हरियाणा के फ़रीदाबाद में आयुष हत्याकांड में अपराध शाखा DLF की टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पुलिस टीम द्वारा पूछताछ की जा रही है। बता दें कि, सत्यनारायण निवासी संजय कालोनी, सेक्टर -23 की शिकायत पर उसके बेटे आयुष (18) की हत्या करने के मामले में 7 जनवरी को थाना मुजेसर में केस दर्ज किया गया था। पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने मामले की गंभीरता के मद्देनजर सहायक पुलिस आयुक्त अपराध अमन यादव को तुरंत आरोपियों की धर-पकड़ करने के निर्देश दिए गए। जिस पर कार्रवाई करते हुए अपराध शाखा DLF की टीम ने दो आरोपी पंकज सिंह (36) और जिलाजीत (20) को सुरुरपुर एरिया से गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि, हत्यारोपियों की पहचान पंकज सिंह निवासी गांव सरिया गोपाल भाकुरिया जिला मोतिहार पूर्वी चंपारण, बिहार हाल निवासी गांव कुरैशीपुर तथा जिलाजीत निवासी गांव रामदाशपुर जिला जोनपुर, यूपी हाल निवासी गांव मुजेसर के रुप में हुई है। रास्ते में रोककर किया हमला आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे सरुरपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में स्थित एक कंपनी में नौकरी करते हैं। वहीं पर वरुण निवासी संजय कॉलोनी भी नौकरी करता है। 6 जनवरी को उनका वरुण के साथ कंपनी के अंदर खाना खाने को लेकर झगड़ा हो गया था। इसके बाद आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर वरुण को सबक सिखाने का प्लान बनाया। कंपनी की छुट्टी के बाद आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ रास्ते में खडे़ हो गए। रास्ते में वरुण के साथ उसका भाई व दोस्त मिले थे। मृतक आयुष भी उनके साथ था। जहां पर आरोपियों ने उनके साथ झगड़ा किया।आयुष को नुकीली चीज से चोट मारी, जिससे आयुष घायल हो गया था। दोनों आरोपियों को मामले में पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया है। हरियाणा के फ़रीदाबाद में आयुष हत्याकांड में अपराध शाखा DLF की टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पुलिस टीम द्वारा पूछताछ की जा रही है। बता दें कि, सत्यनारायण निवासी संजय कालोनी, सेक्टर -23 की शिकायत पर उसके बेटे आयुष (18) की हत्या करने के मामले में 7 जनवरी को थाना मुजेसर में केस दर्ज किया गया था। पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने मामले की गंभीरता के मद्देनजर सहायक पुलिस आयुक्त अपराध अमन यादव को तुरंत आरोपियों की धर-पकड़ करने के निर्देश दिए गए। जिस पर कार्रवाई करते हुए अपराध शाखा DLF की टीम ने दो आरोपी पंकज सिंह (36) और जिलाजीत (20) को सुरुरपुर एरिया से गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि, हत्यारोपियों की पहचान पंकज सिंह निवासी गांव सरिया गोपाल भाकुरिया जिला मोतिहार पूर्वी चंपारण, बिहार हाल निवासी गांव कुरैशीपुर तथा जिलाजीत निवासी गांव रामदाशपुर जिला जोनपुर, यूपी हाल निवासी गांव मुजेसर के रुप में हुई है। रास्ते में रोककर किया हमला आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे सरुरपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में स्थित एक कंपनी में नौकरी करते हैं। वहीं पर वरुण निवासी संजय कॉलोनी भी नौकरी करता है। 