हरियाणा के फरीदाबाद जिले में बीते 30 तारीख की रात को कांग्रेसी नेता कुणाल भड़ाना की गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी विजय सहित कुल 5 को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इस मामले में आज फरीदाबाद के सेक्टर 30 में प्रेस वार्ता कर एसीपी अमन यादव ने जानकारी दी है। फोन पर हुआ था झगड़ा मामले की जानकारी देते हुए एसीपी ने बताया कि बीते 29 जून को प्रदीप और रोहित का कुणाल भड़ाना से फोन पर झगड़ा हुआ था। अगले दिन 30 तारीख को भी प्रदीप का कुणाल भड़ाना से फोन पर बहस हुई। इसी बहस के चलते कुणाल भडाना जब मस्जिद चौक के पास अपने दोस्तों के साथ खड़ा था। तभी मुख्य आरोपी विजय, वीरेंद्र, प्रदीप, संदीप और रमेश एक ही गाड़ी में सवार होकर आए आते ही विजय ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से कुणाल भड़ाना की छाती में गोली मार दी । घटना के बाद फरार हो गए थे आरोपी जिसके चलते वह लहूलुहान होकर सड़क पर गिर गया और आरोपी विजय के साथ प्रदीप, वीरेंद्र ,संदीप और रमेश सभी एक ही गाड़ी में सवार होकर भाग गए। कुणाल भड़ाना के दोस्त उसे गोली लगने के बाद फरीदाबाद के निजी अस्पताल में लेकर गए । जहां पर डॉक्टरों ने कुणाल भड़ाना को मृत घोषित कर दिया था। अगले दिन कुणाल भड़ाना के शव का बादशाह खान सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करा कर उसके परिजनों को सौंप दिया गया था । क्राइम ब्रांच ने की कार्रवाई एसीपी अमन यादव ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच की कई टीमों का गठन किया गया था। क्राइम ब्रांच के अथक प्रयास के चलते सभी को फरीदाबाद के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया गया है। जिन्हें आज अदालत में पेश कर रिमांड लिया जाएगा। ताकि आरोपियों से और पूछताछ की जा सके कि आखिर झगड़े की असल वजह क्या थी? हरियाणा के फरीदाबाद जिले में बीते 30 तारीख की रात को कांग्रेसी नेता कुणाल भड़ाना की गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी विजय सहित कुल 5 को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इस मामले में आज फरीदाबाद के सेक्टर 30 में प्रेस वार्ता कर एसीपी अमन यादव ने जानकारी दी है। फोन पर हुआ था झगड़ा मामले की जानकारी देते हुए एसीपी ने बताया कि बीते 29 जून को प्रदीप और रोहित का कुणाल भड़ाना से फोन पर झगड़ा हुआ था। अगले दिन 30 तारीख को भी प्रदीप का कुणाल भड़ाना से फोन पर बहस हुई। इसी बहस के चलते कुणाल भडाना जब मस्जिद चौक के पास अपने दोस्तों के साथ खड़ा था। तभी मुख्य आरोपी विजय, वीरेंद्र, प्रदीप, संदीप और रमेश एक ही गाड़ी में सवार होकर आए आते ही विजय ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से कुणाल भड़ाना की छाती में गोली मार दी । घटना के बाद फरार हो गए थे आरोपी जिसके चलते वह लहूलुहान होकर सड़क पर गिर गया और आरोपी विजय के साथ प्रदीप, वीरेंद्र ,संदीप और रमेश सभी एक ही गाड़ी में सवार होकर भाग गए। कुणाल भड़ाना के दोस्त उसे गोली लगने के बाद फरीदाबाद के निजी अस्पताल में लेकर गए । जहां पर डॉक्टरों ने कुणाल भड़ाना को मृत घोषित कर दिया था। अगले दिन कुणाल भड़ाना के शव का बादशाह खान सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करा कर उसके परिजनों को सौंप दिया गया था । क्राइम ब्रांच ने की कार्रवाई एसीपी अमन यादव ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच की कई टीमों का गठन किया गया था। क्राइम ब्रांच के अथक प्रयास के चलते सभी को फरीदाबाद के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया गया है। जिन्हें आज अदालत में पेश कर रिमांड लिया जाएगा। ताकि आरोपियों से और पूछताछ की जा सके कि आखिर झगड़े की असल वजह क्या थी? हरियाणा | दैनिक भास्कर
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लेबर रूम तो ठीक, लेकिन प्रसूता वार्ड का बुरा हाल, वाशरूम तक गंदा मिला
लेबर रूम तो ठीक, लेकिन प्रसूता वार्ड का बुरा हाल, वाशरूम तक गंदा मिला भास्कर न्यूज| जींद कैथल से आई कायाकल्प की टीम ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया। टीम में डॉ. हरकीरत (एमओ सीएचसी सीवन), डॉ. बीना (डीक्यूएम कैथल) व अनीता नैन (आईसीएनओ कैथल) शामिल रहे। टीम ने इमरजेंसी वार्ड, आईसीयू, लैब, लेबर रूम व वार्ड तथा ओपीडी सहित अन्य वार्डों की जांच की। इमरजेंसी वार्ड से दौरे की शुरूआत हुई तो यहां कई तरह की खामियां मिली। वार्ड में बैड पर मरीज की जगह बैग रखा हुआ था। स्टाफ नर्स व एचकेआरएनएल कर्मियों को नेम प्लेट न लगाने पर फटकार भी लगाई गई। इमरजेंसी में कार्यरत नर्स की भी नेम प्लेट गायब थी। इसके अलावा सफाई भी नहीं थी। वहीं वार्ड में इलेक्ट्रिक बटनों पर धूल जमी हुई थी। वॉशरूम में सफाई नहीं थी। टीम जब नई बिल्डिंग में चलाए जा रहे सीटी स्कैन सेंटर की तरफ पहुंची तो वहां बाहर वाहनों को खड़ा पाया गया। इस पर टीम ने कहा कि यहां वाहनों को खड़ा नहीं करवाया जाए। इसके अलावा बायोमेडिकल वेस्ट से संबंधित जवाब तलब भी अधिकारियों से किया गया। इमरजेंसी वार्ड और मरीजों के वार्ड में खामियां मिली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई, इंफेक्शन कंट्रोल, बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल व पेशेंट केयर से संबंधित कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। जो अस्पताल इन मानकों पर खरा उतरता है उसे कैश अवॉर्ड दिया जाता है। अब टीम द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर रैंक दिया जाएगा अगर जींद अस्पताल को 70 से अधिक अंक मिलते हैं तो कैश पुरस्कार मिलेगा। ब्लड बैंक में मेडिकल किट रखने वाले फ्रीज में किसी कर्मचारी का लंच बॉक्स रखा पाया गया। डस्टबीन में सीरिंज डाली हुई मिली, जबकि टीका लगाने के बाद सीरिंज को डिस्पोज करना होता है। लैब में भी गद्दे मिले तो कहा कि ये यहां क्यों रखे गए हैं। टेक्नीकल स्टाफ भी बिना नाम प्लेट के लगाए हुए पाए गए। इसके अलावा गायनी के लेबर रूम में तो व्यवस्था सही मिली और वार्ड में जाकर देखा तो बुरा हाल मिला। यहां पर सफाई का अभाव मिला और जच्चा बच्चा व गर्भवती महिलाओं के साथ आए अटेंडेंट फर्श पर नीचे बैठे मिले। बाहर भी इनके बैठने के लिए पर्याप्त मात्रा में बेंच आदि की भी सुविधा नहीं मिली। समय-समय पर टीम करती है निरीक्षण : सीएमओ ^स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए टीम द्वारा समय-समय पर विजिट की जाती है। कुछ योजनाओं के तहत गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाओं के आधार पर कैश अवॉर्ड भी स्वास्थ्य केंद्र को मिलता है। सिविल अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं। – डॉ. गोपाल गोयल, सीएमओ, सिविल अस्पताल जींद।
कुरूक्षेत्र में हत्या के दोषी बाप-बेटे को आजीवन कारावास:फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला, 1.51 लाख का जुर्माना
कुरूक्षेत्र में हत्या के दोषी बाप-बेटे को आजीवन कारावास:फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला, 1.51 लाख का जुर्माना हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले की अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने हत्या करने के दोषी महाबीर व फूल सिंह वासी तिगरी खालसा जिला कुरूक्षेत्र को आजीवन कठोर कारावास व क्रमशः 1 लाख 3 हजार व 48 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। लाठी-डंडों से किया था परिवार पर हमला उप जिला न्यायवादी प्रदीप मालिक ने बताया कि 25 मार्च 2021 को बिट्टू वासी तिगरी खालसा जिला कुरूक्षेत्र ने थाना केयूके पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि 24 मार्च 2021 को वह अपने परिवार के साथ अपने घर पर था। उसी समय गली में फूल सिंह व उसके लड़के गाली गलौज करते हुए उनके घर में आए। घर में आते ही उन्होंने उसके परिवार पर लाठी डंडों से हमला कर दिया। पीजीआई चंडीगढ़ रेफर जब उसकी माता बिमला देवी बीच-बचाव करने के लिए आई तो आरोपियों ने उनके ऊपर भी लाठी डंडों से हमला किया। हमले की वजह से उसकी माता बेहोश हो गई। उनको इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उनको पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया, जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शिकायत के आधार पर थाना केयूके में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू की गई। तफ्तीश के दौरान आरोपी महाबीर व उसका पिता फूल सिंह वासी तिगरी खालसा जिला कुरूक्षेत्र को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों को गिरफ्तार करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया गया था। ये सजा सुनाई 18 अक्टूबर 2024 को मामले की नियमित सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश की अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर आरोपी पिता-पुत्र महाबीर व फूल सिंह को दोषी करार दिया। आईपीसी की धारा 302 के तहत दोनों को आजीवन कठोर कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 12 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई। आईपीसी की धारा 323 के तहत आजीवन कठोर कारावास व 1 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 15 दिन के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा, आईपीसी की धारा 460 के तहत 10 साल कठोर कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 9 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा, आईपीसी की धारा 506 के तहत 1 साल कठोर कारावास व 2 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 1 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई।
बरवाला नप चेयरमैन बैटरीवाला ने छोड़ी BJP:पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बड़ौली और सैनी को भेजा रिजाइन, रणबीर गंगवा को टिकट देने से नाराजगी
बरवाला नप चेयरमैन बैटरीवाला ने छोड़ी BJP:पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बड़ौली और सैनी को भेजा रिजाइन, रणबीर गंगवा को टिकट देने से नाराजगी हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला नगर पालिका के चेयरमैन रमेश बैटरीवाला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना रिजाइन हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली को भेज दिया। इसमें बैटरीवाला ने लिखा है कि वह पार्टी की ओर से सौंपे गए सभी दायित्व और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। भाजपा ने इस बार बरवाला सीट से रणबीर गंगवा को कैंडिडेट बनाया है। रणबीर गंगवा अभी तक नलवा से चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन पार्टी ने इस बार उन्हें बरवाला से टिकट दिया है। गंगवा को बाहरी प्रत्याशी बताते हुए बरवाला के लोकल भाजपाई उनका विरोध कर रहे हैं। रमेश बैटरीवाला ने भी गंगवा की उम्मीदवारी से नाराज होकर पार्टी छोड़ी है। ऐसे में बरवाला में रणबीर गंगवा की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। रमेश बैटरीवाला ने पार्टी से अपने इस्तीफे की कॉपी कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा भाजपा के संगठन मंत्री को भी भेजी है। बरवाला नगर पालिका चेयरमैन रमेश बैटरीवाला की ओर से दिया गया इस्तीफा बरवाला शहर में रमेश बैटरीवाला भाजपा का मजबूत चेहरा माने जाते थे। उनका शहर में अच्छा होल्ड है और इसी वजह से वह बरवाला नगर पालिका के चेयरमैन भी बने थे। पंजाबी समुदाय से आने वाले बैटरीवाला की ओर से चुनाव के बीचोंबीच पार्टी छोड़ देने से भाजपा बैकफुट पर आ गई है। रणबीर गंगवा हिसार जिले की नलवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। 2014 और 2019 में वह भाजपा के टिकट पर नलवा से ही विधायक चुने गए थे। इस बार कुलदीप बिश्नोई के करीबी रणधीर पनिहार को एडजस्ट करने के लिए भाजपा नेतृत्व ने रणबीर गंगवा की सीट बदल दी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, आरएसएस के सर्वे में नलवा में गंगवा की रिपोर्ट ठीक नहीं आना भी उनकी सीट बदलने की एक वजह रही। 40 पदाधिकारी अगस्त में ही लिख चुके पार्टी को लेटर बरवाला के भाजपाई इस सीट से किसी बाहरी नेता को टिकट देने का विरोध अगस्त से ही कर रहे हैं। बरवाला BJP के 40 वर्करों और पदाधिकारियों ने बाकायदा हरियाणा BJP के अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली को लैटर लिखकर आग्रह किया था कि यहां से किसी ऐसे शख्स को टिकट दिया जाए जो स्थानीय हो और यहां के मुद्दों की समझ रखता हो। हालांकि पार्टी नेतृत्व ने इसके बावजूद रणबीर गंगवा को बरवाला से टिकट दे दिया। अब आलम ये है कि बरवाला के लोकल BJP नेता खुलकर गंगवा के साथ नहीं चल रहे। बरवाला के पूर्व विधायक वेद नारंग, कैप्टन भूपेंद्र समेत कई पदाधिकारी उनकी कैंपेन से दूरी बनाए हुए हैं। बरवाला के BJP वर्करों का तर्क है कि यहां कांग्रेस ने भी प्रजापति समाज का कैंडिडेट उतारकर मुकाबला कांटे का बना दिया है। भाजपा के जिला पार्षद दर्शन गिरी उतर चुके निर्दलीय भाजपा पर बरवाला में प्रजापति समाज की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए पार्टी के जिला पार्षद महंत दर्शन गिरी पहले ही निर्दलीय मैदान में कूद चुके हैं। रणबीर गंगवा का टिकट अनाउंस होते ही दर्शन गिरी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। यही नहीं, महंत दर्शन गिरी प्रजापति समाज की उपेक्षा करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी गंगवा पर लगा चुके हैं। इसके लेकर उन्होंने बाकायदा पुलिस थाने में शिकायत दे रखी है। किसान संगठनों ने 17 सितंबर को बुलाई मीटिंग
इसके अलावा किसान संगठन भी बरवाला में रणबीर गंगवा के विरोध का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने इसके लिए 17 सितंबर को एक मीटिंग बुलाई है। दरअसल बरवाला एरिया किसान आंदोलन का गढ़ रहा है। यहां के बाडोपट्टी टोल प्लाजा पर पूरे आंदोलन के दौरान धरना चला। लोकसभा चुनाव में किसानों ने हिसार सीट से BJP उम्मीदवार रणजीत चौटाला का इस इलाके में जमकर विरोध किया था। लोकसभा चुनाव में रणबीर गंगवा के पुराने हलके नलवा में भी भाजपा का विरोध हुआ था। तब उनकी गाड़ी के शीशे भी टूट गए थे। उस घटना में कई किसानों पर केस भी दर्ज हुआ।