फरीदाबाद जिले में दो बच्चों ने आने अपहरण की झूठ कहानी बनाई और परिजनों को बोल दिया की स्कूल की छुट्टी के बाद उन्हें किसी ने किडनैप कर लिया। जबकि बच्चे टाउन पार्क घूमने गए थे। बड़ौली गांव निवासी दोनों बच्चों ने अपने दो अन्य साथी के अपहरण की कहानी अभिभावकों को बताई तो उनके भी होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। चार बच्चों के अपहरण की सूचना से पुलिस में भी हड़कंप मच गया। आरोपियों को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम भी एक्टिव हो गई। पुलिस ने दोनों बच्चों से पूछताछ की तो उनके द्वारा बताई गई अपहरण की कहानी झूठ बताई। स्कूल की छुट्टी के बाद हुए गायब बड़ौली गांव निवासी नरेश और रणवीर दोनों भाई तीसरी और पांचवी कक्षा में पढ़ते हैं। दोनों को रोज अभिभावक स्कूल छोड़ने जाते हैं। छुट्टी के बाद दोनों बच्चे पैदल स्कूल के ही पास एक वर्कशॉप में पिता के पास पहुंच जाते हैं। लेकिन कल दोपहर स्कूल से छुट्टी के बाद दोनों बच्चे उसके पास नहीं पहुंचे। चार बच्चों के किडनैप होने की बनाई झूठी कहानी जब बच्चों के बारे में पता किया गया और वे नहीं मिले। जिसके बाद अभिभावकों ने उन्हें ढूंढना शुरू कर दिया। इसी बीच दोनों बच्चे सेक्टर 12 टाउन पार्क में मिल गए। डर की वजह से दोनों बच्चों ने अपने अभिभावकों के साथ झूठ बोलते हुए कहा कि उन्हें और उनके साथ दो और बच्चों को किडनैप कर लिया गया था। लेकिन वह हाईवे पर रेड लाइट पर गाड़ी रुकते ही वैन से कूद कर भाग गए। हालांकि अब पुलिस ने परिजनों और बच्चों को समझा कर उनके घर भेज दिया है। फरीदाबाद जिले में दो बच्चों ने आने अपहरण की झूठ कहानी बनाई और परिजनों को बोल दिया की स्कूल की छुट्टी के बाद उन्हें किसी ने किडनैप कर लिया। जबकि बच्चे टाउन पार्क घूमने गए थे। बड़ौली गांव निवासी दोनों बच्चों ने अपने दो अन्य साथी के अपहरण की कहानी अभिभावकों को बताई तो उनके भी होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। चार बच्चों के अपहरण की सूचना से पुलिस में भी हड़कंप मच गया। आरोपियों को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम भी एक्टिव हो गई। पुलिस ने दोनों बच्चों से पूछताछ की तो उनके द्वारा बताई गई अपहरण की कहानी झूठ बताई। स्कूल की छुट्टी के बाद हुए गायब बड़ौली गांव निवासी नरेश और रणवीर दोनों भाई तीसरी और पांचवी कक्षा में पढ़ते हैं। दोनों को रोज अभिभावक स्कूल छोड़ने जाते हैं। छुट्टी के बाद दोनों बच्चे पैदल स्कूल के ही पास एक वर्कशॉप में पिता के पास पहुंच जाते हैं। लेकिन कल दोपहर स्कूल से छुट्टी के बाद दोनों बच्चे उसके पास नहीं पहुंचे। चार बच्चों के किडनैप होने की बनाई झूठी कहानी जब बच्चों के बारे में पता किया गया और वे नहीं मिले। जिसके बाद अभिभावकों ने उन्हें ढूंढना शुरू कर दिया। इसी बीच दोनों बच्चे सेक्टर 12 टाउन पार्क में मिल गए। डर की वजह से दोनों बच्चों ने अपने अभिभावकों के साथ झूठ बोलते हुए कहा कि उन्हें और उनके साथ दो और बच्चों को किडनैप कर लिया गया था। लेकिन वह हाईवे पर रेड लाइट पर गाड़ी रुकते ही वैन से कूद कर भाग गए। हालांकि अब पुलिस ने परिजनों और बच्चों को समझा कर उनके घर भेज दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में इनेलो-बसपा उम्मीदवारों की घोषणा:पहली लिस्ट में 4 कैंडिडेट; 2 दिन पहले JJP छोड़कर आए नेता को टिकट हरियाणा में इनेलो-बसपा गठबंधन ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की घोषणा कर दी है। इस लिस्ट में 4 उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। इसमें यमुनानगर जिला की जगाधरी सीट से दर्शन लाल खेड़ा, करनाल जिला की असंध सीट से गोपाल सिंह राणा, अंबाला जिला की नारायणगढ़ सीट से हरबिलास सिंह और महेंद्रगढ़ जिला की अटेली सीट से ठाकुर अत्तर लाल को मैदान में उतारा है। हरबिलास सिंह 2 दिन पहले ही JJP छोड़कर बसपा में आए थे। रविवार को उन्होंने बसपा जॉइन की थी। मंगलवार को उन्हें टिकट मिल गई। असंध से उम्मीदवार गोपाल सिंह राणा पानीपत के रहने वाले हैं। उन्होंने 2017 में बसपा जॉइन की थी। उम्मीदवारों की लिस्ट… इनेलो ने 2 उम्मीदवार घोषित किए, लेकिन औपचारिक लिस्ट नहीं