6 जनवरी को उनका वरुण के साथ कंपनी के अंदर खाना खाने को लेकर झगड़ा हो गया था। इसके बाद आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर वरुण को सबक सिखाने का प्लान बनाया। कंपनी की छुट्टी के बाद आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ रास्ते में खडे़ हो गए। रास्ते में वरुण के साथ उसका भाई व दोस्त मिले थे। मृतक आयुष भी उनके साथ था। जहां पर आरोपियों ने उनके साथ झगड़ा किया।आयुष को नुकीली चीज से चोट मारी, जिससे आयुष घायल हो गया था। दोनों आरोपियों को मामले में पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भाजपा के 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का पूरा एनालिसिस:परिवारवाद-दलबदलुओं से परहेज नहीं; एंटी इनकंबेंसी से बचने को टिकट काटे, नए चेहरे उतारे
भाजपा के 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का पूरा एनालिसिस:परिवारवाद-दलबदलुओं से परहेज नहीं; एंटी इनकंबेंसी से बचने को टिकट काटे, नए चेहरे उतारे हरियाणा में सरकार की हैट्रिक के लिए BJP ने 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में जीत के सारे दांव-पेंच खेल दिए हैं। कांग्रेस से पहले लिस्ट जारी कर भाजपा ने मनोवैज्ञानिक बढ़त पाने की कोशिश की है। वहीं जिस परिवारवाद को लेकर भाजपा लगातार विरोधी दलों को निशाना बनाती रही, उसी से खुद परहेज नहीं किया। जीत पक्की करने के लिए खुलकर नेताओं के बेटी-बेटों और पत्नी को टिकट दी गई। यह भाजपा की विधानसभा में जीत के लिए बड़े नेताओं से भी जोर लगवाने की प्लानिंग का हिस्सा है। यही नहीं दलबदलुओं पर भी दांव खेलते हुए चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में आए 9 नेताओं को टिकट बांट दी। भाजपा ने यहां पार्टी के वोट बैंक के साथ इन नेताओं के जनाधार को भी भुनाने की कोशिश की है। वहीं लिस्ट में भाजपा में राज्य में चलाई 10 साल की सरकार से एंटी इनकंबेंसी का डर भी साफ नजर आया। इसी वजह से 7 विधायकों के टिकट काट दी और 7 की ही टिकटें भी रोक लीं। 2 विधायकों की सीट बदलनी पड़ी। 25 नए चेहरों को उम्मीदवार बना दिया। भाजपा ने सीधा मैसेज दिया है कि जीत के लिए वह कुछ भी करेगी। वहीं पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के केंद्र में जाने के बाद भाजपा ने प्रदेश के दिग्गज नेताओं के कंधों पर सरकार लाने की जिम्मेदारी सौंप दी। इसी वजह से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और कुलदीप बिश्नोई की इच्छा से उनके परिवार और समर्थक नेताओं को टिकट बांटे गए। BJP की पहली लिस्ट की … अहम बातें 1. 2019 में हार चुके 5 नेताओं को फिर से टिकट
भाजपा की पहली लिस्ट में पांच चेहरे ऐसे हैं जो 2019 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे लेकिन इस बार इन्हें फिर टिकट मिला है। इनमें साढ़ौरा से बलवंत सिंह, नीलोखेड़ी (SC) से भगवानदास कबीरपंथी, इसराना (SC) से कृष्णलाल पंवार, नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु और बादली से ओमप्रकाश धनखड़ का नाम शामिल है। पार्टी ने इन पांचों को 2019 में टिकट दिया था लेकिन यह जीत नहीं पाए। अब पार्टी ने इन पांचों को दोबारा टिकट दिया है। कृष्णलाल पंवार एकमात्र ऐसे सांसद हैं, जिन्हें भाजपा ने विधानसभा चुनाव में उतारा है। पंवार पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर की अगुआई वाली 2014 से 2019 की सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं। वह हरियाणा में भाजपा का बड़ा दलित चेहरा हैं। 2. 2019 में मंत्री रहते हार चुके वाले 2 जाट नेताओं को दोबारा मौका
भाजपा ने मंत्री रहते हुए 2019 का विधानसभा चुनाव हार जाने वाले दो जाट नेताओं को दोबारा टिकट दिया है। इनमें नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु और बादली से ओमप्रकाश धनखड़ शामिल हैं। यह दोनों नेता 2014 से 2019 तक मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में दोनों ही अपनी सीट नहीं बचा पाए। अब पार्टी ने दोनों को फिर से मौका दिया है। भाजपा चूंकि गैर जाट पॉलिटिक्स करती है, ऐसे में जाट वोट बैंक खिलाफ न हो, इसलिए दोनों बड़े जाट चेहरों पर फोकस किया गया है। 3. 2019 में राव ने जिसका टिकट कटवाया, इस बार उसे टिकट
बादशाहपुर से 2014 का विधानसभा चुनाव जीतकर मनोहरलाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री बने राव नरबीर सिंह का टिकट 2019 के चुनाव में केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कटवा दिया था। अब पांच साल बाद, भाजपा ने राव नरबीर सिंह को बादशाहपुर सीट से ही दोबारा कैंडिडेट बनाया है। 4. 7 विधायकों के टिकट होल्ड
भाजपा ने अपने सात विधायकों के टिकट होल्ड कर लिए हैं। इनमें गन्नौर की विधायक निर्मल रानी, नारनौल से ओमप्रकाश यादव, बावल (SC) से बनवारी लाल, पटौदी (SC) से सत्यप्रकाश जारवाता, हथीन से परवीन डागर, होडल (SC) से जगदीश नैय्यर और बड़खल से सीमा त्रिखा शामिल हैं। प्रदेशाध्यक्ष बन चुके मोहन लाल बड़ौली की सीट राई से भी फिलहाल किसी को टिकट देने का ऐलान नहीं किया गया है। 5. सैनी के एक राज्यमंत्री का टिकट कटा, दो के टिकट होल्ड
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा हाईकमान ने मनोहर लाल खट्टर का इस्तीफा लेकर नायब सिंह सैनी को मंत्री बनाया था। उस समय उनके मंत्रिमंडल में बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा, सोहना के विधायक संजय सिंह और बावल (SC) के विधायक बनवारी लाल को बतौर राज्यमंत्री शामिल किया गया था। बुधवार को पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 67 उम्मीदवारों की जो पहली लिस्ट जारी की, उनमें सोहना से संजय सिंह का टिकट काट दिया गया। इनके अलावा बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा और बावल (SC) से बनवारी लाल का टिकट भी होल्ड कर लिया गया। 6. पलवल के उम्मीदवार ने चौंकाया
सबसे चौंकाने वाला नाम पलवल सीट से गौरव गौतम का है। गौतम हरियाणा में ज्यादा एक्टिव नहीं हैं। वह अभी भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव हैं। साथ ही महाराष्ट्र में युवा मोर्चा के प्रभारी की जिम्मेदारी देख रहे हैं। हालांकि वह केंद्रीय मंत्री अमित शाह के काफी करीबी माने जाते हैं। इस सीट पर उनका सीधा मुकाबला पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण सिंह दलाल से माना जा रहा है। 7. दीपक के जरिए खिलाड़ियों को साधा
महम से भारतीय कबड्डी टीम के कैप्टन दीपक हुड्डा को बीजेपी ने टिकट दिया है। इसके जरिए भाजपा ने खिलाड़ियों को साधने की कोशिश की है। खासकर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की कांग्रेस से लड़ने की चर्चाओं के बीच भाजपा ने खिलाड़ियों को साधने की कोशिश की है। वहीं दीपक के जाट चेहरे का भी भाजपा फायदा देख रही है। 8. दादरी सीट पर बबीता फोगाट को दूसरा मौका नहीं
