फाजिल्का जिले की ढाणी इशरदास के नजदीक मौजम माइनर में करीब 100 फुट का कटाव आ गया है l जिसके कारण तेज बहाव से निकला पानी कई एकड़ फसलों में फैल गया है l हालांकि किसानों के आरोप है कि चलती नहर में जेसीबी से सफाई करने के चलते यह हादसा हुआ है l जिसको लेकर उनके द्वारा सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए नुकसान की भरपाई की मांग की जा रही है l किसानों ने अधिकारियों पर लगाए आरोप पीड़ित किसान संदीप कुमार और पवन कुमार ने बताया कि वह ढाणी ईशरदास के रहने वाले है l उनके गांव के पास से गुजरती मौजम माइनर में अचानक कटाव आ गया और तेज बहाव से निकला पानी ने उनकी कई एकड़ फसलों को अपनी चपेट में ले लियाl कई एकड़ फसलें तो ऐसी है, जिनमें बहुत ज्यादा पानी भर गया हैl किसानों ने आरोप लगाया कि चलती नहर में मशीन के जरिए सफाई की जा रही है l जिस वजह से मोघे बंद हो गए और डाफ लगने से नहर टूट गई l उन्होंने बताया कि अब नहर का पानी बंद कर दिया गया है l विभाग के अधिकारियों को समय पर सूचित किया गया था। जिस पर कटाव को बांधने का प्रयास किया जा रहा है l वहीं किसानों ने मांग की है कि जो किसानों का नुकसान हुआ है l उसकी भरपाई की जाए और इन दिनों में की जाने वाली नहर की सफाई बंद की जाए l फाजिल्का जिले की ढाणी इशरदास के नजदीक मौजम माइनर में करीब 100 फुट का कटाव आ गया है l जिसके कारण तेज बहाव से निकला पानी कई एकड़ फसलों में फैल गया है l हालांकि किसानों के आरोप है कि चलती नहर में जेसीबी से सफाई करने के चलते यह हादसा हुआ है l जिसको लेकर उनके द्वारा सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए नुकसान की भरपाई की मांग की जा रही है l किसानों ने अधिकारियों पर लगाए आरोप पीड़ित किसान संदीप कुमार और पवन कुमार ने बताया कि वह ढाणी ईशरदास के रहने वाले है l उनके गांव के पास से गुजरती मौजम माइनर में अचानक कटाव आ गया और तेज बहाव से निकला पानी ने उनकी कई एकड़ फसलों को अपनी चपेट में ले लियाl कई एकड़ फसलें तो ऐसी है, जिनमें बहुत ज्यादा पानी भर गया हैl किसानों ने आरोप लगाया कि चलती नहर में मशीन के जरिए सफाई की जा रही है l जिस वजह से मोघे बंद हो गए और डाफ लगने से नहर टूट गई l उन्होंने बताया कि अब नहर का पानी बंद कर दिया गया है l विभाग के अधिकारियों को समय पर सूचित किया गया था। जिस पर कटाव को बांधने का प्रयास किया जा रहा है l वहीं किसानों ने मांग की है कि जो किसानों का नुकसान हुआ है l उसकी भरपाई की जाए और इन दिनों में की जाने वाली नहर की सफाई बंद की जाए l पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में युवक की हत्या:नशा तस्करों पर हत्या का आरोप, परिजनों ने कहा- शराब बेचने का डालते थे दबाव पंजाब के लुधियाना में फील्ड गंज के पास प्रेम नगर में गुरुद्वारा साहिब गए एक युवक की आज पिटाई कर दी गई। हमलावरों ने उसके सिर और छाती पर जोरदार वार किए। घायल युवक किसी तरह अपने घर पहुंचा। जब लोग उसे सिविल अस्पताल ले गए तो उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक का नाम सूरज कुमार है जो फील्ड गंज का रहने वाला था। गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने गया था सूरज जानकारी के अनुसार सूरज की बहन ने बताया कि वह सीएमसी अस्पताल में काम करती है। वह सुबह साढ़े पांच बजे अपने पति के साथ काम पर चली जाती है। सूरज की मौसी का बेटा शराब बेचने का अवैध काम करता है। वह सूरज पर शराब बेचने का दबाव बनाता है। जब सूरज शराब बेचने से मना करता है तो उसके साथ मारपीट की जाती है। परिजनों के अनुसार आरोपियों के नाम शीशा, मन्नू और तोता हैं। आज सुबह सूरज सात बजे गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने गया था। रास्ते में आते समय आरोपियों ने उसे घेर लिया। उसके चेहरे और पेट पर लात-घूंसे बरसाए। सूरज की नाक से भी काफी खून बह रहा था। कल रात भी पुलिस ने इलाके में शराब तस्करों पर दबिश दी थी, लेकिन रात में कोई पकड़ में नहीं आया। पुलिस अधिकारी ने लोगों को शराब बेचना बंद करने के लिए समझाया। बोले-SHO गुरजीत सिंह थाना डिवीजन नंबर 2 के एसएचओ गुरजीत सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि पुलिस अलग-अलग एंगलों से जांच कर रही है। जिन पर हत्या का आरोप है, उनसे भी पूछताछ की जा रही है। फिलहाल इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे भी कर्मचारी चेक कर रहे हैं।
फतेहगढ़ साहिब में कांग्रेस का धरना:पूर्व विधायक नागरा के साथियों खिलाफ एफआईआर का विरोध, पुलिस पर धक्केशाही का आरोप
फतेहगढ़ साहिब में कांग्रेस का धरना:पूर्व विधायक नागरा के साथियों खिलाफ एफआईआर का विरोध, पुलिस पर धक्केशाही का आरोप पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में कांग्रेस ने जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के बाहर पुलिस प्रशासन के खिलाफ धरना लगाया। मामला को-ऑपरेटिव सोसायटी सहकारी सभा चनार्थल कलां चुनाव का है। इस विवाद में 26 जुलाई को कांग्रेस ने पूर्व विधायक कुलजीत सिंह नागरा की अगुवाई में सोसायटी के बाहर धरना लगाया था। धरने के दौरान नागरा और डीएसपी सुखनाज सिंह की बहस हो गई थी। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस ने सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज की। इस एफआईआर के विरोध में कांग्रेसियों ने सोमवार को धरना लगा दिया। झूठ का पुलिंदा है एफआईआर, सियासी दबाव में दर्ज की कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि जिस धरने की अगुवाई उन्होंने की और उनकी डीएसपी के साथ बहस हुई। इस सिलसिले में स्थानीय विधायक के दबाव में जो एफआईआर दर्ज की गई है। उसमें उनका नाम नहीं है। उनके 6 साथियों समेत 20-25 अज्ञात लोगों को एफआईआर में रखा गया है। सरकारी काम में बाधा डालने की धारा लगाई गई है। यह एफआईआर एक पंचायत सचिव को शिकायतकर्ता बनाकर दर्ज की गई। जिन 6 लोगों को नामजद किया गया है, उनमें से 2 वो हैं जो सोसायटी में खाद लेने गए थे और धरने में भी नहीं आए थे। पुलिस ने झूठ का पुलिंदा बनाकर एफआईआर दर्ज कर ली। लेकिन वे ऐसे पर्चों से डरने वाले नहीं हैं। वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे। इसे अदालत में चैलेंज किया जाएगा। AAP की कठपुतली बनकर काम कर रही पुलिस पूर्व विधायक नागरा ने आरोप लगाया कि पुलिस आम आदमी पार्टी की कठपुतली बनकर काम कर रही है। पहले एक शैलर में को-ऑपरेटिव सोसायटी का चुनाव करा दिया जाता है। जब इसका विरोध होता है तो सरकार के दबाव में झूठे पर्चे दर्ज किए जाते हैं। नागरा ने कहा कि सरकार बदलते समय नहीं लगता। एक एक बात का हिसाब लिया जाएगा। जिस तरीके से प्रशासन चलेगा, उसी तरीके से हम चलेंगे। उन्होंने यह भी चैलेंज किया कि उनका नाम एफआईआर में दर्ज किया जाए, वे खुद थाने में आकर गिरफ्तारी देंगे। जब धरना उनकी अगुवाई में लगाया गया तो उन्हें एफआईआर से बाहर करके कांग्रेसियों को गुमराह करने की साजिश क्यों की जा रही है। कांग्रेसी वर्कर स्थानीय प्रशासन और सत्ताधारियों की हर चाल से वाकिफ हैं। डीएसपी से हुआ था तकरार 26 जुलाई को फतेहगढ़ साहिब में पूर्व कांग्रेसी विधायक कुलजीत सिंह नागरा और डीएसपी सुखनाज सिंह में तकरार हो गया था। दोनों में काफी समय बहस हुई थी। बात उस समय बढ़ गई जब नागरा की अगुवाई में कांग्रेसी वर्कर सहकारी सभा चुनाव के विरोध में रोड जाम कर रहे थे। इस दौरान डीएसपी पुलिस फोर्स समेत पहुंचे और पूर्व विधायक से तकरार हुआ था। कांग्रेस की तरफ से सरकार पर धक्केशाही के आरोप लगाए गए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने कांग्रेसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी।
पंजाब में SAD बागी गुट ने लॉबिंग की शुरू:नाराज सीनियर अकाली लीडर्स से गुपचुप मुलाकात जारी; सुखबीर बादल होंगे अकाल तख्त साहिब पर पेश
पंजाब में SAD बागी गुट ने लॉबिंग की शुरू:नाराज सीनियर अकाली लीडर्स से गुपचुप मुलाकात जारी; सुखबीर बादल होंगे अकाल तख्त साहिब पर पेश शिरोमणि अकाली दल में फूट के बाद श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी हुकमों ने अध्यक्ष सुखबीर बादल की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। सुखबीर बादल ने ऐलान कर दिया है कि वे श्री अकाल तख्त साहिब पर जरूर पेश होंगे। वहीं दूसरी तरफ, विरोधी गुट अपने आप को मजबूत करने के लिए नाराज, सस्पेंड, एसजीपीसी व पूर्व जत्थेदारों से लॉबिंग में जुट गया है। सुखबीर बादल ने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि वे श्री अकाल तख्त साहिब पर विनम्रता के साथ पेश होंगे। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा- एक धर्मनिष्ठ और विनम्र सिख के रूप में, मैं श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज और मिरी पीरी के सर्वोच्च मंदिर, श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति समर्पित हूं। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के अनुसार, दास अपार श्रद्धा और विनम्रता के साथ सर्वोच्च तीर्थ पर मत्था टेकेंगे। बादल ने खुद दी प्रतिक्रिया बागी गुट की तरफ से शुरू की गई कोशिशों के बाद ये पहला मौका है जब अध्यक्ष सुखबीर बादल ने खुद कोई प्रतिक्रिया दी है। बागी गुट के विरोध और श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा सौंपने के बाद भी सुखबीर बादल ने अपनी तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया था। बागी गुट नाराज अकाली नेताओं से कर रहा मुलाकात प्रेम सिंह चंदूमाजरा की अध्यक्षता में अकाली दल बचाओ लहर के तहत सभी बागी लीडर लगातार नाराज नेताओं से मिल रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, अकाली दल के बागी गुट ने उन नेताओं से भी मुलाकात की है, जिन्हें बीते दिनों किसी ना किसी कारणवश सुखबीर बादल ने सस्पेंड किया था। इनमें उनके अपने जीजा आदेश प्रताप सिंह कैरों, रविकरण सिंह काहलों और मलूका परिवार भी शामिल है। लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, बागी गुट पहले ही कह चुका है कि वे हर नाराज अकाली लीडर से संपर्क करेंगे। इसके अलावा अकाली दल लगातार एसजीपीसी सदस्यों और पूर्व जत्थेदारों से मुलाकात कर रहा है। एक इंटरव्यू में पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह ने कहा कि उनसे भी संपर्क साधा गया था। लेकिन उन्होंने इससे मना कर दिया। उनका कहना था कि वे धर्म की सेवा में लगे हैं, राजसी सेवा वह नहीं करेंगे। जालंधर चुनावों के दौरान शुरू हुई थी बगावत अकाली दल के बीच बगावत जालंधर चुनावों के दौरान ही शुरू हो गई थी। सीनियर अकाली नेता चंदूमाजरा, ढींढसा परिवार, बीबी जगीर कौर व कई सीनियर अकाली नेताओं ने सुखबीर बादल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और अकाली दल को बादल परिवार से मुक्त करवाने की मांग उठने लगी। अकाली दल के नेताओं ने 2022 में सामने आई झूंदा रिपोर्ट को अमल में लाने की मांग की। जिसमें प्रधान को उतारने के लिए सीधे तौर पर नहीं लिखा गया था, लेकिन कहा गया था कि दो टर्म के बाद प्रधान रिपीट नहीं होना चाहिए। बागी श्री अकाल तख्त साहिब का रुख बागी गुट ने इस बगावत को अकाली दल बचाओ लहर नाम दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बागी गुट ने अपना विरोध तो जता दिया था, लेकिन दूसरी तरफ उन्होंने 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब का रुख कर सभी का ध्यान पुराने मुद्दे राम रहीम की माफी, बेअदबी की घटनाओं आदि की तरफ केंद्रित कर दिया। बागी गुट ने सीधे तौर पर सुखबीर बादल के खिलाफ शिकायत नहीं दी, उन्होंने इसे माफीनामा नाम दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि वे पार्टी की तरफ से हुई गलतियों का विरोध नहीं कर पाए, इसके लिए वे माफी मांगते हैं। चार आरोप, जो माफीनामा में सुखबीर के खिलाफ लिखे गए 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। बागी गुट झूंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की कर रहा मांग बागी गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। सुखबीर बादल का शक्ति प्रदर्शन पूरे घटनाक्रम में सुखबीर बादल ने एक भी शब्द अपनी सफाई व विरोधी गुट के लिए नहीं कहा। लेकिन अकाल तख्त साहिब से सम्मन पर उन्होंने पहली बार कुछ कहा है। वहीं, दूसरी तरफ सुखबीर बादल लगातार बिना कुछ कहे अपना शक्ति प्रदर्शन करते रहे। बागी गुट एक तरफ विरोध तेज कर रहा था, वहीं सुखबीर बादल लगातार बैठकें बुलाकर समर्थन अपने पक्ष में कर रहे थे।