हरियाणा के फरीदाबाद जिले में नेशनल हाईवे स्थित YMCA फ्लाई ओवर पर बल्लभगढ़ से फरीदाबाद की तरफ जा रहे एक सीएनजी ऑटो में अचानक से आग लग गई। जिससे ऑटो जलकर ख़ाक हुआ। गनीमत रही ऑटो में सवार एक भी यात्री आग की चपेट में नहीं आया। ऑटो ड्राइवर की सूझबूझ के चलते ऑटो चालक और 3 महिला सवारी आग लगते ही तुरंत ऑटो से उतर गए । जब तक दमकल की गाड़ी पहुंची तब तक ऑटो जलकर खाक हो चुका था। ऑटो में सवार थे 4 लोग बता दें की ऑटो में बैठी महिला यात्री पूजा ने बताया की वह फरीदाबाद के नेशनल हाईवे स्थित YMCA फ्लाई ओवर के ऊपर आज दोपहर करीब 3 बजे एक सीएनजी ऑटो में फरीदाबाद की ओर जा रहे थे। अचानक से फ्लाई ओवर चढ़ते ही उसमे धुंआ उठने लगा और अचानक से आग भड़कने लगी। ऑटो चालक ने तुरंत ऑटो रोका और उसमें बैठी 3 सवारियां बाहर निकल गई और ऑटो से दूर हट गए। आनन फानन में दमकल व पुलिस को सूचना दी गई। शॉट सर्किट की जताई आशंका लेकिन आग इतनी तेजी से बढ़ी के देखते ही देखते ऑटो जलकर पूरी तरह से ख़ाक हो गया। गनीमत यह रही कोई भी इसमें हताहत नहीं हुई। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मी राजेश कुमार ने बताया कि जैसे उन्हें सूचना मिली वह तुरंत पहुच गए। लेकिन ऑटो में आग इतनी तेज थी कि ऑटो जलकर खाक हो गया। उन्होंने बताया कि शायद ऑटो में शॉट सर्किट हुआ होगा। इसी कारण से इसमें आग लग गई होगी। हरियाणा के फरीदाबाद जिले में नेशनल हाईवे स्थित YMCA फ्लाई ओवर पर बल्लभगढ़ से फरीदाबाद की तरफ जा रहे एक सीएनजी ऑटो में अचानक से आग लग गई। जिससे ऑटो जलकर ख़ाक हुआ। गनीमत रही ऑटो में सवार एक भी यात्री आग की चपेट में नहीं आया। ऑटो ड्राइवर की सूझबूझ के चलते ऑटो चालक और 3 महिला सवारी आग लगते ही तुरंत ऑटो से उतर गए । जब तक दमकल की गाड़ी पहुंची तब तक ऑटो जलकर खाक हो चुका था। ऑटो में सवार थे 4 लोग बता दें की ऑटो में बैठी महिला यात्री पूजा ने बताया की वह फरीदाबाद के नेशनल हाईवे स्थित YMCA फ्लाई ओवर के ऊपर आज दोपहर करीब 3 बजे एक सीएनजी ऑटो में फरीदाबाद की ओर जा रहे थे। अचानक से फ्लाई ओवर चढ़ते ही उसमे धुंआ उठने लगा और अचानक से आग भड़कने लगी। ऑटो चालक ने तुरंत ऑटो रोका और उसमें बैठी 3 सवारियां बाहर निकल गई और ऑटो से दूर हट गए। आनन फानन में दमकल व पुलिस को सूचना दी गई। शॉट सर्किट की जताई आशंका लेकिन आग इतनी तेजी से बढ़ी के देखते ही देखते ऑटो जलकर पूरी तरह से ख़ाक हो गया। गनीमत यह रही कोई भी इसमें हताहत नहीं हुई। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मी राजेश कुमार ने बताया कि जैसे उन्हें सूचना मिली वह तुरंत पहुच गए। लेकिन ऑटो में आग इतनी तेज थी कि ऑटो जलकर खाक हो गया। उन्होंने बताया कि शायद ऑटो में शॉट सर्किट हुआ होगा। इसी कारण से इसमें आग लग गई होगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में लोकसभा चुनाव में देवीलाल परिवार का सफाया:4 सदस्यों में एक भी नहीं जीता, 3 की जमानत जब्त; सिर्फ एक फाइट में रहा
हरियाणा में लोकसभा चुनाव में देवीलाल परिवार का सफाया:4 सदस्यों में एक भी नहीं जीता, 3 की जमानत जब्त; सिर्फ एक फाइट में रहा हरियाणा में लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री देवीलाल के परिवार का सफाया हो गया। इस चुनाव में परिवार की दूसरी पीढ़ी से लेकर तीसरी पीढ़ी के सदस्य उतरे थे, लेकिन कोई भी चुनाव नहीं जीत पाया। हिसार सीट पर भाजपा की तरफ से देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला ने चुनाव लड़ा। इसी सीट पर इनोल से सुनैना चौटाला और JJP की तरफ से नैना चौटाला मैदान में थीं। वहीं कुरुक्षेत्र सीट से देवीलाल के पोते अभय सिंह चौटाला चुनाव लड़ रहे थे। नैना-सुनैना और अभय की तो जमानत भी जब्त हो गई। अभय चौटाला को 6.53 फीसदी वोट मिले। जबकि नैना चौटाला को 1.88 तो सुनैना चौटाला को 1.9 फीसदी ही वोट मिले। सिर्फ रणजीत चौटाला की कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश को टक्कर दे पाए। रणजीत चौटाला को 43.19 फीसदी वोट मिले। कुनबे के अधिकतर सदस्य राजनीति में सक्रिय
ताऊ देवीलाल के 4 बेटे हैं। इसमें ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत चौटाला और जगदीश चौटाला है। चारों की ही राजनीतिक राहें अलग-अलग हैं। ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं जबकि रणजीत चौटाला विधायक रह चुके हैं। रणजीत चौटाला ने रानियां से निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। सांसद बनने की चाह में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। अब न उनके पास न विधायकी बची और न सांसद बन पाए। इसी तरह, ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय चौटाला कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़े और हार गए। ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला की पत्नी व हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला ने जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह भी हार गईं। नैना चौटाला बाढ़डा सीट से जजपा विधायक भी हैं। इसके अलावा, प्रताप चौटाला के बेटे रवि चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला हिसार से इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़कर हार गईं। इनेलो में फूट के बाद से बैकफुट पर परिवार
ताऊ देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया और लोकदल को मजबूत किया। वहीं रणजीत चौटाला शुरू में तो पिता के साथ रहे, लेकिन बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद हरियाणा की राजनीति में बदलाव हुए। स्व. देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के पुत्र आदित्य चौटाला भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद 2019 विधानसभा चुनाव से पहले ओपी चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला ने बगावत कर दी और पार्टी के नेताओं को तोड़कर अलग से जननायक जनता पार्टी (JJP) बना ली। इनेलो टूटने के बाद ही देवीलाल परिवार हरियाणा की राजनीति में हाशिये पर चला गया है। मौजूदा समय में सिर्फ अभय सिंह चौटाला इनेलो के एकमात्र विधायक हैं। भजनलाल और बंसीलाल परिवार भी चुनाव से रहा दूर
देवीलाल परिवार के अलावा, भजनलाल और बंसीलाल परिवार भी इस चुनाव में राजनीति से दूर रहा। पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई हिसार से टिकट मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके अलावा, भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से बंसीलाल परिवार से श्रुति चौधरी का टिकट काट दिया गया। भाजपा हिसार सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई। वहीं कांग्रेस भी भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट हार गई। दोनों पार्टियों को इन सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा।
रोहतक में हथियारों के साथ 2 बदमाश काबू:बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे, 8 अवैध पिस्तौल मिले, गोलियों का था इंतजार
रोहतक में हथियारों के साथ 2 बदमाश काबू:बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे, 8 अवैध पिस्तौल मिले, गोलियों का था इंतजार रोहतक में पुलिस ने अवैध हथियारों के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जो किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। इसलिए मध्य प्रदेश से पिस्तौल लेकर आए थे। वहीं आरोपियों के पास से 8 अवैध पिस्तौल बरामद हुए हैं। वहीं पुलिस आरोपियों से पूछताछ करेगी। ताकि जानकारी मिल सके। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। सीआईए-2 की टीम रोहतक के गांव बलियाना में गश्त पर मौजूद थी। इसी दौरान सूचना मिली कि गांव भगवतीपुर निवासी अंकित उर्फ टिंडा व गांव खरेटी निवासी मोहित गाड़ी में भारी मात्रा में हथियार लिए हुए हैं और किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। जिसके बाद पुलिस टीम ने बलियाना खेड़ी साध रोड आउटर बाईपास पुल के नीचे पहुंचे। जहां पर गाड़ी खड़ी दिखाई दी। जिसके आगे पुलिस की गाड़ी लगाकर गाड़ी चालक को काबू किया। जिसकी पहचान गांव खरेटी निवासी मोहित के रूप में हुई। वहीं साइड सीट पर बैठे युवक की पहचान गांव भगवतीपुर निवासी अंकित उर्फ टिंडा के रूप में हुई। आरोपियों के पास मिले 8 अवैध पिस्तौल
पुलिस के अनुसार अंकित उर्फ टिंडा के हाथ में एक बैग था। उस बैग की तलाशी ली तो उसमें से 7 पिस्तौल मिले। वहीं उसकी पहनी हुई जींस के डब से एक पिस्तौल मिला। जब बरामद हुए पिस्तौल को खोलकर देखा तो वे खाली मिले और दोनों इन हथियारों के लाइसेंस नहीं दिखा पाए। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को काबू किया। वहीं आरोपियों के खिलाफ अवैध हथियार रखने की धाराओं के तहत आईएमटी थाना में केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी। फिलहाल पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपी किस वारदात को अंजाम देने के लिए ये हथियार लेकर आए थे। मध्य प्रदेश से लाए थे हथियार
