हरियाणा के फरीदाबाद में बंसीलाल सरकार में सहकारिता मंत्री रहे करतार सिंह भड़ाना और भाजपा नेता ने चुनावी सभा में कामों को लेकर केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पर तंज कस दिया है। करतार भड़ाना ने कहा कि उनके गांव अनंगपुर में काम नाम मात्र ही हुए है। गांव अनंगपुर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है क्योंकि इस गांव से बीजेपी का उम्मीदवार कभी जीत हासिल नही कर पाया है। पूर्व सांसद अवतार भड़ाना के बड़े भाई करतार सिंह भड़ाना कांग्रेस की टिकट पर तीन बार सांसद बने अवतार सिंह भड़ाना के बड़े भाई है। गांव अनंगपुर दोनों भाईयों को पैतृक गांव है और दोनों ही फरीदाबाद की राजनीति के पुराने नेता है। अवतार सिंह भड़ाना कांग्रेस में है जबकि करतार भड़ाना बीजेपी में है। करतार भड़ाना का बेटा मनमोहन भड़ाना साल 2024 में हुए विधानसभा चुनाव मे बीजेपी की टिकट पर सोनीपत की समालखा सीट से विधायक बना है। गांव में काम ना होने को लेकर तंज कसा निकाय चुनाव को लेकर केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भाजपा मेयर प्रत्याशी और पार्षद के समर्थन में वोट मांगने के लिए गांव अनंगपुर पहुंचे थे। गांव की एक चौपाल पर चुनावी सभा चल रही थी। चुनावी सभा में शामिल होने के लिए पूर्व सहकारिता मंत्री करतार सिंह भड़ाना भी पहुंच गए। लोगों को संबोधित करते हुए करतार भड़ाना ने गांव में विकास कार्य ना कराने का तंज केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पर कस दिया। करतार भड़ाना ने कहा कि गांव में कोई विकास कार्य नही हुए है। और इसी का कारण रहा है कि लोकसभा चुनाव में गांव से बीजेपी को कम वोट मिले थे। बेटी दी है तो वोट भी देंगे करतार भड़ाना ने कहा कि उनकी भतीजी की कृष्णपाल गुर्जर के भतीजे के साथ शादी हुई है। इसलिए जब बेटी दे दी है तो वोट भी देंगे। उन्होंने बेटी और वोट को बराबर बताते हुए कहा कि अबकी बार यहां से बीजेपी को जीत हासिल होगी। करतार भड़ाना के बारे में करतार भड़ाना ने अपने राजनीतिक जीवन में अब तक कुल 11 चुनाव लड़े है और महज 3 चुनावों में ही उन्हें सफलता मिल पाई है। साल 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से अपने बेटे मनमोहन भड़ाना को टिकट दिलाने में कामयाब रहे और मनमोहन भड़ाना सोनीपत की समालखा सीट से विधायक है। कपड़ों की तरह बदलते रहे है पार्टियां 1996 में पानीपत की समालखा सीट से बंसीलाल की पार्टी से विधायक निर्वाचित हुए। 2000 में पानीपत की समालखा सीट से ही चौटाला की पार्टी से विधायक बने। 2004 में राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर सचिन पायलट के सामने चुनाव लड़े, हार गये। 2005 में भाजपा के टिकट पर गुरूग्राम की सोहना सीट से विधायक का चुनाव लड़े, हार गये। 2009 में बसपा के टिकट पर फरीदाबाद की बड़खल सीट से विधायक का चुनाव लड़े, हार गये। 2012 में RLD के टिकट पर मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से विधायक बने। 2014 में केराना लोकसभा से RLD के टिकट पर लड़े, हार गये। 2017 में बागपत से RLD के टिकट पर विधानसभा लड़े, हार गये। 2019 में बसपा के टिकट पर मध्य प्रदेश की मुरैना से लोकसभा लड़े, हार गये। 2022 में खतौली से बसपा के टिकट पर विधानसभा लड़े, हार गये। 2024 में भाजपा के टिकट पर हरिद्वार की मंगलोर सीट से लड़े, हार गये। हरियाणा के फरीदाबाद में बंसीलाल सरकार में सहकारिता मंत्री रहे करतार सिंह भड़ाना और भाजपा नेता ने चुनावी सभा में कामों को लेकर केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पर तंज कस दिया है। करतार भड़ाना ने कहा कि उनके गांव अनंगपुर में काम नाम मात्र ही हुए है। गांव अनंगपुर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है क्योंकि इस गांव से बीजेपी का उम्मीदवार कभी जीत हासिल नही कर पाया है। पूर्व सांसद अवतार भड़ाना के बड़े भाई करतार सिंह भड़ाना कांग्रेस की टिकट पर तीन बार सांसद बने अवतार सिंह भड़ाना के बड़े भाई है। गांव अनंगपुर दोनों भाईयों को पैतृक गांव है और दोनों ही फरीदाबाद की राजनीति के पुराने नेता है। अवतार सिंह भड़ाना कांग्रेस में है जबकि करतार भड़ाना बीजेपी में है। करतार भड़ाना का बेटा मनमोहन भड़ाना साल 2024 में हुए विधानसभा चुनाव मे बीजेपी की टिकट पर सोनीपत की समालखा सीट से विधायक बना है। गांव में काम ना होने को लेकर तंज कसा निकाय चुनाव को लेकर केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भाजपा मेयर प्रत्याशी और पार्षद के समर्थन में वोट मांगने के लिए गांव अनंगपुर पहुंचे थे। गांव की एक चौपाल पर चुनावी सभा चल रही थी। चुनावी सभा में शामिल होने के लिए पूर्व सहकारिता मंत्री करतार सिंह भड़ाना भी पहुंच गए। लोगों को संबोधित करते हुए करतार भड़ाना ने गांव में विकास कार्य ना कराने का तंज केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पर कस दिया। करतार भड़ाना ने कहा कि गांव में कोई विकास कार्य नही हुए है। और इसी का कारण रहा है कि लोकसभा चुनाव में गांव से बीजेपी को कम वोट मिले थे। बेटी दी है तो वोट भी देंगे करतार भड़ाना ने कहा कि उनकी भतीजी की कृष्णपाल गुर्जर के भतीजे के साथ शादी हुई है। इसलिए जब बेटी दे दी है तो वोट भी देंगे। उन्होंने बेटी और वोट को बराबर बताते हुए कहा कि अबकी बार यहां से बीजेपी को जीत हासिल होगी। करतार भड़ाना के बारे में करतार भड़ाना ने अपने राजनीतिक जीवन में अब तक कुल 11 चुनाव लड़े है और महज 3 चुनावों में ही उन्हें सफलता मिल पाई है। साल 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से अपने बेटे मनमोहन भड़ाना को टिकट दिलाने में कामयाब रहे और मनमोहन भड़ाना सोनीपत की समालखा सीट से विधायक है। कपड़ों की तरह बदलते रहे है पार्टियां 1996 में पानीपत की समालखा सीट से बंसीलाल की पार्टी से विधायक निर्वाचित हुए। 2000 में पानीपत की समालखा सीट से ही चौटाला की पार्टी से विधायक बने। 2004 में राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर सचिन पायलट के सामने चुनाव लड़े, हार गये। 2005 में भाजपा के टिकट पर गुरूग्राम की सोहना सीट से विधायक का चुनाव लड़े, हार गये। 2009 में बसपा के टिकट पर फरीदाबाद की बड़खल सीट से विधायक का चुनाव लड़े, हार गये। 2012 में RLD के टिकट पर मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से विधायक बने। 2014 में केराना लोकसभा से RLD के टिकट पर लड़े, हार गये। 2017 में बागपत से RLD के टिकट पर विधानसभा लड़े, हार गये। 2019 में बसपा के टिकट पर मध्य प्रदेश की मुरैना से लोकसभा लड़े, हार गये। 2022 में खतौली से बसपा के टिकट पर विधानसभा लड़े, हार गये। 2024 में भाजपा के टिकट पर हरिद्वार की मंगलोर सीट से लड़े, हार गये। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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