पंजाब के फाजिल्का में एक 23 वर्षीय युवक ने दिल्ली-फाजिल्का ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक की पहचान गांव नुकेरिया के रहने वाले कर्मजीत सिंह के रूप में हुई है। रेलवे पुलिस अधिकारी भजन लाल के अनुसार, घटना मंडी रोड़ावाली के पास हुई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि कर्मजीत लंबे समय से मानसिक तनाव से जूझ रहा था। लगभग 7 वर्ष पहले उसके पिता की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई थी, जबकि उसकी माता की सर्प दंश से मृत्यु हुई थी। माता-पिता की असामयिक मृत्यु के बाद से वह गंभीर मानसिक तनाव में था। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सरकारी अस्पताल की मॉर्च्युरी में भेज दिया है। मामले में बीएनएस की धारा 194 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यह घटना मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल और समय पर मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। पंजाब के फाजिल्का में एक 23 वर्षीय युवक ने दिल्ली-फाजिल्का ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक की पहचान गांव नुकेरिया के रहने वाले कर्मजीत सिंह के रूप में हुई है। रेलवे पुलिस अधिकारी भजन लाल के अनुसार, घटना मंडी रोड़ावाली के पास हुई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि कर्मजीत लंबे समय से मानसिक तनाव से जूझ रहा था। लगभग 7 वर्ष पहले उसके पिता की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई थी, जबकि उसकी माता की सर्प दंश से मृत्यु हुई थी। माता-पिता की असामयिक मृत्यु के बाद से वह गंभीर मानसिक तनाव में था। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सरकारी अस्पताल की मॉर्च्युरी में भेज दिया है। मामले में बीएनएस की धारा 194 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यह घटना मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल और समय पर मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ की एंजल बनी राजस्थान में सिविल जज:33वीं रैंक मिली, पिता डाकघर कर्मचारी, एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट के मार्गदर्शन से मिली सफलता चंडीगढ़ की एंजल कौशल ने राजस्थान सिविल जज कैडर परीक्षा में 33वीं रैंक हासिल कर पूरे शहर और अपने परिवार का मान बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार, बल्कि चंडीगढ़ और उनके शिक्षण संस्थान ‘एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट’ (सेक्टर 24-डी, चंडीगढ़) को भी गर्व का क्षण प्रदान किया है। एंजल का सफर एंजल ने अपनी शुरुआती शिक्षा केंद्रीय विद्यालय, पटियाला छावनी से की और फिर बीए एलएलबी की डिग्री महर्षि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी, मुलाना, अंबाला से प्राप्त की। उनका परिवार मूल रूप से पटियाला का निवासी है, लेकिन वर्तमान में चंडीगढ़ के सेक्टर 27-सी में रह रहा है। उनके पिता रजनीश कौशल, जो सेक्टर 17 स्थित डाकघर में कार्यरत हैं, ने बताया कि एंजल बचपन से ही पढ़ाई में लगनशील थी और उसका सपना जज बनने का था, जिसे उसने अपनी मेहनत से सच कर दिखाया। एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट की भूमिका एंजल ने अपनी सफलता का श्रेय ‘एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट’ को दिया। संस्थान के डायरेक्टर वर्मा मैडम (एडवोकेट) ने एंजल के समर्पण और मेहनत की सराहना करते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को सही दिशा और विधिक मार्गदर्शन प्रदान करना है। एंजल की सफलता इस बात का प्रमाण है कि लगन और सही मार्गदर्शन से हर लक्ष्य संभव है।” इसके अलावा, रिटायर्ड सेशन जज नाज्जर सर, रिटायर्ड सरकारी वकील राकेश सर और अनमोल मैडम (एडवोकेट) ने भी एंजल की सफलता में अहम भूमिका निभाई।
लुधियाना में कुत्तों द्वारा 2 बच्चों को मारने का मामला:मंत्री बिट्टू की DC और कमिश्नर को चेतावनी;लिखा-डयूटी से भागने वालों पर करुंगा कार्रवाई
