फाजिल्का के डेरा सच्चा सौदा कॉलोनी के रहने वाले एक युवक द्वारा खुदकुशी करने का मामला सामने आया है l बताया जा रहा है कि मृतक का शव घर के कमरे में फंदे से लटका मिला l पारिवारिक सदस्यों का आरोप है कि उनके लड़के की पत्नी नाराज होकर मायके गई हुई है l आरोप है कि मृतक की पत्नी मायके से उनके लड़के को पुलिस कार्रवाई करवाने की धमकी देकर परेशान कर रही थी l इससे वह मानसिक रुप से परेशान रहने लगा और उसने खुदकुशी कर ली। पत्नी से अक्सर रहती थी अनबन 22 वर्षीय मृतक राजन के पिता ज्योति कुमार ने बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पहले राजन की शादी हुई थी। शादी के बाद उसके उसकी पत्नी के साथ अक्सर अनबन रहती थी l उन्होंने आरोप लगाया कि तीन से चार बार उनके राजन की पत्नी नाराज होकर अपने मायके गई, जिसे वह लेकर आया l उसकी पत्नी ने उसे मायके जाने के लिए उसे बस स्टैंड पर छोड़ने के लिए कहा जिसे उनका लड़का बस स्टैंड पर छोड़कर आया, लेकिन उसकी पत्नी थाने चली गई और उन पर उसके साथ मारपीट करने के आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दी l इसके बाद वह मायके चली गई l ससुराल वाले दे रहे थे धमकियां उन्होंने बताया कि इन्हीं विवादों के चलते राजन परेशान चल रहा था l करीब 6 महीने पहले उसकी पत्नी मायके चली गई जो वापस नहीं लौटी l उन्होंने आरोप लगाया कि वहीं से उसकी पत्नी व ससुराल पक्ष द्वारा उसे फोन पर धमकियां दी जा रही थी कि वह उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करवाएंगे l जिससे परेशान होकर उसके द्वारा घर में कमरे में फांसी फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। परिजन इस मामले में पुलिस से आरोपी ससुराल वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस द्वारा पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए जा रहे हैं l पुलिस का कहना है कि बयानों के आधार पर बनती कार्रवाई की जाएगी। फाजिल्का के डेरा सच्चा सौदा कॉलोनी के रहने वाले एक युवक द्वारा खुदकुशी करने का मामला सामने आया है l बताया जा रहा है कि मृतक का शव घर के कमरे में फंदे से लटका मिला l पारिवारिक सदस्यों का आरोप है कि उनके लड़के की पत्नी नाराज होकर मायके गई हुई है l आरोप है कि मृतक की पत्नी मायके से उनके लड़के को पुलिस कार्रवाई करवाने की धमकी देकर परेशान कर रही थी l इससे वह मानसिक रुप से परेशान रहने लगा और उसने खुदकुशी कर ली। पत्नी से अक्सर रहती थी अनबन 22 वर्षीय मृतक राजन के पिता ज्योति कुमार ने बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पहले राजन की शादी हुई थी। शादी के बाद उसके उसकी पत्नी के साथ अक्सर अनबन रहती थी l उन्होंने आरोप लगाया कि तीन से चार बार उनके राजन की पत्नी नाराज होकर अपने मायके गई, जिसे वह लेकर आया l उसकी पत्नी ने उसे मायके जाने के लिए उसे बस स्टैंड पर छोड़ने के लिए कहा जिसे उनका लड़का बस स्टैंड पर छोड़कर आया, लेकिन उसकी पत्नी थाने चली गई और उन पर उसके साथ मारपीट करने के आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दी l इसके बाद वह मायके चली गई l ससुराल वाले दे रहे थे धमकियां उन्होंने बताया कि इन्हीं विवादों के चलते राजन परेशान चल रहा था l करीब 6 महीने पहले उसकी पत्नी मायके चली गई जो वापस नहीं लौटी l