गई है। बेअदबी के खिलाफ भी उठाता था आवाज अमृतपाल सिंह के खिलाफ बयानबाजी करने के साथ-साथ गुरप्रीत सिंह बेअदबी की घटनाओं के खिलाफ भी आवाज उठाता था। उसने गांव हरी नौ के नाम से एक यू-ट्यूब टॉक शो बना रखा था। जिसमें वे अमृतपाल सिंह के खिलाफ और बेअदबी की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाता था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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