इससे पहले इनेलो ने 2 उम्मीदवारों की घोषणा की। जिसमें बहादुरगढ़ सीट से पूर्व विधायक स्वर्गीय नफे सिंह राठी के बेटे पार्षद जितेंद्र राठी के नाम की घोषणा की गई। वहीं अभय चौटाला के 2 सीटों से चुनाव लड़ने की चर्चा। हालांकि इनके नाम की औपचारिक लिस्ट सामने नहीं आई है। जुलाई में हुआ 53-37 सीटों पर गठबंधन
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टिकट न मिलने पर रणजीत चौटाला ने BJP छोड़ी:बोले- भाजपा का डबवाली से ऑफर ठुकराया, चुनाव जरूर लड़ूंगा; अपनी ताकत दिखाऊंगा
टिकट न मिलने पर रणजीत चौटाला ने BJP छोड़ी:बोले- भाजपा का डबवाली से ऑफर ठुकराया, चुनाव जरूर लड़ूंगा; अपनी ताकत दिखाऊंगा हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने टिकट न देने पर भाजपा छोड़ दी है। कल बुधवार को भाजपा की 67 उम्मीदवारों की लिस्ट के बाद उन्होंने गुरुवार को समर्थकों से मीटिंग की। जहां रणजीत चौटाला ने कहा कि भाजपा हाईकमान ने मुझे डबवाली से चुनाव लड़ने के लिए कहा था। मगर, मैं वहां से नहीं लड़ना चाहता था। मैं इसी समय पार्टी छोड़ रहा हूं और रानियां विधानसभा से ही 90 प्रतिशत निर्दलीय ही चुनाव लड़ूंगा। रणजीत ने कहा आगामी 8 सितंबर को रानियां में बड़ा रोड शो निकालकर भाजपा को अपनी ताकत का एहसास करवाएंगे। रणजीत चौटाला पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवीलाल के बेटे हैं। भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल कर हिसार से चुनाव लड़ाया था। हालांकि, वे चुनाव हार गए। इसके बाद वह सिरसा के रानियां से अपनी विधानसभा सीट पर फिर टिकट मांग रहे थे। इस्तीफे के बावजूद बने रहे मंत्री
लोकसभा चुनाव हारने तथा रानियां के विधायक पद से इस्तीफा देने के बावजूद भाजपा ने रणजीत चौटाला को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में बिजली मंत्री बनाए रखा। रणजीत चौटाला के लिए बगावत नई बात नहीं है। इससे पहले रणजीत चौटाला अपने पिता देवीलाल की पार्टी लोकदल को छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे। कई साल कांग्रेस में रहे। मगर, जब कांग्रेस ने रानियां से टिकट काट दिया तो 2019 में निर्दलीय लड़कर चुनाव जीता और भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया। भाजपा सरकार में यह ऊर्जा मंत्री रहे। कई बार दिख चुकी रणजीत चौटाला की नाराजगी कांडा की शिकायत कर चुके चौटाला
गोपाल कांडा सिरसा से विधायक हैं। उनके भाई गोबिंद कांडा भाजपा में हैं। उनके बेटे धवल हलोपा पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। रणजीत चौटाला ने इसकी शिकायत पार्टी नेतृत्व को की हुई है। हालांकि पार्टी की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। BJP को दे चुके खुला चैलेंज
रणजीत चौटाला भाजपा को खुला चैलेंज भी दे चुके हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि रानियां से भाजपा मुझे टिकट देती है तो ठीक, वर्ना भाजपा अपना देख ले। मैं रानियां से चुनाव जरूर लड़ूंगा और जीतूंगा भी। मैं चौधरी देवीलाल का बेटा हूं, प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर मेरा अपना जनाधार है। समर्थकों की मीटिंग में भाजपा नेताओं को नहीं बुलाया
रणजीत चौटाला की नाराजगी समर्थकों की मीटिंग में देखी गई थी। उन्होंने इस मीटिंग में भाजपा नेताओं को नहीं बुलाया था। मीटिंग के बारे में जब सिरसा जिला भाजपा अध्यक्ष शीशपाल कंबोज से पूछा गया तो उन्होंने कहा- हमें रणजीत चौटाला के कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने इस बैठक में सिर्फ अपने समर्थकों को बुलाया था। RSS सर्वे में चौटाला हुए फेल
सूत्रों के मुताबिक पार्टी और RSS सर्वे के अनुसार रणजीत चौटाला से रानियां विधानसभा हलके के लोग नाराज हैं। उनकी रिपोर्ट ठीक नहीं आई है। इसकी मुख्य वजह उनका रानियां हलका छोड़कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ना है। दूसरा, जिन लोगों ने 2019 में भाजपा को दरकिनार कर रणजीत चौटाला को वोट दिया था, वह भी खासे नाराज हैं। इसलिए पार्टी रणजीत चौटाला के नाम पर रिस्क नहीं लेना चाहती।