उन्होंने आरोप लगाया कि वहीं से उसकी पत्नी व ससुराल पक्ष द्वारा उसे फोन पर धमकियां दी जा रही थी कि वह उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करवाएंगे l जिससे परेशान होकर उसके द्वारा घर में कमरे में फांसी फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। परिजन इस मामले में पुलिस से आरोपी ससुराल वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस द्वारा पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए जा रहे हैं l पुलिस का कहना है कि बयानों के आधार पर बनती कार्रवाई की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मोगा में दो बाइकों की टक्कर:हादसे में दो की मौत; धर्मकोट से घर जा रहा था युवक
मोगा में दो बाइकों की टक्कर:हादसे में दो की मौत; धर्मकोट से घर जा रहा था युवक मोगा जिले में दो बाइकों की आमने सामने टक्कर हो गई। हादसे में दोनों बाइक सवार 2 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। हादसा कोटईसेखान कस्बे के पास धर्मकोट मार्ग पर हुआ है। एएसआई सुरेंद्र कुमार ने बताया कि 36 वर्षीय सतपाल सिंह निवासी मानवां अपनी बाइक पर सवार होकर धर्मकोट से कोटईसेखान आ रहा था। इसी दौरान विपरीत दिशा से बाइक पर सवार वीरेंद्र सिंह पुत्र रंजीत सिंह निवासी जंडियाला जा रहा था। अचानक दोनों बाइक आपस में टकरा गई। जिसके कारण दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने दोनों लोगों को मृत घोषित कर दिया। परिजनों को सौंपे शव पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने परिवार के बयानों के आधार पर कार्रवाई करते हुए दोनों शवों को मोगा के सिविल अस्पताल से पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों के हवाले कर दिए हैं।
सुखबीर बादल पर पूरी प्लानिंग से की फायरिंग:3 दिन से गोल्डन टेंपल आ रहा था खालिस्तानी आतंकी चौड़ा; लगातार फोन पर बात कर रहा था
सुखबीर बादल पर पूरी प्लानिंग से की फायरिंग:3 दिन से गोल्डन टेंपल आ रहा था खालिस्तानी आतंकी चौड़ा; लगातार फोन पर बात कर रहा था पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग करने वाले खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने पूरी प्लानिंग से वारदात को अंजाम दिया। वह पिछले 3 दिन से गोल्डन टेंपल आ रहा था। पुलिस ने हमले के बाद गोल्डन टेंपल में लगे सीसीटीवी खंगाले और वहां तैनात सेवादारों से भी बात की। जिसमें उसके 4 दिसंबर के सीसीटीवी फुटेज हमें मिले। आतंकी चौड़ा गोल्डन टेंपल परिसर में घूमते हुए दिखा। हालांकि तब उसके पास हथियार था या नहीं, इसका पता नहीं लगा है। चौड़ा ने बुधवार को गोल्डन टेंपल के बाहर गेट पर अकाल तख्त की ओर से दी गई सेवादार की सजा भुगत रहे सुखबीर बादल की हत्या की कोशिश की। हालांकि सुखबीर की सुरक्षा में तैनात ASI जसबीर सिंह ने उसे देख लिया और पिस्टल का मुंह ऊपर को कर दिया, जिससे सुखबीर की जान बच गई। चौड़ा की गिरफ्तारी के बाद भी कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें वह फायरिंग के बाद मुस्कुराते हुए नजर आया। इससे साफ है कि उसे न तो पकड़े जाने का डर था और न ही इस घटना को लेकर कोई पछतावा हो रहा था। खास बात यह भी है कि चौड़ा पाकिस्तान में हथियारों की ट्रेनिंग ले चुका था। उसने बम बनाने और चलाने से लेकर इंपोर्टेड हथियारों तक की ट्रेनिंग ली है। हालांकि, सुरक्षाकर्मी की मुस्तैदी से उसका सुखबीर बादल को मारने का प्लान फेल हो गया। गोल्डन टेंपल में लगे CCTV कैमरों में 3 जगह दिखा आतंकी चौड़ा… सुखबीर बादल पर हमले से पहले चौड़ा से जुड़ी 5 अहम बातें… 1. सुबह 9.11 बजे गोल्डन टेंपल पहुंच गया था चौड़ा
नारायण चौड़ा सुबह 9.11 बजे गोल्डन टेंपल परिसर में आ गया था। उसने श्री अकाल तख्त सचिवालय से गोल्डन टेंपल के अंदर एंट्री की थी। वे पहले बाहर सेवादार बन सेवा कर रहे सुखबीर बादल के पास नहीं गया था। उसने पहले गोल्डन टेंपल के अंदर रेकी की थी और सही जगह तलाशी, जहां से वह घटना को अंजाम दे सकता था। सुबह 9.13 बजे नारायण चौड़ा परिक्रमा में बुड्ढ़ा बेर के पास दिखा था। इसके बाद वह दर्शनी ड्योढ़ी के नीचे बनी सीढ़ियों से ऊपर जाता सीसीटीवी में कैद हुआ था। सुबह 9.26 बजे उसने सुखबीर बादल पर फायर कर दिया। 2. फोन पर कर रहा था किसी से बातचीत
नारायण चौड़ा का फोन इस समय पुलिस की कस्टडी में है। लेकिन जब वह सुबह 9.11 बजे गोल्डन टेंपल परिसर में आया तो लगातार फोन पर किसी से बातचीत कर रहा था। अनुमान लगाया जा रहा है कि वह देश-विदेश में बैठे आतंकियों से इंस्ट्रक्शंस हासिल कर रहा था। फिलहाल उसके फोन की फोरेंसिक जांच चल रही है। 3. तीन दिन से लगातार आ रहा था गोल्डन टेंपल
सुखबीर बादल को 2 दिसंबर को सजा सुनाई गई थी। तब और उसके बाद 3 दिसंबर को भी चौड़ा गोल्डन टेंपल में आया था। पुलिस अधिकारियों ने भी यह माना है कि चौड़ा के रोजाना इन दिनों गोल्डन टेंपल आने की जानकारी मिली थी। इसके चलते वे सतर्क भी थे और इस तथ्य की गंभीरता से जांच भी की जा रही है। 4. 6.15 बजे निकला था घर से
नारायण चौड़ा तकरीबन 6.15 बजे अपने घर से निकला था। उसकी पत्नी जसमीत कौर ने यह जानकारी साझा की। डेरा बाबा नानक से अमृतसर पहुंचने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। 9.11 बजे वह गोल्डन टेंपल में दाखिल हुआ। जांच का विषय है कि वह एक-डेढ़ घंटा कहां रहा और किस-किस से मुलाकात की। ऐसे में यह शक है कि वह किसी से या अपने ठिकाने से हथियार लेने गया था। चौड़ा ने US मेड 9mm स्टार पिस्टल से सुखबीर बादल पर फायर किया था। यह गैर-लाइसेंसी पिस्टल है। शुरुआती जांच में यही सामने आ रहा है कि यह पिस्टल चौड़ा तक सरहद पार से आई थी। पुलिस इसे कब्जे में ले चुकी है। पंजाब पुलिस 3 एंगल पर कर रही फायरिंग की जांच… विदेशी एजेंसी या खालिस्तानी संगठन?
गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक में गांव चौड़ा का रहने वाला नारायण सिंह चौड़ा खालिस्तानी आतंकी रहा है। इस वक्त भी वह खालिस्तान यानी सिखों के लिए भारत से अलग देश की मांग का समर्थक है। ऐसे में पड़ताल की जा रही है कि उसने यह कदम क्यों उठाया? उसके पीछे किसी विदेशी एजेंसी या खालिस्तानी संगठन का हाथ तो नहीं है? पॉलिटिकल दुश्मनी तो नहीं?
सुखबीर बादल अकाली दल के प्रधान हैं। हालांकि फिलहाल वे इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन वह मंजूर नहीं हुआ है। 2 दिन पहले ही उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब पर अपनी गलतियां भी कबूलीं। उन्हें किसी पॉलीटिकल दुश्मनी के कारण निशाना तो नहीं बनाया गया? विदेशी फंडिंग या सुखबीर के प्रति सहानुभूति तो नहीं?
इसके अलावा पुलिस सहानुभूति के एंगल पर भी जांच कर रही है। सहानुभूति का यह एंगल नारायण चौड़ा और सुखबीर बादल, दोनों की तरफ घूमता है। नारायण चौड़ा ने कहीं विदेशी फंडिंग के लिए तो ऐसा नहीं किया या फिर राजनीतिक हाशिए पर पहुंचे सुखबीर बादल से जोड़कर भी पुलिस इसे देख रही है। पुलिस के दावों पर अकाली नेताओं ने उठाए सवाल
सुखबीर बादल पर हुए हमले के बाद अकाली दल के नेताओं ने लगातार पंजाब सरकार, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। सुखबीर बादल की सांसद पत्नी हरसिमरत कौर बादल के भाई पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया ने कहा कि नारायण चौड़ा आतंकी संगठनों से जुड़ा रहा। वह आपराधिक किस्म का है। वह 3 दिन से गोल्डन टेंपल में घूम रहा था। इंटेलिजेंस को उसके गोल्डन टेंपल आने की सूचना थी। इसके बावजूद न उस पर नजर रखी गई और न ही उसकी हरकतों को ट्रैक किया गया। 4 दिसंबर के वीडियो फुटेज में साफ है कि वह लगातार सुखबीर बादल को निशाना बनाने की तैयारी में था और अपने साथ हथियार लेकर घूम रहा था। इसके बावजूद पुलिस ने उसे न रोका और न ही उसकी जांच की। अगर उसकी जांच की जाती तो उससे हथियार पहले ही मिल जाता और यह घटना न होती। SGPC का प्रचारक रहा, ISI से ट्रेनिंग ले चुका चौड़ा
नारायण चौड़ा एक समय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) में प्रचारक रह चुका है। 1982 में उसने अकाल फेडरेशन जॉइन कर ली थी। चौड़ा ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान भी गया। ISI से उसने हर तरह की पिस्टल, रिवाल्वर, गन चलाने की ट्रेनिंग ली। चौड़ा इतना शातिर है कि खुद बम बनाने से लेकर उसे प्लांट और ब्लास्ट करने का माहिर है। गुरिल्ला वॉर में माहिर चौड़ा ने इस पर एक किताब भी लिखी थी। तकरीबन 6 साल तक वह पाकिस्तान में रहा था और 1990 में उसने वापसी की। इसके बाद उसने अपनी खालिस्तान नेशनल फोर्स बना ली। ********************* सुखबीर बादल पर फायरिंग से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग: बाल-बाल बचे, गोल्डन टेंपल के बाहर सेवा कर रहे थे; हमलावर खालिस्तानी आतंकी गिरफ्तार अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में बुधवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी ने फायरिंग की। सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर बैठे थे (पढ़ें पूरी खबर…) खालिस्तानी आतंकी चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार:इसने पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारों को जेल से भगाया, अपनी आर्मी भी बनाई नारायण सिंह चौड़ा की हिटलिस्ट में बादल परिवार पहले से था। वह बादल परिवार को सिख पंथ का गद्दार मानता है। चौड़ा आतंकियों के साथ जेल काट चुका है और खुद भी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है (पढ़ें पूरी खबर…) सुखबीर बादल के हमलावर संग नहीं रहते वकील बेटे:गांव में 2 मंजिला मकान, पत्नी बोली- गोल्डन टेंपल में बरसी की बात कह निकला था गांव चौड़ा में सुखबीर बादल पर हमले का पता चलने के बाद कोई भी ग्रामीण ऑन कैमरा बात करने को राजी नहीं हुआ। उन्होंने इतना जरूर बताया कि नारायण के 2 बेटे हैं। दोनों ही वकील हैं। वह गांव में ही रहते हैं (पढ़ें पूरी खबर…)
पंजाब में SAD के बागी गुट की मीटिंग:अकाली दल सुधार लहर चलाएंगे, सुखबीर बादल के इस्तीफे की उठी मांग
पंजाब में SAD के बागी गुट की मीटिंग:अकाली दल सुधार लहर चलाएंगे, सुखबीर बादल के इस्तीफे की उठी मांग पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) में बगावत जोरों पर है। बागी गुट की बैठक से पहले शिअद ने चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में पार्टी नेताओं की बैठक की। बैठक का नेतृत्व दलजीत सिंह चीमा और बलविंदर भूदड़ ने किया। जबकि बागी गुट की बैठक अलग जगह पर हुई। बैठक में प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, जागीर कौर, सिकंदर सिंह मलूका, गुर प्रताप सिंह बडाला, सुखदेव सिंह ढींडसा और चरणजीत सिंह बराड़ समेत कई नेता मौजूद रहे। इस मौके पर पत्रकार वार्ता में बागी गुट के नेताओं ने कहा कि वे अकाली दल में सुधार लहर चलाएंगे। इसके लिए गुर प्रताप बडाला को संयोजक नियुक्त किया जाएगा। एक और कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें सभी की सहमति से फैसले लिए जाएंगे। सुधार लहर के तहत पंथ की महान शख्सियतों के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 24 सितंबर को गुरचरण सिंह टोहड़ा साहिब का 100 साला मनाया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सुखबीर बादल ने चुनाव के दौरान पार्टी से निकाल दिया था या जो पुराने अकाली परिवार हैं, उन्हें पार्टी में शामिल किया जाएगा। सुखबीर प्रधान पद से दे इस्तीफा प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने मीटिंग से पहले कहा कि पार्टी आफिस में मीटिंग के लिए समय नहीं मांगा गया था। प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा अकाली दल को मजबूत करना है तो सुखबीर बादल को इस्तीफा देना चाहिए। जालंधर चुनाव में सारी स्थिति साफ हो गई। वहीं, झूंदा कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए। बीबी जागीर कौर ने कहा कि वह ही असली अकाली दल के नेता है। हम अकाली दल सुधार लहर लेकर आ रहे हैं। यह पार्टी ऑफिस है, मैरिज पैलेस नहीं इस मौके दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि मीटिंग में एसजीपीसी चुनाव और चार विधानसभा उपचुनाव को लेकर मीटिंग की गई है। अभी तक चंडीगढ़ के नजदीक के ही लीडर बुलाए गए थे। जब उनसे बागी गुट नेताओं की मीटिंग के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि प्रधान साहब मीटिंग कर रहे थे तो यह लोग आए नहीं। इन्होंने बाहर जाकर शिरोमणि अकाली दल को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि पार्टी ऑफिस का सबका सांझा घर होता है। कोई भी अपनी मन की बात रख सकता है। लेकिन इस घर की मर्यादा है कि वह घर का एक मुखी चुने, जो मुखी सभी लोग चुनते है उसके हाथ ही घर की चाबी होती है। उन्होंने कहा कि यह मैरिज पैलेस तो नहीं है कि कोई भी बुकिंग करवाकर मीटिंग कर ले। इसमें लोगों के मुद्दों पर चर्चा होती है। जो लोग पार्टी के खिलाफ चलते हैं, उनके लिए यहां जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि भी किसी नेता मीटिंग के लिए जगह नहीं मांगी। जहां तक बागी नेताओं पर कार्रवाई की बात का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में अनुशासन कमेटी को फैसला लेना है। चंडीगढ़ पुलिस ने दफ्तर की बढ़ाई सुरक्षा
चंडीगढ़ पुलिस को सूचना मिली थी कि अकाली दल का बागी गुट भी पार्टी आफिस में मीटिंग करने आ रहा है। ऐसे में किसी भी तरह का माहौल न गर्मा जाए। इसके चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। शिरोमणि अकाली दल के अंदर बगावत के सुर लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद उठने लगे थे। जब पार्टी सिर्फ एक बठिंडा सीट जीत पाई थी। यह सीट पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर ने जीती थी। यह उनकी लगातार जीत थी। चुनाव के बाद जैसे ही पार्टी ने इस पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई, बैठक से पहले ही प्रमुख सुखबीर बादल को बदलने की मांग उठने लगी। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि उन्हें यह आवाज पार्टी मंच पर उठानी चाहिए। जालंधर पश्चिम उपचुनाव के दौरान यह अंदरूनी कलह सार्वजनिक हो गई थी। जब पार्टी ने बसपा का समर्थन किया था। साथ ही, अपने उम्मीदवार से नामांकन वापस लेने को कहा था। हालांकि, उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया। साथ ही, बागी गुट ने कहा कि वे तकड़ी चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, पार्टी को चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा था। श्री अकाल तख्त पर दाखिल किया था माफ़ीनामा
इससे पहले अकाली दल के बागी गुप की ने श्री अकाल तख्त को माफ़ीनामा दिया था। माफ़ीनामा में उनकी तरफ से चार गलतियां क़बूली की गई। इसमें डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को माफी देने से लेकर बेअदबी की घटना समेत सभी चीजों का जिक्र किया गया। वहीं, उनका कहना था कि उस समय पार्टी की सरकार थी। ऐसे में वह भी इसके लिए जिम्मेदार है।