भाजपा ने दंगल गर्ल के नाम से मशहूर बबीता फोगाट को इस बार टिकट नहीं दिया। उनकी जगह तीन दिन पहले ही जेल सुपरिंटेंडेंट की नौकरी छोड़कर पार्टी जॉइन करने वाले सुनील सांगवान को चुनाव मैदान में उतारा गया है। 2019 के चुनाव में BJP ने बबीता फोगाट को दादरी सीट से टिकट दिया था लेकिन वह मात्र 24786 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रही थीं। तब निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सोमवीर सांगवान दादरी से जीते थे। दूसरे नंबर पर जेजेपी उम्मीदवार सतपाल सांगवान रहे थे। सुनील सांगवान सतपाल सांगवान के बेटे हैं। 9. योगेश्वर दत्त को पार्टी ने दिया झटका
भाजपा ने पहली लिस्ट में पूर्व ओलिंपियन रेसलर योगेश्वर दत्त को भी झटका दिया है। योगेश्वर सोनीपत जिले की गोहाना सीट से टिकट मांग रहे थे। इसके लिए वह पिछले दिनों दिल्ली जाकर भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मिले भी थे। हालांकि BJP ने योगेश्वर को खास महत्व नहीं दिया और कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट में गोहाना सीट से अपने पूर्व सांसद डॉ. अरविंद शर्मा को टिकट दे दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में रोहतक में दीपेंद्र हुड्डा को हराकर सांसद बने अरविंद शर्मा 2024 के लोकसभा चुनाव में रोहतक सीट पर दीपेंद्र से ही हार गए थे। योगेश्वर दत्त ने 2019 में भाजपा ज्वाइन कर ली थी। पार्टी ने उन्हें 2019 में सोनीपत की बरौदा सीट से टिकट दिया था लेकिन वह हार गए। उन्हें कांग्रेस के कृष्णा हुड्डा ने हराया था। 2020 में कृष्णा हुड्डा के निधन के बाद बरौदा सीट पर उपचुनाव हुआ। भाजपा ने योगेश्वर दत्त को दोबारा टिकट दिया लेकिन वह इस बार भी जीत नहीं पाए। उपचुनाव में वह कांग्रेस के इंदुराज नरवाल से हार गए। 10. रामबिलास मंत्री रहते हारे, टिकट रोकी
भाजपा ने पहली लिस्ट में महेंद्रगढ़ सीट से टिकट का ऐलान न करके चौंका दिया। इस सीट से पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा चुनाव लड़ते रहे हैं। 2019 में रामबिलास शर्मा कैबिनेट मंत्री रहते हुए हार गए थे। इस बार वह महेंद्रगढ़ से अपने बेटे गौतम रामबिलास को टिकट दिलाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। हालांकि पार्टी ने पहली लिस्ट में उनका या उनके बेटे के नाम का ऐलान नहीं किया। 11. SP को धमकी देने वाले ग्रोवर की सीट का फैसला टाला
भाजपा ने पहली लिस्ट में रोहतक सीट के टिकट का ऐलान भी नहीं किया। यह सीट हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के खासमखास मनीष ग्रोवर की है जिन्हें रोहतक में सुपर सीएम भी कहा जाता है। कुछ दिनों से मनीष ग्रोवर के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं। वकीलों से विवाद के अलावा पुलिस की ओर से की गई एक FIR से भड़के ग्रोवर ने खुलेआम रोहतक के SP हिमांशु गर्ग को धमकी दे दी थी। सभी बड़े नेताओं को खुश किया मनोहर लाल खट्टर : भाजपा की पहली ही लिस्ट में देवेंद्र बबली को टोहाना, अनूप धानक को उकलाना और रामकुमार गौतम को सफीदों से टिकट मिल गई। इन तीनों को खट्टर ने ही JJP छुड़वाकर भाजपा जॉइन कराई थी। उन्हें भरोसा दिया था कि पार्टी में पूरा सम्मान मिलेगा। इसके अलावा राव नरबीर को बादशाहपुर और विपुल गोयल को फरीदाबाद से टिकट दिलाने में भी खट्टर का रोल रहा। वहीं सोहना से तेजपाल तंवर, गुरुग्राम से मुकेश शर्मा और नांगल चौधरी से डॉ. अभय सिंह यादव को टिकट दिलाने में भी खट्टर की चली। चूंकि खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के सीएम रहे, इसलिए उन्हें भी नाराज नहीं किया। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा खट्टर की ही चली। राव इंद्रजीत: राव इंद्रजीत केंद्र में राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज थे। वहीं बेटी आरती राव को 2014 और 2019 में टिकट न देने पर भी उनकी नाराजगी बढ़ी हुई थी। इस बार भाजपा ने उनकी बेटी को पसंदीदा सीट अटेली से टिकट दे दी। इसके अलावा उनके खास समर्थक पूर्व जिला पार्षद अनिल डहीना को राव की पारिवारिक सीट कोसली से उम्मीदवार बनाया। हालांकि राव की मांग वाली बावल और पटौदी सीट को फिलहाल होल्ड कर दिया गया है। राव को बेटी की टिकट के सहारे भाजपा ने साधा लेकिन उनकी सारी मांगें नहीं मानीं। कुलदीप बिश्नोई: पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई को भाजपा ने 5 सीटें दे दी। जिनमें आदमपुर से बेटे भव्य बिश्नोई, नलवा से करीबी रणधीर पनिहार, फतेहाबाद से चचेरे भाई दुड़ाराम बिश्नोई, बरवाला से रणबीर गंगवा और समालखा से मनमोहन भडाणा की टिकट शामिल है। मनमोहन भडाणा प्रदेश के पूर्व मंत्री करतार सिंह भडाणा के बेटे हैं। कुलदीप बिश्नोई के जरिए भाजपा ने पूर्व सीएम भजनलाल के राजनीतिक रसूख को वोट बैंक में बदलने की कोशिश की है। जातीय समीकरण: झटका देने वाले वर्ग को सबसे ज्यादा टिकटें
भाजपा की पहली लिस्ट को जातीय लिहाज से देखें तो लोकसभा चुनाव में जिस वर्ग ने सबसे ज्यादा झटका दिया, उन्हीं को सबसे ज्यादा टिकटें बांटी हैं। भाजपा ने 90 सीटों को लेकर जारी 67 उम्मीदवारों की लिस्ट में सबसे ज्यादा 41 सीटें इन्हीं 3 वर्गों SC, OBC और जाटों में बांटी हैं। भाजपा ने 13 सीटों पर SC, 15 पर OBC और 13 सीटों पर जाट चेहरों को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि भाजपा के कोर वोट बैंक माने जाते ब्राह्मण, वैश्य और पंजाबी वर्ग को महज 24 सीटें ही दी गई हैं। हालांकि अभी भाजपा के 23 और उम्मीदवारों की घोषणा होनी बाकी है। उसमें इन चेहरों को ज्यादा तरजीह दी जा सकती है। लोकसभा चुनाव में जाट-एससी के अलावा ओबीसी वोट बैंक का भाजपा को पर्याप्त समर्थन नहीं मिला, जिसकी वजह से भाजपा हरियाणा की 10 में से 5 ही सीटें जीत पाई थी। क्षेत्रीय समीकरण: जीटी रोड बेल्ट रिपीट, दक्षिण हरियाणा में सबसे ज्यादा टिकट काटे
क्षेत्रीय समीकरण देखें तो भाजपा ने सरकार बनाने वाली 2 बेल्टों पर खास फोकस किया है। पहले जीटी रोड बेल्ट की बात करें तो भाजपा ने लगभग सभी चेहरे रिपीट किए हैं। यहां सिर्फ एक ही टिकट काटा है। यहां कुरूक्षेत्र के पिहोवा से संदीप सिंह का टिकट कटा। उन पर जूनियर महिला कोच के यौन शोषण का आरोप लगा था। यहां केंद्रीय मंत्री खट्टर की चलने के साथ आरएसएस का फीडबैक भी उम्मीदवारों के काम आया। वहीं अहीरवाल बेल्ट समेत दक्षिण हरियाणा में 23 सीटें हैं। यहां भाजपा ने 5 टिकट काट दिए। इसके अलावा 11 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है। यह बेल्ट भाजपा के लिहाज से इस वजह से महत्वपूर्ण है। इसकी वजह ये है कि 2014 में अहीरवाल बेल्ट से भाजपा 11 सीटें जीती थी तो पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। 2019 में भाजपा यहां सिर्फ 8 सीटें ही जीत पाई तो सरकार बहुमत के 46 के आंकड़े से दूर रह गई थी।