लुधियाना में कुत्तों द्वारा 2 बच्चों को मारने का मामला:मंत्री बिट्टू की DC और कमिश्नर को चेतावनी;लिखा-डयूटी से भागने वालों पर करुंगा कार्रवाई केन्द्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर लुधियाना और निगम कमिश्नर लुधियाना पर खूब भड़के। 11 जनवरी को दैनिक भास्कर ने मुल्लांपुर दाखा के गांव हसनपुर में कुत्तों द्वारा एक सप्ताह में 2 नवजात बच्चों को नोच खाने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। इस खबर का संज्ञान लेते हुए बिट्टू ने खबर की कटिंग अपने X और फेसबुक पेज पर शेयर करके स्पष्ट तौर पर दोनों प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी दी है। पढ़े बिट्टू ने अधिकारियों को क्या चेतावनी दी बिट्टू ने फेसबुक पर लिखा-आज एक और मासूम की जान चली गई। लुधियाना में एक 11 साल के बच्चे को आवारा कुत्तों ने शिकार बना लिया। मैं डिप्टी कमिश्नर लुधियाना और निगम कमिश्नर लुधियाना से पूछना चाहता हूं कि आपकी लापरवाही के कारण और कितनों की जान जाएगी? यदि आप इन हादसों पर काबू पाने का तुरंत हल नहीं करते तो मैं डयूटी से भागने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो जाऊंगा। ग्रामीणों की प्रशासन को चेतावनी-हल न निकाला तो मिनी सचिवालय में छोड़ेगे कुत्तें बता दें अधिकारियों की अनदेखी के कारण, मुल्लांपुर दाखा के हसनपुर गांव के निवासियों ने एक सप्ताह के भीतर अलग-अलग हमलों में आवारा कुत्तों के झुंड द्वारा दो लड़कों की हत्या के बाद बढ़ते खतरे के खिलाफ अपनी लड़ाई की भी घोषणा की है। ग्रामीणों ने आक्रामक कुत्तों को पकड़ने के लिए समूह बनाए और अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी, जिसमें कहा गया कि यदि समस्या को हल करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वे पकड़े गए कुत्तों को मिनी सचिवालय में छोड़ देंगे। प्रतिबंध के कारण लोग हिंसक पिट बुल गांवों के बाहरी इलाकों में छोड़ रहे ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार द्वारा पालतू जानवर के रूप में हिंसक पिट बुल को रखने पर प्रतिबंध लगाने के बाद समस्या बढ़ गई। इसके कारण कई कुत्ते मालिकों ने अपने पालतू जानवरों को गांवों के बाहरी इलाकों में छोड़ दिया, जिससे इन आक्रामक कुत्तों को खुद ही अपना ख्याल रखना पड़ा। छोड़े गए कुत्तों ने तब से झुंड बना लिए हैं और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गए हैं, हाल ही में कई हमलों की सूचना मिली है। लोगों में कुत्तों का डर भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के सदस्य जगरूप सिंह ने कहा किअधिकारियों ने हमारी दलीलों को नजरअंदाज कर दिया है, और अब हम लगातार डर में जी रहे हैं। यदि कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो हम अपनी दुर्दशा को उजागर करने के लिए इन कुत्तों को मिनी सचिवालय में छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि शनिवार को एक छोटे किसान के 11 वर्षीय बेटे पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया था, जिसके बाद हमने लुधियाना-फ़िरोज़पुर रोड पर हसनपुर गांव के पास यातायात जाम कर दिया था। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत किया और कार्रवाई का वादा किया, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ। बद्दोवाल के पास एक और बच्चे पर कुत्तों के झुंड ने हमला किया, लेकिन सतर्क ग्रामीणों ने उसे बचा लिया। उन्होंने कहा कि गांव के लोग कुत्तों को पकड़ने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षित नहीं हैं और अधिकारियों ने कोई मदद नहीं की। वे घर पर बैठकर ऐसी दूसरी घटना होने का इंतज़ार नहीं कर सकते। पंचायत सदस्य हरजीत सिंह ने कहा कि ग्रामीण विशेष रूप से पिट बुल को बेकाबू रूप से छोड़े जाने से चिंतित हैं, जो अपने आक्रामक स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। इन कुत्तों को पालतू जानवरों के रूप में पाला और प्रशिक्षित किया गया था, लेकिन प्रतिबंध के बाद, मालिकों ने उन्हें यहां छोड़ दिया। वे अब लोगों पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुत्तों को भगाना समस्या का समाधान नहीं है क्योंकि कुत्ते दूसरे गांवों में चले जाएंगे और वहां लोगों पर हमला करेंगे। अगर अधिकारियों ने हमें कोई राहत नहीं दी तो हम कुत्तों को पकड़कर मारने के लिए मजबूर हो जाएंगे। ये था पूरा मामला
लुधियाना के मुल्लांपुर दाखा के हसनपुर गांव में 11 जनवरी शनिवार सुबह आवारा कुत्तों के झुंड ने 11 वर्षीय लड़के हरसुखप्रीत सिंह को नोच-नोच कर मार डाला। इस सप्ताह गांव में यह दूसरी ऐसी घटना है, इससे पहले 5 जनवरी को कुत्तों ने 10 वर्षीय अर्जुन कुमार को नोच-नोच कर मार डाला था। पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग (पीएसएचआरसी) ने पहले ही इस घटना का स्वत: संज्ञान ले लिया है और चेयरपर्सन जस्टिस संत प्रकाश ने लुधियाना नगर निगम कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट 4 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई से एक सप्ताह पहले पेश की जानी है।