हरियाणा CMO में एंट्री इस बार आसान नहीं:सैनी ने अब तक खट्टर की टीम से काम चलाया, इस बार कमेटी बनाई, इसकी 3 वजहें
हरियाणा CMO में एंट्री इस बार आसान नहीं:सैनी ने अब तक खट्टर की टीम से काम चलाया, इस बार कमेटी बनाई, इसकी 3 वजहें हरियाणा में मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में इस बार अधिकारियों की एंट्री आसान नहीं होगी। सरकार इस बार फिर से मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस पर काम करेगी। इसको देखते हुए सरकार की ओर से CMO में होने वाली नियुक्तियों के लिए एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी की अप्रूवल के बाद ही CMO में नियुक्ति की जाएगी। सरकार के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इस कमेटी में केंद्रीय नेताओं के साथ ही प्रदेश संगठन के नेताओं के अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सदस्यों को शामिल किया जाएगा। सेकेंड टर्म से पहले अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर की टीम से ही काम चलाया। इस बार कमेटी के बनने के बाद सरकार ने बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। हारे हुए नेता कर रहे CMO में आने की तैयारी CMO में फेरबदल में मुख्यमंत्री नायब सिंह के चहेते अफसरों को समायोजित किया जाएगा। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मनोहर लाल के स्थान पर मुख्यमंत्री बनने वाले नायब सिंह सैनी ने पुरानी टीम से ही काम चलाया था। राजनीतिक सलाहकार से लेकर OSD सहित अन्य पदों पर मुख्यमंत्री नायब सैनी अपने चहेते और कुछ हारे हुए नेताओं को CMO में बुला सकते हैं। इनमें पूर्व मंत्री असीम गोयल और सुभाष सुधा के नाम भी शामिल हैं। हालांकि, अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा। मनोहर की टीम से ये नेता कर रहे लॉबिंग CMO में कुछ ऐसे पुराने चेहरे हैं, जो इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन अब फिर से आने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें OSD रह चुके जवाहर यादव, अभिमन्यु सिंह और भूपेश्वर दयाल शामिल हैं। इन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सीएमओ को अलविदा कह दिया था। अब सरकार बनने के बाद फिर से ये वापसी के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। हालांकि सरकार के द्वारा कमेटी बनाए जाने के बाद इन पुराने चेहरों की एंट्री की राह आसान नहीं दिख रही। राजेश खुल्लर की CS के पद पर नियुक्ति रोकी 18 अक्टूबर को रिटायर्ड IAS अधिकारी राजेश खुल्लर की मुख्यमंत्री नायब सैनी के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS ) के तौर पर नियुक्ति की गई थी। रात करीब 8 बजे चीफ सेक्रेटरी की तरफ से इसे लेकर ऑर्डर जारी हुए। इसमें उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का रैंक दिया गया था। हालांकि, 4 घंटे बाद ही रात करीब 12 बजे दूसरा ऑर्डर जारी हो गया। जिसमें लिखा गया कि मुख्य प्रधान सचिव की नियुक्ति के संबंध में जारी आदेश अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट के तीन सीनियर मंत्रियों ने खुल्लर की नियुक्ति पर सवाल उठाए। उन्होंने खुल्लर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने पर विरोध जताया। उनका कहना था कि हम चुनाव जीतकर आए हैं। अधिकारी को बैठे-बिठाए ही यह दर्जा दिया जा रहा है। जिसके बाद आदेश वापस ले लिए गए। CMO से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा सरकार में होगी PMO की एंट्री:जोशी बन सकते हैं चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी रह चुके; PM मोदी की गुड लिस्ट में शामिल हरियाणा सरकार में जल्द प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की एंट्री होगी। हरियाणा कैडर के 1989 बैच के IAS ऑफिसर विवेश जोशी को प्रदेश का चीफ सेक्रेटरी (CS) बनाया जा सकता है। जोशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुड लिस्ट में आते हैं। वह राज्य के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के अलावा कई प्रमुख पदों पर रह चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें…