फरीदाबाद ESIC के 3 कर्मचारी समेत 4 रिश्वत लेते पकड़े:नौकरी दिलाने के नाम पर मांगे 3 लाख रुपए, एसीबी ने रंगे हाथ दबोचा

फरीदाबाद ESIC के 3 कर्मचारी समेत 4 रिश्वत लेते पकड़े:नौकरी दिलाने के नाम पर मांगे 3 लाख रुपए, एसीबी ने रंगे हाथ दबोचा

फरीदाबाद में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की टीम ने ईएसआईसी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के तीन कर्मचारियों को 3 लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। टीम ने इसी मामले में योगेश शर्मा (मैनेजर, सुदर्शन फैसिलिटीज प्राइवेट लिमिटेड) को भी गिरफ्तार किया है। एसीबी की टीम चारों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। ACB फरीदाबाद की टीम को एक शिकायत दी गई थी। जिसमें बताया गया कि ईएसआईसी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की नौकरी दिलवाने के लिए हरी सिंह (सहायक नर्सिंग अधीक्षक) अस्पताल ने योगेश शर्मा (मैनेजर, सुदर्शन फैसिलिटीज प्राइवेट लिमिटेड) और दीनदयाल (नर्सिंग अर्दली) के साथ मिलकर 3 लाख रूपए की मांग की है। टीम ने जाल बिछाकर पकड़ा एसीबी की टीम ने पीड़ित को पाउडर लगे पैसे देकर आरोपियों के पास भेजा। एनआईटी के दशहरा ग्राउंड में पैसों को लेने के लिए दीपक शर्मा (नर्सिंग अर्दली) ईएसआईसी कर्मचारी आया। दीपक के साथ दूसरा आरोपी दीनदयाल (नर्सिंग अर्दली) भी साथ में पैसे लेने के लिए आया था। दोनों को पैसे लेते हुए टीम ने मौके से पकड़ लिया। कार मे बैठे दूसरे दो आरोपियों को पकड़ा एसीबी की टीम ने इस मामले की दो अन्य आरोपी हरी सिंह (सहायक नर्सिंग अधीक्षक, ईएसआईसी अस्पताल) और योगेश शर्मा (मैनेजर, सुदर्शन फैसिलिटीज प्राइवेट लिमिटेड) को भी गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों पर भी इस भ्रष्टाचार की साजिश में शामिल होने का आरोप है। संगठित गिरोह सक्रिय एसीबी फरीदाबाद के पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार यादव ने स्वयं इस मामले की गहन पूछताछ की। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि भर्ती प्रक्रिया के नाम पर अस्पताल में रिश्वतखोरी का एक संगठित गिरोह सक्रिय है। इस पूरे प्रकरण में अस्पताल के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है, जिसकी जांच जारी है। एसीबी की टीम गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है। फरीदाबाद में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की टीम ने ईएसआईसी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के तीन कर्मचारियों को 3 लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। टीम ने इसी मामले में योगेश शर्मा (मैनेजर, सुदर्शन फैसिलिटीज प्राइवेट लिमिटेड) को भी गिरफ्तार किया है। एसीबी की टीम चारों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। ACB फरीदाबाद की टीम को एक शिकायत दी गई थी। जिसमें बताया गया कि ईएसआईसी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की नौकरी दिलवाने के लिए हरी सिंह (सहायक नर्सिंग अधीक्षक) अस्पताल ने योगेश शर्मा (मैनेजर, सुदर्शन फैसिलिटीज प्राइवेट लिमिटेड) और दीनदयाल (नर्सिंग अर्दली) के साथ मिलकर 3 लाख रूपए की मांग की है। टीम ने जाल बिछाकर पकड़ा एसीबी की टीम ने पीड़ित को पाउडर लगे पैसे देकर आरोपियों के पास भेजा। एनआईटी के दशहरा ग्राउंड में पैसों को लेने के लिए दीपक शर्मा (नर्सिंग अर्दली) ईएसआईसी कर्मचारी आया। दीपक के साथ दूसरा आरोपी दीनदयाल (नर्सिंग अर्दली) भी साथ में पैसे लेने के लिए आया था। दोनों को पैसे लेते हुए टीम ने मौके से पकड़ लिया। कार मे बैठे दूसरे दो आरोपियों को पकड़ा एसीबी की टीम ने इस मामले की दो अन्य आरोपी हरी सिंह (सहायक नर्सिंग अधीक्षक, ईएसआईसी अस्पताल) और योगेश शर्मा (मैनेजर, सुदर्शन फैसिलिटीज प्राइवेट लिमिटेड) को भी गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों पर भी इस भ्रष्टाचार की साजिश में शामिल होने का आरोप है। संगठित गिरोह सक्रिय एसीबी फरीदाबाद के पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार यादव ने स्वयं इस मामले की गहन पूछताछ की। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि भर्ती प्रक्रिया के नाम पर अस्पताल में रिश्वतखोरी का एक संगठित गिरोह सक्रिय है। इस पूरे प्रकरण में अस्पताल के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है, जिसकी जांच जारी है। एसीबी की टीम गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर