हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सुभाष चौक पर एक मीट कारोबारी के साथ उसके दोस्तों ने ही धोखा कर दिया। पीड़ित एहसान को उसके दोस्त जग्गा ने फोन कर बुलाया और फिर अन्य साथियों के साथ मिलकर उस पर जानलेवा हमला कर दिया। मामले की सूचना पुलिस को देकर पीड़ित ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पार्टी को पेमेंट देने निकला था घटना शाम के समय की है, जब एहसान एक लाख रुपए लेकर पार्टी को पेमेंट देने निकला था। इसी दौरान उसके दोस्त जग्गा का फोन आया और सुभाष चौक पर मिलने को कहा। वहां पहुंचने पर जग्गा के साथ सौरव बैसला और तीन अन्य युवक मौजूद थे। वे एहसान को अपने ऑफिस ले गए, जहां उसे बंधक बनाकर लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा। हमलावरों ने न केवल एहसान के एक लाख रुपए छीन लिए, बल्कि उसे जान से मारने की धमकी भी दी। परिजन पहुंचे पर्वतीय कालोनी पुलिस चौकी हमले में एहसान का पैर फ्रैक्चर हो गया और अन्य गंभीर चोटें भी आईं। घटना के बाद पीड़ित ने अपने पिता सलीम को सूचना दी, जो उसे पर्वतीय कॉलोनी पुलिस चौकी ले गए। पुलिस ने एहसान को बादशाह खान सिविल अस्पताल भेज दिया, जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया और मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है। पीड़ित ने हमलावरों की गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई की मांग की है। वहीं मामले में पर्वतीय कॉलोनी चौकी इंचार्ज राजेश ने बताया कि फिलहाल पीड़ित ने मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को पेश नहीं की है। मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद डॉक्टर की राय लेने और शिकायत के आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सुभाष चौक पर एक मीट कारोबारी के साथ उसके दोस्तों ने ही धोखा कर दिया। पीड़ित एहसान को उसके दोस्त जग्गा ने फोन कर बुलाया और फिर अन्य साथियों के साथ मिलकर उस पर जानलेवा हमला कर दिया। मामले की सूचना पुलिस को देकर पीड़ित ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पार्टी को पेमेंट देने निकला था घटना शाम के समय की है, जब एहसान एक लाख रुपए लेकर पार्टी को पेमेंट देने निकला था। इसी दौरान उसके दोस्त जग्गा का फोन आया और सुभाष चौक पर मिलने को कहा। वहां पहुंचने पर जग्गा के साथ सौरव बैसला और तीन अन्य युवक मौजूद थे। वे एहसान को अपने ऑफिस ले गए, जहां उसे बंधक बनाकर लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा। हमलावरों ने न केवल एहसान के एक लाख रुपए छीन लिए, बल्कि उसे जान से मारने की धमकी भी दी। परिजन पहुंचे पर्वतीय कालोनी पुलिस चौकी हमले में एहसान का पैर फ्रैक्चर हो गया और अन्य गंभीर चोटें भी आईं। घटना के बाद पीड़ित ने अपने पिता सलीम को सूचना दी, जो उसे पर्वतीय कॉलोनी पुलिस चौकी ले गए। पुलिस ने एहसान को बादशाह खान सिविल अस्पताल भेज दिया, जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया और मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है। पीड़ित ने हमलावरों की गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई की मांग की है। वहीं मामले में पर्वतीय कॉलोनी चौकी इंचार्ज राजेश ने बताया कि फिलहाल पीड़ित ने मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को पेश नहीं की है। मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद डॉक्टर की राय लेने और शिकायत के आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस मांगेगी CM सैनी से इस्तीफा:सरकार के अल्पमत पर CLP मीटिंग में प्लानिंग; सांसदों को है विधायकों की खरीद-फरोख्त का डर
हरियाणा कांग्रेस मांगेगी CM सैनी से इस्तीफा:सरकार के अल्पमत पर CLP मीटिंग में प्लानिंग; सांसदों को है विधायकों की खरीद-फरोख्त का डर हरियाणा में BJP सरकार के अल्पमत होने को लेकर कांग्रेस अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से इस्तीफे की मांग करेगी। चंडीगढ़ में बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। सांसदों ने मीटिंग में सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का अंदेशा जताया। रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने खुलकर कहा कि सरकार के पास विधानसभा में संख्या बल नहीं है। संख्या बल नहीं होने के चलते नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। इस मामले में राज्यपाल को संज्ञान लेना चाहिए, प्रदेश में विधायकों की खरीद फरोख्त हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की भी चर्चाएं हैं कि बीजेपी अल्पमत से बचने के लिए 1-2 विधायकों के इस्तीफे भी करवा सकती है। राज्यपाल सरकार को बर्खास्त कर चुनाव करवाने चाहिए। आखिर कांग्रेस क्यों कर रही है अल्पमत का दावा हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद जजपा 10 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर को सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। नायब सैनी सीएम बन गए। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है? 1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी? BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।
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करनाल में केजरीवाल-आतिशी का पुतला फूंका:सड़कों पर उतरे भाजपा विधायक, बोले- सार्वनजिक रुप से माफी मांगे दिल्ली के पूर्व सीएम दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के विवादित बयान से हरियाणा में सियासी भूचाल आ गया है। करनाल में भाजपा विधायक जगमोहन आनंद समेत अन्य नेताओं ने केजरीवाल के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी का पुतला जलाकर रोष व्यक्त किया गया। भाजपा विधायक आनंद ने केजरीवाल के बयान की निंदा की और कहा कि केजरीवाल अपने बयान पर पूरे देश के सामने माफी मांगे। बता दें कि, हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यमुना में जहर हरियाणा सरकार ने मिलाया है और भाजपा चाहती है कि लोग मरे। इस बयान के बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने केजरीवाल से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। विधायक जगमोहन आनंद का बयान करनाल के विधायक जगमोहन आनंद ने आप पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह बयान हमारे ओबीसी समाज से जुड़े एक ईमानदार मुख्यमंत्री नायब सैनी के खिलाफ साजिश है। हरियाणा सरकार पर यमुना में जहर मिलाने का आरोप लगाना सरासर झूठ और घटिया राजनीति का नमूना है। यह बयान केवल दिल्ली की जनता को गुमराह करने के लिए दिया गया है। भाजपा का सख्त रुख विधायक आनंद ने साफ कहा कि अरविंद केजरीवाल को अपने बयान पर सार्वजनिक माफी मांगनी होगी। उन्होंने कहा कि यह आरोप केवल हरियाणा सरकार पर ही नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है। केजरीवाल को समझना चाहिए कि हरियाणा का मुख्यमंत्री नायब सैनी 2.80 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इतने बड़े जनादेश के साथ चुने गए व्यक्ति पर इस तरह के आरोप बेहद शर्मनाक और अस्वीकार्य हैं। यमुना मैया केजरीवाल को डुबो देगी भाजपा नेताओं का कहना है कि अरविंद केजरीवाल यमुना नदी के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस बार उनकी यह चाल नहीं चलेगी। विधायक जगमोहन आनंद ने कहा कि यमुना मैया का सहारा लेकर सत्ता में आने वाले केजरीवाल को अब यमुना मैया ही डुबो देगी। हरियाणा के सीएम नायब सैनी की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ रही है। दिल्ली की जनता भी उन्हें सुनना और समझना चाहती है। केजरीवाल को दी चेतावनी भाजपा नेताओं ने प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी है कि अगर अरविंद केजरीवाल ने अपना बयान वापस नहीं लिया और माफी नहीं मांगी, तो पार्टी उनके खिलाफ बड़ा कदम उठाएगी। विधायक आनंद ने कहा कि हमारे संगठन की रूपरेखा तैयार हो चुकी है। जल्द ही केजरीवाल और आतिशी को उनके बयानों की सजा भुगतनी पड़ेगी।