सोनीपत में युवक के सिर पर मारी तलवार:गैंगस्टर काला जठेड़ी के गांव में वारदात; बारात में हुई थी कहासुनी
सोनीपत में युवक के सिर पर मारी तलवार:गैंगस्टर काला जठेड़ी के गांव में वारदात; बारात में हुई थी कहासुनी हरियाणा के सोनीपत में बारात में हुई कहासुनी की रंजिश में एक युवक पर तलवार से हमला किया गया। साथ ही दूसरे युवक ने उस पर बिट्टे से भी चोटें मारी। वह इससे बेसुध हो गया और होश आने पर अस्पताल में दाखिल था। पुलिस ने गांव जठेड़ी के दो युवकों पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। आरोपी हमलावर अभी फरार हैं। ये वारदात कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी के गांव की है। थाना राई में दी शिकायत में जठेड़ी गांव के रहने वाले साहिल ने बताया कि शनिवार को वह अपने भाई सागर के साथ खेत से ज्वार का भरोटा लेने गए थे। इसके बाद वह बाइक पर ज्वार लेकर घर के लिए चल दिया। उसका भाई पीछे पैदल आ रहा था।वह मैक्स हाइट सोसाइटी के पास पहुंचे तो पीछे से आई कार ने उसकी मोटरसाइकिल को साइड से टक्कर मारी। इससे वह मोटरसाइकिल समेत नीचे गिर गया। उसने बताया कि इसके बाद कार से दो युवक सुखचैन व आशीष बाहर आए। ये दोनों उसी के गांव जठेड़ी के रहने वाले हैं। सुखचैन के हाथ में तलवार और आशीष के हाथ में लकड़ी का बिट्टा था। इसी दौरान सुखचैन ने तलवार से उसके सिर पर हमला किया। आशीष ने बिट्टे से टांग पर वार किए। इससे वह बेहोश हो गया। जब मुझे होश आया तो खुद को सोनीपत के नागरिक अस्पताल में पाया। भाई सागर ने उसे बताया कि सुखचैन व आशीष ने कहा है कि हमने अपना बदला ले लिया, दोबारा हमारे साथ उलझने की कोशिश की तो जान से मार देंगे। उसने बताया कि इसी साल 6 मार्च को हम दोनों भाई अपने ही गांव के लड़के बिट्टू की बारात में सोनीपत गये थे। वहां पर उनकी सुखचैन व आशीष से कहासुनी व मारपीट हो गई थी। गांव में पंचायती तौर पर दोनों पक्षों में सुलह हो गई थी। ये दोनों उसी दिन से उससे रंजिश रखे हुए थे। थाना राई के सब इंस्पेक्टर नरेंद्र के अनुसार थाना में सूचना प्राप्त हुई कि साहिल निवासी जठेड़ी लड़ाई- झगड़े में घायल होकर अस्पताल में दाखिल है। उसे पीजीआई रोहतक रेफर किया गया है। वे अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर से MLR ली। उसमें साहिल को चार चोटें लगने की पुष्टि हुई। पुलिस ने इस पर उसकी शिकायत पर सुखचैन व आशीष के खिलाफ धारा 115, 351(2), 110, 3 9) BNS में केस दर्ज कर लिया हे।
हरियाणा में BJP की चुनाव समिति पर घमासान:नाराज अनिल विज दिल्ली पहुंचे, इलेक्शन इंचार्ज से मुलाकात; पहले जारी लिस्ट में नाम जुड़वाया
हरियाणा में BJP की चुनाव समिति पर घमासान:नाराज अनिल विज दिल्ली पहुंचे, इलेक्शन इंचार्ज से मुलाकात; पहले जारी लिस्ट में नाम जुड़वाया हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर बनाई गई BJP की प्रदेश चुनाव समिति को लेकर घमासान मचा है। 2 दिन पहले जारी लिस्ट में पूर्व गृहमंत्री अनिल विज का नाम नहीं था। इससे नाराज अनिल विज सोमवार को अचानक दिल्ली पहुंच गए। यहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात कर अपनी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद सोमवार देर रात ही पार्टी की ओर से चुनाव समिति की संशोधित लिस्ट जारी की गई। इस लिस्ट में 9वें नंबर पर पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का नाम जोड़ा गया है। दिल्ली दौरे पर अनिल विज ने कहा कि दिल्ली में मेरी पब्लिक अंडरटेकिंग कमेटी की बैठक थी। मैं उस बैठक में गया था। वैसे मैं दिल्ली बहुत कम जाता हूं और पिछले साल में 10 या 12 बार ही दिल्ली गया हूं। मैं ही एक ऐसा व्यक्ति हूं जो सबसे कम दिल्ली जाता हूं। अन्यथा लोग तो दो-दो बार हफ्ते में चक्कर लगाते हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं जाता हूं तो देखता हूं कि कोई अगर नेता उपलब्ध है तो मैं उससे मिलता हूं। इस बार मेरी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात हुई। जब मुलाकात होती है तो राजनीतिक बातें भी होती हैं और स्वाभाविक है चुनाव नजदीक हैं, इसलिए चुनाव की बात भी हुई है। लिस्ट में नाम नहीं होने से रणजीत चौटाला घर बैठे अनिल विज के अलावा हिसार से लोकसभा प्रत्याशी रह चुके सैनी मंत्रिमंडल के जेल और ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी लिस्ट में नहीं है। चर्चा है कि वह भी इसको लेकर नाराज हैं, जिससे वह घर बैठ गए हैं। लोकसभा चुनाव से हार के बाद रणजीत चौटाला ने सारा ठीकरा कैप्टन अभिमन्यु और कुलदीप बिश्नोई पर फोड़ा था। कैप्टन अभिमन्यु को प्रदेश चुनाव समिति में जगह दी गई है। वहीं कुलदीप बिश्नोई प्रदेश चुनाव समिति और प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति दोनों कमेटियों में शामिल हैं। किरण चौधरी को कोई जिम्मेदारी नहीं लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी को भी किसी कमेटी में शामिल नहीं किया गया। किरण चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर बेटी श्रुति चौधरी का टिकट कटने पर उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। वहीं किरण चौधरी की राज्यसभा जाने की बात भी सामने आई थी। लेकिन अभी तक भाजपा ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। सांसद नवीन जिंदल भी किसी कमेटी में नहीं लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल को भी किसी कमेटी में शामिल नहीं किया गया। उनकी मां सावित्री जिंदल हिसार विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं। इस बाद वह भाजपा के टिकट की दावेदार भी हैं। फिलहाल हिसार सीट से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता विधायक हैं। सुनीता दुग्गल को साधा भाजपा ने लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट पर सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर डॉ. अशोक तंवर को उम्मीदवार बनाया था। टिकट कटने पर सुनीता दुग्गल कहीं न कहीं भाजपा से नाराज हो गई थीं। अब विधानसभा चुनाव से पहले सुनीता दुग्गल को दोनों कमेटियों में शामिल किया गया है। चर्चा यह भी है कि वह विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। राव इंद्रजीत की विरोधी सुधा यादव शामिल अहीरवाल बेल्ट के सहारे तेवर दिखा रहे केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और उनकी विरोधी भाजपा संसदीय बोर्ड की मेंबर सुधा यादव को भी शामिल किया गया है। दोनों को एक-दूसरे का कट्टर विरोधी माना जाता है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने हाल ही में अपनी ही पार्टी पर गुरुग्राम में इको ग्रीन कंपनी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। प्रदेश चुनाव समिति की नई लिस्ट… प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति की लिस्ट…