सीआईए-2 प्रभारी सतीश कुमार ने बताया कि आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि वे हथियार मध्य प्रदेश (MP) से खरीदकर लाए थे। फिलहाल गोलियों का इंतजाम कर रहे थे। वहीं आरोपी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले थे, इसके लिए ही इतनी बड़ी संख्या में हथियार लेकर आए थे। इससे पहले आरोपी अंकित उर्फ टिंडा व मोहित को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
हरियाणा विधानसभा में 7 दिन में बदल जाएगा नंबर गेम:5 MLA लड़ रहे लोकसभा चुनाव; जीते तो कांग्रेस की 2, BJP की एक सीट घटेगी
हरियाणा विधानसभा में 7 दिन में बदल जाएगा नंबर गेम:5 MLA लड़ रहे लोकसभा चुनाव; जीते तो कांग्रेस की 2, BJP की एक सीट घटेगी हरियाणा में 4 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम आते ही विधानसभा का नंबर गेम फिर से बदल जाएगा। इसकी वजह यह है कि इस बार लोकसभा चुनाव में दो बड़े राष्ट्रीय दल भाजपा, कांग्रेस के साथ ही क्षेत्रीय दल जजपा और इनेलों के 5 विधायक मैदान में हैं। 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस के दो, भाजपा के एक विधायक लड़ रहे हैं। वहीं जजपा और इनेलो से भी एक-एक प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यदि ये विधायक लोकसभा चुनाव जीत जाते हैं, तो निश्चित तौर पर कांग्रेस के 28, भाजपा के 39, जजपा के 9 विधायक विधानसभा में बचेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी INLD का एक भी विधायक विधानसभा में नहीं होगा। दौलताबाद के निधन से अल्पमत में चल रही सैनी सरकार हरियाणा में गुरुग्राम के निर्दलीय विधायक के निधन से BJP सरकार पर अल्पमत का संकट गहराया हुआ है। गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का कल (25 मई) को निधन हो गया है। इसके बाद विधानसभा में सदस्यों की संख्या 87 हो गई है, ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 44 हो गया है, लेकिन भाजपा सरकार के पास अभी 42 ही विधायकों का समर्थन बचा है।ऐसे में विपक्षी फिर सरकार को फ्लोर टेस्ट करवाने के लिए घेर सकते हैं। कांग्रेस और JJP पहले ही गवर्नर को लेटर लिखकर नायब सैनी सरकार के बहुमत साबित करने की मांग कर चुकी है। यहां समझिए विधानसभा का पूरा अंकगणित जानिए.. हरियाणा विधानसभा में मौजूदा स्थिति क्या है? हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। करनाल से मनोहर लाल खट्टर और रानियां से निर्दलीय रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद 88 विधायक बचे थे। इसके बाद बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया। ऐसे में अब कुल विधायक 87 रह गए हैं और बहुमत का आंकड़ा 44 का हो गया है। ऐसे शुरू हुई अल्पमत की चर्चा लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को सीएम की कुर्सी से हटाकर लोकसभा टिकट दे दी। उनकी जगह नायब सैनी सीएम बनाए गए। उन्हें भाजपा के 41, हलोपा के 1 और 6 निर्दलीय समेत 48 विधायकों का समर्थन मिला था।हालांकि पहले खट्टर और फिर सरकार के समर्थन वाले रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लोकसभा चुनाव के बीच 3 निर्दलीय विधायकों धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन और सोमबीर सांगवान ने समर्थन वापस ले लिया। जिसके बाद सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन बचा।अब सरकार के साथ कितने विधायक बचे? खट्टर के इस्तीफे के बाद भाजपा के पास अपने 40 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा के गोपाल कांडा और निर्दलीय नैनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। विपक्षी दलों की क्या स्थिति है? हरियाणा में कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। इसके अलावा जजपा के 10 और इनेलो का एक विधायक है। 4 निर्दलीय भी अब सरकार के विपक्ष में हैं। भाजपा के 42 के मुकाबले पूरे विपक्ष में 45 विधायक हो गए हैं।हालांकि जजपा की ओर से अपने 2 विधायक जोगीराम सिहाग और राम निवास के विरुद्ध स्पीकर को दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत याचिका दी गई है, जिसमें दोनों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई है। अगर यह मंजूर हुआ तो भी विपक्ष के पास ज्यादा विधायक होंगे। सैनी चुनाव जीते तो फिर सरकार और विपक्ष बराबर हो जांएगे इसमें एक और दिलचस्प स्थिति 4 जून को बनेगी। सीएम नायब सैनी खट्टर की जगह करनाल से विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं। अगर वह सीट जीत जाते हैं तो फिर सत्ता पक्ष के पास 43 विधायक हो जाएंगे। अगर जजपा के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर पक्ष और विपक्ष, दोनों बराबर हो जाएंगे। क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है? फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी।