पंजाब की फाजिल्का पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय नार्को तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। जिसमें पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से 5 किलो 470 ग्राम हेरोइन बरामद की गई है। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। फाजिल्का एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि उक्त आरोपियों ने पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हेरोइन मंगवाई है l जिसे अब इसे आगे सप्लाई किया जाना है l जिस पर पुलिस ने छापेमारी करके आरोपियों को गिरफ्तार कर लियाl जिनसे हेरोइन और ड्रग मनी बरामद हुई है l एसएसपी ने दी जानकारी उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए मंगवाई गई 5 किलो 470 ग्राम हेरोइन, 40 जिंदा कारतूस, 6 मोबाइल फोन, 1 लाख 7 हजार की ड्रग मनी, 8.470 ग्राम सोना और 18.970 ग्राम चांदी बरामद की है l इसके साथ ही आरोपियों से एक वरना गाड़ी और तीन बाइक बरामद हुए हैं l जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश की जा रही है l बताया जा रहा है कि आरोपी नौजवान पिछले 4 महीनों से पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाने का धंधा कर रहे थे l स्टेडियम में हुई थी सभी की मुलाकात एसएसपी ने बताया कि तफ्तीश दौरान यह बात सामने आई है कि आरोपी बलजिंदर सिंह उर्फ लवली, सुखचैन सिंह उर्फ लकी, सोल्व सिंह, गुरचरण सिंह उर्फ मिल्खा, करणदीप सिंह मिलकर जलालाबाद के खेल स्टेडियम में आर्मी भर्ती की तैयारी करते थे। जिस कारण इनकी आपस में जान पहचान हो गई और इन्होंने मिलकर पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाने की योजना बनाई, और इन्होंने पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाने का धंधा शुरू कर दिया l राजस्थान में भी मंगवाई थी हेरोइन पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने राजस्थान और तारनतरण के खालड़ा तथा खेमकरण के इलाके में भी पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाई थीl इसके बाद इनका जान पहचान कपूरथला निवासी कमलदीप सिंह के साथ हो गई। उन्होंने बताया कि यह सभी पिछले चार महीनों से यह काम कर रहे थे l जिन्हें अब पुलिस ने रंगे हाथों काबू कर लिया है l एसएसपी के मुताबिक कपूरथला के रहने वाले कमलदीप सिंह पर पहले भी दो मुकदमे दर्ज हैं l हालांकि पकड़े गए सारे आरोपी छात्र हैं जो पढ़ाई करते थेl पंजाब की फाजिल्का पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय नार्को तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। जिसमें पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से 5 किलो 470 ग्राम हेरोइन बरामद की गई है। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। फाजिल्का एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि उक्त आरोपियों ने पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हेरोइन मंगवाई है l जिसे अब इसे आगे सप्लाई किया जाना है l जिस पर पुलिस ने छापेमारी करके आरोपियों को गिरफ्तार कर लियाl जिनसे हेरोइन और ड्रग मनी बरामद हुई है l एसएसपी ने दी जानकारी उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए मंगवाई गई 5 किलो 470 ग्राम हेरोइन, 40 जिंदा कारतूस, 6 मोबाइल फोन, 1 लाख 7 हजार की ड्रग मनी, 8.470 ग्राम सोना और 18.970 ग्राम चांदी बरामद की है l इसके साथ ही आरोपियों से एक वरना गाड़ी और तीन बाइक बरामद हुए हैं l जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश की जा रही है l बताया जा रहा है कि आरोपी नौजवान पिछले 4 महीनों से पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाने का धंधा कर रहे थे l स्टेडियम में हुई थी सभी की मुलाकात एसएसपी ने बताया कि तफ्तीश दौरान यह बात सामने आई है कि आरोपी बलजिंदर सिंह उर्फ लवली, सुखचैन सिंह उर्फ लकी, सोल्व सिंह, गुरचरण सिंह उर्फ मिल्खा, करणदीप सिंह मिलकर जलालाबाद के खेल स्टेडियम में आर्मी भर्ती की तैयारी करते थे। जिस कारण इनकी आपस में जान पहचान हो गई और इन्होंने मिलकर पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाने की योजना बनाई, और इन्होंने पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाने का धंधा शुरू कर दिया l राजस्थान में भी मंगवाई थी हेरोइन पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने राजस्थान और तारनतरण के खालड़ा तथा खेमकरण के इलाके में भी पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाई थीl इसके बाद इनका जान पहचान कपूरथला निवासी कमलदीप सिंह के साथ हो गई। उन्होंने बताया कि यह सभी पिछले चार महीनों से यह काम कर रहे थे l जिन्हें अब पुलिस ने रंगे हाथों काबू कर लिया है l एसएसपी के मुताबिक कपूरथला के रहने वाले कमलदीप सिंह पर पहले भी दो मुकदमे दर्ज हैं l हालांकि पकड़े गए सारे आरोपी छात्र हैं जो पढ़ाई करते थेl पंजाब | दैनिक भास्कर
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गैंगस्टर लॉरेंस केस में पंजाब के मुख्य सचिव को फटकार:हाईकोर्ट ने जेलों में सुरक्षा पर किया सवाल; फंड की कमी पर कोर्ट नाराज जेल से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले की आज शुक्रवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में पंजाब के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट पेश हुए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जेलों में जैमर लगाने के मामले में सरकार को फटकार लगाई। साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर तय की। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक सवाल के जवाब में सरकारी वकील ने जैमर लगाने के प्रोजेक्ट में देरी कारण फंड की कमी को बताया। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस गंभीर विषय पर इतनी लापरवाही कैसे बरती जा सकती है। जेलों का सुरक्षा मुद्दा अहम है। ऐसे में अगली सुनवाई पर इसके संबंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाए। मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर काे होगी लॉरेंस इंटरव्यू मामले की जांच कर रहे SIT के अधिकारी ने बताया था कि उनकी जांच चल रही है। अगले महीने के पहले हफ्ते तक जांच पूरी कर ली जाएगी। जैमर मुद्दे पर सुनवाई में फंसा पेच सुनवाई में जेलों में जैमर से जुड़े मुद्दे पर कोर्ट ने सवाल किया तो सरकारी वकील ने बताया कि जैमर लगाने की एक प्रक्रिया है। जैमर लगाने के लिए बाकायदा टेंडर और अन्य औपचारिकताएं होती है। इसके बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव को तलब किया। हालांकि अदालत के बाहर वकील ने बताया कि इस दौरान कहा था की वीआईपी की गाड़ियों में लगे जैमर क्यों जेलों में लगा दिए जाए। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। वकील बोले- पंजाब पुलिस में काली भेड़ें इस बारे में इंटरव्यू के खिलाफ पिटीशन दायर करने वाले वकील गौरव ने कहा- आज सुनवाई में साफ हो गया गया कि पंजाब पुलिस में काली भेड़े हैं। जिन्होंने यह इंटरव्यू करवाया था। यह किसी आम आदमी का यह काम नहीं है। हालांकि इसे शुरू से ही दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि अदालत ने तय किया है कि जो भी इस मामले शामिल होंगे, उन पर सीधे कार्रवाई होगी। वहीं, इस मामले में जो भी सुपरवाइजर होंगे, उन पर भी कार्रवाई होगी। इस मामले में डीजीपी एफिडेविट फाइल करेंगे। इस मामले की अगली सुनवाई पांच नौ को तय की गई। अब गुजरात जेल में बंद है लॉरेंस गैंगस्टर लॉरेंस इस समय गुजरात की जेल में नशा तस्करी से जुडे़ केस में बंद है। उसे अहमदाबाद के साबरमती में हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है। हाल ही में उसके पाकिस्तानी डॉन से ईद की बधाई को लेकर वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग भी वायरल हुई थी।
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चंडीगढ़ डिसेबिलिटी कमीशन में कमिश्नर की नियुक्ति:प्रशासक ने माधवी कटारिया के नाम को दी मंजूरी, 75000 मासिक वेतन चंडीगढ़ में कमीशन फॉर पर्सन विद डिसेबिलिटी में कमिश्नर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है। चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने पूर्व आईएएस अधिकारी माधवी कटारिया के नाम पर मोहर लगाई है। उन्हें इस पद के लिए 75000 मासिक, ₹50000 हाउस रेंट और बाकी दूसरी सुविधाओं के साथ उनकी नियुक्ति दी गई है। यह कमीशन का गठन इसी साल हुआ है। वह इस कमीशन की पहली कमिश्नर हैं। पंजाब कैडर की है अधिकारी माधवी कटारिया मूल रूप से पंजाब कैडर की आईएएस अधिकारी रही हैं। वह अभी रिटायर हो चुकी है। वर्ष 2000 से 2005 में वह चंडीगढ़ में डेपुटेशन पर रही है। उन्होंने सोशल वेलफेयर के डायरेक्टर सहित कई और विभागों में भी काम किया है। कमिश्नर की नियुक्ति के बाद अब डिसेबल्ड लोगों को अपनी समस्या के हल करवाने में आसानी रहेगी। क्योंकि अभी तक अलग से इसके लिए कोई कमीशन नहीं बना था। जिससे उन्हें अलग-अलग अधिकारी के जरिए अपनी समस्याएं भेजनी पड़ती थी। पहले होम सेक्रेटरी देखते थे डिसेबल्ड की समस्या पहले चंडीगढ़ में कमीशन न होने के कारण होम सेक्रेटरी इस तरह के लोगों की समस्याएं सुनते थे। लेकिन अभी चंडीगढ़ में वह पद भी खाली पड़ा है। ऐसे में इन लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है। हालांकि होम सेक्रेटरी के लिए हरियाणा सरकार ने तीन अधिकारियों का पैनल भेज दिया है। इस पैनल में अमित अग्रवाल, मंदीप बरार और जे गणेशन का नाम है। इस पैनल को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। वहां से किसी एक अधिकारी के नाम पर मोहर लगेगी।